दिव्यांगजनों को विभिन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकार दिलाने एवं उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करके गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। यह दिवस ऐसे लोगों में दिव्यांगता मामले की समझ बढ़ाने, दिव्यांगजनों के सामाजिक सम्मान की स्थापना, उनके अधिकारों एवं कल्याण पर ध्यान केंद्रित कराने के उद्देश्यों हेतु बहुत ही अहम है।
हमारे समाज में रहने वाले विकलाँग (दिव्यांग) जनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने एवं मानवीय गरिमा के साथ जीने के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से सभी नागरिकों को विकलांग जनों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने एवं विकलांग जनों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करके उन्हें विभिन अधिकार प्रदान करने हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। प्रायः विकलांग जनों को विश्व के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में गिना जाता है ऐसे में विकलांग जनों के उत्थान हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको विश्व विकलांग दिवस क्या है ? (International Day of Disabled Persons), इस वर्ष विश्व विकलांग दिवस की थीम क्या है ? इस दिवस का उद्देश्य एवं इतिहास क्या है सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दिव्यांगजनों हेतु सरकार द्वारा उठाये गए विभिन कदमों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
विश्व विकलांग दिवस
हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी और 1992 से संयुक्त राष्ट्र के द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय रीति-रिवीज़ के रुप में प्रचारित किया जा रहा है। विकलांगों के प्रति सामाजिक कलंक को मिटाने और उनके जीवन के तौर-तरीकों को और बेहतर बनाने के लिये उनके वास्तविक जीवन में बहुत सारी सहायता को लागू करने के द्वारा तथा उनको बढ़ावा देने के लिये साथ ही विकलांग लोगों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिये इसे सालाना मनाने के लिये इस दिन को खास महत्व दिया जाता है। 1992 से, इसे पूरी दुनिया में ढ़ेर सारी सफलता के साथ इस वर्ष तक हर साल से लगातार मनाया जा रहा है। समाज में उनके आत्मसम्मान, सेहत और अधिकारों को सुधारने के लिये और उनकी सहायता के लिये एक साथ होने के साथ ही लोगों की विकलांगता के मुद्दे की ओर पूरे विश्वभर की समझ को सुधारने के लिये इस दिन के उत्सव का उद्देश्य बहुत बड़ा है। जीवन के हरेक पहलू में समाज में सभी विकलांग लोगों को शामिल करने के लिये भी इसे देखा जाता है जैसे राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक। इसी वजह से इसे “विश्व विकलांग दिवस” के शीर्षक के द्वारा मनाया जाता है। विश्व विकलांग दिवस का उत्सव हर साल पूरे विश्वभर में विकलांग लोगों के अलग-अलग मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करता है।
क्यों मनाया जाता है विश्व विकलांग दिवस?
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 15 फीसदी लोग दिव्यांग जनों की श्रेणी में आते है। इस प्रकार से इस समुदाय को दुनिया का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय माना गया है। दिव्यांग जनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इन्हे विभिन राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के अवसर पर सभी नागरिको को विकलांगजनो के साथ उचित व्यवहार करने एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने हेतु अपने योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस दिवस के लिए एक मुख्य विषयवस्तु का चयन भी किया जाता है जिसके आधार पर विश्व विकलांग दिवस में विभिन कार्यक्रमों एवं नीतियों को तय किया जाता है।साथ ही इस अवसर पर विकलांग जनों के कल्याण एवं अधिकारों को बढ़ावा देने एवं सम्पूर्ण विश्व को इस सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए इस दिन विभिन कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इस अवसर पर विकलांग जनों के अधिकार एवं हितों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत करने एवं विकलांग जनों द्वारा विभिन क्षेत्र में किए गए असाधारण प्रदर्शन एवं कार्यो के सम्बन्ध में भी प्रदर्शनी की जाती है। साथ ही विकलांग जनों द्वारा कला, संगीत, साहित्य एवं अन्य सृजनात्मक क्षेत्रों में विभिन प्रदर्शनियों को भी दुनिया के सामने रखा जाता है।
विश्व विकलांग दिवस का इतिहास
वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा “विकलांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष” के रुप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विकलांगजनों के लिये पुनरुद्धार, रोकथाम, प्रचार और बराबरी के मौकों पर जोर देने के लिये योजना बनायी गयी थी। समाज में उनकी बराबरी के विकास के लिये विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये, सामान्य नागरिकों की तरह ही उनके सेहत पर भी ध्यान देने के लिये और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये “पूर्ण सहभागिता और समानता” का थीम विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के उत्सव के लिये निर्धारित किया गया था। दिव्यांगजनों को विभिन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकार दिलाने एवं उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करके गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर नागरिको में विकलांग जनों के साथ उचित, सम्मानपूर्वक एवं गरिमापूर्ण व्यवहार करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर वर्ष 1992 से विश्व विकलांग दिवस या विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत की गयी थी जिसके पश्चात प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विशिष्ठ थीम के साथ विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1983 से 1992 तक के दशक को विकलांग जनों के लिए संयुक्त राष्ट्र का दशक घोषित किया था। 27 दिसंबर 2015 को अपने रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकलांग जनों को “विकलांग” शब्द की बजाय “दिव्यांग” शब्द से सम्बोधित करने की घोषणा की गयी थी। इसके पश्चात भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से विकलांग जनों के लिए विकलांग शब्द की जगह “दिव्यांग (Divine body part)” शब्द का प्रयोग किया जा रहा है।
विश्व विकलांग दिवस का उद्देश्य
विश्व विकलांग दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में विकलांगता और विकलांग लोगों के साथ सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस दिन का आयोजन उनके अधिकारों, समर्थन, और समाज में उनके साथ सौहार्द्र बनाए रखने के लिए होता है। यह विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जो इस दिन को एक विशेष और महत्वपूर्ण रूप से यादगार बनाते हैं:
जागरूकता और शिक्षा: इस दौरान लोगों को विकलांगता के विभिन्न पहलुओं से जागरूक किया जाता है ताकि समाज में सौहार्द्र और समर्थन बढ़ सके।
समर्थन और समाज में भागीदारी: इस दिन के माध्यम से, लोग विकलांग लोगों के साथ समर्थन में भाग लेने के लिए प्रेरित किए जाते हैं और उन्हें समाज में भागीदारी मिले।
अधिकारों की रक्षा: इस दिन का मौका होता है लोगों को विकलांग लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और सुनिश्चित करने के लिए कि वे समाज में पूरी तरह से शामिल हों और समर्थ हों।
समाज में बदलाव: इस दिन के माध्यम से, समाज को विकलांगता के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने और समाज में सामाजिक समाहिति बढ़ाने की दिशा में प्रेरित किया जाता है।
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
इस दिवस का महत्व बहुत है क्योंकि यह एक मंच प्रदान करता है जिसके माध्यम से विकलांगता को समझाया जा सकता है और उसके साथ समाज में सौहार्द्र और समर्थन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस दिन के माध्यम से समाज को यह याद दिलाया जाता है कि हर व्यक्ति का अधिकार है एक समर्थ और समाहित समाज में शामिल होने का, और विकलांग लोगों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर समाज में समर्थ बनाए रखने का समर्थन करता है। इस दिन का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
जागरूकता फैलाना: यह दिवस समाज में विकलांगता के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने में मदद करता है और लोगों को इस विषय में जागरूक करता है।
समर्थन बढ़ाना: इस दिन के माध्यम से, समर्थन की बढ़ती आवश्यकता को उजागर करते हुए विकलांग लोगों को समाज में और भी समर्थ बनाने का प्रयास किया जाता है।
अधिकारों की सुरक्षा: इस दिन के माध्यम से, विकलांग लोगों के अधिकारों की महत्वपूर्णता पर बल दिया जाता है और उन्हें समाज में समानिति की दिशा में बढ़ावा मिलता है।
समर्थ समाज की दिशा में प्रेरणा: यह दिन समर्थ समाज की दिशा में प्रेरित करता है जो सभी व्यक्तियों के साथ समानता और समाहिति का समर्थन करता है।
शिक्षा का महत्व समझाना: इस दिन के दौरान, लोगों को विकलांगता के साथ जीवन जीने के लिए शिक्षा की महत्वपूर्णता समझाने का मौका मिलता है।
समाज में संबंध बढ़ाना: यह दिवस समाज में विकलांग लोगों के साथ सबका संबंध बढ़ाने का एक माध्यम प्रदान करता है, जिससे समर्थ समाज बन सकता है।
विश्व विकलांग दिवस की 2024 थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में, विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का थीम है ” एक समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना ” । सभी के लिए अधिक समावेशी और टिकाऊ दुनिया बनाने में विकलांग व्यक्तियों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के लिए एक वैश्विक आह्वान। यह आवश्यक है कि विकलांग व्यक्ति इस प्रयास में भाग लें और जो कुछ भी होता है उसमें उनकी बड़ी भूमिका हो। साल 2023 का विषय था विकलांग व्यक्तियों के लिए, उनके साथ और उनके द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और उन्हें बचाने के लिए एकजुट कार्रवाई”।
साल 2022 में यह थीम समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान (Transformative solutions for inclusive development) थी। इसके माध्यम से अन्वेषण के उपयोग द्वारा विकलांग जनों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व विकलांग दिवस के पूर्व की थीम
विकलांग व्यक्तियों के लिये समाज में नियम और नियामकों को ठीक ढंग से लागू करने के लिये विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के उत्सव को एक असरदार थीम की ज़रुरत है। नीचे विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के उत्सव के लिये वार्षिक आधार पर निम्न थीम दिये गये हैं:
* वर्ष 1998 का थीम था “कला, संस्कृति और स्वतंत्र रहन-सहन”।
* वर्ष 1999 का थीम था “नयी शताब्दी के लिये सभी की पहुंच”।
* वर्ष 2000 का थीम था “सभी के लिये सूचना क्रांति कार्य निर्माण”।
* वर्ष 2001 का थीम था “पूर्ण सहभागिता और समानता: प्रगति आँकना और प्रतिफल निकालने के लिये नये पहुंच मार्ग के लिये आह्वान”।
* वर्ष 2002 का थीम था “स्वतंत्र रहन-सहन और दीर्घकालिक आजीविका”।
* वर्ष 2003 का थीम था “हमारी खुद की एक आवाज”।
* वर्ष 2004 का थीम था “हमारे बारे में कुछ नहीं, बिना हमारे”।
* वर्ष 2005 का थीम था “विकलांगजनों का अधिकार: विकास में क्रिया”।
* वर्ष 2006 का थीम था “ई- एक्सेसिबिलीटी”।
* वर्ष 2007 का थीम था “विकलांगजनों के लिये सम्माननीय कार्य”।
* वर्ष 2008 का थीम था “विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर सम्मेलन: हम सभी के लिये गरिमा और न्याय”।
* वर्ष 2009 का थीम था “एमडीजी का संयुक्त निर्माण: पूरी दुनिया में विकलांग व्यक्तियों और उनके समुदायों का सशक्तिकरण”।
* वर्ष 2010 का थीम था “वादे को बनाये रखना: 2015 और उसके बाद की ओर शताब्दी विकास लक्ष्य में मुख्यधारा विकालांगता”।
* वर्ष 2011 का थीम था “सभी के लिये एक बेहतर विश्व के लिये एक साथ: विकास में विकलांग व्यक्तियों को शामिल करते हुए”।
* वर्ष 2012 का थीम था “सभी के लिये एक समावेशी और सुगम्य समाज उत्पन्न करने के लिये बाधाओं को हटाना”।
* वर्ष 2013 का थीम था “बाधाओं को तोड़ें, दरवाज़ों को खोलें: सभी के लिये एक समावेशी समाज और विकास”।
* वर्ष 2014 का थीम था “सतत् विकास: तकनीक का वायदा”।
* वर्ष 2015 का थीम था “समावेश मायने रखता है: सभी क्षमता के लोगों के लिये पहुंच और सशक्तिकरण”।
* वर्ष 2016 में विश्व विकलांग दिवस के लिए थीम “भविष्य के लिए 17 लक्ष्य हासिल करना” था।
* वर्ष 2017 में विश्व विकलांग दिवस के लिए थीम “सभी के लिए टिकाऊ और लचीला समाज की ओर परिवर्तन” था।
* वर्ष 2018 का थीम “विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाओ तथा उनके समावेश और समानता को सुनिश्चित करो (इम्पावरिंग पर्सन विथ डिसएबिलिटीज एंड इनश्योरिंग इनक्लूजीवनेस एंड इक्वालिटी)” था।
* वर्ष 2019 का थीम ”विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना” था।
* वर्ष 2020 का थीम ”बिल्डिंग बैक बेटर: टुवर्ड्स एन एक्सक्लूसिव, एक्सेसिबल एंड सस्टेनेबल पोस्ट COVID-19 वर्ल्ड बाई, फॉर एंड विथ पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज (Building back better: towards an inclusive, accessible and sustainable post COVID-19 world by, for and with persons with disabilities)” था।
विश्व विकलांग दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है और इसे लोगों के बीच जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाता है। यहां कुछ सामान्य तरीके हैं जिनसे इस दिन का आयोजन किया जाता है:
सेमिनार और वेबिनार: विभिन्न स्थानों पर सेमिनार और वेबिनार का आयोजन किया जाता है जिनमें विकलांगता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है और लोगों को जागरूक किया जाता है।
सामाजिक कार्यक्रम: लोग विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं जो विकलांग लोगों को समाज में समर्थन मिलता है और उन्हें अधिकारों का उपयोग करने का मौका मिलता है।
शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम: विकलांग दिवस पर लोगों को विकलांगता के प्रकारों, उनके अधिकारों, और समर्थन के बारे में जानकारी मिलती है।
कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम: कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विकलांग कलाकारों को मंच पर लाने का प्रयास किया जाता है, जो उनकी शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं और समर्थन मिलता है।
जागरूकता अभियान: लोग इस दिवस पर जागरूकता अभियानों का समर्थन करते हैं जो लोगों को विकलांगता के मुद्दों पर जागरूक करने का मकसद रखते हैं।
समूह और समाज सेवा: इस दिन के मौके पर लोग समूह और समाज सेवा कार्यों में भाग लेते हैं ताकि विकलांग लोगों को समाज में समाहिति मिले।
इन तरीकों से, अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस एक सामाजिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक आयोजन बन जाता है जो विकलांग लोगों के समर्थन में भाग लेने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है और उन्हें समाज में समानता महसूस करने का मौका देता है।
विश्व विकलांग दिवस को मनाने का लक्ष्य
* इस उत्सव को मनाने का महत्वपूर्ण लक्ष्य विकलांगजनों के अक्षमता के मुद्दे की ओर लोगों की जागरुकता और समझ को बढ़ाना है।
* समाज में उनके आत्म-सम्मान, लोक-कल्याण और सुरक्षा की प्राप्ति के लिये विकलांगजनों की सहायता करना।
* जीवन के सभी पहलुओं में विकलांगजनों के सभी मुद्दे को बताना।
* इस बात का विश्लेषण करें कि सरकारी संगठन द्वारा सभी नियम और नियामकों का सही से पालन हो रहा है य नहीं।
* समाज में उनकी भूमिका को बढ़ावा देना और गरीबी घटाना, बराबरी का मौका प्रदान कराना, उचित पुनर्सुधार के साथ उन्हें सहायता देना।
* उनके स्वास्थ्य, सेहत, शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा पर ध्यान केन्द्रित करना।
विश्व विकलांग दिवस को मनाना क्यों आवश्यक है
ज्यादातर लोग ये भी नहीं जानते कि उनके घर के आस-पास समाज में कितने लोग विकलांग हैं। समाज में उन्हें बराबर का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। अच्छी सेहत और सम्मान पाने के लिये तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिये उन्हें सामान्य लोगों से कुछ सहायता की ज़रुरत है, । लेकिन, आमतौर पर समाज में लोग उनकी सभी ज़रुरतों को नहीं जानते हैं। आँकड़ों के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि, लगभग पूरी दुनिया के 15% लोग विकलांग हैं। इसलिये, विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये इस उत्सव को मनाना बहुत आवश्यक है। विकलांगजन “विश्व की सबसे बड़ी अल्पसंख्यकों” के तहत आते हैं और उनके लिये उचित संसाधनों और अधिकारों की कमी के कारण जीवन के सभी पहलुओं में ढ़ेर सारी बाधाओं का सामना करते हैं।
हमारी भूमिका विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर हम सभी का नैतिक एवं मानवीय दायित्व बनता है की अपने आसपास रह रहे सभी दिव्यांग लोगो की सहायता करें एवं उनके साथ उचित एवं गरिमापूर्ण व्यवहार प्रदर्शित करें। साथ ही दिव्यांगजनों के अधिकारों को सुरक्षित करने के साथ उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी सभी नागरिको का सहयोग अपेक्षित होता है।