विश्व रक्तदाता दिवस स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले उन रक्त दाताओं को धन्यवाद करने का अवसर है, जो कई लोगों का जीवन बचाते हैं। इस साल 21वां विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है, और इसका नारा “दान का जश्न मनाने के 20 साल: रक्तदाताओं का धन्यवाद”!’‘ है। कई बार आपात स्थिति में एक्सीडेंट के दौरान या फिर ऑपरेशन या किसी अन्य कारण से खून की आवश्यकता जब मरीज को पड़ती है, ऐसे में रक्तदाताओं द्वारा दान किए गए खून से कई लोगों की जान बचाई जाती है। ऐसे ही ब्लड डोनर्स के महत्व और उन्हें धन्यवाद करने के लिए प्रति वर्ष 14 जून को ‘वर्ल्ड ब्लड डोनर डे‘ मनाया जाता है।
दुनिया भर के अधिकांश देशों में विश्व रक्तदान दिवस 14 जून को मनाया जाता है। इसे पहली बार 2004 में शुद्ध और सुरक्षित रक्त और अन्य रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था। यह दिन रक्तदाताओं को स्वीकार करने और स्वेच्छा से आगे आने और रक्तदान करने और ऐसा करके सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए धन्यवाद देने के लिए हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी सदस्य देशों द्वारा मनाया जाता है। रक्तदान मानव जाति के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक सेवा है। एक इंसान होने के नाते हमें दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिए। एक सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति 18-60 वर्ष की आयु के बीच आसानी से रक्तदान कर सकता है। बस याद रखें कि सही समय पर रक्तदान करने से दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है इसलिए रक्तदान में कभी भी संकोच न करें। इस लेख के जरिए हम आपको विश्व रक्तदान दिवस के बारें में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस लेख में हम आपको विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास,विश्व रक्तदाता दिवस महत्व, रक्तदाता दिवस 2024 थीम / World Blood Donor Day Theme, विश्व रक्तदाता दिवस कैसे मनाया जाता है?, विश्व रक्त दाता दिवस मनाने का उद्देश्य,(2004 to 2023) तक रक्तदाता दिवस की थीम, रक्तदान कौन कर सकता है? रक्त समूह की जानकारी रक्तदान के लाभ, रक्तदान करने के बाद क्या? इससे जुड़ी सारी सामग्री जानकारी उपलब्ध करा रहे है। इस लेख को पूरा पढ़े और डिटेल में इस दिन के बारें में जानें।
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के बारे में जानकारी
नाम : विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day)
तिथि : 14 जून
पहली बार : 14 जून 2004
शुरुआत : 2004 में WHO और ICRC द्वारा
उद्देश्य : लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना और रक्तदाताओं को धन्यवाद करने के लिए
मेजबान देश : अभी तय नहीं
थीम (2024) : “दान का जश्न मनाने के 20 साल: रक्तदाताओं का धन्यवाद!’
विश्व रक्तदाता दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना और स्वैच्छिक रक्तदाताओं को धन्यवाद करना है। यह दिवस 14 जून 1868 को जन्मे नोबेल पुरस्कार विजेता और “एबीओ रक्त समूह” की खोज करने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के लोगों से एकजुटता के भाव में रक्त दान करने का आह्वान करता है। आज भी कई लोगों को रक्त की आवश्यकता पड़ रही है ऐसे में एक बार फिर यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस यह सुनिश्चित करेगा कि सभी जरूरतमंद लोगों तक रक्त पहुंच सके और किसी की भी मौत रक्त के आभाव की वजह से ना हो।
ब्लड डोनर डे का इतिहास
विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ, और रेड क्रिसेंट समाज द्वारा वर्ष 2004 में की गई थी, जिसमें 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाए जाने की बात कही गई थी। जिसके बाद पहला विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून 2004 को मनाया गया था, और 2005 में इसे 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम के रूप में नामित किया गया।
कौन है ब्लड ट्रांसफ्यूजन को संभव बनाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर?
विश्व रक्तदाता दिवस कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) की जयंती के उपलक्ष में मनाया जाता है, उनका जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। वह एक ऑस्ट्रियाई जीव वैज्ञानिक, चिकित्सक और प्रतिरक्षा विज्ञानी थे, उन्हें आधुनिक रक्त आधान का संस्थापक माना जाता है उनके कारण ही रोगी के जीवन को खतरे में डाले बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन संभव हो पाया है। कार्ल ने ही “एबीओ ब्लड ग्रुप सिस्टम” की खोज की थी, जिसके लिए वर्ष 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
क्यों मनाया जाता है (उद्देश्य और महत्व)
दुनिया भर में रक्त की जरूरत को पूरा करने, लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने तथा स्वैच्छिक रक्त दाताओं का मनोबल बढ़ाने और उन्हें धन्यवाद देने के लिए हर साल विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है, क्योंकि इस अभियान से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के लिए सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करने वाले लोगों को प्रेरित करना। स्वेच्छा और बिना भुगतान वाले (बिना पैसे लिए) रक्त दाताओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करना। बीमारियों आपदाओं और दुर्घटनाओं से पीड़ित सभी उम्र के लोगों का जीवन बचाने के लिए सुरक्षित रक्त की आवश्यकता होती है, आपके द्वारा किया गया रक्तदान लोगों का जीवन बचाता है।
विश्व रक्तदाता दिवस 2024 का मेजबान देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) द्वारा अभी तक विश्व रक्तदाता दिवस 2024 के लिए मेजबान देश की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। चयन प्रक्रिया में आमतौर पर विभिन्न कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाता है, जिसमें रक्तदान के प्रति देश की प्रतिबद्धता और इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने की इसकी क्षमता शामिल है। इसलिए, जबकि अंतिम घोषणा का इंतजार है, आप जून के करीब WHO और ISBT की आधिकारिक वेबसाइटों की जाँच करके अपडेट रह सकते हैं। वे रक्तदाता दिवस 2024 के लिए आधिकारिक थीम के साथ-साथ चुने गए मेजबान देश की घोषणा करेंगे। रक्तदाता दिवस 2023 के वैश्विक कार्यक्रम की मेजबानी अल्जीरिया द्वारा की गई, जिसका प्रतिनिधित्व वहां की राष्ट्रीय रक्त आधान सेवा द्वारा किया गया ।
2022 में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे को मैक्सिको ने होस्ट किया था, तो वही 2021 की मेजबानी ‘इटली‘ ने की थी, तथा ग्लोबल इवेंट रोम में 14 जून 2021 को आयोजित हुआ। इससे पहले 2019 में अंतर्राष्ट्रीय रक्तदाता दिवस की मेजबानी रवांडा ने की थी। परंतु 2020 में Covid-19 के चलते डब्ल्यूएचओ द्वारा से डिजिटली मनाया गया था।
विश्व रक्तदाता दिवस 2024 की थीम
14 जून को मनाया जाने वाला ब्लड डोनर डे एक ख़ास थीम पर आधारित होता है। विश्व रक्तदाता दिवस 2024 का थीम है ‘दान का जश्न मनाने के 20 साल: रक्तदाताओं का धन्यवाद!’ यह थीम विश्व रक्तदाता दिवस की 20वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए चुनी गई थी और पिछले दो दशकों में रक्तदाताओं के निस्वार्थ योगदान के लिए उनके प्रति कृतज्ञता पर जोर देती है। यह चल रही चुनौतियों का समाधान करने और सुरक्षित रक्त आधान तक सार्वभौमिक पहुँच के लक्ष्य को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। विश्व रक्तदाता दिवस 2023 की थीम ““खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन बांटो, बार-बार बांटो” (Give blood, give plasma, share life, share often) है। तो वहीं पिछली साल 2022 की थीम “रक्तदान एकजुटता का कार्य है, प्रयासों में शामिल हों और जीवन बचाएं” (Donating blood is an act of solidarity. Join the effort and save lives) थी। इससे पहले 2021 की विषय Give blood and keep the world beating (खून दे और दुनिया को धड़काते रहे) था, जिसे रक्तदान करें और दुनिया के जीवन को बचाएं नारे के साथ मनाया गया। 2020 में विश्व रक्तदाता दिवस “सुरक्षित रक्त जीवन बचाता है” (Safe Blood Saves Life) थीम/स्लोगन के साथ मनाया गया था।
पिछले कुछ वर्षों में विश्व रक्तदाता दिवस की थीम
वर्ष थीम/स्लोगन
2023 खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन बांटो, बार-बार बांटो
2022 रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है। प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं।
2021 खून दे और दुनिया को धड़काते रहे।
2020 सुरक्षित रक्त जीवन बचाता है।
2019 सभी के लिए सुरक्षित रक्त।
2018 रक्त हमें सभी से जोड़ता है।
2017 रक्त देना, अभी देना ,अक्सर देना।
2016 रक्त हमें सभी से जोड़ता है
2015 मेरा जीवन बचाने के लिये धन्यवाद।
2014 माताओं को बचाने के लिये रक्त बचायें।
2013 जीवन का उपहार दें: रक्त-दान करें।
2012 हर खून देने वाला इंसान हीरो होता।
2011 अधिक रक्त, अधिक जीवन।2010 विश्व के लिये नया रक्त।
2009 रक्त और रक्त के भागों का 100% गैर-वैतनिक दान को प्राप्त करना।2008 नियमित रक्त दें।
2007 सुरक्षित मातृत्व के लिये सुरक्षित रक्त।
2006 सुरक्षित रक्त के लिये विश्वव्यापी पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्धता।
2005 रक्त के आपके उपहार को मनायें।
2004 रक्त जीवन बचाता है। मेरे साथ रक्त बचाने की शुरुआत करें।
कैसे तय होते हैं ब्लड ग्रुप?
आमतौर पर ब्लड ग्रुप 8 तरह के होते हैं A+, A-, B+, B-, O+, O-, AB+, AB-. किस व्यक्ति का क्या ब्लड ग्रुप है, रक्त कोशिकाओं की सतह पर A या B एंटीजन और Rh फैक्टर के आधार पर तय किया जाता है. Rh या तो पॉजिटिव होता है या नेगेटिव. ब्लड टाइप A में सिर्फ़ एंटीजन A होते हैं, ब्लड B में सिर्फ B, ब्लड AB में दोनों एंटीजन होते हैं और टाइप O में दोनों ही नहीं होते हैं. इस तरह लोगों के अलग-अलग ब्लड ग्रुप का पता चलता है।
कौन से ब्लड ग्रुप वाले किसे कर सकते हैं डोनेट?
* A+ ब्लड ग्रुप वाले A+ और AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना डोनेट कर सकते हैं।
* A- ब्लड ग्रुप वाले डोनर A+, AB+, A- और AB- ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना रक्त दे सकते हैं।
* B+ ब्लड ग्रुप वाले लोग B+ और AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना रक्तदान कर सकते हैं।
* B- ब्लड ग्रुप वाले डोनर B-, B+, AB- और AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को डोनेट कर सकते हैं।
* O+ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति A+, B+, AB+ और O+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को रक्तदान कर सकते हैं।
* O- ब्लड ग्रुप वाले यूनिवर्सल डोनर किसी भी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को डोनेट कर सकते हैं।
* AB+ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना रक्तदान कर सकते हैं।
* AB- ब्लड ग्रुप वाले लोग AB- और AB+ ब्लड ग्रुप वाले को डोनेट कर सकते हैं।
क्यों O Blood Group को कहते हैं यूनिवर्सल डोनर?
O ब्लड ग्रुप वाले लोगों में न तो एंटीजन A, B होते हैं और न ही RhD. इस कारण से ये ब्लड ग्रुप किसी भी अन्य ग्रुप में आसानी से मिक्स हो जाता है. यानी O ब्लड ग्रुप वालों का खून किसी को भी आसानी से चढ़ाया जा सकता है. इस कारण से इस ब्लड ग्रुप को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है. हालांकि सच्चा यूनिवर्सल डोनर O- है, क्योंकि ये ब्लड किसी को भी चढ़ाया जा सकता है. जबकि O+ ब्लड ग्रुप सिर्फ A+, B+, AB+ और O+ को ही चढ़ाया जा सकता है।
इस मौके पर आप क्या कर सकते हैं?
* अपने ब्लड ग्रुप का पता लगाएं और रक्तदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन करें।
* नियमित डोनर बनने का संकल्प लें और रक्तदान करें।
* अपने परिवार के लोगों मित्रों व सामाजिक नेटवर्क को नियमित रक्तदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करें।
विश्व रक्तदाता दिवस कैसे मनाया जाता है?
* भारत का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय विश्व रक्तदाता दिवस का नेतृत्व करता है और विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर लगाकर नियमित रक्त दाताओं से रक्तदान करने का आग्रह करता है।
* इसके अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप-जिला और जिला अस्पतालों तथा ब्लड बैंकों व विभिन्न स्तरों पर ब्लड ग्रुप टेस्ट करने के लिए उचित सुविधा तथा रक्त दाताओं को बधाई देने और प्रतिज्ञा लेने का समारोह भी आयोजित किया जाता है।
* इस दिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय संघ और रेड क्रीसेंट समाज और रक्तदान संगठनों और कई दूसरे संगठनों द्वारा वैश्विक स्तर पर लोगों को ब्लड डोनेशन के प्रति प्रोत्साहित करते हुए कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जाता है।
* साथ ही सार्वजनिक स्थलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और दूसरे शैक्षिक संस्थानों पर भी रक्तदान के लिए कैंप लगाए जाते हैं जहां लोग स्वेच्छा से आकर Blood Donate कर सकते हैं।
रक्तदान कौन कर सकता है? कुछ जरूरी बाते
आज भी दुनिया भर में लोगों के बीच रक्तदान को लेकर कई अलग-अलग भ्रम है कई लोग रक्तदान करते समय में काफी ज्यादा डरते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि ब्लड डोनेट करने से कोई खतरा नहीं होता, परन्तु आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
* पुरुष 3 महीने में और एक महिला 4 महीने में एक बार रक्तदान कर सकती है।
* रक्तदान करने के 21 दिन बाद आपका खून दोबारा बन जाता है।
* ब्लड डोनेट करने से किसी भी तरह की कमजोरी या फिर हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती।
* रक्तदान करने से पहले या बाद में शराब या धूम्रपान का सेवन ना करें साथ ही सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू गुटखा खाने से भी बचे।
* खून देने के बाद आपको अपने शरीर का खास ख्याल रखना होता है ऐसे में आप हेल्दी डाइट ही ले और अधिक से अधिक मात्रा में फल और जूस आदि का सेवन करें।
* Blood Donation के बाद कम से कम 12-18 घंटे के बाद तक हैवी एक्सरसाइज ना करें।
* इससे आपका वजन नियंत्रित तो होता ही है साथ ही लीवर भी स्वस्थ रहता है।
* 18 से 65 वर्ष वर्ष की आयु वाला कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है जिसे कोई भी संक्रमण या रोग ना हो साथ ही उसका न्यूनतम वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए।
* ऐसे लोग रक्तदान नहीं कर सकते जो एचआईवी या हेपेटाइटिसपॉजिटिव हो, 6-12 महीनों के दौरान दिल का दौरा पड़ा हो या हाल ही में मलेरिया हुआ हो अथवा कोई टैटू बनवाया हो।
कौन नहीं कर सकता ब्लड डोनेट
* गर्भवती महिलाओं को ब्लड नहीं डोनेट करना चाहिए. ज्यादातर गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित होती है. ऐसे में उनमें आयरन की और कमी हो सकती है।
* यदि किसी ने पिछले 3 माह के अंदर कान, नाक या दूसरे अंगे को छिदवाया है तो उसे रक्तदान नहीं करना चाहिए।
* कोई व्यक्ति यदि बुखार. सर्दी और जुकाम से जूझ रहा है तो उसे रक्तदान न करने की सलाह दी जाती है।
* यदि आप लंबे समय से किसी बीमारी के लिए दवाई ले रहे हो तो भी रक्तदान नहीं कर सकते।
* हाल ही में टैटू बनवाने वाले लोगों को भी रक्तदान नहीं करने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इससे संक्रमण का रिस्क रहता है।
* यदि आप हाई या लो ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं तो भी ब्लड नहीं डोनेट करना चाहिए।
* टीबी के मरीजों को भी रक्तदान नहीं करना चाहिए, ऐसा करने पर मरीज का रक्त पाने वाले इंसान में भी यह बीमारी पहुंच सकती है।
* एड्स के रोगियों का भी ब्लड दूसरे इंसान के नहीं चढ़ाया जाता।
रक्तदान करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
* हेल्दी भोजन करने के बाद ही ब्लड डोनेट करने के लिए जाएं।
* जिस दिन आपको ब्लड डोनेट करना है, उससे एक रात पहले भरपूर नींद लें।
* रक्तदान करने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर जाएं।
* यदि आप कोई दवाई का सेवन करते हैं, तो ब्लड डोनेट करने से पहले इसकी जानकारी दे दें।
* यदि आपको प्लेटलेट डोनेट करना है और आप एस्पिरिन खाते हैं, तो डोनेट करने से दो दिन पहले से ही इस दवा को खाना बंद कर दें।
* रक्तदान करने वाले स्थल पर टीशर्ट या ढीले कपड़े पहनकर ही जाएं, ताकि शर्ट की बाजू को आसानी से ऊपर किया जा सके।
रक्तदान से जुड़ी कुछ भ्रांतियां जिन्हें दूर करना जरूरी है
भ्रांति 1: इससे तकलीफ होगी।
सत्य : जब सुई शरीर में जाती है, तो हल्की चुभन होती है लेकिन यह बहुत हल्की और बहुत कम समय तक रहती है। रक्तदान के समय या कुछ देर बाद आप थोड़ी हरारत या सिर में हल्कापन सा महसूस कर सकते हैं।
भ्रांति 2: इसमें लंबा समय लगता है।
सत्य : पंजीकरण या उसकी जांच में अलग-अलग समय लगता है, लेकिन रक्तदान में कुल मिलाकर 8 से 10 मिनट ही लगते हैं। पंजीकरण के समय निजी सूचनाएं देनी होती हैं, जिन्हें गोपनीय रखा जाता है। इसके बाद रक्तदान विशेषज्ञ आपकी सूचनाओं के बारे में जांच करते हैं। पेय या जलपान के बाद कुछ समय में उबर कर आप जा सकते हैं। इस सब में हद से हद 40 मिनट लगते हैं।
भ्रांति 3: रक्तदान के समय मुझे इंफेक्शन हो सकता है।
सत्य : ब्लड स्टेराइल तकनीक से समुचित एंटीसेप्टिक्स और डिसइंफेक्टेंट्स के साथ लिया जाता है। सभी सुईं स्टेराइलज की जाती हैं और एक बार ही इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसे में रक्तजनिक इंफेक्शन की कोई आशंका नहीं रहती।
भ्रांति 4: रक्तदान से पहले या बाद में मुझे कोविड-19 संक्रमण हो सकता है।
सत्य : शोध से यह साबित हो चुका है कि कोविड-19 रक्तदान या रक्त देते समय नहीं होता।
भ्रांति 5: मेरा हेमोग्लोबिन कम हो जाएगा।
सत्य : किसी रक्तदान से पहले उंगली में सुईं चुभाकर हेमोग्लोबिन की जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि रक्तदान सुरक्षित है या नहीं। यदि हेमोग्लोबिन (Hemoglobin) कम पाया जाता है, तो उस दिन रक्त नहीं लिया जाता। ऐसे व्यक्ति को आयरन सप्लीमेंट्स और हरी सब्जियां लेने की सलाह दी जाती है।
भ्रांति 6: मुझे मधुमेह है लिहाजा मैं रक्तदान नहीं कर सकता।
सत्य : यदि रक्तदाता नियंत्रित ब्लड शूगर के साथ मुहं से हाइपोग्लाइसेमिक दवाएं लेता है तो वह रक्तदान कर सकता है। लेकिन इंसुलिन लेने वाले से रक्तदान नहीं कराया जाता।
भ्रांति 7: मुझे उच्च रक्तचाप है लिहाजा मैं रक्तदान नहीं कर सकता।
सत्य : यदि रक्तदाता नियंत्रित रक्तचाप के साथ नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की दवा ले रहा है और उसकी दवा में 1 माह से कोई परिवतर्न नहीं हुआ है तो रक्तदान कर सकता है।
भ्रांति 8: मैं साल में सिर्फ एक बार रक्तदान कर सकता हूं।
सत्य : रक्त धीरे धीरे खुद ब खुद बन जाता है। शरीर में रक्तदान के बाद जो प्लाज्मा चला जाता है वह 24 घंटे में फिर बन जाता है। लाल रक्त कण 4 से 6 सप्ताह में उसी स्तर पर आ जाते हैं। ऐसे में पुरुष हर 3 माह में और महिलाएं हर 4 चार माह बाद रक्तदान कर सकती हैं।
भ्रांति 9: मैंने कोविड का टीका लगाया है लिहाजा मैं रक्त नहीं दे सकता।
सत्य : कोविड का कोई भी टीका लगाया हो, उसके 14 दिन बाद रक्तदान किया जा सकता है।
भ्रांति 10: काफी लोग पहले ही रक्तदान कर चुके हैं, मेरी क्या जरूरत है।
सत्य : यह सबसे बड़ा झूठ और भ्रांति है। आप आगे बढ़कर रक्तदान करें क्योंकि यह एकजुटता दिखाने का श्रेष्ठ तरीका है। आइये, जीवन रक्षा करने के प्रयासों में शामिल हों।
दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि रक्तदान (Blood Donation) कितना महत्वपूर्ण है और रक्तदाता भी किसी भगवान से कम नहीं है,।प्रत्येक रक्तदान अमूल्य है और इसमें जीवन बचाने की क्षमता है। बार-बार रक्तदान को प्रोत्साहित करना एक सुरक्षित और विश्वसनीय रक्त आपूर्ति प्रणाली स्थापित करने के लिए आवश्यक है जो रोगियों की निरंतर आवश्यकताओं को पूरा कर सके। नियमित रक्तदान को बढ़ावा देकर, हम जरूरतमंद लोगों के लिए एक सुरक्षित और टिकाऊ रक्त आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते हैं।हम विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर उन सभी रक्तदाताओं को हार्दिक नमन और धन्यवाद करते हैं जिन्होंने निस्वार्थ और स्वेच्छा से रक्तदान किया है और करते आ रहे हैं। अगर आप भी रक्तदान के सभी मानकों को पूरा करते हैं तो आप भी ब्लड डोनेट कर सकते हैं आपका रक्तदान किसी के जीवन को बचाने में कारगर साबित हो सकता है।