क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कितने बच्चे कैंसर की वजह से अपनी जान गवां देते हैं? क्या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी संस्था है जो इसका समाधान करने का प्रयास कर रही है और वैश्विक स्तर पर कैंसर से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया करवा रही है? आज हम ऐसी ही संगठन के इतिहास के विषय में जानेंगे। कुछ संगठनों द्ववारा दुनियाभर में लोगों को जागरुक करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस की शुरुआत कब की गई? इसकी क्या प्रांसगिकता है? विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को किस तरह के कैंसर होने का खतरा होता है? इसके अलावा जानकारी देंगे कि भारत में चाइल्ड कैंसर को लेकर क्या स्टडी सामने आ रही हैं?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण बड़ों में ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों में भी देखने को मिलते हैं। बच्चों से ही घर में रौनक का माहौल बना रहता है। बच्चों को अगर घर में थोड़ी-सी खरोच भी आ जाए तो माता-पिता और बूढ़े बुजुर्गों को तनाव घेर लेता है। अगर किसी को बाल कैंसर हो जाता है तो घर के सदस्य इस दुनिया में जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके जीवन में खुशियों की चाबी सिर्फ और सिर्फ बच्चे ही होते हैं। बात की जाए बाल कैंसर की तो दुनियाभर में हर साल कैंसर की वजह से लाखों बच्चों की मौत होती है। यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है जिस कारणवश लोगों में बाल कैंसर को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाया जाता हैं। बाल कैंसर के बढ़ते आंकड़े दुनिया भर में चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कैंसर के लक्षण बच्चों में काफी जल्दी देखने को मिलने हैं। अगर लोग इन लक्षणों के प्रति जागरुक हों तो अपने बच्चों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं। हम यहां आपको जानकारी देंगे कि अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस का इतिहास क्या हैं? विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में कितने प्रकार के कैंसर देखने को मिलने लगते हैं?
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास
अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस, एक वैश्विक कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 2002 में चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल द्वारा शुरु किया गया था। यह चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल, कैंसर सोसायटी और 5 महाद्वीपों में 93 से अधिक देशों में बाल कैंसर सहायता समूहों के प्रयासों द्वारा स्थापित किया गया था। वर्तमान समय में यह 176 मूल संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2018 में ‘बाल कैंसर के लिए वैश्विक पहल’ शुरू की गई थी जिसका लक्ष्य 2030 तक कैंसर से पीड़ित बच्चों की जीवन रक्षा दर को कम से कम 60 प्रतिशत तक बढ़ाना है। अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस पहली बार चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल द्वारा ही मनाया गया था जिसका उद्देश्य बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना और कैंसर के सही इलाज के लिए काम करना है और जरुरतमंद बच्चों के लिए सस्ती व उच्च गुणवत्ता से युक्त दवाओं को उपलब्ध करवाना हैं। यह हर साल नई थीम के साथ मनाया जाता है। पिछले साल, कैंसर से पीड़ित बच्चों और किशोरों की बहादुरी, साहस और लचीलेपन का जश्न मनाने के लिए #थ्रूहैंड्स की थीम के तहत मनाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस का उद्देश्य
बचपन में कैंसर से पीड़ित बच्चों, किशोरों, उनके परिवारों और समाज को समर्थन प्रदान करना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। यह उन्हें आत्मविश्वास और उम्मीद देता है कि उन्हें इस लड़ाई में साथ दिया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य है कि समाज और सरकार बच्चों के कैंसर के इलाज की प्राथमिकता को समझें और इसके लिए सही संसाधन उपलब्ध कराएं। यह दिवस बचपन के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। लोगों को इस बारे में जानकारी देने के माध्यम से वे समझते हैं कि कैंसर के इलाज के लिए सही जानकारी और समर्थन कितना महत्वपूर्ण है। बचपन में कैंसर से पीड़ित बच्चों, किशोरों, उनके परिवारों और समाज को समर्थन प्रदान करना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है। यह उन्हें आत्मविश्वास और उम्मीद देता है कि उन्हें इस लड़ाई में साथ दिया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य है कि समाज और सरकार बच्चों के कैंसर के इलाज की प्राथमिकता को समझें और इसके लिए सही संसाधन उपलब्ध कराएं। इस दिन के माध्यम से बाल कैंसर के अनुसंधान और उपचार में नवीनतम विकासों की जानकारी प्राप्त की जाती है और इसके लिए समर्थन की गुहार की जाती है। बच्चों को इस दिन के माध्यम से आत्मज्ञान और आत्मविश्वास का विकास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे इस बीमारी के साथ सफलतापूर्वक लड़ सकें।
बाल कैंसर से संबधित अध्ययन
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 0 से 19 वर्ष के बीच के लगभग 50,000 बच्चे और किशोर हर साल इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं। कैंसर देश में बच्चों की मृत्यु का नौवां सबसे आम कारण है।
बच्चों को होने वाले कैंसर
अंतर्राष्ट्रीय कैंसर दिवस के अवसर पर बच्चों को होने वाले कैंसर के विषय में जानकारी पता होना आवश्यक है। यह बच्चों से किशोरों को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को होने वाले कैंसर इस प्रकार के होते हैं।
लिम्फोमा – इसमें बच्चों को तेज बुखार और थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम भी कमजोर हो जाता है।
न्यूरोब्लास्टोमा – यह कैंसर नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है। इसका असर किडनी के ऊपरी हिस्सों में होता है। इसके अलावा बड़े बच्चों में भी इसका असर देखने को मिलता है।
बच्चों में ब्रेन ट्यूमर – इस कैंसर में बच्चों के ब्रेन में कैंसर सेल्स का निर्माण होने लगता है। यह बच्चों और किशोरों को प्रभावित कर सकता है। इसके मुख्य लक्षण सिरदर्द, याददाशत कमजोर होना, उल्टी और चक्कर आना, मांसपेशियां कमजोर होना, बोलने और देखने में कठिनाई महसूस होना हैं।
बच्चों में बोन कैंसर –आस्टियोकोरमा व इविंग्स सारकोमा हड्डियों में होने वाला कैंसर है जिसे बोन कैंसर भी कहा जा सकता है। यह बच्चों और किशोरों में देखने को मिलता है।
ल्यूकीमिया – यह कैंसर बच्चों की हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है इसलिए इसे बोन कैंसर भी कहा जा सकता है। इसमें बच्चों की त्वचा पीली पड़ने लगती है। यह किशोरों की तुलना में बच्चों में थोड़ा अधिक नजर आता हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस की प्रासंगिकता
दुनियाभर में बाल कैंसर के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। इसका एक मुख्य कारण लोगों में जागरुकता की कमी होना भी है। बहुत से लोग आर्थिक रुप से इतने मजबूत नहीं होते हैं जिस कारण समय पर बच्चों को इलाज नहीं मिल पाता। अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस एक ऐसा कार्यक्रम हैं जो विकासशील देशों में गरीब वर्ग के बच्चों को इलाज तथा दवाइयां पहुँचाने का प्रयास करता है और लोगों में बाल कैंसर के लक्षणों और रोकथाम को लेकर जागरुकता पहुंचाता है। बच्चों को कैंसर से बचने के लिए किन आहार और पोषण को लेना चाहिए, इसकी जानकारी भी अपने कार्यक्रमों से दुनियाभर तक पहुंचाता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस से जुड़े तथ्य
* 1991 दुनिया में बचपन के कैंसर के लिए सबसे बड़ा रोगी-सहायता संगठन “चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल” स्थापित किया गया है।
* अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस का आयोजन पहली बार 2002 में किया गया था, जो बच्चों के अभिभावकों को जागरूक करने के लिए होता है।
* ICCD 2002 में चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल के द्वारा शुरू किया गया था, जो 93 से अधिक देशों में काम कर रहा है।
* कैंसर शब्द की खोज का श्रेय “हिप्पोक्रेटस” नामक वैज्ञानिक को दिया जाता है।
* इस दिन का मुख्य उद्देश्य बचपन के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना और कैंसर से पीड़ित बच्चों, किशोरों, बचे लोगों और उनके परिवारों को समर्थन प्रदान करना है।
* प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 400,000 बच्चे और किशोर कैंसर का शिकार होते हैं।
* बचपन के कैंसर के सबसे आम प्रकारों में ल्यूकेमिया, मस्तिष्क कैंसर, लिम्फोमा, ठोस ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर और हड्डी के ट्यूमर शामिल हैं।
* वर्ष 2018 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘बाल कैंसर के लिए वैश्विक पहल’ शुरू की, जिसका लक्ष्य 2030 तक कैंसर से पीड़ित बच्चों की जीवन रक्षा दर को कम से कम 60 प्रतिशत तक बढ़ाना है।[3]
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस के दिन हम सभी को अपनी भागीदारी देनी चाहिए। इस दिन सोशल मीडिया के माध्यम से हमें भी कैंपेन और पोस्ट करने चाहिए जिससे छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोग भी बाल कैंसर के विषय में जान सकें। यह काम सिर्फ किसी संस्था विशेष की जिम्मेदारी नहीं हैं बल्कि हमारी भी जिम्मेदारी है।