एक बेहतर स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए स्वस्थ मानसिकता की अत्यंत आवश्यकता है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज (स्वस्थ समाज) का निर्माण कर सकता है लेकिन आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रही हैं और जहां तक बात 2020 के बाद की है तो कोरोना महामारी के बाद से यह समस्या व्यापक रूप से उभरकर सामने आ रही है।मनोरोगियों (साइकोपैथ) की संख्या 2020 के बाद तेजी से बढ़ती है। चिंता, तनाव और अवसाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ डॉक्युमेंट्स के अनुसार हर चार साल में एक व्यक्ति मनोरोग (मनोरोग) का शिकार होता है। विशेषज्ञ की मानें तो आने वाले 5 से 8 साल में मानसिक स्वास्थ्य समस्या और वृद्धि भी हो सकती है।
दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढाने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है। इस साल मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 को 31वां वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जा रहा है। 10 अक्टूबर 1992 को तत्कालीन डिप्टी सेक्रेटरी जनरल रिचर्ड हंटर के नेतृत्व में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेंटल हेल्थ (WFMH) द्वारा पहला मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था। कोविड-19 महामारी के चलते लगे लॉकडाउन और मंदी का लोगों के दिलो-दिमाग पर गहरा असर पड़ा है, हालांकि अब जिंदगी पटरी पर दिखाई दे रही है। ऐसे में यह दिन मनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
इंटरनेशनल मेंटल हेल्थ डे के बारे में जानकारी
नाम : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day)
शुरूआत : वर्ष 1992
तिथि : 10 अक्टूबर (वार्षिक)
उद्देश्य : मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना एवं मानसिक स्वास्थ्य पर समर्थन में प्रयास करना।
थीम : मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राईट
पहली बार :10 अक्टूबर 1992
मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है?
किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य का संबंध उसकी भावनात्मक (इमोशनल), मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिकल) और सामाजिक (सोशल) स्थिति से जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति के सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर व्यक्ति के तनाव को संभालने और जीवन से जुड़े जरूरी विकल्प के चयन पर भी पड़ सकता है। मानसिक स्वास्थ्य जीवन के प्रत्येक चरण अर्थात बचपन, किशोरावस्था, वयस्कता और बुढ़ापे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास होता है। इस स्थिति में व्यक्ति दूसरों के साथ सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकता है। साथ ही तनाव की समस्या से निपटने की क्षमता भी रखता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इतिहास
अन्तर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत सन् 1992 में पहली बार उप महासचिव रिचर्ड हंटर की पहल पर की गयी थी, जिसके बाद 10 अक्टूबर 1992 को पहली बार वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया गया था। इसकी शुरुआत के बाद से मानसिक स्वास्थ्य वकालत को बढ़ावा देने और जनता को शिक्षित करने के अलावा 1994 तक इस दिन का कोई विशिष्ट विषय तय नहीं था। जिसके बाद 1994 में तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव पर पहली बार यह दिवस एक विषय के साथ मनाया गया। जो “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार” था।
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे क्यों मनाया जाता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ(WFMH) द्वारा तेजी से बढ़ती मानसिक बीमारियों को देखते हुए लोगों के बीच इसके प्रति जागरूकता फैलाने और अपने अंदर के व्यक्तित्व विकार और मानसिक विकृतियों को पहचानने के उद्देश्य से हर साल इसे 10 अक्टूबर को पूरे वैश्विक स्तर पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही इसका मुख्य मकसद मेंटल हेल्थ की सुरक्षा, इसके बारे में लोगों को शिक्षित करना और उन्हें इनसे संबंधित विकारों से छुटकारा दिलाना भी है।
मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज्यादा नकारा जाने वाला स्वास्थ्य क्षेत्र रहा है जिस पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते। रिपोर्ट के अनुसार आज करीब 1 मिलियन से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे हैं जिसके फलस्वरूप प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करके खुद की जान का दुश्मन बनता जा रहा है। ज्यादतर मानसिक रोगों में से लगभग 50 फ़ीसदी मामले 14 वर्ष की आयु तक शुरू होते हैं। ऐसे में हमें इस विषय पर ख़ासा ध्यान देने की आवश्यकता है और जल्द ही इस पर ठीक प्रकार से काम नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ़ मेंटल हेल्थ (WFMH) द्वारा इस साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम ‘मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है‘ (Mental health is a universal human right) है। पिछली साल 2022 का विषय “मानसिक स्वास्थ्य एवं सभी के कल्याण को एक वैश्विक प्राथमिकता बनाना” (Make Mental Health & Well-Being for All a Global Priority) निर्धारित की गयी थी।
इससे पहले विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम ‘Mental Health in an Unequal World’ (एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य) थी। और 2020 की Theme ‘Mental Health for All: Greater Investment – Greater Access‘ थी।
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की पिछले कुछ वर्षों की थीम्स:
1994 में पहली बार इसे एक थीम के साथ बनाया गया यह Theme थी: “Improving the Quality of Mental Health Services throughout the World.“
2019 : मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन और आत्महत्या की रोकथामMental Health Promotion and Suicide Prevention
2018 : युवाओं और मानसिक स्वास्थ्य में बदलते वर्ल्ड मेंYoung people and mental health in a changing world
2017 : कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्यMental health in the workplace
2016 : मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्साPsychological First Aid
2015 : मानसिक स्वास्थ्य में गरिमाDignity in Mental Health
2014 : स्किज़ोफ्रेनिया के साथ रहनाLiving with Schizophrenia
2013 : मानसिक स्वास्थ्य और पुराने वयस्कMental health and older adults
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे कैसे मनाया जाता है?
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर पूरी दुनिया के सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा तनाव मुक्ति (Stress liberation) के विषय पर कार्यक्रम आयाजित किए जाते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्व भर में स्वास्थ्य और नागरिक समाज संगठनों के मंत्रालयों के साथ अपने मजबूत संबंधों की मदद से मेंटल हेल्थ के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के माध्यम से समर्थित है। 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार एक वैश्विक ऑनलाइन कार्यक्रम की मेजबानी की साथ ही Health For All कैंपियन के तहत फिल्म फेस्टिवल का आयोजन भी हुआ जिसमें खास फिल्मों की प्रतियोगिता भी कराई गयी।
मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक
* एनवायरनमेंटल स्ट्रेस यानि चिंता, अकेलापन, साथियों का दबाव, पारिवारिक तनाव, आत्मसम्मान में कमी, परिवार में मृत्यु या तलाक।
* दुर्घटना, चोट, हिंसा या बलात्कार आदि से मनोवैज्ञानिक आघात पहुचना।
* आनुवंशिक असामान्यताएं (Genetic abnormalities)
* मस्तिष्क की चोट (Brain injury /defect)
* शराब और ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन।
* किसी संक्रमण के कारण मस्तिष्क को पहुँची हानि।
उच्च शिक्षित लोगों में बढ़ता खतरा
इंग्लैंड में किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अलग-अलग सामाजिक, शिक्षा और आर्थिक स्थिति वाले वर्ग में मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों को समझने के लिए अध्ययन किया। इस शोध में पाया गया कि इंग्लैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं में, कम शिक्षित आबादी की तुलना में डिप्रेशन और स्ट्रेस होने का जोखिम अधिक था। द लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध पत्र में वैज्ञानिकों ने बताया कि देश के युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य का खतरा बढ़ता देखा जा रहा है, इसके कारणों को समझने के लिए किए गए अध्ययन में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ की स्थापना कब हुई?
विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (World Federation of Mental Health) एक अंतरराष्ट्रीय सदस्यता संगठन है, जिसकी स्थापना 1948 में सभी लोगों और राष्ट्रों के बीच मानसिक एवं भावनात्मक विकारों की रोकथाम एवं इसी तरह के विकारों से पीड़ित लोगों के सही उपचार और देखभाल तथा मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
मानसिक रोग और इसके कुछ लक्षण क्या है?
मनुष्य के मन-मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले विकारों को मानसिक रोग कहा जा सकता है, यह समस्या अल्जाइमर, अवसाद (डिप्रेशन), ऑटिज्म, डर लगना, डिस्लेक्सिया, तनाव, चिंता, भूलने की आदत आदि के रूप में हो सकती है।मानसिक रोग से जूझने वाले व्यक्ति में कुछ खास लक्षण दिखाई देते हैं जैसे उदास रहना, थकान, नींद ना आना, डर लगना, भूलने की समस्या, कमजोरी, आत्मविश्वास में कमी तथा खुद की अहमियत को ना समझना आदि।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
भारतीय सरकार ने वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य प्राइमरी हेल्थ केयर में मेंटल हेल्थ को जोड़ना और इसे सामुदायिक स्वास्थ्य की और बढ़ाना है। इतना ही नहीं 8 साल पहले ही 10 अक्टूबर 2014 को भारत में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की घोषणा की गई तथा मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 को लाया गया।
Disclaimer: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। यह कोई चिकित्य सलाह नहीं है। यदि आप किसी भी प्रकार के मानसिक रोग से ग्रसित है और आपका इलाज चल रहा है तो कृपया करके उचित चिकित्सय विशेषज्ञ से परामर्श ले। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’