विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस हर वर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन पुस्तकों के महत्व, लेखकों के अधिकारों और पठन-पाठन की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा किया जाता है, जो वैश्विक स्तर पर साहित्यिक योगदानों को सम्मानित करता है।
यूनेस्को द्वारा आयोजित, विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस, जिसे विश्व पुस्तक दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वैश्विक उत्सव है। इस दिन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पढ़ने और लिखने के महत्व को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, यह विपुल अंग्रेजी साहित्य लेखकों और उनके योगदान की भी सराहना करता है जिन्होंने इतिहास पर अपनी छाप छोड़ी है। किताबें पढ़ना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें अपनी शब्दावली में सुधार करने, नैतिक मूल्यों को सीखने, अतीत से जुड़ने और सामान्य ज्ञान बढ़ाने में मदद मिलती है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के बारे में जानकारी
दिन का नाम : विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस
मनाया गया : 23 अप्रैल
कारण : पढ़ने, लिखने, प्रकाशन और साहित्य को बढ़ावा देना।
थीम 2025 :
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस इतिहास
इस दिवस की शुरुआत 1995 में यूनेस्को द्वारा की गई थी। 23 अप्रैल को चुने जाने का कारण यह है कि इस दिन कई महान साहित्यकारों का निधन हुआ था, जिनमें विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वांतेस और इंका गार्सिलासो डे ला वेगा शामिल हैं। यह दिन साहित्यिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो लेखकों के योगदान को याद करने और उनके कार्यों को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस महत्व
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस का उद्देश्य न केवल पठन-पाठन को प्रोत्साहित करना है, बल्कि लेखकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और प्रकाशन उद्योग के विकास को भी बढ़ावा देना है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि किताबें ज्ञान, संस्कृति और विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम हैं, जो समाज में संवाद और समझ को बढ़ावा देती हैं।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस 2025 की विशेषताएँ
वर्ष 2025 में, ब्राज़ील का रियो डी जेनेरो शहर को यूनेस्को द्वारा “वर्ल्ड बुक कैपिटल” घोषित किया गया है। इस पहल के तहत, शहर में पूरे वर्ष भर साहित्यिक कार्यक्रम, पुस्तक मेले, लेखन कार्यशालाएँ और पठन-पाठन को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य समाज में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देना और सामाजिक परिवर्तन के लिए पुस्तकों की शक्ति को उजागर करना है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाने की विधियाँ
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं:
पुस्तक मेले और साहित्यिक कार्यक्रम: स्कूलों, कॉलेजों और पुस्तकालयों में पुस्तक प्रदर्शनियाँ, लेखन प्रतियोगिताएँ और लेखक संवाद सत्र आयोजित किए जाते हैं।
पठन-पाठन अभियान: समाज में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक पठन सत्र और पुस्तक दान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कॉपीराइट जागरूकता: लेखकों और प्रकाशकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं।
डिजिटल माध्यमों का उपयोग: ऑनलाइन पुस्तक चर्चा, वेबिनार और ई-बुक्स के प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी इस दिन को मनाया जाता है।
पुस्तकों का इतिहास
किताबों में हमेशा चमकदार कवर और चिकने पन्ने नहीं होते थे, जैसे आज होते हैं। हज़ारों साल पहले प्रागैतिहासिक सभ्यताओं में जब लेखन प्रणाली विकसित की गई थी, तब मिट्टी की पट्टियों का इस्तेमाल किया जाता था। बाद में मानवता ने पपीरस का इस्तेमाल किया। आधुनिक किताबों से मिलती-जुलती चीज़ बनाने वाले पहले लोग तीसरी सदी में चीनी थे, क्योंकि यह कई मोटे, बांस के पन्नों को एक साथ जोड़कर बनाई गई थी।
फिर, 15वीं शताब्दी के मध्य में, जोहान्स गुटेनबर्ग ने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया, जिससे एक ऐसे युग की शुरुआत हुई जब किताबें उन सभी के लिए आसानी से उपलब्ध थीं जो उन्हें पढ़ना चाहते थे। उस शानदार आविष्कार की वजह से आज हम सभी शेक्सपियर, टॉल्स्टॉय और कई अन्य लेखकों की कृतियों का आनंद अपने घरों में आराम से ले पा रहे हैं। हालाँकि, उस दिन और किताबों के बीच संबंध सबसे पहले स्पेन में 1923 में बना था क्योंकि यह विलियम शेक्सपियर और प्रसिद्ध स्पेनिश इतिहासकार इंका गार्सिलसो डे ला वेगा दोनों के निधन का प्रतीक है।
विश्व की सबसे लोकप्रिय पुस्तक कौन सी है?
दुनिया में सबसे लोकप्रिय किताब बाइबल है। अनुमान है कि इस किताब की 5 बिलियन से ज़्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। इसके अलावा, बाइबल का 3500 से ज़्यादा भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है (या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से)। ईसाई धर्म और यहूदी धर्म में इसे पवित्र धर्मग्रंथ माना जाता है।दुनिया में सबसे ज़्यादा बिकने वाली किताब बाइबल है। अब तक इसकी 5-7 बिलियन से ज़्यादा किताबें बिक चुकी हैं। यह इसे मानव इतिहास में सबसे ज़्यादा वितरित की जाने वाली किताब बनाती है।
किताबें पढ़ने के लाभ
पुस्तकें पढ़ने के लाभ निम्नलिखित हैं:
यह आपके भाषाई कौशल में सुधार करता है, जिसमें व्याकरण, वाक्य संरचना, शब्दों का उपयोग और शब्दावली शामिल है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि किताबें पढ़ने से आप सहानुभूति महसूस कर सकते हैं क्योंकि हम किसी चरित्र के साथ संबंध विकसित करते हैं। पढ़ने का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह आपके तनाव और चिंता के स्तर को कम करता है और आपको चिंताओं से विचलित होकर उसमें लिखे शब्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस तेज-रफ़्तार दुनिया में, हर किसी ने अपनी नींद के शेड्यूल से समझौता कर लिया है, रात को सोने से पहले किताब पढ़ने से आपके दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और साथ ही आपको जल्दी नींद आने में भी मदद मिल सकती है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस न केवल पुस्तकों के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान समाज के विकास में कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन के माध्यम से हम लेखकों के योगदान को सम्मानित करते हैं और पठन-पाठन की संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। आइए, हम सभी इस दिवस को मनाकर ज्ञान के इस उत्सव में सहभागी बनें और समाज में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करें।