आज के समय में ओलिंपिक खेल किसी परिचय का मौहताज नहीं है| यह ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेल प्रतियोगिताओं का एक प्रमुख खेल आयोजन है| इसमें होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में विश्व भर के हजारों खिलाड़ी भाग लेते| 08वीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईसवी तक ग्रीस के ओलम्पिया में प्राचीन ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ करता था| इसी से प्रेरित होकर बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने 1894 में अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) की स्थापना की, जिसके बाद 1896 में पहले आधुनिक ओलिंपिक खेलों का आयोजन एथेंस में हुआ| आइये जानते हैं क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल ओलिंपिक डे और क्या है इसकी महत्वता:
23 जून को खेल और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना इसी दिन 1894 में हुई थी। यह ओलंपिक अवधारणा पर भी जोर देती है और इस संदेश का प्रचार करती है कि खेल स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। खेल हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और इसे विश्व स्तर पर मनाया जाना चाहिए। खेल वास्तव में लोगों को एक साथ लाते हैं। हमने देखा है कि खेले जाने वाले लगभग हर खेल में प्रशंसक प्रतिद्वंद्वी होते हुए भी प्यार फैलाते हैं, और यही संदेश विश्व ओलंपिक दिवस की मदद से फैलाया जाना चाहिए।अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2023 के इस लेख में हम आपको इस दिन से जुड़ी कई और जानकारियां देने जा रहे है जैसे कि ,ओलंपिक खेल क्या है? 23 जून अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस, अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का इतिहास, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2023 की थीम, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का महत्व, ओलंपिक खेलों मे भारत को मिले मेडल, विश्व ओलंपिक दिवस कैसे मनाया जाता है, पहला ओलंपिक दिवस कब मनाया गया था? ओलंपिक दिवस क्या होता है और इसे कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के बारे में जानकारी
दिन : अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस।
कब मनाया जाता है : 23 जून (प्रति वर्ष)
कब स्थापित हुआ : 1948 में टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना के उपलक्ष्य में।
उद्देश्यस् : सभी को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2023 थीम : घोषित किया जाना बाकी है
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के तीन स्तंभ : कदम, सीखना, पता लगाना
दूसरा नाम : विश्व ओलंपिक दिवस
ऑरीजन : 1948 में पेरिस के सोरबोन में 23 जून, 1894 को आधुनिक ओलंपिक खेलों के जन्म के उपलक्ष्य में शुरू हुआ।
किसके द्वारा आयोजित : राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां (एनओसी)
ओलंपिक खेल क्या है?
ओलंपिक खेल, एथलेटिक उत्सव जो प्राचीन ग्रीस में उत्पन्न हुआ था और 19वीं शताब्दी के अंत में फिर से खोला जाना शुरु हुआ था। 1970 के दशक से पहले खेल आधिकारिक तौर पर शौकिया स्थिति वाले प्रतियोगियों तक सीमित थे, लेकिन 1980 के दशक में पेशेवर एथलीटों के लिए कई कार्यक्रम खोले गए। वर्तमान में, खेल सभी के लिए खुले हैं, यहाँ तक कि बास्केटबॉल और फ़ुटबॉल (सॉकर) में शीर्ष पेशेवर एथलीट भी खेल सकते बै। प्राचीन ओलंपिक खेलों में कई ऐसे खेल शामिल थे जो अब ग्रीष्मकालीन खेलों के कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसमें कई बार 32 अलग-अलग खेलों में कार्यक्रम शामिल हैं। 1924 में शीतकालीन खेलों के लिए शीतकालीन खेलों को मंजूरी दी गई थी। ओलंपिक खेलों को दुनिया की अग्रणी खेल प्रतियोगिता माना जाने लगा है।
इंटरनेशनल ओलिंपिक डे कब है
इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी विश्व भर में होने वाले ओलिंपिक खेलों की गवर्निंग बॉडी है| सन 1948 में उम्र, लिंग या एथेलेटिक क्षमता की परवाह किये बिना दुनिया भर में खेल में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक डे की शुरुआत करी गई थी| और यह दिन आधुनिक ओलिंपिक खेलों के जन्म के उपलक्ष्य में हर वर्ष 23 जून को मनाया जाता है| वर्ष 1947 में स्टॉकहोम में IOC के 41वें सत्र के दौरान चेकोस्लोवाकिया में अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के सदस्य डॉक्टर ग्रस ने ओलिंपिक दिवस के बारे में अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करी| इसका उद्देश्य ओलिंपिक विचार को बढ़ावा देना और अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना था| इसके अगले वर्ष 1948 में 42वें IOC सत्र के अवसर पर इस विचार को अपनाया गया| आयोजन समिति के पास 17 जून से 24 जून के दिनों का विकल्प रखा गया और उन्होने अंततः यह निर्णय लिया कि अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस प्रतिवर्ष 23 जून को मनाया जाएगा| इस प्रकार पहला विश्व ओलिंपिक दिवस 23 जून 1948 को मनाया गया|
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का महत्व
यह दिन दुनिया भर में राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों द्वारा सभी लिंग, उम्र और सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों को खेलों में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। ओलंपिक आंदोलन तीन स्तंभों पर बना है: आंदोलन, सीखना और खोज। इस दिवस को मनाने का मुख्य लक्ष्य स्वस्थ, मजबूत और सक्रिय रहने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कई संगठन और गैर-सरकारी संगठन अब खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी करके और किसी भी प्रकार के खेल में भाग लेने के लिए लोगों का स्वागत करते हुए इस दिन को मनाते हैं। लिंग, आयु या एथलेटिक क्षमता के बावजूद दुनिया भर में खेल में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक यह दिन केवल खेलों से अधिक हो गया है क्योंकि दुनिया भर के एनओसी भी शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं जो सभी प्रकार के लोगों को आकर्षित करते हैं। अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस का महत्व अधिक से अधिक लोगों को ओलिंपिक खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना और इन खेलों के दौरान होने वाले अलग-अलग खेल आयोजनों के बारे में जागरूकता फैलाना है| भारत कई वर्षों से ओलिंपिक खेलों का सक्रिय भागीदार रहा है| भारत ने पहली बार 1900 में ओलिंपिक खेलों में भाग लिया था| हाल के वर्षों में भारत ने इस खेल प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ी है| सन 2020 में कोरोना महामारी के कारण टोक्यो में आयोजित होने वाले ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों को स्थगित कर दिया गया था| बाद में इनका आयोजन वर्ष 2021को 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच हुआ|
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का इतिहास
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के इतिहास के देखे तो हमें ओलम्पिक की जड़ें 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व यूनान में दिखाई देती हैं। ग्रीस ने खेल और एथलीटों की परंपरा को बढ़ावा दिया। वे खेलों की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं और प्राचीन काल से कई खेलों का आयोजन करते रहे हैं। बैरन पियरे डी कौबर्टिन प्राचीन ओलंपिक खेलों से प्रेरित थे और बाद में इसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) का निर्माण हुआ और उन्होंने पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया।पुराने ओलंपिक खेलों के पुनर्निर्माण के बाद 1894 में आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई। इस प्रकार, आधुनिक ओलंपिक खेलों के जन्म को याद करने और जश्न मनाने के लिए, 23 जून 1984 को पेरिस में, हर साल अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाता है। एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के रूप में, महिलाओं को 1900 से ही ओलंपिक में खेलने की अनुमति दी गई थी। 1924 से 1992 तक शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक एक ही तारीख पर आयोजित किए गए थे। बाद में, परिवर्तन हुए। ओलंपिक दिवस पहली बार 23 जून 1948 को मनाया गया था और ग्रीस, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन और उरुग्वे जैसे कुछ देशों ने अपने देशों में ओलंपिक दिवस की स्थापना की थी।वर्ष 1947 में 41वें सत्र के दौरान, स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, चेकोस्लोवाकिया में एक अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य डॉक्टर ग्रस ने ओलंपिक दिवस के उत्सव के बारे में एक रिपोर्ट सौंपी। जनवरी 1948 में सेंट मोरिट्ज़ में 42वें IOC सत्र के आयोजन के एक साल बाद योजना का चयन किया गया था।राष्ट्रीय ओलंपिक समिति इस दिन की व्यवस्था की योजना बनाने की प्रभारी थी और उसने 17 से 24 जून के बीच चयन करने के लिए कहा। आयोजन समिति ने अंततः निष्कर्ष निकाला कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 23 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाएगा। पहला ओलंपिक दिवस 23 जून 1948 को मनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2023 की थीम |
हर साल ओलंपिक दिवस पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति एक नई थीम की घोषणा करती है। दिन के सभी समारोह और गतिविधियां थीम को ध्यान में रखते हुए होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2023 का विषय #LetsMove है। इस वर्ष की थीम का मुख्य उद्देश्य लोगों को खेलों में भाग लेने और कुछ शारीरिक गतिविधियाँ करके फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करना है।
ओलम्पिक रिंग का मतलब
ओलम्पिक रिंग को ‘पियरे डी कॉबर्टिन’ ने 1913 में बनाया था। ओलम्पिक खेलों के जन्मदाता भी यही हैं। वेसे तो ओलम्पिक रिंग 1914 में स्वीकार कर लिया गया था पर बेल्जियम ओलम्पिक्स 1920 में इसे ओलम्पिक LOGO का रूप मिला। ओलम्पिक रिंगों का कलर नीला, पीला, काला, हरा, लाल होता है जबकि बैकग्राउंड सफेद होता है। ये रिंग एक प्रतिक्रिया को दर्शाती है, जिस चीज़ में हरदम मूवमेंट हो या जो चीज़ गतिशील हो। साथ ही यह रिंग पांचों महासागरों में संगठन को दर्शाती है। इसके आलावा यह रिंग अलग-अलग देशों से आए हुए खिलाड़ियों के मिलाप को प्रदर्शित करती है।
ओलंपिक डे अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है
सैकड़ो या कह सकते है हजारों की संख्या में छोटे बड़े और विभिन्न देशो के लोग विभिन्न तरह के खेलों जैसे दौड़, एक्सिबिशन, म्यूजिक और एजुकेशन आदि में भाग लेते है, और अपनी प्रतिभा का परिचय देते है, और अपने देश का प्रतिनिधित्व करते है. ओलंपिक डे आज के समय में केवल एक स्पोर्ट्स इवैंट न रहकर काफी आगे बढ़ चुका है और इसके तीन मुख्य स्तंभ (move) आगे बड़ो, (learn) सीखों, और (discover) खोजों है. इसमें हर समय कुछ नए खेलों को शामिल किया जाता है. कुछ देशों में इस खेलों के संदर्भ में जानकारी को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया है, तो कुछ जगह नेशनल ओलंपिक कमेटी के सदस्यों ने इससे संबन्धित प्रदर्शनियों को इसमें शामिल किया है. आज के समय में ओलंपिक डे केवल एक उत्सव न रहकर एक अंतराष्ट्रीय प्रयास बन चुका है, जिसकें द्वारा फ़िटनेस और अच्छा इंसान बनने को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस गेम्स के द्वारा खिलाड़ियो में सही खेल, एक दूसरे के लिए रिस्पेक्ट और स्पोर्ट्समेनशिप की भावना को बढ़ावा दिया जाता है.
अगला ओलंपिक कब मनाया जायेगा?
2024 और 2028 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी का ऐलान हो गया है. 2024 की मेज़बानी फ़्रांस की राजधानी पेरिस को और 2028 की अमरीकी शहर लॉस एंजिल्स को मिली है. 2024 ओलिंपिक ओपनिंग सेरेमनी से दो दिन पहले यानी 24 जुलाई को इवेंट की शुरुआत होगी। 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। इस ओलिंपिक में कुल 329 मेडल इवेंट होंगे। टोक्यो 2020 (Tokyo 2020) में इससे 10 ज्यादा मेडल इवेंट हुए थे। 11 अगस्त को समापन समारोह होगा।
ओलंपिक डे रन
पिछले कई वर्षो से ओलंपिक डे रन का आयोजन पूरे विश्व में किया जा रहा है. पहली ओलंपिक डे रन 1987 में की गयी थी, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा प्रतिवर्ष इस दौड़ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओलंपिक डे को मनाना और देश में ओलंपिक डे प्रैक्टिस को प्रोत्साहन देना था. सन 1987 में सर्व प्रथम कुल 45 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों ने इसमे अपनी हिस्सेदारी दी थी, जो संख्या आज बढ़कर 100 से ज्यादा पहुच चुकी है. इस ओलंपिक डे रन में हर उम्र के बच्चे, पुरुषो व महिलाओ को शामिल किया जाता है. वर्ष 2021 की ओलंपिक डे रन की खास बात यह रही कि इस वर्ष 2014 में सोची शीतकालीन ओलंपिक मे बना रिकार्ड टूट चुका है. 106 वर्ष की महिला प्रतिभागी ने यह रिकॉर्ड तोड़ा है और इस महिला का नाम जेमांक्यू है, इन्होने एलेक्जेंडर का रिकार्ड तोड़ा है. एलेक्ज़ेंडर ने जब ओलंपिक दौड़ मे भाग लिया था, तब उनकी उम्र 101 वर्ष थी, तब तक ओलंपिक दौड़ मे भाग लेने वाली सबसे अधिक उम्र की महिला थी, परंतु जब जेमाक्यू ने इस दौड़ में हिस्सा लिया, तो उनकी उम्र 106 वर्ष है, जो कि विश्व मे सबसे अधिक उम्र की मशाल थामने वाली महिला है.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक के खेलों में 3 मिलियन से अधिक प्रतिभागिता
2008 में बीजिंग में हुये ओलंपिक खेलों में विभिन्न देशों से कुल 3.8 मिलयन पुरुष, स्त्रियो ओर बच्चों ने भाग लिया था. यह इसकी और अंतराष्ट्रीय खेलों की बढ़ती लोकप्रियता का प्रतीक है, जिसमें हर खिलाड़ी हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा को साबित करना चाहता है और एक नया मुकाम हासिल करना चाहता है.
मेडल्स के साथ सेलिब्रेशन
MCDONALD’S के सपोर्ट और collaboration के बिना ओलंपिक खेलों का होना नामुमकिन सा है. जो कि वर्ष 2003 से ओलंपिक इवैंट का वर्ल्डवाइड पार्टनर बन चुका है. बहुत से देशों में राष्ट्रीय ओलंपिक समिति लोकल MCDONALD’S की ब्रांच से संपर्क करके और अधिक खिलाड़ियो को आकर्षित करने का प्रयास करती है.
अंतराष्ट्रीय ओलंपिक के स्पोंसर्स 2021 के स्पॉन्सर थे
* कोका-कोला
* एटॉस
* ब्रिजस्टोन
* डोव केमिकल कंपनी
* जनरल इलैक्ट्रिकल
* मैकडोनाल्डस
* ओमेगा एसएपैनासॉनिक
* प्रॉक्टर एंड गैम्बल
* सैमसंग
* टोयोटा
* वीसा आईएनसी.
नेशनल ओलंपिक समिति का उद्देश्य और रोल
नेशनल ओलंपिक समिति का मुख्य उद्देश्य ओलंपिक खेलों का प्रचार पूरे विश्व में करना और ओलंपिक खेलों का प्रतिनिधत्व करना है. इसके कुछ अन्य उद्देश्य निम्न है.
* प्रत्येक देश में खिलाड़ियो को प्रोत्साहित करना और उन्हे सपोर्ट करना , खेलों और खेलों के संदर्भ मे होने वाली प्रतियोगिताओ का विकास और व्यवस्थाओ कि देखरेख करना.
* ओलंपिक गेम्स के रेगुलर सेलिब्रेशन को संभावित करना.
* यह समिति सार्वजनिक और निजी संगठनो और अधिकारियों के सहयोग से खेल क्षेत्रों में शांति और मानवता बनाए रखने के प्रयास करती है.
* यह समितियाँ ओलंपिक आंदोलन को प्रभावित करती है तथा किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करती है .
* यह समितियाँ खेलों में हर स्तर पर महिलाओ को प्रोत्साहित करती है और हर जगह महिलाओ और पुरुषों के साथ समान व्यवहार करती है.
इंटरनेशनल ओलंपिक खेलों में उपलब्ध्द सम्मान
ओलंपिक खेलों में मिलने वाले मेडल्स के अलावा भी कई ऐसे अवार्ड है, जिन्हे अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा खिलाड़ियों को दिया जाता है. यह अंतराष्ट्रीय खेल समिति द्वारा दिये जाने वाले अवार्ड इस प्रकार है.
* आईओसी प्रेसिडेंट ट्रॉफी ओलंपिक खेलों में मिलने वाला सबसे बढ़ा अवार्ड है, यह उस खिलाड़ी को दिया जाता ,है जिसने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन किया हो, साथ ही में उस खिलाड़ी का पूरा कैरियर भी उत्कर्ष प्रदर्शन वाला रहा हो और उसने अपने खेल में एक स्थायी प्रभाव दर्ज किया हो.
* ओलंपिक खेलों मे दिया जाने वाला दूसरा अवार्ड pierre de coubertin medal है, यह उस खिलाड़ी को दिया जाता है जिसने पूरे ओलंपिक खेल में एक स्पेशल खेल भावना का प्रदर्शन किया हो.
* ओलंपिक खेलों में ओलंपिक कप उस संस्था या संगठन को दिया जाता है, जिसने ओलंपिक खेलों के विकास में प्रयास किए हो.
* ओलंपिक ऑर्डर अवार्ड उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने ओलंपिक खेलों में अपना विशेष योगदान दिया हो.
ओलंपिक खेलों मे भारतीय खिलाड़ियो द्वारा जीते गए मेडल :
भारतीय खिलाड़ियो ने 30 ओलंपिक खेलों में कुल 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 11 कास्य पदक जीते और भारत को विश्व खेल जगत में गौरवान्वित किया.
ओलम्पिक से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
* ओलम्पिक खेलो (Olympics) की शुरुआत ओलम्पस नामक यूनानी देवता के सम्मान में सबसे पहले 776 ईसा पूर्व में हुई थी. उस समय इसमें नाटक, संगीत, साहित्य, कला, नाटक और जिम्नास्टिक जैसी प्रतियोगिताए आयोजित होती थी.
* कुछ समय बाद रोम के राजा थियोडोसिस ने इसे मूर्तिपूजा वाला उत्सव करार देकर इस पर रोक लगा दिया.
* आधुनिक ओलम्पिक खेलो (Olympics) की शुरुआत बैरन कुबर्तिन के प्रयासों से 1896 में एथेंस में हुई और उन्ही के सुझावों पर 23 जून 1914 में ओलम्पिक के झंडा तैयार किया गया.
* ओलम्पिक (Olympics) का झंडा सफ़ेद सिल्क से बना है जिसपर ओलम्पिक के प्रतिक पांच छल्ले लगे है. ये पांच छल्ले एक दुसरे से जुड़े है. इनमे पहली लाइन में तीन और दूसरी लाइन में दो छल्ले है. इनका रंग है – नीला, पीला, काला, हरा और लाल.
* झंडे के पांच छल्ले पांचो महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते है. इनमे से नीला गोला यूरोप को, पीला एशिया को, लाल अमेरिका को, काला अफ्रीका को, और हरा ऑस्ट्रेलिया को दर्शाता है.
* ओलम्पिक (Olympics) के झंडे के छल्लो के लिए इन रंगों को इस्तेमाल करने का एक विशेष कारण है. इनमे इस्तेमाल किये गए रंगों में से कम से कम एक रंग हर देश के झंडे पर मिलता है. इसका सांकेतिक अर्थ है की इस खेल के द्वारा सभी दशो के खिलाडी आपस में मिलते है और एक स्वस्थ प्रतोयोगिता करते है.
* ओलम्पिक खेलो (Olympics) का आयोजन हर चार साल बाद किया जाता है.
* प्रथम और द्रितीय विश्व युद्ध (first and second world war) के कारण इन खेलो के आयोजन 1916, 1940 और 1944 में नहीं किया गया था.
* महिलोओं की ओलम्पिक (Olympics) खेलो में भागीदारी सबसे पहले सन 1900 से हुई.
* ओलम्पिक खेल (Olympics) समारोह में मार्च पोस्ट के दौरों ओलम्पिक खेलो के जन्मदाता देश ग्रीस की टीम सबसे आगे रहती है जबकि मेजबान देश की टीम सबसे पीछे रहती है.
* ओलम्पिक में मशाल जलाने की प्रथा की शुरआत 1928 से हुई. यह मशाल सूरज की किरणों के द्वारा जलाई जाती है.
* भारत की ओर से ओलम्पिक खेलो में सबसे पहले 1900 में भाग लिया गया जिसमे भारत ने एथलेटिक्स में दो सिल्वर मैडल जीते।
हमने अपने इस आर्टिक्ल में ओलंपिक खेल से संबन्धित अधिकतर जानकारी एकत्रित करने की कोशिश की है, ताकि आप जब भी इन खेलों को देखे इसके बारे में आपकी रुचि और अधिक बढ़ जाए. इस आर्टिक्ल में शामिल भारतीय खिलाड़ियों के नाम आपकों खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।