वैसे तो पीपल के पौधे का उपयोग पूजा पाठ में अधिक होता है लेकिन यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. एक शोध में पीपल पत्तों के फायदे के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह एक दो नहीं बल्कि कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। आयुर्वेद में पीपल के पत्तों को नीम के पत्तों को समतुल्य माना जाता है। इससे कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है।
सनातन धर्म में पीपल पेड़ का विशेष महत्व है। लोग पीपल पेड़ की पूजा-उपासना करते हैं। खासकर शनिवार के दिन पीपल पेड़ को जल अर्पित करने का विधान है। पीपल का पौधा सिर्फ धार्मिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसके औषधीय गुण कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियों से निजात दिलाता है जिसके बारे में लोगों को कम जानकारी है. जब भी हमारे दिमाग में पीपल के पौधे का नाम आता है तो दिमाग में सीधा पूजा पाठ का ख्याल आता है. विज्ञान की मानें तो पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे आक्सीजन छोड़ता है। पीपल पेड़ के समीप बैठने अथवा खड़े रहने से व्यक्ति के कई कष्ट दूर हो जाते हैं। पीपल पेड़ के फल, फूल, तने और जड़ सभी उपयोगी होते हैं। आयुर्वेद में पीपल के पत्तों को दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। आधुनिक समय में चिकित्सा विज्ञान भी कई बीमारियों में पीपल के पत्तों का यूज़ करते हैं। एक शोध में पीपल पत्तों के फायदे के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह एक दो नहीं बल्कि कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। आयुर्वेद में पीपल के पत्तों को नीम के पत्तों को समतुल्य माना जाता है। खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए पीपल के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं हैं। आइए, इसके फायदे जानते हैं-
पीपल के पत्ते के उपयोग हैं अस्थमा में उपयोगी
अस्थमा के मरीजों के लिए पीपल के पत्ते गुणकारी माने जाते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंटस के गुण पाए जाते हैं। इसके पत्तों को चबाने से न केवल तनाव से छुटकारा मिलता है, बल्कि मुंह से संबंधित सभी परेशानियों से निजात मिलता है। विशेषज्ञ अस्थमा के मरीजों को पीपल के पत्तों को पीसकर दूध में मिलाकर सेवन करने की सलाह देते हैं। इससे अस्थमा में राहत मिल सकता है।
पीपल के पत्ते का इस्तेमाल दमा से राहत पाने के लिए कैसे करें –
सामग्री – पीपल के पत्ते, एक गिलास दूध, एक चम्मच चीनी।
* ठीक से धुले हुए पीपल के पत्ते लें।
* उन्हें एक गिलास दूध के साथ उबलने रख दें।
* एक चम्मच चीनी डाल दें (अपनी जरूरत के हिसाब से चीनी डाल सकते हैं, लेकिन दो चम्मच से ज्यादा नहीं)
* बस इतना उबालें कि पीपल के पत्तों के औषधीय गुण दूध में मिल जाएं।
* इसे ठंडा होने के लिए रख दें और फिर पी लें।
ये उपाय कितनी बार करें –
* इस उपाय को आप एक दिन में 2 बार करें।
* दमा रोगी इसे नियमित रूप से पीते रह सकते हैं।
खांसी और बलगम से मिलती है राहत
सर्दियों के मौसम में अगर आप पीपल के पत्तों का रस पीते हैं तो आपको सर्दी जुकाम से राहत मिलेगा साथ ही इसके सेवन से खांसी और बलगम जैसी समस्याओं से निजात मिलेगा. इसके अलावा यह फेफड़ो को भी सेहतमंद रखता है।
पेट संबंधी विकारों के लिए भी लाभकारी
अगर आप कब्ज, बदहजमी अथवा गैस की समस्या से परेशान हैं, तो पीपल के पत्तों को अच्छी तरह से पीसकर सेवन करें। इससे पेट संबंधी विकारों से निजात मिलता है। हालांकि, इसके सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसके अलावा पीपल के पत्ते डायबिटीज, मिर्गी, कैंसर, सूजन, उच्च रक्तचाप और संक्रामक विकार में फायदेमंद होते हैं।
दस्त में फायदेमंद
दस्त की समस्या होने पर पीपल के पत्ते का जूस पीना चाहिए. इसके सेवन से आपको बार-बार टॉयलेट जाने से छुटकारा मिलेगा. इसके अलावा यह ब्लोटिंग, गैस से छुटकारा दिलाता है. जानकरों की मानें तो इसके सेवन से मलत्याग करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
मुंह की समस्या
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पीपल के पत्ते का जूस पीने से मुंह में जमे बैड बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. इसका जूस दांतों में होने वाली सड़न को कम करता है. इसके अलावा यह मसूड़े से निकलने वाले खून को भी रोकता है।
खुजली, रैशेज, कील मुंहासे और दाग धब्बे को करता है दूर
पीपल के पत्ते का जूस ब्लड को फिल्टर करने का काम करता है. डॉक्टरों की मानें तो यह एक नेचुरल डिटॉक्स ड्रिंक है जिसके सेवन से खुजली, रैशेज, कील मुंहासे और दाग धब्बे से निजात मिलता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।