भारत और दुनिया भर में हर साल 7 July को विश्व चॉकलेट दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार वर्ष 2009 में मनाया गया था। इस दिन को चॉकलेट प्रेमी चॉकलेट खा कर और इसे एक-दुसरे में बांटकर मनाते है। इसके आलावा कपल्स द्वारा फरवरी में वैलेंटाइन सप्ताह के तीसरे दिन भी चॉकलेट डे मनाया जाता है।चॉकलेट एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो बच्चे से लेकर बड़े हर किसी को पसंद आता है। इसे किसी खास मौके या किसी को खुश करने के लिए दिया जा सकता है। साथ ही इसे उचित मात्रा में खाने से शरीर को कई फायदे भी होते हैं।
दोस्तों शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसे चॉकलेट खाना पसंद नहीं हो लगभग सभी लोगों को चॉकलेट खाना बहुत पसंद होता है, बच्चों से लेकर जवान और जवान से लेकर बूढ़ों तक सभी को चॉकलेट खाना अच्छा लगता है। कई विशेष मौकों पर चॉकलेट का इस्तेमाल दुनियांभर में किया जाता है, जैसे अपनी फ्रेंडशिप को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्यार को अपनी तरफ ध्यान आर्कषित करने के लिये चॉकलेट का सहारा लिया जाता है। कई लोगों का मानना है कि यह वही दिन है जब 1550 में यूरोप में चॉकलेट की शुरुआत हुई थी। दुनिया भर में लोग खुद को और दूसरों को चॉकलेट के स्वादिष्ट व्यंजन खिलाकर इस दिन को मनाते हैं। वैलेंटाइन डे तथा फ्रेंडशिप डे जैसे खास मौकों पर चॉकलेट का उपहार दिया जाता है। आजकल तो भारत में भी दिवाली, रक्षाबंधन जैसे मौकों पर मिठाई की जगह चॉकलेट देने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। क्या आप जानते हैं, कि पूरे साल भर में एक दिन विश्व चॉकलेट दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, तो चलिए मैं आपको चॉकलेट से जुड़ें इतिहास, चॉकलेट डे कब मनाया जाता है तथा इससे जुड़ें मजेदार रोचकतथ्यों के बारें में जानकारी देते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस के बारे में जानकारी
नाम : विश्व चॉकलेट दिवस, (वर्ल्ड चॉकलेट डे)
तिथि : 7 जुलाई (वार्षिक)
पहली बार : वर्ष 2009
उद्देश्य : हमारे जीवन में चॉकलेट के अस्तित्व का जश्न मनाना
कब और कैसे हुई विश्व चॉकलेट दिवस की शुरुआत
हर साल विश्व चॉकलेट दिवस 7 जुलाई को मनाया जाता है, बताया जाता है कि इसकी शुरुआत आज से लगभग 472 साल पहले यूरोप में 7 जुलाई 1550 को हुई थी। जिसके बाद फ्रांस ने भी सन् 1995 में चॉकलेट दिवस मनाने की शुरुआत की।परंतु चॉकलेट का इतिहास मात्र 472 साल पुराना ही नहीं बल्कि कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि इसका आस्तित्व 2000 से 4000 साल पुराना है। अलग-अलग देशों में चॉकलेट डे की तारीख़ भी अलग-अलग होती है, अमेरिका में इसे National Chocolate Day के रूप में 28 अक्टूबर को मनाया जाता है। अफ्रीकी देश घाना कोको का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है वहां चॉकलेट को समर्पित यह दिन प्रति वर्ष 14 फरवरी को मनाया जाता है।
चॉकलेट का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि चॉकलेट का वृक्ष सबसे पहले अमेरिका में देखा गया था और इस वृक्ष की फलियों में लगे बीज से ही चॉकलेट की खोज करने की शुरुआत हुई थी। उस समय वर्ष 1528 के करीब जब अमेरिका के मेक्सिको पर स्पेन का कब्जा था तब वह चॉकलेट के इस पेड़ (जिसे कोको कहा जाता है) को मेक्सिको से स्पेन ले आए थे और वहां के लोगों को यह इतना अच्छा लगा कि उन्होंने इसे अपना पसंदीदा ड्रिंक बना लिया। हालांकि जब चॉकलेट का शुरुआती दौर था तो लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए उन्हें इसका स्वाद कसैला और थोड़ा तीखा लगता था बाद में इसके तीखे पन को दूर करने के लिए कई उपाय किए गए। और इसे मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है।
विश्व चॉकलेट दिवस का महत्व
विश्व चॉकलेट दिवस के अवसर पर, दुनिया भर के चॉकलेट प्रेमी अपनी पसंदीदा चॉकलेट का आनंद लेते हैं। यह दिन चॉकलेट और उससे बने अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों जैसे चॉकलेट मिल्क, हॉट चॉकलेट, चॉकलेट कैंडी, चॉकलेट केक, ब्राउनी, मूस और अन्य सभी प्रकार की मिठाइयों की स्वादिष्टता का जश्न मनाता है। चाहे वह व्हाइट चॉकलेट हो, मिल्क चॉकलेट हो, डार्क चॉकलेट हो या कोई अन्य प्रकार, चॉकलेट डे उसके हर प्रकार और स्वाद में चॉकलेट का जश्न मनाता है। इसके अलावा, यह दिन चॉकलेट खाने के कई स्वास्थ्य लाभों का भी जश्न मनाता है।
वर्ल्ड चॉकलेट डे कैसे मनाया जाता है?
* विश्व चॉकलेट दिवस को आप चॉकलेट का आदान-प्रदान कर या फिर किसी को चॉकलेट गिफ्ट करके इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जा सकता हैं।
* आजकल चॉकलेट कई तरह से बाजार में उपलब्ध है आप चाहे तो डार्क चॉकलेट खरीद सकते हैं या फिर आप चॉकलेट केक, चॉकलेट कैंडी या फिर चॉकलेट से बनी कोई और अन्य चीज को किसी को उपहार के रूप में दे सकते हैं।
* अगर आपसे आपका कोई प्रिय रूठ गया है तो उसे मनाने के लिए आप अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस पर उन्हें चॉकलेट गिफ्ट करके मना सकते हैं और अपने रिश्तो को मजबूत कर सकते हैं।
* आज आइसक्रीम से लेकर केक और ज्यादातर ऑनलाइन मंगाई जाने वाली मिठाइयों में चॉकलेट का इस्तेमाल किया गया होता है।
चॉकलेट से होने वाले फायदे
दोस्तों वैसे तो कई लोगों का मानना है कि चॉकलेट से शरीर की बनावट पर असर पड़ता है और इससे मोटापा बढ़ता है लेकिन इसके कई सारे लाभ भी होते हैं जैसे:
* दोस्तों कई बार हमें डिप्रेशन की शिकायत होती है, जिस वजह से हमारा मूड बिल्कुल उदास और चिड़चिड़ापन रहता है, अगर इसी के चलते हम डार्क चॉकलेट का सेवन कर ले तो यह हमारे डिप्रेशन को पूरी तरह से दूर करती है।
* अगर आप थकान महसूस करते है तो डॉर्क चॉकलेट खानी चाहिये इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है और एनर्जी महसूस होने लगती है। डॉर्क चॉकलेट एनर्जी बूस्ट करने में काफी लाभदायक सिद्ध होती है।
* ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी चॉकलेट काफी लाभदायक सिद्ध होती है, क्योंकि चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव होता है जिससे हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पाने में आसानी होती है।
* कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए भी चॉकलेट लाभदायक सिद्ध होती है, कैंसर के मरीज को चॉकलेट खाने से काफी हद तक चॉकलेट की बीमारी खत्म हो जाती है।
* आखों की रोशनी तेज करनी है तो डॉर्क चॉकलेट खानी चाहिये।
* स्वास्थ्य के साथ-साथ डार्क चॉकलेट हमारे स्किन के ऊपर भी कार्य करती है, क्योंकि डार्क चॉकलेट में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण बहुत अधिक मात्रा में होते हैं, जो कि हमारी स्किन को कोमल एवं मुलायम बनाए रखते हैं।
* चॉकलेट खाने से तनाव कम होता है क्योंकि चॉकलेट तनाव बढ़ाने वाले हारमोंस को नियंत्रित करता है।
* एक रिसर्च में यह भी पता चला है कि चॉकलेट ब्लड प्रेशर को नियंत्रित और कम करने का काम भी करता है।
* कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चॉकलेट एंटी ओक्सिडेंट के गुण होते हैं जिसके कारण आप जल्दी बूढ़े नहीं होते।
* साथ ही चॉकलेट की बीज में कई औषधीय गुणों की भरमार होती है।
* रोज डार्क चॉकलेट खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा एक तिहाई तक कम हो जाता है।
* चॉकलेट का मुंह पर एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होता है जिससे यह दांतों की सड़न से बचाता है।
चॉकलेट के नुकसान
* चॉकलेट में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है. ऐसे में ज्यादा चॉकलेट खाने से आपको घबराहट और बेचैनी जैसी समस्या हो सकती है।
* चॉकलेट में मक्खन, चीनी और क्रीम काफी मात्रा में होते हैं. ऐसे में चॉकलेट ज्यादा खाने से डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ता है. साथ ही हार्ट पेशेंट्स के लिए भी परेशानी हो सकती है।
* चॉकलेट में टॉक्सिक मेटल, कैडमियम की मात्रा काफी होती है. ज्यादा मात्रा में चॉकलेट खाने से इसका असर किडनी पर भी पड़ सकता है।
* बहुत ज्यादा चॉकलेट खाने से अनिद्रा सिरदर्द या माइग्रेन, सिर चकराने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
* अगर हम डार्क चॉकलेट का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो इससे हमारे शरीर में अनिद्रा की कमी होती है।
* जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, वे डार्क चॉकलेट का प्रयोग बहुत कम मात्रा में करें क्योंकि डार्क चॉकलेट का अधिक प्रयोग करने से यह मनुष्य का वजन बढ़ा देती है।
* अधिक मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन करना हमारे शरीर में सिर दर्द, और जी मचलने जैसी दुविधा पैदा कर सकता है।
इसके कुछ फैक्ट
* एक आम इंसान अगर चॉकलेट की लगभग 22 पाउंड की खुराक ले ले तो यह उसके लिए घातक हो सकता है।
* तकनीकी रूप से ‘वाइट चॉकलेट‘ चॉकलेट नहीं होती क्योंकि उसमें कोको की मात्रा कम या बिलकुल नहीं होती।
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कहां होती है चॉकलेट की खेती
अमेरिका में भले ही चॉकलेट के रूट्स रहे हो लेकिन कोको की सबसे अधिक खेती अफ्रीका में होती है। अफ्रीका लगभग 70% कोको का उत्पादन करता है लेकिन जब हम दुनिया से आने वाले सभी कोको की बात करें तो उसमें अफ्रीका 30 परसेंट भूमिका निभाता है। नेपोलियन को चॉकलेट अधिक प्रिय थी फ्रेंच लीडर की चॉकलेट सभी खाने की वस्तुओं में से सबसे अधिक लोकप्रिय थी सभी सैन्य अभियानों में उन्होंने चॉकलेट की ही मांग की थी। कई बार जब रात को देर तक जाकर काम करते थे तब वह कॉफी की जगह चॉकलेट ही खाते थे।
भारत और चॉकलेट
भारत में चॉकलेट की खपत काफी ज्यादा है और भारत में दूध और कोको की पैदावार लगातार बढ़ने के कारण चॉकलेट उद्योग भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, नेपाल, हांगकांग और यूएई में चॉकलेट निर्यात कर रहा है।चॉकलेट बनाने वाले पेड़ कोको की फसल को बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दौर में भारत लाया गया था और व्यवसायिक तौर पर इसकी खेती 1960 के दशक से ही होती आ रही है। कोको एक उष्णकटिबंधीय फसल है और भारत की जलवायु इसके लिए बिल्कुल अनुकूल है इसीलिए भारत में इसका विकास काफी अच्छी तरह हो रहा है। आज भी भारत में यह बागवानी फसल के रूप में जानी जाती है और इसकी खेती भी की जाती है।
चॉकलेट से जुड़े रोचक तथ्य
इस विश्व चॉकलेट दिवस पर चॉकलेट के बारे में कुछ रोचक तथ्य देखें:
* प्रारंभ में चॉकलेट का सेवन कड़वे पेय के रूप में किया जाता था।
* चॉकलेट के इंसानों के लिए कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन कुत्तों के लिए यह जहरीली है।
*.प्रत्येक कोको पेड़ से लगभग 2,500 फलियाँ पैदा होती हैं और 400 कोको फलियाँ एक पाउंड चॉकलेट बनाती हैं।
* दुनिया भर में लगभग 40 मिलियन से 50 मिलियन लोग अपनी आजीविका के लिए कोको पर निर्भर हैं।
*.स्विट्जरलैंड दुनिया में चॉकलेट का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
*.संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया में चॉकलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है।
*.क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ी चॉकलेट बार का माप 383.24 मीटर वर्ग है और इसका उत्पादन 6 फरवरी 2020 को रॉटरडैम, नीदरलैंड में किया गया था।
* नीदरलैंड के फ्रिट्स वैन नोप्पेन, जेरोएन होलेस्टीन, नीक वेरहोवेन और साइमन कोस्टर ने इस चॉकलेट बार को बनाया।
* वजन के हिसाब से सबसे बड़ा चॉकलेट बार (5,792.50 किलोग्राम) 7 अक्टूबर 2011 को यूके के डर्बीशायर में थॉर्नटन पीएलसी द्वारा बनाया गया था।
* कई देश अपना चॉकलेट दिवस मनाते हैं।
* पहले के समय में लोग चॉकलेट को ठोस रूप में नहीं खाते थे। इसका सेवन तरल रूप में किया जाता था।
* वर्ष 2006 में पूरे विश्व में 6.5 मिलियन टन चॉकलेट का उत्पादन हुआ था।
* थियोब्रोमाइन नाम का पदार्थ चॉकलेट के अंदर पाया जाता है, जो कि कुत्ते और बिल्लियों के लिए बहुत ज्यादा आने कारक है। इसलिए कुत्ते और बिल्ली चॉकलेट नहीं खा सकते हैं।
* लगभग 200 साल तक कोको का पेड़ जीवित रहता है, लेकिन यह अपने पूरे कार्यकाल में सिर्फ 25 वर्ष तक ही कोको का उत्पादन करता है।
* कोको का प्रयोग चॉकलेट बनाने के लिए किया जाता है, एक पेड़ से हर वर्ष आधा किलो कोको लेने के लिए उस पेड़ की एक फसल ली जाती है।
* विश्व का सबसे अधिक पैसे वाला चॉकलेट बार लगभग 100 साल पुराना है, इस बार का नाम कैडबरी बार है, इसकी नीलामी 2001 में हुई थी उस नीलामी में इसे 687 डॉलर में बेच दिया गया था।
* अगर आप एक शुद्ध कोको खाते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद है, यह आपके मुंह में से आने वाली बदबू को काफी हद तक खत्म कर देता है।
* एक रिसर्च के अनुसार पूरे साल भर में लोग दुनिया भर में 7 बिलियन से अधिक चॉकलेट खा जाते हैं।
Disclaimer: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। यह कोई चिकित्य सलाह नहीं है। यदि आप किसी भी प्रकार के शारीरिक रोग से ग्रसित है और आपका इलाज चल रहा है तो कृपया करके उचित चिकित्सय विशेषज्ञ से परामर्श ले। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’