इस साल भारत में 60वीं बार राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 5 अप्रैल को दिन मनाया जाता है। इस दिन समारोह के दौरान, “एनएमडी अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस” आमतौर पर वरिष्ठ स्तर पर भारतीय समुद्री क्षेत्र में अपने जीवनकाल की विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों के लिए व्यक्तियों को पहचानने और सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय समुद्री दिवस पहली बार वर्ष 1964 को मनाया गया था और यह दिन 1919 में भारत द्वारा बनाए गए नेविगेशन के इतिहास की याद दिलाता है, जब प्रथम भारतीय फ्लैग मर्चेंट पोत ‘एस. एस. लॉयल्टी‘ मुंबई से लंदन की यात्रा पर रवाना हुआ था। 2023 में भारत अपने नेशनल मैरिटाइम डे का 60वां संस्करण बुधवार, 05 अप्रैल को मनाने जा रहा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रथम ‘मर्चेंट नेवी ध्वज‘ को धारण करने के साथ ही राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह (Merchant Navy Week)का शुभारंभ हुआ जिसे 30 मार्च से 5 अप्रैल तक मनाया जायेगा।
भारत के राष्ट्रीय समुद्री दिवस के बारे में जानकारी
नाम : राष्ट्रीय समुद्री या नौवहन दिवस तारीख़ : 05 अप्रैल (वार्षिक)
उद्देश्य : भारत द्वारा वर्ष 1919 में बनाए गए नेविगेशन इतिहास को याद करना
पहली बार : 04 अप्रैल 1964
थीम (2023) : घोषित की जानी बाकी है
राष्ट्रीय समुद्री दिवस का इतिहास है?
5 अप्रैल 1919 को द सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड (Scindia Steam Navigation Company Ltd.) का पहला जहाज, एस.एस. लॉयल्टी, भारत (मुंबई) से यूनाइटेड किंगडम (लंदन) की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर निकला था। यह आज भी भारतीय शिपिंग इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है क्योंकि उस समय समुद्री मार्गों को ब्रिटेन द्वारा नियंत्रित किया जाता था।
नौका एसएस लॉयल्टी की खासियत
नौका एसएस लॉयल्टी मूलतः एक ब्रिटिश जहाज था जो 1890 में भारत में ही बना था। 485 फुट लंबा यह जहाज 5940 टन का था इसे ग्वालियर के महाराज ने 1914 में खरीदा था जो बाद में उन्हीं के नाम की कंपनी ने खरीद लिया था। इस कंपनी में वालचंद हीराचंद और नरोत्तम मोरारजी की भागीदारी थी। इस जहाज की पहली यात्रा 5 अप्रैल 1919 को शुरू हुई थी। इस जहाज की यात्री क्षमता 700 यात्रियों की थी जिसे बाद में कार्गो जहाज में बदल दिया था और केवल चार साल बाद ही इसका उपयोग बंद कर दिया था, लेकिन यह जहाज और इसकी पहली यात्रा को भारत के समुद्री व्यापार के लिहाज से अहम अवसर माना जाता है।
भारतीय समुद्री इतिहास
भारत का समुद्री इतिहास 3000 साल ईसा पूर्व के बीच शुरू हुआ माना जाता है, जब सिंधु घाटी के निवासियों ने समुद्री व्यापार शुरू किया था। बताया जाता है कि सिंधु घाटी के रहने वालों ने पहली बार मेसोपोटामिया के साथ समुद्र का आदान-प्रदान शुरू किया था।
समुद्री व्यापार क ऐतिहासिक महत्व
भारत के समुद्री रास्तों के जरिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों का लंबा इतिहास रहा है. प्राचीन काल से ही भारत के पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका तक के देशों से हमारे दक्षिणी राज्यों के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं जिनकी झलक संस्कृति में आज भी दिखाई देती है. भारत की यूरोप तक ख्याति अरब देशों से होते हुए समुद्री व्यापार के जरिए ही पहुंचा करती थी यवनों से भारत के पुराने समुद्री व्यापारिक संबंध रहे हैं।
पाकिस्तान और चीन के मामले में भी
स्वतंत्र भारत की सुरक्षा में हमारा ध्यान भले ही पाकिस्तान और चीन ने खींच रखा हो, लेकिन इन दोनों देशों से भी समुद्री रास्ते के जरिए युद्ध में भी अहमियत दिखाई देती है और आज भी चीन से बड़े खतरों में समुद्री रास्तों के रास्तों के जरिए घेरने की चीनी प्रयास कम बड़ा खतरा नहीं है. आज जिस तरह से चीन हिंद महासागर में अपने वर्चस्व के लिए गलत तरीके से दखलंदाजी करता है और अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास करता है वह दुनिया तक के लिए चिंता का विषय है।
क्यों मनाते है नेशनल मैरीटाइम डे? (महत्व)
5 अप्रैल को राष्ट्रीय नौवहन दिवस मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी (शिपिंग) के प्रति जागरूक करना तथा अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाना है। यह मुख्य रूप से दुनिया भर में वाणिज्य और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है। मैरिटाइम इंडिया मिशन 2030 के तहत भारत अपने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग में सुधार की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है और विश्व स्तरीय बंदरगाहों तथा सुरक्षित, टिकाऊ और हरित समुद्री क्षेत्रों का निर्माण कर लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने पर काम कर रहा है।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस की थीम
दुनिया भर में महाद्वीपों के बीच सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल वाणिज्य का समर्थन करने के उद्देश्य से इसे प्रत्येक वर्ष एक ख़ास विषय के साथ मनाया जाता है।इस साल भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2023 की थीम ‘शिपिंग में अमृत काल’ थीम पर मनाया जा रहा है। आयोजन की 60वीं वर्षगांठ उन पुरुषों को धन्यवाद देने पर केंद्रित है, जो समुद्र में अनगिनत महीने बिताते हैं, वैश्विक स्तर पर भारत के अधिकांश व्यापार और वाणिज्य का संचालन करते हैं। नेशनल मैरीटाइम डे की Theme वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय समुद्री सीमा और मर्चेंट नेवी के समर्थन का प्रतीक है, जो समुद्री रास्ते से माल को दुनिया के कोने-कोने में लेकर जाते है। पिछले साल 2022 में इसे प्रोपेलिंग इंडियन मैरीटाइम टु नेट जीरो विषय के साथ मनाया गया था, तो वहीं 2021 की थीम आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर ‘कोविड-19 से आगे सतत नौपरिवहन‘ (Sustainable Shipping Beyond Covid-19) थी। 2020 में 57वें राष्ट्रीय नौवहन दिवस की थीम “एक स्थायी ग्रह के लिए सतत शिपिंग”(Sustainable shipping for a sustainable planet) थी। और वर्ष 2019 की Theme “हिंद महासागर- अवसर का एक महासागर” (Indian Ocean: An Ocean of opportunity) थी।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस थीम बीते पांच वर्षों की नीचे साझा की गई है।
· 2021 – “कोविड-19 के बाद टिकाऊ शिपिंग”
· 2020 – “एक स्थायी ग्रह के लिए सतत शिपिंग”
· 2019 – “समुद्री समुदाय में महिलाओं को सशक्त बनाना”
· 2018 – “हिंद महासागर-अवसर का एक महासागर”
· 2017 – “जहाजों, बंदरगाहों और लोगों को जोड़ना”
राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह 30 मार्च, 2023 से 5 अप्रैल, 2023 तक
* राष्ट्रीय समुद्री दिवस के महत्व को चिह्नित करने के लिए, सरकार 30 मार्च, 2023 से 5 अप्रैल, 2023 तक राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह मना रही है, नाविकों की सेवाओं को श्रद्धांजलि दे रही है और पहले भारतीय स्टीमशिप “एस.एस. मैसर्स की वफादारी “। सिंधिया स्टीम, नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई, ने 1919 में मुंबई से लंदन (यूके) तक की अपनी पहली यात्रा पर अंतर्राष्ट्रीय जल में प्रवेश किया और इस दिन को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में चिह्नित किया गया।
* बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) नाविकों की सेवाओं और जुड़े हुए किसी अन्य व्यक्ति की सेवाओं को मान्यता देगा। MoPSW प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर रहा है जिन्होंने समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जैसे सागर सम्मान वरुण पुरस्कार, उत्कृष्टता के लिए सागर सम्मान पुरस्कार, वीरता के लिए सागर सम्मान पुरस्कार, आदि।
* राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर, सरकार उन नाविकों के स्मारकों को श्रद्धांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों में खुले समुद्र में अपने प्राणों की आहुति दी थी, जो व्यापक रूप से राष्ट्र के लिए उनकी बहादुरी और बलिदान को दर्शाता है।
* राष्ट्रीय समुद्री दिवस/व्यापारी नौसेना झंडा दिवस समारोह के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन और समन्वय करने के लिए मुंबई में राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह समिति की स्थापना की गई है। केंद्रीय समिति राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह समिति के मामलों का संचालन करती है।
* समिति जहाज मालिकों, नाविकों, बंदरगाह ट्रस्टों, समुद्री राज्य सरकारों, नौवहन मंत्रालय आदि के प्रतिनिधियों से बनी है। समिति जहाज मालिकों, बंदरगाह प्राधिकरणों, और विभिन्न अर्ध सरकारी और गैर-सरकारी से स्वैच्छिक योगदान के माध्यम से धन सुरक्षित करती है। शिपिंग में रुचि रखने वाले संगठन।
भारतीय नौवहन के बारें में कुछ ख़ास बाते
* प्रमुख बंदरगाह : भारत में 13 प्रमुख बंदरगाह मौजूद हैं, जो गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, दमण और दीव, लक्षद्वीप, पोंडिचेरी, और अंडमान निकोबार द्वीप में स्थित हैं।
* भारतीय समुद्र तट : भारत का समुंद्री तट पूर्वी और पश्चिमी दोनों ओर 7517 किलोमीटर तक फैला हुआ हैं।
* समुद्री क्षेत्र अधिनियम 1976 : भारत में 25 अगस्त 1976 को पारित हुए समुद्री क्षेत्र अधिनियम (Maritime Zones Act) के अनुसार भारत द्वारा 2.01 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र का दावा किया गया है।1976 : 1976 : भारत में 25 अगस्त 1976 को पारित हुए समुद्री क्षेत्र अधिनियम (Maritime Zones Act) के अनुसार भारत द्वारा 2.01 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र का दावा किया गया है।1976 : भारत में 25 अगस्त 1976 को पारित हुए समुद्री क्षेत्र अधिनियम (Maritime Zones Act) के अनुसार भारत द्वारा 2.01 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र का दावा किया गया है।
* व्यापारी जहाज : भारत में आधुनिक मर्चेंट नेवी का जन्म अंगेजों से स्वतंत्रता मिलने से पहले 1919 में एसएस लॉयल्टी के रूप में हुआ था, इस दौरान यह भारत से ब्रिटेन के लिए रवाना हुआ था।
* मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 : 2021 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल के खाके की घोषणा की। और इस मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 का उद्देश्य भारतीय समुद्री क्षेत्र का कायापलट करना है। और देश भर में विभिन्न बंदरगाह परियोजनाओं में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है और इससे 20 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
* समुद्री व्यापार : भारत में 7517 किलोमीटर की विशाल समुद्री तटरेखा है, और 16वां सबसे बड़ा समुद्री उद्योग है, यहां 12 प्रमुख बंदरगाह और 205 अधिसूचित छोटे और मध्यवर्ती बंदरगाह हैं।
* यूएसए का राष्ट्रीय समुद्री दिवस : अमेरिका (USA) में ‘National Maritime Day’ 22 मई को मनाया जाता है तो वहीं ‘यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस’ द्वारा इसे हॉलिडे भी घोषित किया हुआ हैं। अमेरिका (USA) में ‘National Maritime Day’ 22 मई को मनाया जाता है तो वहीं ‘यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस’ द्वारा इसे हॉलिडे भी घोषित किया हुआ हैं।
* राष्ट्रीय समुद्र दिवस पांच महासागरों में व्यापार की सुविधा के माध्यम से समुद्री अर्थव्यवस्था का देश की Economy में दिए योगदान दर्शाता है।
* आज भारत कुल DWT (लदान क्षमता) के मामले में दुनिया में 15वें स्थान पर है। इस समय भारत लगभग 12.8% अधिकारियों और रेटिंग का लगभग 14.5% दुनिया भर के समुदाय को आपूर्ति करता है। जो किसी भी देश में सबसे अधिक है।
मर्चेंट नेवी वीक और सागर सम्मान अवार्ड क्या है?
हर वर्ष मर्चेंट नेवी वीक को 30 मार्च से 5 अप्रैल 2023 तक मनाया जाना प्रस्तावित किया गया है, इस अवसर पर सागर सम्मान पुरस्कार वितरित किए जाते है, जिसमें से वरुणा अवार्ड काफी महत्वपूर्ण है। 2022 में सागर सम्मान वरुण पुरस्कार स्वर्गीय कैप्टन हैरी सुब्रमण्यम को दिया गया था। “नेशनल मैरीटाइम वरुणा अवार्ड” ऐसे पुरस्कारों की सर्वोच्च श्रेणी है, जो समय के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा किए गए लगातार असाधारण और उत्कृष्ट सर्वांगीण और नेतृत्व योगदान के लिए दिए जाते हैं। इस पुरस्कार में भगवान वरुण की एक मूर्ति, एक प्रमाणपत्र और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है।
विश्व समुद्री दिवस कब मनाया जाता है?
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व समुद्री दिवस हर साल सितम्बर महीने के अन्तिम बृहस्पतिवार को मनाया जाता है। यह 1958 में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) सम्मेलन के अनुकूलन की तारीख को चिह्नित करता है। इस साल 2023 में विश्व समुद्री दिवस 28 सितम्बर को मनाया जाएगा। तीनों ओर समुंद्र से घिरा होने के कारण भारत एक प्रायद्वीपीय देश कहा जाता है, ऐसे में व्यापार और रक्षा के लिहाज से इसकी सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना जरूरी हो जाता है। आज राष्ट्रीय समुद्र दिवस के अवसर पर हम देश की मर्चेंट नेवी को दिल से सलाम करते है।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह के बारे में कुछ रोचक तथ्य
* यह पहली बार 5 अप्रैल 1964 को मनाया गया था।
* भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर, उन लोगों के लिए एक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है जिन्होंने भारतीय समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। इस पुरस्कार को वरुण पुरस्कार के रूप में जाना जाता है जिसमें भगवान वरुण की एक मूर्ति और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है।
* उत्कृष्टता का एनएमडी पुरस्कार समारोह के दौरान भी दिया जाएगा जिसमें एक ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होता है। यह भारतीय समुद्री क्षेत्र में वरिष्ठ कार्यात्मक स्तर पर व्यक्तियों को उनके जीवनकाल में असाधारण और विशिष्ट उपलब्धियों या प्रदर्शन के लिए पहचानने और सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
* ‘समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण में उत्कृष्ट योगदान’ पुरस्कार में एक ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होगा। यह प्रतिष्ठित व्यक्तियों को समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण में उनके निरंतर योगदान के लिए पहचानने और सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
* स्वतंत्रता के बाद के युग में, देश ने शिपिंग में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। समुद्री इतिहास में, यूनाइटेड किंगडम ने समुद्री सुरक्षा के लिए और जहाजों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन को नामित किया है। 1959 में भारत इस एजेंसी का सहयोगी बन गया।
* यह संघ एक मानक आधार पर समुद्री सम्मेलनों का आयोजन करता है और दुनिया भर में समुद्री सम्मेलनों का मसौदा तैयार करता है।
भारत की हिंद प्रशांत क्षेत्र में भूमिका
देखने में आ रहा है कि भारत का जो अमेरिका, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड का सहयोग हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ाया जा रहा है वह चीन की महत्वाकांक्षा को रोकने के कारगर सिद्ध हो सकता है. जिससे हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत और अन्य देश स्वतंत्र रूप से समुद्री व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम दे सकें और किसी एक देश के अनुचित वर्चस्व को रोक सकें।
समुद्री रास्तों का महत्व
हकीकत यही है कि दुनिया में जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार हो रहा है उसमें अधिकांश सामान का आदान प्रदान समुद्री रास्ते के जरिए होता है. ऐसे में जब भी दुनिया में युद्ध या कोविड-19 महामारी का संकट आता है तो सबसे पहले यही व्यापारिक गतिविधि प्रभावित होती है. ऐसे में समुद्री व्यापार, समुद्री रक्षा, और समुद्री संसाधनों का विकास के महत्व की पहचान बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय समुद्री दिवस एक बड़ा अवसर है।
राष्ट्रीय समुद्री दिवस अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के समर्थन में मनाया जाता है क्योंकि समुद्री शिपिंग दुनिया भर में वस्तुओं को स्थानांतरित करने का सबसे कुशल, सुरक्षित और पारिस्थितिक रूप से जिम्मेदार तरीका है। यह दिन हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा, सुरक्षा और बचाव की आवश्यकता का प्रतीक है क्योंकि देश के जल मार्गों की पूर्ण परिपक्वता और संरक्षण महत्वपूर्ण है।