भ्रष्टाचार एक समस्याग्रस्त राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक घटना है जो सभी देशों को घेर लेती है। भ्रष्टाचार स्व-शासी संस्थानों को कमजोर करता है, आर्थिक विकास में बाधा डालता है, और सरकारी उतार-चढ़ाव में योगदान देता है। भ्रष्टाचार के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए दुनिया भर में हर साल 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है।
पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है, जो तकरीबन हर देश में देखी जा सकती हैं इसकी व्यापकता कम या ज्यादा हो सकती है, लेकिन कोई भी देश इस बात का दावा नहीं कर सकता, कि वो भ्रष्टाचार से मुक्त हैं, और सब जगह फैली हुई इस अनैतिक बीमारी से निपटने के लिए ही प्रति वर्ष 9 दिसम्बर को इंटरनेशनल एंटी-करप्शन डे (IACD) मनाया जाता हैं।
भ्रष्टाचार क्या है?
वास्तव में भ्रष्टाचार समाज में व्याप्त वो बुराई है, जिसके कारण समाज का ना केवल नैतिक पतन हो रहा है, बल्कि इससे समाज की आर्थिक स्थिरता पर भी प्रहार हो रहा हैं. भ्रष्टाचार में ना केवल बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ शामिल होते हैं, बल्कि छोटे स्तर पर भी कई लोगों को इसमें लिप्त देखा जा सकता हैं, जिसमें पुलिस, शैक्षिक क्षेत्र और यहाँ तक कि हॉस्पिटल और स्वास्थ सम्बन्धित मामलो से जुड़े लोगों को भी देखा जा सकता है. भ्रष्टाचार से किसी भी लोकतांत्रिक देश का आर्थिक, सामाजिक और नैतिक पतन होता है, ये सरकार में भी अस्थिरता बनाने का काम करता हैं. भ्रष्टाचार से लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया तक बाधित हो सकती है. देश की सुरक्षा और आर्थिक समस्याएं भी इससे जुड़ी रहती हैं. दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में जिन देशों का नाम आता हैं वो हैती, ईराक, नार्थ कोरिया, वेनेजुएला, सोमालिया और अफगानिस्तान हैं।
क्यों खास है अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने में राज्यों, सरकारी अधिकारियों, सिविल सेवकों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, शिक्षा जगत, जनता और युवाओं को समान रूप से भूमिका निभानी है. हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAC) की बीसवीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के प्रयासों की शुरुआत भी करता है।
वर्तमान में भ्रष्टाचार के प्रकार
भ्रष्टाचार तो विरासत में मिली ऐसी संपत्ति है, जिसे लोग दिन प्रतिदिन बढ़ावा देकर, देश को खोखला कर रहे है। “विश्व में ,भ्रष्टाचार के मामले में भारत का 94वा स्थान है” 2005 के एक सर्वे के अनुसार, 62% से अधिक भारतीय अपने काम को शीघ्रता से कराने के लिए, छोटे से सरकारी दफ्तरों से लेकर सरकार तक को रिश्वत देकर, एक धनी या संपन्न व्यक्ति अपने काम आसानी से करा लेता है. हर दिन अख़बार में एक नया भ्रष्टाचार या भारत में हुए अब तक के सबसे बड़े घोटाले सामने आते है. पहले एक-एक रुपये की कद्र हुआ करती थी, आज करोड़ों में तो, भ्रष्टाचार या घोटाला होने लगा है. यह कई प्रकार से होने लगा है. जैसे-
निजी दफ्तरों से सरकारी दफ्तरों तक भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार बुराई का वह रूप है जिसे, कई बार जनता ने काम शीघ्र कराने के लिए आसानी से अपनाया, तो कई बार मज़बूरी में. उस व्यक्ति ने पैसा खिला कर, अपना तो काम बना लिया. तथा कुर्सी पर बैठे उस अधिकारी ने भी रुपयों के लालच में भ्रष्टाचार को अपना लिया. यह भ्रष्टाचार एक छोटे से निजी दफ्तर से लेकर , बड़े से बड़े सरकारी विभाग चाहे, फिर वह पुलिस तंत्र, न्यायालय या स्वयं सरकार ही क्यों न हो भ्रष्टाचार में लिप्त है।
मिडिया में भ्रष्टाचार – वर्तमान में संचार के साधनों का विकास व उपयोग बहुत तीव्रता से हो रहा है. हर व्यक्ति के पास सोशल नेटवर्किंग के साधन- टी.वी, लेपटॉप, मोबाइल, रेडियो, न्यूज़-पेपर सभी उपलब्ध है. हर एक अच्छी व बुरी सूचना का माध्यम मिडिया बन गया है. इसी माध्यम को लोगो ने खरीद कर अपने अनुसार संचालित कर लिया है. जिससे भ्रष्टाचार को और बढावा मिल गया है।
सरकार बनाने में भ्रष्टाचार – जो सरकार देश को संचालित करती है. उसे बनाने के लिए भी भ्रष्टाचार होने लगा. चुनावों वोट से लेकर, संसद की सीट तक सब बिकाऊ है. मिडिया के माध्यम से झूठे व कभी न पूरे होने वाले वादे जो नेता करते है. उसी विश्वास के आधार पर जनता पूरे भरोसे से जिस नेता को चुनती है वो तो खुद भ्रष्टाचार में लिप्त होता है।
व्यापार में भ्रष्टाचार – ऐसा कोई क्षेत्र नही बचा जहा भ्रष्टाचार न हो. तो व्यापार कैसे अछूता रह सकता है. छोटे से छोटे व्यापार के साथ बड़े से बड़े उद्योग में मिलावट की खबरे हर दिन सुनी जाती है. इन सब से बचने के लिए एक व्यापारी से तो बड़े उद्योगपति हर एक विभाग को पैसा खिला कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।
विविध रूप में भ्रष्टाचार – यह जरुरी नही कि किसी को पैसे देकर ही भ्रष्टाचार हो. भ्रष्टाचार के कई रूप और भी है, जैसे
* किसी चीज़ की गलत जानकारी देना।
* टैक्स की चोरी करके।
* चीजों में मिलावट करना।
* कालाबाजारी।
* रिश्वतखोरी/घूसखोरी।
इसके अलावा भी वह सभी बाते जिनका उद्देश्य ही गलत हो, और बुराई को बढावा देते हो, भ्रष्टाचार के अंतर्गत आते है।
भ्रष्टाचार कब से शुरू हुआ ?
पुराने समय में, जब भारत अंग्रेजो का गुलाम हुआ करता था उस समय ही “फूट डालो और शासन करो” की नीति के साथ, भ्रष्टाचार ने भारत में जन्म ले लिया था. बड़े बड़े राजा-महाराजा ने भी अंग्रेजो के साथ मिल कर, सत्ता और पूंजी के लालच में लिप्त होकर, भ्रष्टाचार बढ़ा दिया. तब से लेकर आज तक भ्रष्टाचार बहुत तीव्रता से बढ़ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस इतिहास
31 अक्टूबर 2003 के 58/4 रिजोल्यूशन के अनुसार जनरल असेम्बली ने दिसम्बर में 9 तारीख को इंटरनेशनल एंटी-करप्शन डे मनाने की घोषणा की गई थी. इस निर्णय का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ को और अधिक सशक्त बनाना था. असेम्बली ने इसके क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सभी स्टेट्स और समर्थ क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण के लिए बने संगठनों को यूनाइटेड नेशनस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन (यूएनसीएसी) पर हस्ताक्षर करवाने और इसके सभी नियमों को तुरंत प्रभाव से लागू करवाने पर जोर दिया. यूएनसीएसी पहली अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार संस्था है जो कि वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने का कार्य देखती हैं, इस तरह पहली बार 9 दिसम्बर 2003 को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस घोषित किया गया था. यूनाइटेड नेशन की असेम्बली ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने और इसे रोकने के लिए ये व्यवस्था की थी. यूएन द्वारा इसे बनाने का अधिकारिक कारण भी दिया गया था, कि जिसके अंतर्गत यूएन का कहना था “ये समस्या बहुत जटिल और व्यापक है, इसे हटाकर ही समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है, इससे एथिकल वैल्यू और न्याय की प्रक्रिया पर आम जन का विश्वास कायम होगा”. जब पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया, तब यूनाइटेड नेशनस डेवलपर प्रोग्राम एंड यूनाइटेड नेशन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम के ओर्गनाइजर ने कहा था कि अब भ्रष्टाचार के खिलाफा असहिष्णुता बढ़ गई हैं. इसके पीछे कारण राजनीति से जुड़े लोगों के अपराधों की संख्या का बढना हैं।
भ्रष्टाचार से संबंधित वैश्विक डेटा
प्रत्येक वर्ष रिश्वत में $1 ट्रिलियन का भुगतान किया जाता है, जबकि अनुमानित $2.6 ट्रिलियन सालाना भ्रष्टाचार के माध्यम से चुराए जाते हैं – यह राशि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 5% से अधिक के बराबर है. विकासशील देशों में, भ्रष्टाचार के कारण होने वाले नुकसान का अनुमान आधिकारिक विकास सहायता की राशि का 10 गुना है।
ये क्यों मनाया जाता हैं यह दिवस ?
भ्रष्टाचार से किसी भी व्यक्ति की ईमानदारी और उसकी मौलिकता का शक केदायरे में आना स्वाभाविक हैं. यह उन व्यक्तियों की छवि को भी प्रभावित करता हैं जिनके पास सत्ता और शक्ति होती हैं. इससे सरकार के स्थायित्व में कमी आती हैं, और देश आर्थिक रूप से पिछड़ने लगता हैं. भ्रष्टाचार कई तरह से किया जा सकता हैं इसके लिए केवल गैर-क़ानूनी पैसों का लेन-देन ही एक मानक नहीं हैं. लेकिन जो भी भ्रष्टाचार का शिकार होता हैं, उसकी एक ही इच्छा होती हैं कि उसे न्याय मिले और आरोपियों को सजा मिले,लेकिन इस दिशा में न्याय की प्रक्रिया को अपना काम करते हुए समय लग सकता हैं. और समय के साथ वो मुद्दा ही अपना अस्तित्व खोने लगता हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार सम्बन्धित मामलों पर आम-जन को जागरूक करने, न्याय की प्रक्रिया में तेजी लाने, भ्रष्ट अधिकारियों में खोंफ बनाने और समान कानून व्यवस्था के लिए भ्रष्टाचार सम्बन्धित वार्ता और इससे जुड़े मुद्दों पर विचार करना आवश्यक हो जाता हैं, और शायद इसी बात को ध्यान में रखकर भ्रष्टाचार दिवस मनाया जाने लगा हैं।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस उद्देश्य
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यही हैं कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन-जागृति के साथ ही सरकार और इससे जुड़े लोगों तक भी कानून और न्याय व्यवस्था की जानकारी को पहुचाया जा सके. जिससे आम-जन ना केवल अपने अधिकारों को लेकर सजग हो बल्कि शक्ति –सम्पन्न वर्ग और भ्रष्टाचार करने वालों में कानून का खोंफ भी बन सके. और इस निश्चितदिवस पर भ्रष्टाचार सम्बंधित समस्त समस्याओं पर विचार-विर्मश किया जा सके,और पीड़ित वर्ग को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस 2024 थीम
वर्ष
2024 के अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की थीम है “भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के साथ एकजुट होना: कल की ईमानदारी को आकार देना।” यह थीम भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में युवाओं को शामिल करने पर केंद्रित है। इस थीम के साथ, उद्देश्य उन्हें भ्रष्टाचार के प्रभावों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें कार्रवाई करने के लिए सशक्त बनाना है। युवाओं को परिवर्तन के एजेंट के रूप में देखा जाता है जो नीतियों को आकार दे सकते हैं और समाज को प्रभावित कर सकते हैं। उन्हें शामिल करके, वैश्विक समुदाय भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने की उम्मीद करता है। 2024 का अभियान CoSP11 में चर्चाओं का मार्ग तैयार करेगा, जहाँ युवा निर्णयकर्ताओं से अपील कर सकते हैं और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को और मजबूत बनाने के लिए दबाव डाल सकते हैं।
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के विषय
* 2022 की थीम “आपका अधिकार, आपकी भूमिका: भ्रष्टाचार को ना कहें” है।
* साल 2021 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“आपका अधिकार, आपकी भूमिका: भ्रष्टाचार को ना कहें।” (Your right, your role: say no to corruption.) था।
* साल 2020 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“आगे बेहतर बनाने के लिए ईमानदारी के साथ पुनर्प्राप्त करें” (Recover with Integrity to Build Forward Better) था।
* साल 2019 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट – कार्रवाई करें – परिवर्तन का नेतृत्व करें – परिवर्तन बनें” (United Against Corruption – Take action – Lead the change – Be the change) था।
* साल 2018 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त” (United Against Corruption) था।
* साल 2017 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“विकास, शांति और सुरक्षा के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक हो” (United against corruption for development, peace and security) था।
* साल 2016 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“विकास, शांति एवं सुरक्षा के खिलाफ भ्रष्टाचार पर एकजुटता था”।
* साल 2015 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“कैसे भ्रष्टाचार लोकतंत्र, विधि के शासन, मानव अधिकार को क्षति पहुंचा रहा है और संगठित अपराध और आतंकवाद की सहायता कर रहा हैं”।
* साल 2014 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस” का मुख्य विषय था- “भ्रष्टाचार की चेन तोड़ो” (Break the Corruption Chain)।
* साल 2013 अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का विषय (Theme)-“आज भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिनियम” (Act against Corruption Today)।
भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत द्वारा उठाए गए कदम
केंद्रीय सतर्कता आयोग हालांकि 1964 में बनाया गया था, लेकिन संसद के एक अधिनियम द्वारा 2003 में ही एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय बन गया. इसका जनादेश सतर्कता प्रशासन की देखरेख करना और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में कार्यपालिका को सलाह देना और सहायता करना है।
संबंधित विधान: सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013, व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम 2011, धन शोधन निवारण अधिनियम, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, आदि।
* 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का अनुसमर्थन।
* ई-गवर्नेंस और प्रत्यक्ष लाभ योजना की शुरूआत।
भारत में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु महत्वपूर्ण संस्थाएं एवं पहल
* अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1954 एवं केंद्रीय नागरिक सेवा नियम 1956।
* 1964 में केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना।
* बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988।
* सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण।
* सूचना का अधिकार,2005
* व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 2014।
* सरकारी सहायता का प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (DBT)।
*..लोकपाल।
* विमुद्रीकरण और डिजिटल मनी को प्रोत्साहन।
*..लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना।
* भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम,1988, भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, 2018।
* गवर्नमेंट-ई-मार्केट (जीईएम) जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही।
* सरकार के द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाना।
*..काले धन से लड़ने के लिए एक विशेष जाँच टीम का गठन।
*. बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए संशोधन।
इसे कैसे मनाये
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस एक ऐसा समय है जिसमें सभी राजनेता, सरकार, क़ानूनी संस्थाएं मिलकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकजुट हो सकते है,और इस मुद्दे से जुड़ी समस्याओं पर विचार विमर्श कर सकते हैं. भ्रष्टाचार से लड़ने और धोखाधड़ी को कम करने के उपायों पर चर्चा की जा सकती हैं. आम-जन को जागरूक करने के लिए ऐसे आयोजनकिये जा सकते हैं जहां इस बात पर विचार-विर्मश हो कि कैसे वो भ्रष्टाचार से बच सकते हैं और अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं. इसके अलावा म्यूजिकल और प्ले किये जा सकते हैं जिसमें भ्रष्टाचार से लड़ने का संदेश दिया जाए, और इस माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया जाए। भ्रष्टाचार से पीड़ित व्यक्ति को किसी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता हैं, जो कि भ्रष्टाचार से लड़ने के दौरान के अपने अनुभवों को कार्यक्रम में आये लोगों के साथ साझा करें और उन्हें भी प्रेरित करे, या फिर ऐसे समस्त पीड़ितों का ही एक कार्यक्रम आयोजित करवा के उनकी समस्या के समाधान के प्रबन्ध किये जा सकते हैं. भ्रष्टाचार की समस्या से निबटने के लिए वैश्विक स्तर पर सभी देशों को इस दिशा में एकजुट होने की आवश्यकता हैं, ऐसे में यदि वर्ष का यदि कोई एक दिन तय किया जाए, जब इस मुद्दे से जुडी समस्याओं पर विचार-विर्मश हो, तो मुद्दे की गम्भीरता से समझा जा सकता हैं, और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही एंटी-करप्शन दिवस मनाना आवश्यक हैं।
भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था. भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। भारत में राजनीतिक एवं नौकरशाही का भ्रष्टाचार बहुत ही व्यापक है। इसके अलावा न्यायपालिका, मीडिया, सेना, पुलिस आदि में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार से लड़ना मुश्किल है. यह एक प्रकार की बेईमानी या आपराधिक अपराध है जो किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा किया जाता है। भ्रष्टाचार असमानता को बढ़ाता है, लोकप्रिय जवाबदेही और राजनीतिक जवाबदेही को कम करता है, और इस प्रकार नागरिकों में बढ़ती हताशा और कठिनाई पैदा करता है।