सेहत को दुरुस्त रखना है तो सुबह-शाम पैदल चलने की सलाह दी जाती है. बचपन से ही हमें सुनने को मिलता आया है कि पैदल चलना शरीर के लिए जबरदस्त फायदेमंद होता है. कई लोग मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर निकलते हैं. आजकल साइलेंट वॉकिंग (Silent Walking) भी ट्रेंड में है. सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा भी हो रही है. यह खुद को फिट रखने और बीमारियों से दूर रहने के लिए अच्छा बताया जा रहा है. तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है साइलेंट वॉकिंग और इससे क्या-क्या बेनिफिट्स हैं…
अक्सर मार्निंग वॉक पर निकले लोगों के कानों में इयरफोन्स और हाथों में मोबाइल पर टक टक चलती हुई उंगलियां नज़र आती है। दरअसल, लोग काम में इस कदर मसरूफ हैं कि खाने-पीने और यहां तक की वॉक करने के लिए भी उनके पास समय नहीं हैं। इन दिनों काफी ट्रेंडिंग रही साइलेंट वॉक लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। बिना किसी पॉडकास्ट और प्लेलिस्ट के चुपचाप अकेले चलना आपको मानसिक तनाव से मुक्त करने में सहायता प्रदान करता है। अगर आपको ये बोरिंग लगता है, तो रोज़ाना आप नए रूट पर वॉक के लिए जाएं। इससे मन धीरे धीरे आउटर वर्ल्ड से कलेक्ट होने लगता है। इससे आप हर बार कुछ नया और अनोखा पाएंगे। जो आपके इंटरस्ट को बढ़ाएगा और आपको साइलेंट वॉकिंग के लिए मोटिवेट भी करेगा। आइए जानते हैं साइलेंट वॉक क्या है और ये किस प्रकार से आपकी मेंटल हेल्थ के लिए है फायदेमंद …..
साइलेंट वॉकिंग क्या है
साइलेंट वॉकिंग यानी कि वॉक करते समय किसी भी तरह के आर्टिफिशियल आवाज से दूर रहना. बिना बातचीत और गैजेट्स (gadgets) से दूर अकेले मौन होकर चलना साइलेंट वॉकिंग (silent walking) कहलाता है। इस वक्त आपका ध्यान केवल प्रकृति पर केन्द्रित होता है। जो आपके तनाव को कम करने सुकून पहंचाने में मददगार साबित होते हैं। साइलेंट वॉकिंग में 30 मिनट तक सामान्य तौर पर पैदल चलना होता है. इसमें अकेले चलना पड़ता है. इस दौरान किसी भी तरह की चहल पहल यानी ध्यान भटकाने वाली जगह से दूर जाकर शांत जगह वॉक करना होता है. वॉकिंग के दौरान बिल्कुल शांत रहना पड़ता है। वे लोग जो एकचित्त होकर साइंलेट वॉक( silent walk) के लिए रोज़ाना कुछ वक्त निकालते हैं। वे अपने आस पास के वर्ल्ड से कनैक्टिड महसूस करते हैं। साथ ही उनका फोकस भी बढ़ने लगता है।
साइलेंट वॉकिंग के फायदे
इन दिनों काफी ट्रेंडिंग रही साइलेंट वॉक लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। जानते हैं साइलेंट वॉक क्या है और ये किस प्रकार से आपकी मेंटल हेल्थ के लिए है फायदेमंद।
स्ट्रेस की छुट्टी : द नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी में बताया गया है कि मेंटल हेल्थ के लिए साइलेंट वॉकिंग बेहद फायदेमंद है. प्रकृति में शांत होकर सिर्फ कुछ मिनट चलने से ही स्ट्रेस कम हो सकता है. रोजाना इसे करने से मानसिक बीमारियों को बढ़ाने वाली न्यूरल प्रक्रिया में सुधार आता है. इससे स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
खुद रहने का मंत्र : शोधकर्ताओं के अनुसार, साइलेंट वॉकिंग से आप खुद को खुश रख सकते हैं. ट्रिपल बोर्ड सर्टिफाइड साइकैट्रिस्ट डॉ. राफात डब्लू गिरजिस का कहना है कि साइलेंट वॉकिंग बिल्कुल मेडिटेशन की तरह है. दरअसल, बाहर की आवाजें जब दिमाग में जाती हैं तो स्ट्रेस बढ़ता है. ऐसे में साइलेंट वॉकिंग से स्ट्रेस दूर और मन प्रसन्न होता है।
मेंटल हेल्थ करे बूस्ट : दिनभर किसी न किसी कार्य में दिमाग व्यस्त रहता है। बार बार आने वाली नोटिफिकेशंस (notifications) किसी न किसी कारण से हमारा ध्यान गैटेजट (gadgets) की ओर खिंचा चला जाता है। इसके चलते हमारे ब्रेन को रेस्ट नहीं मिल पाता है। दिनभर रहने वाली व्यस्तता याददाश्त की कमी (memory loss), एंग्जाइटी (anxiety) और फटीग (fatigue) का कारण बनने लगती है। सुबह और शाम कुछ देर की गई साइंलेंट वॉकिंग आपके अंतर मन को शांति प्रदान करती है। साथ ही आप अपनी एनर्जी को भी सेव करते हैं।
क्रिएटिविटी का बढ़ना : जब आप शांत रहते हैं। उस वक्त आपका दिमाग तेज़ी से नए आइडियाज़ की ओर दौड़ने लगता है। कुछ नया करने की ओर आप बढ़ने लगते हैं। दरअसल, आप जब मौन होते हैं, तो बड़ी ही आसानी से बिना डिस्ट्रैक्शन के किसी भी मुद्दे पर देर तक विचार कर सकते हैं। इससे काम के प्रति आपका फोक्स भी बढ़ने लगता है। जो आपके काम को बेहतर बनाने में आपकी मदद करता है।
पॉजिटिविटी का संचार : वे लोग जो हर समय किसी न किसी वजह से खुद को काम में उलझाए रखते हैं। वे अक्सर तनाव का शिकार होते हैं। उसका प्रभाव उनके विचारों पर भी दिखने लगता है। ऐसे में सुबह उठकर कुछ देर शांत रहकर वॉक (walk) करने से आपके अंदर की निगेटिविटी सकारात्मकता (positivity) में बदलने लगती है। दूसरों की बातों को सुनने और अपनी कहने का समय न मिलने के चलते आपका दिमाग शांत रहने लगता है। इससे आपके विचारों में सकारात्मकता (positivity) बढ़ने लगती है।
वर्क के प्रति डेडिकेशन बढ़ना : रोज़ाना बिना किसी से बात किए वॉक पर जाने से आप अपने काम के प्रति पूरी तरह से डेडिकेटिड होने लगते हैं। चीजों को लेकर अधिक फोक्सड रहते हैं। आपकी डेडिकेशन का असर प्रोडक्टिविटी पर दिखने लगता है। इससे वर्कप्लेस पर भी लोग आपसे कनेक्टिड रहते हैं और आप अपने मकाम को आसानी से अचीव कर लेते हैं। रोज़ाना बिना किसी से बात किए वॉक पर जाने से आप अपने काम के प्रति पूरी तरह से डेडिकेटिड होने लगते हैं।
लेज़ीनेस होगी कम : वॉक पर जाने से आप खुद को एक्टिव और हेल्दी महसूस करते हैं। इससे आपके शरीर में हर वक्त रहने वाला आलस और लेजीनेस अपने आप कम होने लगते हैं। आपका मन कुछ नया करने की ओर प्रोत्साहित होता है। साइंलेट वॉक रोज़ाना करने से दिनभर रहने वाली थकान भी अपने आप दूर होने लगती है।
Disclaimer: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। यह कोई चिकित्य सलाह नहीं है। यदि आप किसी भी प्रकार के शारीरिक रोग से ग्रसित है और आपका इलाज चल रहा है तो कृपया करके उचित चिकित्सय विशेषज्ञ से परामर्श ले। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’