5 सितंबर 2025 का दिन भारत के इतिहास में एक बहुसांस्कृतिक सौहार्द और समर्पण का प्रतीक बन गया है। आज देश तीन महत्वपूर्ण अवसर एक साथ मना रहा है:
केरल की संस्कृति का गौरव ओणम,
इस्लामिक श्रद्धा और आदर्शों की मिसाल ईद मिलाद-उन-नबी,
और शिक्षा के प्रति सम्मान और गुरुओं के योगदान को समर्पित शिक्षक दिवस (Teachers’ Day)।
तीनों अवसर न केवल पर्व हैं, बल्कि यह भारत की एकता में विविधता (Unity in Diversity) की अद्भुत मिसाल भी हैं।
1. ओणम (Onam): केरल का सांस्कृतिक महापर्व
️ ओणम का संबंध राजा महाबली की कथा से है — एक असुरराजा जो न्यायप्रिय, दानी और जनता के लिए प्रिय था। कहा जाता है कि जब वह अत्यधिक लोकप्रिय हो गया, तो देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। विष्णु ने वामन अवतार लेकर महाबली को पाताल भेजा, लेकिन उसे यह वरदान दिया कि वह हर वर्ष अपने प्रिय प्रजाजनों से मिलने पृथ्वी पर आ सकेगा — और उसी आगमन की स्मृति में ओणम मनाया जाता है।
सत्य, न्याय और समानता की भावना का उत्सव
कृषि कटाई का त्योहार, जिससे समृद्धि जुड़ी होती है
केरल की सांस्कृतिक पहचान और गौरव
पुकलम (फूलों की रंगोली) बनाना
ओणम साद्या (विशेष भोज) परंपरागत पत्तल में परोसी जाती है
वल्लमकली (नौका दौड़) और पारंपरिक नृत्य जैसे कथकली, पुलिकली
लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजते हैं
2. ईद मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad-un-Nabi): पैग़म्बर मोहम्मद साहब की याद में
ईद मिलाद पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब के जन्म और उनके जीवन, शिक्षाओं व संदेशों को याद करने का दिन है। वे इस्लाम के अंतिम पैग़म्बर माने जाते हैं, जिनका जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए एक आध्यात्मिक प्रेरणा और सामाजिक एकता का प्रतीक है।
उद्देश्य एवं महत्व
पैग़म्बर के जीवन और उनके द्वारा दिए गए शांति, समानता, करुणा और भाईचारे के संदेश को याद करना
समाज में प्रेम और संयम का प्रचार करना
समारोह
जुलूस, नात (पैग़म्बर की प्रशंसा में गीत)
मस्जिदों और घरों को सजाया जाता है
धार्मिक प्रवचन, दान और सेवा कार्य
3. शिक्षक दिवस (Teachers’ Day): डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित
भारत में 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वे भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति थे, जो महान शिक्षाविद, दार्शनिक और विचारक थे। जब उनके शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा, तो उन्होंने कहा: “यदि आप वास्तव में मुझे सम्मान देना चाहते हैं, तो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं।”
उद्देश्य एवं महत्व
शिक्षकों के योगदान को पहचानना और सम्मानित करना
शिक्षा के महत्व को समाज में स्थापित करना
समारोह
विद्यालयों में समारोह, भाषण, नाट्य प्रस्तुतियाँ
छात्रों द्वारा शिक्षकों को सम्मानित करना
सोशल मीडिया और समाज में शिक्षकों के लिए शुभकामनाएं
आज का दिन हमारे जीवन में तीन अद्भुत प्रेरणाओं का संगम है –
ओणम हमें सिखाता है कि न्यायप्रिय और दानी जीवन ही सच्चा राज है,
ईद मिलाद हमें बताता है कि करुणा और भाईचारा ही इस संसार की असली दौलत है,
और शिक्षक दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि गुरु ही ज्ञानरूपी दीपक हैं जो अंधकार में प्रकाश लाते हैं।
आइए, आज हम सभी इन तीनों पर्वों से प्रेरणा लेकर, समाज में प्रेम, ज्ञान, करुणा और समृद्धि के दीप जलाएं।आप सभी को ओणम, ईद मिलाद-उन-नबी और शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! “पर्वों से निखरे जीवन, शिक्षाओं से संवरे समाज और सद्भाव से बने भारत महान!”