विज्ञान मानवता के लिए वरदान है’ ये लाइन आपने कई बार अपने स्कूल में विज्ञान पर निबंध लिखते समय उपयोग की होगी। दरअसल, देखा जाए तो विज्ञान हमारे लिए सच में एक वरदान की तरह है क्योंकि मानव ने खुद को विज्ञान के ज़रिए ही विकसित किया है। विकास की बात करें तो टेक्नोलॉजी के माध्यम से आज हम कई गुना ज्यादा आगे बढ़ चुके हैं। आज हम साधारण तकनीक को छोड़कर AI टेक्नोलॉजी पर आ चुके हैं। सिर्फ तकनीक के कारण आज हमारा ज्ञान सिर्फ एक विषय तक सीमित नहीं है। इस बढ़ती टेक्नोलॉजी और महान वैज्ञानिकों को सम्मान देने के लिए भारत में हर साल 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे यानी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं नेशनल टेक्नोलॉजी डे से जुड़ी सारी जानकारी के बारे में…..
आज का भारत कृषि, चिकित्सा, अंतरिक्ष, रक्षा, संचार जैसे कई क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। भारत के विकास और इस प्रगति में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 11 मई 1998 वो ऐतिहासिक दिन था जब भारत ने परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इस सफलता पूर्वक परीक्षणों के बाद न्यूक्लियर टेस्ट करने वाले दुनिया भर की देशों की यादी में भारत छठे स्थान पर था। आज इस घटना को 26 साल पूरे हो रहे हैं। घटना तो पुरानी हो गई है, लेकिन वह सुनहरे क्षण भारत की कामयाबी की याद आज भी दिलाती है। इस दिन की और एक याद है, भारत ने ‘हंसा 3’ नाम का एक स्वदेशी विमान बनवाया था। इसका परीक्षण बेंगलोर से किया गया था। इसी दिन ‘हंसा 3’ ने सफलता पूर्वक उड़ान भरी थी। भारतीय इतिहास का यह महत्वपूर्ण दिन हम सभी को देश के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और आने वाली पीढ़ी को भारत में तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अवसर देता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्या है
भारत में 11 मई 1998 में हुई परमाणु परीक्षण की सफलता को याद करने के लिए हर साल देशभर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत की तकनीकी उपलब्धियों को मनाने और देश में साइंस और टेक्नोलॉजी की एक्सीलेंस को बढ़ावा देने के समर्पित है। 1998 में हुए भारत के सफल परमाणु परीक्षण ने देश को परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया और देश की तकनीकी क्षमताओं का भी प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस देश के विकास और लोगों के कल्याण में साइंस और टेक्नोलॉजी के महत्व की याद दिलाता है। इसके अलावा यह दिवस उन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान की सराहना करता है जिन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास
भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल 11 मई को मनाया जाता है। यह दिन हम सभी को भारत की तकनीकी उपलब्धियों और प्रगति के सम्मान करने का अवसर प्रदान करता है। 1998 में 11 मई के दिन ही भारत ने पोखरण परीक्षण रेंज में सफल परमाणु परीक्षण किया था। बता दें कि यह परीक्षण भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुआ था। 11 मई 1998, का वह दिन जब राजस्थान में पोखरण-II का न्यूक्लियर टेस्ट किया जा रहा था। उस समय प्रधानमंत्री थे दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी और इस ऑपरेशन का लीड कर रहे थे खुद दिवंगत राष्ट्रपति ‘मिसाइल मैन’ एपीजे अब्दुल कलाम। इस ऑपरेशन का न्यूक्लियर मिसाइल कोड नेम “शक्ति-1” रखा गया था।पोखरण-II के न्यूक्लियर टेस्ट में “शक्ति-1” फायर करने के बाद उसमें सफलता हासिल हुई। देश के लिए यह बड़ी गर्व की बात थी। यह क्षण एक इतिहास में तब्दील हुआ, लेकिन इस दिन की याद आने वाली पीढ़ी को रहनी चाहिए। इसके बाद 1999 में भारत सरकार ने इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की। तब से हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने लगा। ये द्वितीय पोखरण परीक्षण था जिसका कोड नाम ‘ऑपरेशन शक्ति’ रखा गया था। इससे पहले भी पोखरण टेस्ट मई 1974 में किया गया था जिसका कोड नाम ‘smiling budha’ रखा गया था। साल 1999 के बाद इस दिवस को हर साल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (technology development board) द्वारा मनाया जाने लगा। यह विशेष दिन देश के युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह भारत के सफल परमाणु परीक्षण की याद दिलाता है। यह दिन उन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान पर प्रकाश डालता है जिन्होंने भारत की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस युवाओं को विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए भी प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 थीम
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की थीम है ‘स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को टेक्नोलॉजी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कैसे मनाते हैं?
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को निम्नलिखित तरीकों से मनाया जा सकता है :
* इस दिन सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में ध्वजारोहण समारोहों का आयोजन किया जाता है।
* विभिन्न संगठन और संस्थान अपनी तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनियाँ और सेमीनार आयोजित करते हैं।
* इस दिन को मनाने के लिए संगीत और नृत्य प्रदर्शन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
पोखरण में हुए सफल परीक्षण से जुड़े तथ्य
पोखरण में हुए सफल परीक्षण से जुड़े तथ्य निम्नलिखित है :
* 1998 में भारत के सफल परमाणु परीक्षण का नेतृत्व भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
* पोखरण-I भारत का पहला परमाणु परीक्षण था, जो 1974 में हुआ था और इसे स्माइलिंग बुद्धा कहा गया था।
* पोखरण-1 के लगभग 24 साल बाद भारत ने पोखरण में ही पांच परमाणु परीक्षण किये थे।
* परमाणु परीक्षण के लिये पोखरण को इसलिये चुना गया था क्योंकि यहाँ से मानव बस्ती बहुत दूर थी।
* इन परमाणु परीक्षणों के बाद जापान और अमेरिका सहित कई बड़े प्रमुख देशों ने भारत पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगा दिये थे.
टेक्नोलॉजी से जुड़े फैक्ट्स
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़े फैक्ट्स यहाँ दिए गए है :
* दुनिया का सबसे पहला कैमरा जिसे 1825 में बनाया गया था, जिससे फोटो लेने में लगभग 8 घंटे का समय लगता था।
* इंटरनेट की खोज टिम बर्नर्स ली ने 1969 में की थी।
* दुनिया में सबसे पहले कंप्यूटर में सिर्फ 5 mb डेटा स्टोर किया जा सकता था।
* कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर दिखने वाले विसुअल केवल तीन रंगों (लाल, हरा, नीला) से मिलकर ही बनते है।
* गूगल सर्च इंजन की शुरुआत सन् 1998 में हुई थी।
* पहला कंप्यूटर माउस 1964 में बनाया गया था, जो एक लकड़ी का बना था।
* गूगल ने यूट्यूब को 9 अक्टूबर 2006 में करीब 1 अरब 65 करोड़ डॉलर में खरीदा था।
* NASA की इंटरनेट स्पीड 91GB प्रति सेकेंड है।
* इंटरनेट पर डेली 3.5 billion से भी ज्यादा वर्ड्स सर्च किए जाते है।
* 1975 में आविष्कार किए गए पहले डिजिटल कैमरे का वजन 8 पाउंड था और इसका रिज़ॉल्यूशन 0.01 मेगापिक्सेल था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस: उद्धरण
“प्रौद्योगिकी की प्रगति इसे फिट करने पर आधारित है ताकि आप वास्तव में इसे नोटिस भी न करें, इसलिए यह रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है।” – बिल गेट्स
“आप जिस तकनीक का उपयोग करते हैं वह किसी को प्रभावित नहीं करती है। आप इसके साथ जो अनुभव बनाते हैं वही सब कुछ है।” – शॉन गेरेटी
“कोई भी पर्याप्त रूप से उन्नत तकनीक जादू से अलग करने योग्य नहीं है।” – आर्थर सी. क्लार्क
“प्रौद्योगिकी कुछ भी नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको लोगों पर विश्वास है, कि वे मूल रूप से अच्छे और स्मार्ट हैं, और यदि आप उन्हें उपकरण देते हैं, तो वे उनके साथ अद्भुत काम करेंगे।” – स्टीव जॉब्स
“मानवीय भावना को प्रौद्योगिकी पर हावी होना चाहिए।” – अल्बर्ट आइंस्टीन
“प्रौद्योगिकी महान शिक्षकों का स्थान नहीं लेगी, लेकिन महान शिक्षकों के हाथों में प्रौद्योगिकी परिवर्तनकारी हो सकती है।” – जॉर्ज कौरोस
हमें हमारे देश की प्रौद्योगिकी उपलब्धियों को महत्वपूर्ण बनाने की जरूरत है। यह वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों के बीच टेक्नोलॉजी में गहरी रुचि को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करता है. यह दिन निस्संदेह विकास के लिए उत्प्रेरक और तकनीकी इनोवेशन में भारत की शक्ति का प्रमाण है. ऐसे में आइए हम सब मिलकर अपने देश की प्रौद्योगिकी शक्ति को बढ़ाने के लिए काम करने का संकल्प ले।