देश और दुनिया में चाय के दीवानों की कोई कमी नहीं है, क्योंकि चाय (Tea) पीने के शौकीन लोग अक्सर अपने सुबह की शुरुआत गरमा-गरम चाय की चुस्कियों से करते हैं. ऐसे में हर साल 21 मई को इंटरनेशनल टी डे यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है. इस दिवस को चाय के बागानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों, निष्पक्ष व्यापार और चाय के उत्पादन में सुधार के लिए एक स्थायी वातावरण मुहैया करने को लेकर जागरूकता पैदा की जाती है. दरअसल, साल 2007 में टी बोर्ड ऑफ इंडिया (Tea Board Of India) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में उत्पादन किए जाने वाले चाय का 80 फीसदी हिस्सा घरेलू आबादी द्वारा उपभोग किया जाता है।साल 2005 में पहला अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया था. इसके बाद साल 2015 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन को इस दिन को विश्व स्तर पर लाने का प्रस्ताव दिया था. ऐसे में आज यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के खास मौके पर आप सबको अन्तराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामनाएं ….
चाय का नाम सुनते ही कई लोगों को इसकी तलब लग जाती है, आज चाय के ऐसे ही दीवानों लिए एक ख़ास दिन है, क्योकि आज चाय दिवस है। हर साल चाय उत्पादन करने वाले देशों में 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है। भारत चाय का उपभोग करने के मामले में पहले नंबर और इसके उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है। पानी के बाद चाय दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय है। ऐसे में इस पर समर्पित एक दिन होना जरूरी है।
चाय क्या है?
चाय एक पेय है जो कैमेलिया साइनेसिस प्लांट से बनाया जाता है, इसकी उत्पत्ति उत्तर पूर्वी भारत, उत्तरी म्यांमार और दक्षिण पश्चिमी चीन में हुई बताई जाती है। (लेकिन सबसे पहले यह पौधा कहां हुआ इसकी जानकारी नहीं है।) इस बात के सबूत हैं कि 5000 साल पहले चीन में चाय का सेवन किया जाता था।
इंटरनेशनल टी डे के बारे में जानकारी
नाम : अन्तराष्ट्रीय चाय दिवस
तिथि : 21 मई (वार्षिक)
घोषणा : 19 दिसंबर, 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा
पहली बार : 21 मई 2020
थीम (2023) : ब्रिंगिंग पीपल टूगेदर ओवर अ कप ऑफ़ टी
उद्देश्य : चाय के औषधीय गुणों और इसके सांस्कृतिक महत्व को उजागर करना
अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस कब मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 21 मई को मनाया जाता है इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2019 में की गई तथा वर्ष 21 मई 2020 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया। परंतु वर्ष 2005 से ही भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, युगांडा, तंजानिया, यूके, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और केन्या समेत दुनिया के कई अन्य देशों में यह दिन 15 दिसंबर को हर साल चाय प्रेमियों द्वारा चाय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इंटरनेशनल टी डे मुख्यतः चाय के सबसे ज्यादा उत्पादकता वाले देशों द्वारा मनाया जाता रहा है, भारत में इसकी शुरुआत वर्ष 2005 से हुई मानी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास
भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र पैनल को चाय दिवस मनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया, जिस पर अंतरराष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (FAO) इंटरगवर्नमेंटल ग्रुप (IGG) की सहमति बनी। 15-16 अक्टूबर को इटली के मिलान में समूह की अंतर-सत्र बैठक में इसे मनाए जाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय चाय बोर्ड के अध्यक्ष संतोष कुमार सारंगी ने समूह को प्रस्ताव दिया था कि हर साल एक “अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस” मनाया जाना चाहिए। इस पर मंजूरी मिलने के बाद 19 दिसंबर, 2019 को एक प्रस्ताव पारित कर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) ने 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया। और फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) को इसका नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित किया गया। 21 मई 2020 को पहला अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस वर्चुअली मनाया गया जिसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चाय निर्यातक और आयात करने वाले देशों के साथ ही इसका उत्पादन करने वाले देशों को भी शामिल किया गया। इस इवेंट की शुरुआत खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक QU Dongyu (क्यू डोंग्यु) ने की थी।
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2023 की थीम
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2023 की थीम “एक कप चाय पर लोगों को एक साथ लाना” (Bringing People Together Over a Cup of Tea) है। इसके साथ ही Tea Day एक आदर्श वाक्य के साथ मनाया जाता है जो ‘फील्ड से लेकर कप तक (From Field to Cup)‘ है। पिछली साल इंटरनेशनल टी डे 2022 की थीम “दुनिया भर में चाय का जश्न मनाना” (Celebrating Tea Around The World) थी, तो वहीं 2021 का कार्यक्रम “Tea and Fair Trade” (चाय और निष्पक्ष व्यापार) विषय के साथ मनाया गया था। चाय दिवस की थीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीब देशों में निष्पक्ष तरीके से व्यापार करने पर जोर डालती है, जिससे चाय की पहुंच दुनिया भर में बढ़ने के साथ ही गरीब देशों का भी फायदा होगा।
कैसे आया चाय अस्तित्व में?
चाय पर हुए तमाम शोधों की रिपोर्ट बताती है कि आने वाले दिनों चाय की खपत और भी बढ़ेगी. गौरतलब है कि चीन और भारत की कुल आबादी का 37.4 प्रतिशत है, और इन दोनों ही देशों के लोगों की पहली चाय है, जिसे सुबह उठने और सायंकाल को लोग पीते हैं. मान्यतानुसार चीन के सम्राट शेन हांग ने 2737 ईसा पूर्व में चाय की खोज की थी, जब एक पेड़ से कुछ पत्तियां खौलते पानी में गिरीं, पानी का रंग बदला तो उन्हें आश्चर्य हुआ, चखने पर स्वादिष्ट लगा. इस तरह चाय की पत्ती जंगल से महल में आई. और देखते-देखते इसका नशा ऐसा चढ़ा, कि आज दुनिया का सबसे पसंदीदा पेय पदार्थ बन गया है।
इंटरनेशनल टी डे क्यों मनाया जाता है? उद्देश्य
21 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाय के व्यापार, श्रमिकों एवं उत्पादकों पर इसके प्रभाव की ओर दुनिया एवं सरकारों का ध्यान आकर्षित करना है।चाय का उत्पादन और इसकी प्रोसेसिंग लाखों परिवारों के लिए आजीविका का मुख्य साधन है, चाय पर आधारित यह महत्वपूर्ण दिवस चाय के स्थाई उत्पादन, इसकी खपत और व्यापार को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भी यह सुनिश्चित करता है की चाय की इंडस्ट्री अत्याधिक गरीबी को कम करने, भूख से लड़ने और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है। चाय का व्यापार कुछ गरीब देशों में लोगों की आय और निर्यात राजस्व का एक मुख्य स्रोत है जो चाय उत्पादक देशों में श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है। इसके साथ ही चाय का उत्पादन और इसकी प्रोसेसिंग गरीबी कम करने, भूख के खिलाफ लड़ाई में, महिलाओं के सशक्तिकरण और स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के सदुपयोग में योगदान देता है।
इंटरनेशनल टी डे का महत्व
चाय का एक लंबा इतिहास है और यह विभिन्न देशों की संस्कृतियों में गहराई से समाई हुई है। इन देशों में चाय न केवल एक लोकप्रिय पेय है बल्कि कई समाजों में सामाजिक रीति-रिवाजों, समारोहों और आतिथ्य में भी अहम भूमिका निभाती है। चाय उद्योग दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है खासतौर से चाय उगाए जाने वाले क्षेत्रों में। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस चाय क्षेत्र के आर्थिक मूल्य को पहचानने के लिए है और इसका उद्देश्य स्थायी चाय उत्पादन और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना है। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस, चाय के व्यापार को स्थिरता, उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने पर जोर देता है। साथ ही उन प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है, जो पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा इस काम में जुटे श्रमिकों के लिए उचित मजदूरी सुनिश्चित करना हैं और चाय उगाने वाले क्षेत्रों में सामाजिक विकास को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। चाय, विशेष रूप से हरी और हर्बल चाय कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ी हुई है क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होती है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस चाय के सेवन के संभावित स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता को फैलाने के लिए भी मनाया जाता है।
चाय के प्रकार
1. पुदीना चाय : Mint tea यानी पुदीने की चाय, जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि यह चाय पुदीने की बनी होती है, जिसका फ्लेवर Cool और रिफ्रेशिंग होता है। यह चाय पेट से जुड़ी समस्याओं और ऐंठन को दूर करने में काफी सहायक होता है। पुदीने की पत्तियों में ऐंटीस्पासमोडिक गुण होते है जो मांसपेशियों में ऐंठन से राहत दिलाने में लाभकारी होता है, और इसके इस्तेमाल से पेट दर्द से आराम मिलता है।
2. अदरक वाली चाय : Bloating यानी पेट फूलने की दिक्कत या लूज मोशन (दस्त) की परेशानी हैं तो हम आपको बता दें कि अदरक को पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए सबसे बेस्ट उपाय माना जाता है। अदरक में Gingerol नामक Bioactive compound (जैव सक्रिय यौगिक) पाया जाता है, जो इन दिक्कतों को कम करने में सहायक होता है।
3. हल्दी वाली चाय : हल्दी में मौजूद ऐंटीइन्फ्लेमेट्री और ऐंटीऑक्सिडेंट के गुण होने के कारण हल्दी का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। अगर आप हल्दी वाली चाय में हल्दी के साथ में चुटकी भर काली मिर्च भी डाल दी जाए तो यह पेट में गैस और पाचन तंत्र की समस्याओं से निजात दिलाता है।
4. नींबू की चाय : Lemon Tea बिना दूध की चाय में नीम्बू डालकर बनाई जाती है, लेमन टी पीने से आपका वजन तो कम होता ही है साथ ही यह पेट की गंदगी को साफ कर आपके पेट की चर्बी घटाने में भी आपकी सहायता करता है। यह हृदय संबन्धी कई समस्याओं से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
5. ग्रीन टी : Green tea पारंपरिक चाय तो नहीं है लेकिन ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाती है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम कर मोटापे से बचाती है।
6. तुलसी हर्बल टी : तुलसी के पत्तों से इस चाय को बनाकर पिया जा सकता है. अपनी आम चाय में भी आप तुलसी के पत्ते डाल सकते हैं या फिर काली चाय में कुछ तुलसी के पत्ते डालकर पका लें. मेटाबॉलिज्म के लिए यह चाय खासतौर से अच्छी साबित होती है।
7. काली चाय : काली चाय सबसे ज्यादा ऑक्सीडेशन प्रोसेस से गुजरने के बाद बनती है. इस चाय का वजन घटाने में अच्छा असर नजर आता है. दिन में 2 से 3 कप तक ब्लैक टी (Black Tea) पी जा सकती है. पेट और कमर का फैट कम करने के लिए आप इस चाय का सेवन कर सकते हैं।
8. ऊलोंग टी : ऊलोंग टी ट्रेडिशनल चीनी यानी चाइनीज चाय है. इसका अरोमा फ्रूटी होता है और इसका फ्लेवर बेहद अलग लगता है. मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने और फैट बर्निंग (Fat Burning) पावर बढ़ाने के लिए ऊलोंग टी का सेवन अच्छा रहता है।
9. काला नमक : चाय का स्वाद बढ़ाने और बैठे हुए गले को ठीक करने के लिए काला नमक का इस्तेमाल करना काफी ठीक रहता है।
10. काली मिर्च : अगर आपका गला खराब है तो काली मिर्च डाल कर अपनी चाय बनानी चाहिए। इससे स्वाद तो बढ़ेगा ही साथ ही गला भी ठीक हो जायेगा।
11. गुड़ : अगर आप चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करेंगे तो ये आपके शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद रहेगा।
12. इलायची : इलायची आपकी चाय का स्वाद बढ़ाने में काफी हद तक मददगार होती है। आप इसे रेगुलर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
13. पुदीना : चाय में ताजगी का एहसास कराने के लिए पुदीना एक बेहतर विकल्प है। चाय में पुदीना की कुछ पत्तियां इसके स्वाद को कई गुना बढ़ा सकती हैं।
14. लौंग : सर्दी और जुकाम से परेशान चल रहे लोग चाय में लौंग डाल कर पी सकते है। इससे आपकी चाय का स्वाद कई गुना बढ़ जाएगा।
15. दालचीनी : चाय बनाते समय अगर आप सीमित मात्रा में दालचीनी डालेंगे तो इससे आपको काफी फायदा मिलेगा। चाय बनाते समय इसकी मात्रा का जरूर ध्यान रखें।
16. चक्रफूल : एक कप चाय में एक चक्रफूल उसका स्वाद बढ़ाने के लिए काफी होता है। अगर आप इसे डालकर चाय पीने लगेंगे तो आपको इसकी आदत भी पड़ सकती है।
17. केसर : केसर आपकी चाय के स्वाद को कई गुना बढ़ाने में मददगार है। चाय में दो से तीन केसर के धागे ही इसका स्वाद बदल सकते हैं। ये काफी फायदेमंद भी होती है।
चाय कैसे बनाते है आइए जानते हैं इसका आसान तरीका
Step.1: सबसे पहले आप चाय बनाने के बर्तन में पानी (100mg) उबलने के लिए रख दें।
Step.2: अब इस गर्म पानी में स्वाद अनुसार चीनी और 2 ग्राम चायपत्ती मिलाकर इसे लगभग 85 डिग्री सेल्सियस ताप पर गर्म करें।
Step.3: ऐसा माना जाता है की चाय पत्ती को 6 मिनट से ज्यादा नहीं उबालना चाहिए। क्योंकि लगभग 6 मिनट में ही इसका रस उत्तम मात्रा में निकल जाता है।
Step.4: अब चाय को सर्व करे, और गर्मागर्म चाय का लुफ्त उठाए।
चाय के संदर्भ में कुछ रोचक बातें
* सर्वप्रथम भारत के साथ श्रीलंका, बांग्लादेश, वियतनाम, नेपाल, केन्या, इंडोनेशिया, मलेशिया, मलावी, भारत, युगांडा और तंजानिया में 15 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा चाय दिवस 21 मई किया गया, क्योंकि मई माह में ज्यादातर देशों में चाय का उत्पादन शुरू हो जाता है।
* चाय एक सुगंधित पेय है, जिसे कैमेलिया साइनेंसिस से बनाया जाता है, और दुनिया में सबसे ज्यादा पीया जाने वाला पेय पदार्थ है।
* किंवदंतियों को अपवाद माने तो बताया जाता है कि चाय की उत्पत्ति उत्तरी म्यांमार, भारत और दक्षिण पश्चिम चीन में हुई थी. कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि चीन में चाय का सेवन गत पांच हजार वर्षों से किया जा रहा है।
* चाय का पौधा मध्यम गर्म एवं नमी युक्त जलवायु में अच्छी तरह फलता-फूलता है, क्योंकि यह उष्णकटिबंधीय पौधा (Subtropical Plant) है।
* चाय के पौधे के लिए थोड़ी अम्लीय मिट्टी बेहतर मानी जाती है।
* चाय का पौधा उगाने के लिए न्यूनतम 20 डिग्री सें, और अधिकतम 30 डिग्री आदर्श तापमान होता है. इसके विपरीत तापमान में पौधे नष्ट हो जायेंगे।
ज़रूरी सन्देश
* चाय उत्पादन और प्रसंस्करण लाखों परिवारों के लिए आजीविका के स्रोत का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें सबसे कम विकसित देशों में लाखों शामिल हैं।
* चाय क्षेत्र एक बहु अरब डॉलर का उद्योग है जो अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन कर सकता है और टिकाऊ खाद्य प्रणालियों में योगदान दे सकता है।
* चाय निर्यात आय प्रमुख चाय उत्पादक देशों की अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करते हुए, खाद्य आयात बिलों को वित्तपोषित करने में मदद करती है।
* चाय क्षेत्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देता है, दुनिया भर में लाखों गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय का एक प्रमुख स्रोत का प्रतिनिधित्व करता है।
* चाय बहुत विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिक परिस्थितियों और वातावरण में पनपती है, जो अक्सर जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होती हैं।
* छोटे चाय उत्पादकों को अपने व्यापार मॉडल और पर्यावरण को मजबूत करने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे समर्थन की आवश्यकता है।
* लोगों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभ सुनिश्चित करने के लिए, चाय मूल्य श्रृंखला को खेत से कप तक सभी चरणों में कुशल और टिकाऊ होना चाहिए।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।