क्या आप मुश्किल से मुश्किल योग मुद्रा करने के बावजूद शवासन नहीं करते है?अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं और स्वस्थ रहने के लिए नियमित योगाभ्यास करती हैं ,तो बेहतर परिणामों के लिए आपको इसका सही रुटीन पता होना चाहिए।
योग में शवासन सबसे आसान मुद्रा मानी जाती है। लेकिन अगर आप व्यायाम करने के बाद इसे नहीं करते हैं, तो यह गलत है। इस आसन में एक मृत शरीर की भांति लेटे रहना पड़ता है। अक्सर समय की कमी के कारण अधिकांश लोग इस आसन को स्किप कर देते हैं। जबकि ऐसा करना सही नहीं है। योगासन करने के बाद अपने थके हुए शरीर को थोड़ी देर विश्राम देने के लिए शवासन करना जरूरी है। एक सही योगासन का चक्र मुद्राओं के साथ शुरू होकर विश्राम पर अंत होना चाहिए।
क्या है शवासन?
यह योग विज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण आसन है। आम धारणा है कि शवासन बेहद सरल आसन है। जबकि हकीकत यह है कि शवासन योग विज्ञान के सबसे कठिन आसनों में से एक है। ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है, लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता। इसमें अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है। शवासन योग सेशन के बाद किया जाता है। इसे करने से डीप हीलिंग के साथ ही शरीर को गहराई तक आराम भी मिलता है। इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो। शवासन का अभ्यास आपको ताजगी और ऊर्जा भी देगा।
कैसे करें शवासन?
सबसे पहले अपने योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। ये सुनिश्चित करें कि आसन करने के दौरान कोई भी आपको डिस्टर्ब न करे। किसी तकिये या कुशन का इस्तेमाल न करें। सबसे अच्छा यही है कि आप जमीन पर लेटें।
अपनी आंखें बंद कर लें।
अब दोनों टांगों को एक दूसरे से अलग-अलग कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हों और आपके पैरों के दोनों अंगूठे अपनी साइड की तरफ मुड़े हो।
आपके हाथ आपके शरीर से थोड़ी दूरी पर हो। अपनी हथेलियों को खुला, लेकिन ऊपर की तरफ रखें।
अब धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की तरफ ध्यान देना शुरू करें, शुरुआत पैरों के अंगूठे से करें। जब आप ऐसा करने लगें, तो सांस लेने की गति एकदम धीमी कर दें। धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे।
ध्यान रहे जैसे ही आपको आलस या उबासी आए सांस लेने की गति तेज कर दें। आपको शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं है।
यह आपको धीरे-धीरे पूरी तरह रिलैक्स करने लगेगा। मन में सोचें कि जब आप सांस ले रहे हैं, तो वह पूरे शरीर में फैल रही है। लेकिन जब आप सांस छोड़ रहे हैं, तो शरीर शांत होता जा रहा है। आपका फोकस सिर्फ खुद और अपने शरीर पर ही रहेगा। ध्यान दें आपको सोना नहीं है।
10-12 मिनट के बाद, जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए और नई ताजगी को महसूस करने लगे तो, बाईं तरफ करवट ले लें। दोनों आंखों को बंद रखें। एक मिनट तक इसी स्थिति में लेटें रहें। इसके बाद धीरे-धीरे उठें और फिर पालथी मारकर या सुखासन में बैठ जाएं।
कुछ गहरी सांसें लें और धीरे-धीरे आंखें खोल दें।
शवासन करते समय रखें इन बातों का ख्याल
शवासन को करना बेहद सुरक्षित है और कोई भी इसका अभ्यास कर सकता है। लेकिन अगर डॉक्टर ने किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से आपको पीठ के बल लेटने से मना किया है, तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें।