साथियो आज आपके लिए एक अनोखा किस्म का ड्राई फ्रूट लेकर आये है जिसका सेवन से आपको लाखों तरह की बीमारियां होंगी आपसे दूर इस ड्राई फ्रूट में काफी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं ये ड्राई फ्रूट बाहर के देशों में पाया जाता है अपने भारत में यह ड्राई फ्रूट बहुत ही कम पाया जाता है तो चलिए जानते हैं इस ड्राई फ्रूट के बारे में, आपको सबसे खास बता दे की यह ड्राई फ्रूट के जो दाने बहुत ही फायदेमंद दाने यह ड्राई फ्रूट यह अन्य ड्राई फ्रूट को इसने बहुत ही शानदार तरीके से दी है टक्कर क्योंकि जो अपने नॉर्मल ड्राई फ्रूट खाते हैं जैसे कि काजू, बादाम, किशमिश यह सब ड्राई फ्रूट को इस ड्राई फ्रूट ने दे दिए टक्कर इस ड्राई फूड का नाम चिलगोजा ड्राई फ्रूट है जो की बहुत ही महंगा भी मिलता है तो चलिए जानते हैं। क्या क्या फायदे।
क्या आपने चिलगोजा का नाम सुना है? शायद नहीं सुना होगा, क्योंकि बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि चिलगोजा क्या होता है, चिलगोजा खाने के फायदे क्या हैं, और चिलगोजा का उपयोग कैसे किया जाता है? अगर सचमुच आपको चिलगोजा के फायदे के बारे में जानकारी नहीं है, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर खुद को स्वस्थ रखना है तो इसके लिए जरूरी है कि पौष्टिक आहार लिया जाए। इसके अलावा लोग कई तरह के फलों का सेवन भी करते हैं। जैसे- चिलगोजा जो खाने में काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। इसका उपयोग ड्राई फ्रूट्स या मेवे के रूप में किया जाता है। दरअसल, इसको खाने के कई फायदे हैं, क्योंकि इसमें विटामिन ई, फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप चाहें तो आप भी चिलगोजे का सेवन कर सकते हैं। साथ ही आप यहां पर इसके बारे में जान सकते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि किस काम में चिलगोजा का इस्तेमाल किया जाता है, तो भी यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपको चिलगोजा से होने वाले एक-दो फायदे की जानकारी होगी, लेकिन सच यह है कि चिलगोजा के अनेकों फायदे हैं। चिलगोजा पिस्ता, बादाम की तरह ही एक ड्राई फ्रूट है। आयुर्वेद के अनुसार, चिलगोजा एक बहुगुणी औषधि है। चिलगोजा के सेवन से एक-दो नहीं बल्कि कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। चलिए जानते हैं चिलगोजा खाने के फायदे क्या होते हैं ….
चिलगोजा क्या होता है?
चिलगोजा का इस्तेमाल मेवे के रूप में होता है। यह एक पौष्टिक तथा स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। चिलगोजा के तेल का भी प्रयोग औषधि के रूप में होता है। चिलगोगा के वृक्ष लगभग 24 मीटर ऊंचे, एवं 3 मीटर चौड़े, तथा मध्यम आकार होते हैं। पेड़ की छाल पतली, चिकनी, खुरदरी, और भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते तीन गुच्छों वाले और कठोर होते हैं। चिलगोजा (pine nuts) के फल 2.5 सेमी लम्बे, चपटे, और भूरे रंग के होते हैं। इस फल को ही चिलगोजा कहते हैं। इसके बीज 2-2.5 सेमी लम्बे, गहरे भूरे रंग के होते हैं। फलों के अन्दर की गिरी सफेद, मीठी होती है। चिलगोजा के वृक्ष में फरवरी से दिसम्बर तक फूल, और फल होते हैं। चिलगोजा के बीज वृक्षों से नीचे गिरते हैं। इन्हीं बीजों को बाजार में बेचा जाता है।
अन्य भाषाओं में चिलगोजा के नाम
चिलगोजा का वानस्पतिक नाम पाइनस जेरार्डिआना (Pinus gerardiana wall. ex D.Don, Syn-Pinus gerardii Forbes) है, और यह पाइनेसी (Pinaceae) कुल का है। चिलगोजा को देश-विदेश में अन्य इन नामों से भी बुलाया जाता हैः-
Chilgoza in-
Name of Chilgoza in Hindi – चिलगोजा
Name of Chilgoza in Urdu – चिलगोजाह (Chilgozah)
Name of Chilgoza in English (Chilgoza in english) – एडिबल पाईन (Edible pine), चिलगोजा पाइन (Chilghoza pine), जिर्राड्स पाइन (Gerard’s pine), चिलगोजा पाईन (Chilgoza pine)
Name of Chilgoza in Sanskrit – निकोचक, निचुल, ग्रहगीता, माङ्गल्य तारा, दारुगन्धा, गन्धमादीनी
Name of Chilgoza in Gujarati – चिलगोजा (Chilgoza)
Name of Chilgoza in Punjabi – चिरी (Chiri), गलबोजा (Galboja)
Name of Chilgoza in Arabic – हाबुल सावेराकाबर (Habul saverakabar)
Name of Chilgoza in Persian – चिलगोजाह (Chilgozah)
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आपको बता दे की इस चिलगोजा ड्राई फ्रूट खाने से आपको काफी सारे फायदे देखने को मिलेंगे। पर सबसे खास बात है की इस ड्राई के इसके सेवन से आप काफी लम्बे समय तक जवान बने रहे सकते है और इस ड्राई फ्रूट के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है जिसका सेवन आप बहुत ही अच्छे से और बिना डरे कर सकते है।
चिलगोजा कहाँ मिलता है?
चिलगोजा दक्षिण एशिया के विभिन्न राज्यों, जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और अफगानिस्तान में पाया जाता है। यह देखने में एक छोटा सा फल होता है, जिसके भीतर एक छोटी सी मोटी सफेद चिकनी परत होती है जो इसके बाहर के भूरे रंग के खोखले परत से ढँकी होती है।
चिलगोजा ड्राई फ्रूट के फायदे
चिलगोजा एक प्रकार का ड्राई फ्रूट है, और यह दक्षिण एशिया के विभिन्न भागों में पाया जाता है। इसके फल को पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और अफगानिस्तान में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि चीडनट, सीट नट, चीनी बादाम, इंडियन पाइनट्री आदि। इसके बीजों को भी खाया जाता है और इसे अलग-अलग तरीकों से पकाकर खाया जाता है या फिर नमकीन बनाया जाता है। इसका फल स्वाद में मीठा होता है और यह विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अगर चिलगोजा का डेली सेवन करने से न केवल आपके ताकत मिलेगी, बल्कि आपमें एक अलग ही एनर्जी लेवल दिखेगा। ड्राई फ्रूट्स में पोटेशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित और दिल को स्वस्थ रखने के काम आता है। इनके सेवन से पाचन और मल त्याग की समस्या दूर हो जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चिलगोजा में प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा पाया जाता है. इससे एनर्जी लेवल एक झटके में ही बढ़ जाता है. विटामिन ई के एंटीऑक्सीडेंट्स पावर की वजह से चिलगोजा स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. चिलगोजा खाने से स्किन पर चमक बनी रहती है और आप हमेशा जवान दिख सकते हैं। इसके साथ ही चिलगोजे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण, यह कैंसर और दिल संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होता है। चिलगोजा के फायदे काफी हैं। यहां हम इनमें से कुछ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
हृदय स्वास्थ्य: चिलगोजे में मौजूद मोनोअनसेचुरेटेड फैट हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये शरीर के कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं और इससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है।
वजन नियंत्रण: चिलगोजे में मौजूद फाइबर और प्रोटीन स्वस्थ वजन नियंत्रण के लिए फायदेमंद होते हैं। ये दोनों ही मानसिक खानपान को नियंत्रित करते हैं जिससे आपके भोजन में अधिकतम खाद्य संचय नहीं होता है।
ऊर्जा बढ़ाएं: चिलगोजे में मौजूद विटामिन बी के कारण, ये ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे आपके शरीर में ताकत और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
विटामिन ई का स्रोत: चिलगोजे में मौजूद विटामिन ई शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह शरीर के कोशिकाओं के विकास और नई कोशिकों की रक्षा में मदद करता है।
रक्त शर्करा को नियंत्रित करें: चिलगोजे मे कम गलाईसिमिक इंडेक्स होता है, जिसकी वजह से यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे डायबिटीज के मरीजों के लिए चिलगोजे एक उत्तम विकल्प हो सकते हैं।
उल्टी रोकने के लिए: कोई व्यक्ति उल्टी से परेशान है, तो उसे 18-18 ग्राम त्रिफला, त्रिकटु, दालचीनी, चित्रक, ककुभ मूल, सालिम लेना है। इसके साथ ही बाबूना पुष्प, 100 ग्राम द्राक्षा, 4 ग्राम चिलगोजा मज्जा, तथा 6 ग्राम नारियल लेना है। इनका पेस्ट बना लेना है। इसे पकाकर गाढ़ा करना है। इसमें 375 ग्राम मधु मिलाकर जेली (चटनी) बनाना है। इस जेली (चटनी) को 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से उल्टी रुक जाती है।
पाचनतंत्र विकार में लाभ : आप जो खाना खाते हैं, उसे पाचनतंत्र पचाने का काम करता है। जब पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, तो भोजन को सही से पचाता है। इसी तरह पाचनतंत्र के बीमार हो जाने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना बन जाती है। पाचन क्रिया खराब होने पर चिलगोजा का सेवन करना चाहिए। इससे पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, और सही तरह से काम करता है।
खांसी और दमा का इलाज: दुनिया भर में दमा रोग से हजारों ग्रस्त हैं। यह एक गंभीर रोग है। चिलगोजा की 5-10 ग्राम गिरी को पीस लें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में फायदा होता है। इसे पीने से खांसी में भी आराम मिलता है।
गठिया में लाभ: चिलगोजा के तेल को लगाने से गठिया का दर्द ठीक होता है।
शारीरिक कमजोरी दूर करे: शारीरिक कमजोरी की शिकायत है तो चिलगोजा का सेवन करें। बच्चे भी चिलगोजा का प्रयोग कर सकते हैं। चिलगोजा की गिरी का सेवन करने से हाथ-पैर की कमजोरी दूर होती है, और शरीर स्वस्थ होता है।
नपुंसकता की समस्या में: वर्तमान में कई लोग नपुंसकता, और सेक्स संबंधी विकार से ग्रस्त हैं। अस्वस्थ्य जीवनशैली, अस्वस्थ्य आहार का सेवन, या शारीरिक रोग आदि कई कारण हैं, जिनके कारण लोगों को ऐसी बीमारियां होती हैं। पतंजिल के अनुसार, 1 गिलास दूध में 5-10 ग्राम चिलगोजा गिरी का चूर्ण, तथा मिश्री मिलाकर पीने से वीर्य संबंधी रोग दूर होता है, और वीर्य स्वस्थ होता है। चिलगोजा के सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है, शरीर में उत्तेजना आती है, कामशक्ति बढ़ती है। वीर्य की बीमारी ठीक होती है। धातु की बीमारी में 20-25 बीज की गिरी को दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है। जो लोग यौन शक्ति की कमी से परेशान रहते हैं, वे चिलगोजा, बादाम, मुनक्का, छुहारा, तथा अंजीर को मिलाकर दूध में पकाएं। दूध को ठंडाकर लें, और इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे उनका शरीर स्वस्थ्य होगा, और कामशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
बुखार उतारने में: बुखार से पीड़ित मरीज चिलगोजा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। बुखार होने की स्थिति में 18-18 ग्राम त्रिफला, त्रिकटु, दालचीनी, चित्रक, ककुभ मूल, सालिम लें। इनके साथ ही बाबूना का फूल, 100 ग्राम अंगूर, 4 ग्राम चिलगोजा मज्जा, तथा 6 ग्राम नारियल लें। इनका पेस्ट बनाकर पका लें। इसे गाढ़ा बना लें। इसमें 375 ग्राम मधु मिला लें, और जेली (चटनी) बना लें। इस जेली (चटनी) को 5-10 ग्राम सुबह और शाम सेवन करें। इससे बुखार में लाभ होता है।
चिलगोजा कब खाना चाहिए?
चिलगोजा सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, इसे रोजाना खाना चाहिए। इसे खाने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का समय होता है। इससे हमें पूरे दिन के लिए ऊर्जा मिलती है और हमें भूख भी जल्दी नहीं लगती। इसके अलावा, इसे दोपहर या शाम के समय भी खाया जा सकता है, लेकिन सुबह के समय खाना अधिक फायदेमंद होता है।
चिलगोजा खाने का तरीका
चिलगोजा खाने का तरीका बहुत सरल होता है। चिलगोजे को खाने के लिए आप इसे ताजा या सूखे रूप में खरीद सकते हैं। ताजे चिलगोजों को अधिक बेहतर रूप से खाया जा सकता है। निम्नलिखित हैं कुछ सरल चिलगोजा खाने के तरीके:
* सूखे चिलगोजों को सीधे खाया जा सकता है। आप उन्हें थोड़ी देर के लिए पानी में भीगा सकते हैं ताकि वे नरम हो जाएँ।
* चिलगोजे को तोस्टर या ऑवन में भी सुखाया जा सकता है। आप चिलगोजों को तब तक सुखाएं जब तक वे थोड़े से भूरे न हो जाएँ। इसके बाद उन्हें सीधे खाया जा सकता है या फिर उन्हें सालद या दूसरी व्यंजनों में उपयोग किया जा सकता है।
* चिलगोजों को तलकर भी खाया जा सकता है। आप उन्हें तेल में तलकर, नमक और लाल मिर्च पाउडर या अन्य मसालों के साथ स्वादिष्ट बना सकते हैं।
* चिलगोजे की दाल को उबलकर भी खाया जा सकता है। इससे आप उनके पोषक तत्वों को अधिक आसानी से अवशोषित कर सकते हैं।
चिलगोजा की तासीर
चिलगोजा की तासीर गर्म होती है। यह खाने में स्वादिष्ट होता है और उपयोगी भी होता है। चिलगोजा में विटामिन ई, फोस्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइबर होता है। इसके अलावा, यह हृदय रोगों, मधुमेह, कैंसर और मोटापे से लड़ने में मदद करता है। हालांकि, इसका ज्यादा सेवन करने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं। चिलगोजे की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे गर्मियों में खाने से पहले ठंडे पानी से धोकर उसके बाद खाना उचित होता है।
चिलगोजा कितना खाना चाहिए?
चिलगोजा खाने की मात्रा आपकी आयु, वजन और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करती है। यदि आप स्वस्थ और व्यायाम करने वाले हैं तो आप दिन में 1-2चिलगोजे खा सकते हैं। हालांकि, अधिक मात्रा में चिलगोजे खाने से आपको अतिरिक्त कैलोरी और फैट मिल सकते हैं, इसलिए आपको समझदारीपूर्वक खाना चाहिए।हालांकि, इसे खाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेना उचित होगा।
चिलगोजा खाने के नुक्सान
* चिलगोजे के खाने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा ये नुकसान भी कर सकते हैं:
* ज्यादा मात्रा में चिलगोजे खाने से उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो सकती है।
* चिलगोजे में लेक्टिन नामक एक तरल पदार्थ होता है जो कई लोगों को पाचन तंत्र की समस्या के कारण परेशान कर सकता है।
* चिलगोजों में ज्यादा मात्रा में मौजूद वसा वजन बढ़ाने के साथ-साथ दिल संबंधी बीमारियों के भी कारण बन सकती है।
* चिलगोजों में जल की कमी की वजह से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
* बच्चों को चिलगोजे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि उनमें मौजूद पदार्थ उन्हें पाचन तंत्र की समस्याओं से पीड़ित कर सकते हैं।
इस लेख में हमने आपको चिलगोजा के फायदों के बारे में बताया है, चिलगोजा एक स्वादिष्ट और स्वस्थवर्धक खाद्य पदार्थ है जो विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह वजन कम करने, स्वस्थ त्वचा के लिए लाभकारी, सेहतमंद डाइजेशन और ऊर्जा के लिए लाभकारी होता है। चिलगोजे को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए और सुबह का समय उपयुक्त माना जाता है। यदि आप ज्यादा मात्रा में खाते हैं, तो आपको अतिरिक्त कैलोरी और फैट मिल सकते हैं।
(Disclaimer: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। यह कोई चिकित्य सलाह नहीं है। यदि आप किसी भी प्रकार के शारीरिक रोग से ग्रसित है और आपका इलाज चल रहा है तो कृपया करके उचित चिकित्सय विशेषज्ञ से परामर्श ले। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’)