रोज की तनावपूर्ण, दौड़-भाग भरी जिंदगी से निकलकर अपने परिवार व बच्चों के साथ सुकून के दो पल गुजारने के लिए, लोग छुट्टियों होने पर घूमने को निकल पड़ते हैं| आजकल तो पर्यटन के प्रति लोगों का रुझान इतना बढ़ गया है कि लोग अकेले यात्रा करने से भी परहेज नहीं करते। टूरिज्म के महत्व को समझते हुए और इसे और अधिक बढ़ावा देने के लिए विश्व में एक दिन विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। घूमने फिरने वालों के लिए भारत एक अच्छा पर्यटन क्षेत्र है। विविधताओं से भरा ये देश सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है हर साल लाखों लोग भारत की यात्रा के लिए आते हैं। टूरिज्म मंत्रालय द्वारा जार एक डाटा के अनुसार 2017 में करीब 10.04 मिलियन फॉरन टूरिस्ट भारत घूमने आए थे। हर साल ये नंबर बढ़ता जा रहा है। इस तरह टुरिस्ट संख्या बढ़ने से भारत में टूरिज्म के क्षेत्र में रोजगार की बढ़ौतरी हो रही है। ये भी एक अहम कारण है की विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। आइए इस दिवस के बारे में थोड़ा और विस्तार से जाने।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 27 सितंबर को दुनियाभर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है, इसकी शुरुआत UNWTO ने वर्ष 1979 में की थी जिसके बाद 27 सितंबर 1980 को पहला वर्ल्ड टूरिज्म डे मनाया गया। इस साल 2024 में 44वां पर्यटन दिवस 27 सितम्बर को शुक्रवार के दिन टूरिज्म और पीस यानी पर्यटन-शांति थीम के साथ मेजबान देश जर्जिया में आयोजित किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से वैश्विक महामारी कोरोनावायरस/कोविड-19 के चलते पर्यटकों पर आश्रित देशों की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है, और इससे जुड़े लोगों की आजीविका पर इसका सीधा असर पड़ा है। ऐसे में यह दिवस मनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1980 में हुई थी और उसी साल पहला विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया था। 1980 में मनाए गए विश्व पर्यटन दिवस को एक थीम के साथ मनाया गया था जो थी “सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और शांति और आपसी समझ के लिए पर्यटन का योगदान” तभी से हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया गया। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य टूरिज्म के प्रभाव को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाना है। टूरिज्म दुनिया को आपस में जोड़ता है और एक दूसरे कल्चर के बारे में ज्ञान देता है इतना ही नहीं इस दिवस को सतत विकास के 2030 के एजेंडे में दी गई वैश्विक चुनौती के बारे में जागरुकता फैलाता है। इसकी के साथ पर्यटन उद्योग और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ाता है। इस दिवस की शुरुआत यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन – यूएनडब्लूटीओ द्वारा की गई थी।
वर्ल्ड टूरिज्म डे के बारे में जानकारी
नाम : विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day)
शुरूआत : 1980
तिथि : 27 सितंबर (वार्षिक)
उद्देश्य : दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व और इसके लाभ के प्रति जागरूक करना।
थीम 2024 में : टूरिज्म और पीस यानी पर्यटन-शांति
रंग : नीला
होस्ट कंट्री : जॉर्जिया
विश्व पर्यटन दिवस कब मनाया जाता है
पर्यटन के प्रति लोगों के बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए सयुंक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संस्था (United Nation World Tourism Organisation) ने 27 सितम्बर 1980 को हर वर्ष विश्व पर्यटन दिवस मनाने का निर्णय लिया| 27 सितम्बर की तिथि को उस दिन के रूप में चुना गया था जब 1970 में UNWTO की विधियों को अपनाया गया| इन कानूनों को अपनाना वैश्विक पर्यटन के लिए एक मील का पत्थर माना जाता है| 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाए जाने का विचार प्रस्तावित करने का श्रेय एक नाइजीरियन नागरिक, स्वर्गीय इग्नेशियस अमादुवा अतिग्बी को जाता है| इन्हें आखिरकार 2009 में उनके योगदान के लिए पहचान मिली|
विश्व पर्यटन दिवस का महत्व
इस दिन का उद्देश्य लोगों को पर्यटन के महत्व को समझाना, पर्यटन के प्रति लोगों को जागरूक करना और अधिक से अधिक लोगों को पर्यटन उद्योग से जोड़ना है| इसके साथ विदेश पर्यटकों को अपने देश आने के लिए प्रोत्साहित करने या आकर्षित करने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है| इससे न केवल देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी बल्कि लोगों में आपसी बंधन को भी मजबूत करेगी| वर्ल्ड टूरिज्म डे विश्व भर के लोगों को यह बात भी समझाने के लिए मनाया जाता है कि किस प्रकार पर्यटन वैश्विक रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनितिक और आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने तथा आपसी समझ व परस्पर सहयोग को बढ़ाने में सहायता कर सकता है|
विश्व पर्यटन दिवस की शुरूआत कैसें हुई? (इतिहास)
वर्ष 1980 से ही हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है इसकी स्थापना वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संस्था (UNWTO) द्वारा की गई थी, जो वर्ष 1970 में यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज़्म ओर्गेनाइजेशन (UNWTO) के संविधान को स्वीकारे जाने की तारीख को दर्शाता है। जिसके बाद वर्ष 1976 में UNWTO की स्थापना हुई जिसका मुख्यालय मेड्रिड, स्पेन में है। वर्ष 1979 में पर्यटन के बढते रुझान को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संस्था (UNWTO) ने 1980 से हर वर्ष 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे मनाने का फैसला किया गया था। जिसका मकसद लोगों को पर्यटन के प्रति प्रोत्साहित करना और इसका महत्व बताना था।
वर्ल्ड टूरिज्म डे क्यों मनाया जाता है?
विश्व पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यटन के महत्व को समझाना, इसके प्रति लोगों को जागरूक करना और अधिक से अधिक लोगों को पर्यटन उद्योग से जोड़ना है। इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों को अपने देश आने के लिए प्रोत्साहित या आकर्षित करना तथा पर्यटन से अपने देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करना भी इसका मक़सद हो सकता है। वर्ल्ड टूरिज़्म डे विश्वभर के लोगों को यह बात भी समझाने के लिए मनाया जाता है कि किस प्रकार कोई देश पर्यटन की मदद से उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तिथि को ऊपर ले जाने और उबारने में सहायता प्रदान करता है।
विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम
हर साल विश्व पर्यटन दिवस पर संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है। जो प्रमुख पर्यटन से संबंधित स्थिरता पर केंद्रित होती है। इस बार यानी की साल 2024 में ‘पर्यटन और शांति’ थीम रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य पर्यटन में बदलाव लाना, रोजगार पैदा करना, समावेश को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। विश्व पर्यटन दिवस 2023 की थीम टूरिज़्म एंड ग्रीन इन्वेस्टमेंट्स है वर्ष 2022 में पर्यटन पर पुनर्विचार’ (Rethinking Tourism) था। जो महामारी के बाद पर्यटन उद्योग में हुए बदलाव पर पुनर्विचार करने को प्रेरित करता है। तो वहीं वर्ल्ड टूरिज़्म डे 2021 की थीम “समावेशी विकास के लिए पर्यटन” (Tourism for Inclusive Growth) थी और 2020 का विषय “Tourism and Rural Development” (पर्यटन और ग्रामीण विकास”) थी।
* साल 2019 के World Tourism Day की Theme “Tourism And Jobs :A better future for all”थी और 2018 की थीम “Tourism and Digital Transformation” थी।
* सन् 1980 में प्रथम पर्यटन दिवस “Tourism contribution for conservation for cultural heritage and peace and mutual understanding” थीम के साथ मनाया गया था।
2024 का मेजबान देश कौन है?
हर साल United Nation World Tourism Organisation (UNWTO) द्वारा किसी एक देश को पर्यटन दिवस की मेजबानी के लिए चुना जाता है इस साल 2024 में जॉर्जिया को होस्टिंग कंट्री चुना गया है। साल 2023 में रियाद (सऊदी अरब) को होस्टिंग कंट्री चुना गया था। तो वहीं पिछली साल 2022 के लिए Hosting Country “बाली, इंडोनेशिया थी। हालांकि 2020 में इसके इतिहास में पहली बार, इस आधिकारिक उत्सव की मेजबानी देशों के समूह द्वारा की गयी थी जिसके लिए मर्कोसुर राष्ट्रों (अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे, उरुग्वे, और चिली) को चुना गया, जो अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को दर्शाता है।
साल 2019 में वर्ल्ड टूरिज्म डे की मेजबानी के लिए भारत को चुना गया था। इस अवसर पर UNWTO ने एक Poster Release किया था जिसमें भारत के Traditional Dance Pose को दर्शाया गया था। जो शिक्षा, कौशल और रोजगार पर केन्द्रित थी।
कैसे मनाया जाता है?
वर्ल्ड टूरिज्म डे को दुनियाभर में बड़े उत्साह से मनाया जाता है लेकिन यह दिन उन लोगों के लिए और भी ज्यादा खास हो जाता है जो लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए है। इस दिन हर राज्य की सरकारें अपने-अपने राज्य में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देते हुए अपने राज्य में आने का बुलावा देती है। पिछली साल का मेजबान भारत था इसीलिए भारत के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है भारत इस दिन के जरिए अपने पर्यटन शक्ति को विदेशों तक पहुंचा सकता है। इस दिन किए जाने वाले कार्यक्रमों के जरिए पर्यटन से संबंधित जानकारियाँ देकर पर्यटन के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
पर्यटन से होने वाले लाभ
* किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास में पर्यटन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
* इससे होने वाली कमाई किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को ऊपर ले जाने मे काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
* लोगों को उनके गाँव या शहर में ही रोजगार मिलता है जिससे उनका जीवन अच्छे से व्यतीत होता है।
* इसकी मदद से लोग दूसरे देशों की भाषा, खान-पान, संस्कृति, रहन-सहन और वहां का इतिहास आदि पता चलता है।
* पर्यटन तनाव और भाग दौड़ से दूर करके बिना रोक-टोक और आनंदित जीवन जीने का मौका देता है।
* उद्योग की नजर में पर्यटन भारत का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग है।
* भारत में लगभग 6% रोजगार पर्यटन से ही मिलता है।
विदेशी पर्यटकों को बढावा देने के लिए “अतिथि देवो भव:” तथा “अतुल्य भारत” (Incredible India) जैसे कार्यक्रमों सरकार द्वारा चलाए जा रहे है जिनका मकसद पर्यटन के मूल्यों को दुनिया तक पहुचाना है
भारत का राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कब होता है?
भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस यानी National Tourism Day हर वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है। भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा लोगों को पर्यटन की Importance को बताने तथा उन्हें पर्यटन के उद्योग की ओर अग्रसर करने के लिए और नए रोजगार के मौके तलाशने के उद्देश्य से 25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत में इस दिन का एक विशेष महत्व है क्योंकि भारत के अधिकतर लोग पर्यटन पर ही निर्भर है भारत पर्यटन की नजर से काफी धनी देश है यहां दिल्ली, काशी, हरिद्वार, वाराणसी, लेह लद्दाख, केरल, गोवा, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और आगरा में स्थित ऐतिहासिक किले, बोद्ध गया, अजंता की गुफाएं, शिमला, मथुरा, मसूरी आदि अनेक स्थानों पर पर्यटकों का पूरे साल तांता लगा रहता है। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में लगने वाले कुंभ और उज्जैन में होने वाले अर्ध कुंभ मेले को देखने के लिए भी दुनिया भर से भारी मात्रा मे लोग भारत आते हैं। भारत में स्थित कुछ धार्मिक पर्यटन स्थलों के बारें मे आपको बताए तो इसमें चार धाम यात्रा, बारह ज्योतिर्लिंग, वैष्णो देवी यात्रा, केदारनाथ धाम, अमरनाथ यात्रा, कैलाश मान सरोवर, दक्षिण भारत में स्थित अनेक पौराणिक भव्य मंदिर, पवित्र हिमालय दर्शन आदि मुख्य हैं।
विश्व पर्यटन दिवस पर जानिए दुनिया के सात अजूबे के बारे में
इनकी कहानी भी दिलचस्प है। सात अजूबों में से एक भारत में स्थित है और बाकी 6 अलग-अलग देशों में. आइए जानते हैं इनके बारें में खासियत…
1. ताजमहल, भारत
ताजमहल भारत का इकलौती ऐसी धरोहर है, जो सात अजूबों में शामिल है. उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे यह स्थित है. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में इसका निर्माण करवाया था. यह सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है. ताजमहल प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इसका निर्माण 20,000 कारीगरों ने किया था।
2. ग्रेट वॉल ऑफ चाइना
चीन की दीवार सात अजूबों में से एक है. चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने इस दीवार का निर्माण कराया था. करीब 20 साल में 21,196 किलोमीटर की लंबी और विशाल दीवार का निर्माण पूरा हुआ था. इस दीवार के निर्माण के पीछे अपने साम्राज्य की रक्षा करना था. ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पृथ्वी पर सबसे लंबा कब्रिस्तान भी माना जाता है. बताया जाता है कि इसके निर्माण में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।
3. क्राइस्ट द रिडीमर, ब्राजील
ब्राजील का 125 फीट लंबी क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में से एक है. हेटर दा सिल्वा कोस्टा की डिजाइन पर इसका निर्माण ब्राजील में नहीं बल्कि फ्रांस में किया गया था. यह मूर्ति एक पहाड़ की चोटी पर है. साल में तीन से चार बार बिजली इस मूर्ति से टकराती है।
4. चिचेन इट्जा, मैक्सिको
मैक्सिको का चिचेन इट्जा भी सात अजूबों में शामिल है. यह माया सभ्यता से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर है. इसे मैक्सिको का सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थल माना जाता है. इसका इतिहास 1200 साल से भी ज्यादा पुराना है. इतिहास के मुताबिक, 9वीं से 12वीं शताब्दी के मध्य पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों ने इसका निर्माण करवाया था. यहां कई पिरामिड, मंदिर, खेल के मैदान और कॉलम हैं. इसकी खासियत यह है कि यहां अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं।
5. कालीजीयम, इटली
इटली में स्थित कालीजीयम का निर्माण सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने करवाया था. कहा जाता है कि 70 ईसवी और 82 ईसवी के मध्य इसका निर्माण हुआ था. इसे बनाने में करीब 9 साल का वक्त लगा. रोम का यह कालीज़ीयम दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन एम्फीथिएटर है. कहा जाता है कि इसके अंदर करीब चार लाख लोग मारे गए थे।
6. माचू पिच्चू, पेरू
दक्षिण अमेरिकी के पेरू में स्थित माचू पिच्चू को ‘इंकाओं का खोया हुआ शहर’ कहा जाता है. यह पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय भी है. साल 1983 में यूनेस्को ने माचू पिच्चू को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था. यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
7. पेट्रा, जॉर्डन
पेट्रा जॉर्डन का एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से कराया गया है. इसी रंग के कारण पेट्रा रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है. पेट्रा में कई मंदिर और मकबरें हैं. यह भी दुनिया का एक अजूबा है।
विश्व पर्यटन दिवस पर भारत के प्रमुख पर्यटक स्थल!
गोवा : गोवा हर किसी के मनपसंद पर्यटन स्थल की लिस्ट में सबसे ऊपर होता है। गोवा की खासियत है वहां के बीच और ओल्ड गोवा में स्थापित औपनिवेशिक स्थापत्य कलाओं के नमूने।
मुम्बई : सपनों की नगरी मुम्बई की खासियत है, बॉलीवुड, शॉपिंग व औपनिवेशिक स्थल।
आगरा : दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज महल का वासस्थल आगरा, आगरा किले के लिए भी देश विदेश में प्रसिद्द है।
बेंगलुरु : भारत के सिलिकॉन वैली की खासियत है, बैंगलोर पैलेस और लालबाग़।
चेन्नई : देश के दक्षिण हिस्से के मेट्रो शहर चेन्नई की खासियत है, कपिलेश्वर मंदिर और सेंट जॉर्ज का किला।
जयपुर : गुलाबी शहर जयपुर की खासियत है, यहाँ स्थित 18वीं सदी की वेधशाला जंतर मंतर और ऐतिहासिक किले।
हैदराबाद : बिरयानी के लिए मशहूर शहर हैदराबाद की खासियत है, यहाँ का चार मीनार, गोलकोंडा किला व सालार जंग म्यूजियम।
शिमला : गर्मियों के दिनों में सबसे मनपसंद पर्यटक स्थलों में से एक शिमला की खासियत है, यहाँ का मॉल रोड और औपनिवेशिक इमारतें।
ऊटी : दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्द हिल स्टेशन, ऊटी की खासियत है यहाँ के बाग़, झीलें व पहाड़ी पर्यावरण। मनपसंद हनीमून पर्यटन स्थलों में से भी एक है।
कोलकाता : “सिटी ऑफ़ जॉय” कोलकाता की खासियत है, यहाँ का औपनिवेशिक इतिहास व मदर टेरेसा का मकबरा।
मनाली : हिमाचल प्रदेश के बर्फीले क्षेत्र मनाली की खासियत है, यहाँ का हिडिम्बा मंदिर, हिमालय पर्वत की ऊँची ऊँची चोटियां, स्कीइंग और ट्रैकिंग।
दार्जीलिंग : पश्चिम बंगाल के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल दार्जीलिंग की खासियत है, यहाँ के चाय के बागान, प्राकृतिक खूसबसूरती व टॉय ट्रैन का सफ़र।
पांडिचेरी : पांडिचेरी की खासियत है, यहाँ के फ्रेंच क्वार्टर और पैराडाइस बीच
लेह, लद्दाख : पर्यटकों की सबसे पहली पसंद, लेह लद्दाख पूरा का पूरा ही खास है, पर यहाँ के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं यहाँ के झील, मठ और लेह महल।
मुन्नार : मुन्नार की खासियत है यहाँ का एराविकुलम नेशनल पार्क और नल्लाथन्नी टी म्यूजियम।
मैसूर : मैसूर की खासियत है, यहाँ का मैसूर महल और यहाँ स्थित मंदिर।
कोडाइकनाल : कोडाइकनाल की यह खासियत है कि यह पूरा शहर खूबसूरत कोडाइकनाल झील के चारो तरफ बसा हुआ है।
पुणे : पुणे की खासियत है, यहाँ की ट्रैकिंग पहाड़ियां, कई हिन्दू मंदिर, म्यूजियम और आग़ा खान महल।
उदयपुर : राजस्थान के ऐतिहासिक शहर उदयपुर की खासियत है, यहाँ का पिछोला झील और राजसी महल।
कोच्ची : कोच्ची की खासियत है, यहाँ का फोर्ट कोच्ची और परदेसी सिनागोग।
दिल्ली : देश के दिल यानि की देश की राजधानी दिल्ली की खासियत है, यहाँ के ऐतिहासिक स्मारक, यहाँ के बाज़ार और राजपथ।
नैनीताल : नैनीताल की खासियत है, यहाँ का झील और झील किनारे स्थापित माउंटेन रिसॉर्ट्स।
अहमदाबाद : गुजरात के प्रमुख शहर अहमदाबाद की खासियत है, यहाँ का गाँधी आश्रम, पोल्स और कैलिको म्यूजियम।
चंडीगढ़ : देश के सबसे व्यवस्थित शहर, चंडीगढ़ की खासियत है यहाँ के बाग़ और यहाँ का कैपिटील काम्प्लेक्स।
कन्याकुमारी : देश के सबसे अंतिम शहर कन्याकुमारी की खासियत है, यहाँ का भगवती मंदिर, गाँधी मंडपम और समुद्र के बीच में स्थापित विवेकानंद रॉक मेमोरियल।
तिरुवनंतपुरम : तिरुवनंतपुरम की खासियत है, यहाँ स्थापित कुटीर मलिका महल और नैपियर म्यूजियम।
गंगटोक : सिक्किम की राजधानी गंगटोक की खासियत है, यहाँ के बौद्धिक स्थल, हाईकिंग स्थल और रोपवेस।
वाराणसी : देश की धार्मिक राजधानी वाराणसी की खासियत है, यहाँ का गंगा घाट, काशी विश्वनाथ का प्राचीनमंदिर, अन्य प्राचीन मंदिर और शाम को गंगा घाट पर होने वाली आरती।
जैसलमेर : जैसलमेर की खासियत है, यहाँ का विशाल जैसलमेर किला और यहाँ स्थापित कई जैन मंदिर।
श्रीनगर : देश के स्वर्ग कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की खासियत है यहाँ के झील, बाग़, मंदिर और खूबसूरत हनीमून स्थल।
मदुरै : तमिल शहर मदुरै की खासियत है, यहाँ का प्रसिद्ध विशाल मिनाक्षी अम्मान मंदिर।
शिलांग : मेघालय की राजधानी शिलांग की खासियत है, यहाँ का लेडी ह्याद्रि पार्क और खूबसूरत एलीफैंट झरना।
माउंट आबू : राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू की खासियत है, यहाँ का नक्की झील और दिलवाड़ा मंदिर।
मंगलौर : मंगलौर की खासियत है यहाँ के चर्च, बीच और मंजुनाथ मंदिर।
ऋषिकेश : ऋषिकेश की खासियत है, यहाँ का लक्ष्मण झूला, वाइट रिवर राफ्टिंग, योग केंद्र, और ट्रैकिंग स्थल।
विशाखापट्टनम : आंध्र प्रदेश के शहर विशाखापट्टनम की खासियत है, यहाँ का सबमरीन म्यूजियम और यहाँ के खूबसूरत समुद्री तटीय क्षेत्र।
जोधपुर : राजस्थान के नीले शहर जोधपुर की खासियत है, इस शहर के नीले रंग में रंगे हुए घर, आलीशान महल और यहाँ का रहस्यमयी मेहरानगढ़ का किला।
महाबलेश्वर : महाराष्ट्र के महाबलेश्वर क्षेत्र की खासियत है, यहाँ की पहाड़ियां, उनपर होने वाली ट्रेकिंग क्रियाएं, पहाड़ियों के ऊपर बने हुए किले और एलीफैंट व्यू पॉइंट।
देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की खासियत है, यहाँ के मंदिर, प्राकृतिक खूबसूरती और यहाँ का सबसे बड़ा घंटा घर।
कोयम्बटूर : दक्षिण भारत स्थित शहर कोयम्बटूर की खासियत है, यहाँ के हिन्दू मंदिर और सिंगनाल्लुर झील की पक्षियां।
पोर्ट ब्लेयर : भारत के केंद्र प्रशासित प्रदेश पोर्ट ब्लेयर की खासियत है, यहाँ के म्यूजियम और यहाँ स्थित तिहाड़ जेल।
अमृतसर : उत्तरी भारत का क्षेत्र अमृतसर, सिक्ख धर्म का पवित्र शहर अपने गोल्डन टेम्पल के लिए विश्वभर में प्रसिद्द है।
मसूरी : मसूरी खासतौर पर हनीमून कपल्स की सबसे पसंदीदा जगह है। यहाँ के अन्य आकर्षक केंद्र हैं, यहाँ के जलप्रपात, रोमांचक क्रियाएं, मंदिर और बर्फ से ढका हुआ पूरा शहर।
अलाप्पुज़ाह : दक्षिण भारत के केरल में बसा क्षेत्र, अलाप्पुज़ाह या अल्लेप्पी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती व बैकवाटर क्रुज़ेस के लिए पुरे दुनिया भर में प्रसिद्द है।
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की छोर पर बसा क्षेत्र धर्मशाला, अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ दलाई लामा के घर और तिब्बती संस्कृति के लिए भी प्रसिद्द है।
हरिद्वार : भारत में स्थित देवों की नगरी हरिद्वार की खासियत है, यहाँ के पहाड़ियों पर स्थापित मंदिर, गंगा घाट और गंगा घाट पर होने वाली आरती।
लखनऊ : भारत में नवाबों के शहर लखनऊ की खासियत है, यहाँ का बरा इमामबाड़ा और रूमी दरवाज़ा गेट।
वडोदरा : गुजरात के शहर वडोदरा की खासियत है, यहाँ का कीर्ति मंदिर समाधी, यहाँ के महल और किले।
चेरापूंजी : भारत के उत्तर पूर्वी राज्य, मेघालय के पूर्वी खासी हिल जिले में स्थित चेरापूंजी क्षेत्र, बारह महीने होने वाले बारिश के लिए प्रसिद्द है। पूरी पृथ्वी में यहाँ आज तक सबसे ज़्यादा बारिश होने का रिकॉर्ड दर्ज है। यहाँ की अन्य खासियत, यहाँ के प्राकृतिक जलप्रपात हैं।
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान होता है। पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक परिवहन साधनों से लेकर होटल, रेस्तरां और पर्यटन स्थलों के टिकट पर व्यय करते हैं। जिससे राजस्व की बढ़ोतरी होती है। घूमने का शौक रखने वाले नए नए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते हैं। विश्व पर्यटन दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूरिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, ताकि देशों को पर्यटन के लिहाज से एक दूसरे से जोड़ा जा सके। यात्रियों को अपने देश के अलावा विदेशी पर्यटक स्थलों के बारे में भी पता चले और वह दूसरे देश के पर्यटन के जरिए विदेशी संस्कृति को करीब से जान पाए।