साइकिल अपने आप में एक परंपरा है। हम सभी के पास अपने पड़ोस के बच्चों के साथ अपनी पसंदीदा साइकिल पर घंटियों और टोकरियों जैसे ऐड-ऑन के साथ सवारी करने की शौकीन यादें हैं। बड़े होकर, साइकिल चलाना एक संस्कार रहा है, और इसका महत्व केवल समय के साथ बढ़ता जाता है। चाहे वह एक बुनियादी दोपहिया वाहन हो, एक माउंटेन बाइक हो, या प्रशिक्षण पहियों वाला हो, विश्व साइकिल दिवस साइकिल चलाने के उत्साह का जश्न मनाता है। जिन साइकिलों को बंद कर दिया गया है, उन्हें धूल से उड़ा दिया जाता है और दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए निकाल दिया जाता है। कई लोग आज अपनी साइकिल पर काम करने के लिए आते हैं, जबकि अन्य इसे दैनिक परिवहन के साधन के रूप में खरीदने पर विचार करते हैं।
पिछली कुछ सदियों में दुनिया में ऐसे-ऐसे आविष्कार हुए हैं जिससे आज के युग की जीवन शैली में बहुत सकारात्मक असर हुआ है| ऐसे ही अविष्कारों में से एक है-बाइसिकल (Bicycle)| दो चलते पहियों में संतुलन बनाकर चलना उस समय मनुष्य के दिमाग की अद्भुत सोच रही होगी| इसी के आधार पर आगे चलकर मोटर बाइक को बनाया गया| आज के समय में वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाने से हम उस समय की कल्पना कर सकते हैं, जब मानवजाति ने अपना सफर आरामदायक बनाने की दिशा में दो-पहिया का आविष्कार कर पहला कदम रखा होगा| आइये जानते हैं विश्व बाइसिकल डे कब-कैसे मनाया जाता है (WORLD BICYCLE DAY) और क्या है इसका उद्देश्य:
वर्ल्ड बाइसिकल डे कब है
विश्व बाइसिकल दिवस हर साल 03 जून को मनाया जाता है| इस वर्ष 2024 में यह 03 जून को यानी आज सोमवार के दिन मनाया जा रहा है| 2024 में यह वर्ल्ड बाइसिकल डे सातवीं बार मनाया जा रहा है|
वर्ल्ड बाइसिकल डे कब से मनाते हैं और क्यों मनाते हैं
सयुंक्त राष्ट्र की सामान्य सभा (UN General Assembly) ने वर्ष 2018 में 03 जून को विश्व बाइसिकल दिवस (World Bicycle Day) मनाने की घोषणा की | यह प्रस्ताव के लाने के पीछे बाइसिकल का आसान होना, किफायती होना, पर्यावरण के नजरिये से साफ़ और स्वच्छ होना था| यात्रा करने का सबसे टिकाऊ और किफायती साधन होने के कारण बाइसिकल पिछली दो सदियों से इस्तेमाल की जा रही है| यह प्रदुषण-रहित आविष्कार अपनी विशिष्टता से लम्बे समय तक बिना किसी खर्च के उपयोग किया जाता है| मानव प्रगति और उन्नति के प्रतीक के रूप में साइकिल सहिष्णुता (tolerance), आपसी समझ और सम्मान, और सामाजिक समावेश (social inclusion) की संस्कृति को दर्शाता है| एक देश के प्रमुख से लेकर एक मामूली गरीब इंसान तक इसको चला सकता है|
बाइसिकल का इतिहास
यूरोपीय देशों में साइकिल के प्रयोग का विचार लोगों के दिमाग में 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ही आ चुका था, लेकिन इसे मूर्तरूप सर्वप्रथम सन् 1816 में पेरिस के एक कारीगर ने दिया. उस यंत्र को हॉबी हॉर्स, अर्थात काठ का घोड़ा, कहते थे. पैर से घुमाए जानेवाले क्रैंकों (पैडल) युक्त पहिए का आविष्कार सन् 1865 ई. में पैरिस निवासी लालेमें (Lallement) ने किया. इस यंत्र को वेलॉसिपीड (velociped) कहते थे. इसपर चढ़नेवाले को बेहद थकावट हो जाती थी. अत: इसे हाड़तोड (bone shaker) भी कहने लगे. इसकी सवारी, लोकप्रिय हो जाने के कारण, इसकी बढ़ती माँग को देखकर इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका के यंत्रनिर्माताओं ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण सुधार कर सन् 1872 में एक सुंदर रूप दे दिया, जिसमें लोहे की पतली पट्टी के तानयुक्त पहिए लगाए गए थे. इसमें आगे का पहिया 30 इंच से लेकर 64 इंच व्यास तक और पीछे का पहिया लगभग 12 इंच व्यास का होता था. इसमें क्रैंकों के अतिरिक्त गोली के वेयरिंग और ब्रेक भी लगाए गए थे।
कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत
अपनी पहली साइकिल प्राप्त करना और इसे चलाना सीखना लगभग हम सभी के लिए एक संस्कार है। सीखते समय साइकिल से गिरने के निशान और खरोंच के बावजूद, यह एक ऐसी स्मृति है जिसे हम हमेशा संजोते हैं। साइकिल चलाना काफी उपयोगी गतिविधि है, साइकिल चलाना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कायाकल्प कर रहा है, और अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए अच्छा है। संयुक्त राष्ट्र ने कई कारणों से विश्व साइकिल दिवस की स्थापना की। जितना बुनियादी है, समाज पर साइकिल का प्रभाव काफी परिवर्तनकारी है। यहां तक कि सबसे गरीब लोगों को भी साइकिल के साथ बुनियादी परिवहन की सुविधा मिलती है। यह सब तब शुरू हुआ जब अमेरिका में रहने वाले प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव को बढ़ावा देने के लिए अपने समाजशास्त्र वर्ग के साथ एक जमीनी अभियान शुरू किया, जो पूरी दुनिया में विनम्र साइकिल की वकालत और उत्सव के लिए एक दिन नामित करेगा। 2015 में, सिबिल्स्की ने खुद को एक अकादमिक परियोजना के लिए समर्पित कर दिया, साइकिल की खोज और विकास में उनकी भूमिका। उनकी परियोजना ‘सब के लिए सतत गतिशीलता’ द्वारा समर्थित एक बड़े आंदोलन में बदल गई और अंततः संयुक्त राष्ट्र द्वारा साइकिल को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित अंतरराष्ट्रीय दिवस निर्धारित किया गया। 12 अप्रैल, 2018 को, 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभी 193 सदस्य राज्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था। इस प्रस्ताव को तुर्कमेनिस्तान ने बहुत समर्थन दिया और लगभग 56 देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया। इसहाक फेल्ड द्वारा एक लोगो भी डिजाइन किया गया था, जिसमें प्रोफेसर जॉन ई। स्वानसन द्वारा बनाई गई एनीमेशन के साथ, दुनिया भर में विभिन्न प्रकार की साइकिलों पर साइकिल चलाने वाले साइकिल चालकों को दिखाया गया था। यहां संदेश यह है कि एक साधारण गर्भनिरोधक पूरी मानवता की सेवा करता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच की खाई को पाटता है। दो डिजाइनरों ने कारण के लिए वर्तमान नीले और सफेद लोगो को भी बनाया।
भारत में साइकिल का इतिहास
भारत में भी साइकिल के पहियों ने आर्थिक तरक्की में अहम भूमिका निभाई. 1947 में आजादी के बाद अगले कई दशक तक देश में साइकिल यातायात व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा रही. खासतौर पर 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी. यह व्यक्तिगत यातायात का सबसे ताकतवर और किफायती साधन था. गांवों में किसान साप्ताहिक मंडियों तक सब्जी और दूसरी फसलों को साइकिल से ही ले जाते थे. दूध की सप्लाई गांवों से पास से कस्बाई बाजारों तक साइकिल के जरिये ही होती थी. डाक विभाग का तो पूरा तंत्र ही साइकिल से चलता था. आज भी पोस्टमैन साइकिल से चिट्ठियां बांटते हैं।
साइकिल और इंसान के बीच अटूट बंधन
साइकिल लंबे समय से मनुष्य के जीवन का हिस्सा रही है। हालांकि, इस रिश्ते में साल दर साल बदलाव देखा गया है। आपने अपने मां-बाप या दादा-नाना से साइकिल से जुड़ी।कई कहानियां सुनी होंगी कि वे किस तरह स्कूल तक पहुंचने के लिए साइकिल से मीलों दूर का सफर तय करते थे। साइकिल ने उनके लिए दूर का सफर आसान बना दिया था। हालांकि, आज के ज़माने में लोग घंटों साइकिल चालकर इससे सेहत और वातावरण को पहुंचने वाले फायदों के बारे में जागरुकता फैलाते हैं।
विश्व साइकिल दिवस का विषय (थीम 2024) क्या है?
साइकिल एक विश्वसनीय टिकाऊ यातायात साधन होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक है विश्व साइकिल दिवस के लिये एक थीम निश्चित की जाती है।साइकिल चलाने के लाभों और सतत विकास में इसकी भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ हर साल विश्व साइकिल दिवस एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2024 के लिए चुनी गई विश्व साइकिल दिवस की थीम “साइक्लिंग के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य, निष्पक्षता और स्थिरता को प्रोत्साहित करना” है। इसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देना है।
पिछले वर्ष की थीम यहां सूचीबद्ध हैं।
वर्ष विषय
2019 200 से अधिक वर्षों से उपयोग की जा रही साइकिल की मौलिकता, विविधता और सहनशक्ति का जश्न मनाएं।”
2020 परिवहन के एक सरल, टिकाऊ, किफायती और विश्वसनीय साधन के रूप में साइकिल की विशिष्टता, बहुमुखी प्रतिभा और दीर्घायु।
2021 स्थायी भविष्य के लिए साइकिलें
2022 साइकिल के उपयोग की दीर्घायु, बहुमुखी प्रतिभा, विशिष्टता और सरलता को बढ़ावा देना
2023 स्थायी भविष्य के लिए एक साथ आगे बढ़ना”
विश्व बाइसिकल दिवस का प्रतीक चिन्ह
वर्ल्ड बाइसिकल डे के लिए प्रतीक चिन्ह “Isaac Feld” ने प्रोफेसर “John E.Swanson” के साथ मिलकर बनाया| यह लोगो दुनिया भर के साइकिल चालकों का प्रतीक है जिसका सन्देश यह दिखाता है कि साइकिल पूरी मानवता के लिए है और सभी के सेवा करती है|
विश्व साइकिल दिवस किन देशों में मनाया जाता है?
जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की तो उनके इस निर्णय का कई देशों ने समर्थन किया। इस दिन की शुरुआत को लेकर लेसजेक सिबिल्स्की ने कैंपेन चलाया था, जिसका तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों ने समर्थन किया था। हर साल विश्व साइकिल दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है, जिसके आधार पर दुनिया के तमाम देश विश्व साइकिल दिवस मनाते हैं।
साइकिलों का देश
कोई देश या शहर अपनी इमारतों या प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। मगर नीदरलैंड एकमात्र ऐसा देश है जो जाना जाता है बतौर साइकिलों का देश। दरअसल नीदरलैंड में सबसे अधिक साइकिल कल्चर है। यहां की सबसे खास बात यहां के लोगों का साइकिल प्रेम है। यहां की सरकार ने देश की प्राकृतिक सुंदरता को बचाने के लिए साइकिलों को काफी प्रमोट किया है। यही वजह है कि केवल आम नागरिक ही नहीं बल्कि नीदरलैंड के प्रधानमंत्री साइकिल से ही दफ्तर जाते हैं। नीदरलैंड का एम्स्टर्डम शहर साइक्लिस्ट का अड्डा कहा जा सकता है। जहां साइकिल वालों के लिए विस्तृत लेन भी बनाई गई है। यहां तकरीबन एक चौथाई सफर साइकिलों से ही तय किया जाता है। यहां 22,000 मील का साइकिल के लिए रास्ता बनाया गया है। न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि पर्यावरण की रक्षा के मामले में यह देश हर किसी से ऊपर है। जहां नागरिकों से ज्यादा संख्या में साइकिलें मौजूद हैं। इसे ‘सिटी ऑफ साइक्लिस्ट’ भी कहा जाता है। यहां की तकरीबन 52 प्रतिशत आबादी नियमित साइकिल चला रही है, यानी तेल की बढ़ती-घटती कीमत इन्हें परेशान नहीं करती।
बाइसिकल चलाने के फायदे
बाइसिकल चलाने से कई गंभीर बिमारियों से बचा जा सकता है, जैसे हार्ट अटैक, कुछ कैंसर के प्रकारों से, मोटापे से, डाईबेटिस आदि से| आज के समय में साइकिल को अपने जीवन में ढालकर हर किसी उम्र का व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है| मानव संचालित साइकिल चलाना सीखना भी एक कला है, लेकिन तैराकी की तरह एक बार सीखा व्यक्ति इसे शायद ही भूलता है| आज-कल का भाग-दौड़ वाला जीवन हमें अस्वस्थ और तनाव में रखता है, इससे दूर रहने के लिए हमें अपनी जीवन शैली बहुत आसान और बिना उलझी हुई बनाने की जरुरत है| महँगी कारों और जहाज़ों के बीच खड़ी साइकिल से हम प्रेरणा ले सकते हैं, जो अपने आविष्कार के दो सदी बाद भी अपनी महत्वता दर्शाने में सक्षम है|
* रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से पेट की चर्बी कम होती है. रोजाना सुबह के वक्त साइकिल चलाने से आपकी फिटनेस बरकरार रहती है।
* आप ये जानकार थोड़ा हैरानी होगी कि साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन आधा घंटा साइकिल चलाने से इम्यून सेल्स एक्टिव हो जाते हैं और बीमार होने का खतरा कम हो जाता है।
* लगातार साइकिल चलाना घुटने और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आराम पहुंचाता है।
* एक रिसर्च के अनुसार जो इंसान रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाता है उसका दिमाग साधारण इंसान के मुकाबले ज्यादा एक्टिव रहता है और ब्रेन पाॅवर बढने के चांसेज भी 15 से 20 प्रतिशत तक बढते है।
* साइकिल सबसे सस्ता साधन है. जहां आपको दूसरी गाड़ियों में तेल के लिए पैसे खर्च करेने होंगे. वहीं आपको साइकिल में ऐसा कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं है. स्वास्थ्य के साथ-साथ साइकिल आपके पैसे बचाने का काम भी करती है।
रोज 30 मिनट साइकिल चलाने के फायदे
* यदि आप नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलाते हैं तो इससे ना केवल ब्लड सेल्स और स्किन में ऑक्सीजन की पूर्ति होगी. बल्कि त्वचा साफ और चमकदार भी नजर आएगी.
* रोज 30 मिनट साइकिल चलाने से अनिद्रा की समस्या भी दूर हो सकती है. यदि आपको नींद ना आने की समस्या है तो ऐसे में आप नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलाएं.
* नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलाने से शरीर एक्टिव रहता है. साथ ही व्यक्ति के इम्यून सेल्स भी ज्यादा एक्टिव रहते हैं, जिससे व्यक्ति जल्दी बीमारियों की चपेट में नहीं आता है.
* 30 मिनट साइकिल चलाने से याददाश्त में तेजी आती है, इससे अलग मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं.
* 30 मिनट साइकिल चलाने से व्यक्ति की शारीरिक पावर भी बढ़ती है इसके अलावा शरीर की सारी मांसपेशियां स्वस्थ और मजबूत रहती हैं.
वर्ल्ड बाइसिकल के बारे में तथ्य
1. बाइसिकल का आविष्कार किसने किया?
* “Baron Karl von Drais”,1817
इन्होनें अपना डिज़ाइन Laufmaschine (Running machine) 1818 में पेटेंट कराया, जो पहली व्यावसायिक रूप से सफल दो पहिया मानव चालित मशीन थी| लेकिन इसमें किसी प्रकार पेडल या यांत्रिकी ड्राइव का कोई अन्य साधन नहीं था|
2. बाइसिकल में पेडल का आविष्कार
* “Pierre Michaux” द्वारा साइकिल की गतिशीलता में सुधार के लिए पेडल को जोड़ने के साथ 1860 के दशक की शुरुआत में साइकिल क्रांति शुरू हुई|
3. मेटल-फ्रेम बाइसिकल
* 1885 में, पूरी दुनिया में बाइसिकल की सफलता तब फैल गई जब John Kemp Starley की “safety bicycle” में metal frame, rear wheel chain drive और pneumtaic wheels शामिल किये गए|
4. विश्व की सबसे पुरानी साइकिल रेस
* “Tour De France” टूर डी फ्रांस
साइकिल से जुड़े फैक्ट्स
साइकिल दूसरा ऐसा ट्रांसपोर्ट है, जो वातावरण के लिए फायदेमंद माना जाता है, पहला है चलना। भारत में, साइकिलें केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत नहीं आती हैं और इसके लिए लाइसेंस, पंजीकरण, सड़क कर और बीमा की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, साइकिल चालक पर समान यातायात नियम लागू होते हैं।
नंबरों के द्वारा
12.4% – नियमित रूप से साइकिल चलाने वाले सभी अमेरिकियों का प्रतिशत।
35 सीटें – अब तक की सबसे लंबी टंडेम बाइक पर सीटों की संख्या।
67 फीट – अब तक की सबसे लंबी अग्रानुक्रम बाइक की लंबाई।
364,000 – प्रतिदिन उत्पादित साइकिलों की संख्या।
$6.2 बिलियन – अमेरिकी साइकिल बाजार का अनुमानित आकार।
47,670 – प्रतिदिन बिकने वाली साइकिलों की संख्या।
2.5x – उत्पादन संख्या जिसके द्वारा साइकिल कारों की तुलना में अधिक हैं।
10 में से 9 – डेनमार्क में उन लोगों की संख्या जिनके पास साइकिल है।
15 मिलियन – हर साल मालिकों द्वारा छोड़ी गई साइकिलों की संख्या।18% – यूके द्वारा आयातित साइकिलों का प्रतिशत।
विश्व साइकिल दिवस की तिथियां
साल दिनांक दिन
2022 जून 3 शुक्रवार
2023 जून 3 शनिवार
2024 जून 3 सोमवार
2025 जून 3 मंगलवार
2026 जून 3 बुधवार
लोग साइकिल को क्यों पसंद करते हैं
बहुत अच्छा व्यायाम है : दुनिया भर में लाखों लोग अपने परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में साइकिल का उपयोग करते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें अपने दैनिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में शारीरिक गतिविधि की एक स्वस्थ खुराक मिलती है। विश्व साइकिल दिवस उनके साथ जुड़ने का दिन है (यदि आप पहले से हर दिन बाइक नहीं चलाते हैं!) इतिहास के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में से एक के विशेष उत्सव के रूप में।
यह पर्यावरण के लिए अच्छा है : साइकिल चलाने के लिए केवल पैर की शक्ति (या शायद पेडल पावर) की आवश्यकता होती है। और हवा को रोकने और स्मॉग करने के लिए कोई गंदा निकास धुंआ नहीं है।
यह सामाजिक है : हम सड़क साझा करते हैं – और आपके रोमांच की भावना को साझा करते हैं – आपके साथी साइकिल चलाने वाले समान दिमागों के साथ।
आप भी 3 जून को साइकिल दिवस बनाना न भूले और साथ ही साथ और दूसरे लोगों को भी साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करें ताकि इससे हमारे पर्यावरण की रक्षा हो सके और लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सभी को और साइकिल के बंद हो रहे कल्चर को फिर से चालू किया जा सकें। आज ‘विश्व साइकिल दिवस’ के अवसर पर आप भी अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए संकल्प लीजिये कि आप भी रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाएंगे।