बढ़ती उम्र के साथ आपको भी शरीर में परेशानियां होने लगी हैं? 50 पार के बाद शरीर में बीमारियां होने लगती हैं इनसे बचने के लिए बुजुर्गों के लिए योग जरूरी होता है। बढ़ती उम्र में नींद न आने की समस्या कॉमन हो जाती है। योग करने से नींद अच्छी आती है। इससे दिन में ज्यादा एनर्जी भी रहती है और रात को आप सुकून से सो सकते हैं। योग करने से 50 पार के बाद शरीर में लचीलापन रहता है। अगर आप किसी तरह की कोई कसरत नहीं करेंगे तो शरीर भारी लगने लगेगा। मान सिक स्वास्थ्य के लिए भी बुजुर्गों को योग करना चाहिए। कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से दूर रहना है तो योग जरूर करें।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे ही शरीर में कई तरह की परेशानियां भी शुरू हो जाती हैं। बढ़ती उम्र में कमजोर इम्यूनिटी, नींद आने में परेशानी, एकाग्रता की कमी और याददाश्त कमजोर होने जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। बढ़ती उम्र में शरीर और दिमाग को फिट रखने के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही योगासन का अहम रोल होता है। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से शरीर ऊर्जावान रहता है, शरीर में लचीलापन बना रहता और फोकस बढ़ता है। अगर आप भी बढ़ती उम्र में भी फिट और जवां दिखना चाहते हैं, तो आपको कुछ योगासनों को डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको 50 की उम्र के बाद भी हेल्दी और फिट रहने में मदद करेंगे। आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से –
यष्टिकासन : यह बहुत आसान बहुत ही आसन है। इसे आप बिस्तर पर जागते ही कर सकते हैं। बस आपको यह करना है कि श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर खींचिये, साथ ही पैरों के अंगूठे व अंगुलियों को बाहर की तरफ खींचिये। कुछ देर रूकने के पश्चात श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाइये व पैरों व शरीर को शिथिल कीजिए। यह आपके शरीर के ढांचे या कुबड़ेपन को ठीक करने के साथ ही शरीर के तनाव को भी दूर करता है
त्रिकोणासन : 50 पार के बाद कूल्हों में अचानक से दर्द उठ जाता है। अगर आप ये आसान करेंगे तो आपको फायेदा होगा। इस आसन को करने से कूल्हों का दर्द दूर होता है। अगर आपको हाई बीपी की समस्या है तो वो भी ये आसान को करने से ठीक हो जाएगी। पैरों को खोलकर खड़े हो जाएं। दाएं पंजे को थोड़ा बाहर करें और बाएं पंजे को अंदर की तरफ करें। दोनों हाथों को कंधे की सीध में रखें। गहरी सांस लेते समय कूल्हों को दाईं तरफ झुकाएं। दाएं हाथ ही उंगली को तलवे के पास लगाने की कोशिश करें। सांस लेते हुए पिछली पोजिशन में लौट आएं।
भुजंगासन : इस योग से बुजुर्गों के शरीर में ब्लड फ्लो ठीक रहता और कमर और कंधों की मसल्स मजबूत रहती हैं। इससे शरीर में एनर्जी भी रहती है। इसके लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। तलवों को एड़ियों से मिलाएं। कंधे के ठीक नीचे हथेली को रखें। कोहनियों को शरीर के पास रखें। गहरी सांस लेते हुए छाती और सिर को ऊपर ले जाएं। जितना पीछे कर सकते हैं छाती और सिर को उतना पीछे ले जाएं। ऐसे ही कुछ देर रहें फिर सांस छोड़ते हुए नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं।
बद्धकोणासन : इस आसान को करने से 50 पार उम्र में भी पाचन तंत्र मजबूत रह सकता है। इससे घुटने, जांघ का दर्द दूर होता है। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें ये आसान करना चाहिए। इस आसान को करने के लिए कमर को सीधा रखते हुए जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को सामने की तरफ फैला लें। घुटनों को मोड़ते हुए तलवे को अपनी तरफ ले जाएं। पैर के तलवों को साथ मिला लें। जांघों और घुटनों को जमीन पर टीकाते हुए हाथों से तलवों को पकड़ें। गहरी सांस लें और तितली की तरह ऊपर-नीचे करें।
शिशुआसन : इस आसन को करने से कमर की हड्डी में आराम मिलता है, जिन लोगों को कमर में दर्द रहता है उन्हें भी इससे छुटकारा मिलता है साथ ही इससे नर्वस सिस्टम भी अच्छा रहता है। इसे करने के लिए पैरों को मोड़कर एड़ियों को ऊपर उठा लें। एड़ियों पर कूल्हों को टिका लें। हाथ को सामने की ओर फैला लें और सिर को सामने जमीन की तरफ ले जाएं। कोशिश करें कि आपको जमीन पर सिर को टप करवाना है। ऐसे ही रहें और नॉमर्ल पोजिशन में लौट आएं।
शलभासन : इस योग से बुजुर्गों की गर्दन और कमर की मसल्स ठीक रहती हैं। इसके लिए पेट के बल लेट जाएं। सांस अंदर लें और दाएं पैर को उठाएं और सीधा रखें। सांस लेते रहें। अब दूसरे पैर के साथ ये क्रिया दोहराएं। इसके बाद घुटनों को सीधा कर लें और पैरों को जितना ऊपर कर सकते हैं उठा लें। ऐसे ही रहें और सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को आराम से नीचे ले आएं।
सहज भावासन : आप योग की इस आसान तकनीक को कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं। आपको अपने शरीर के सभी जोड़ों को, स्नायुओं को शिथिल छोड़ते जाना है।
कटिचक्रासन : इस आसान को करने से शरीर को सीधा रखा जा सकता है। इससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। ये योग करने में आसान और फायदेमंद है। इसे करने के लिए पैरों को खोलकर खड़े हो जाएं। हाथों को कंधे की सीध में सामने की तरफ फैला लें। गहरी सांस लें और छोड़ते हुए कमर को दाईं ओर ले जाएं और सिर को दाएं कंधे की साइड झुकाएं। सांस लेते हुए पिछली पोजिशन में आ जाएं। इसे दोहराएं।
पवनमुक्तासन : इस आसन को करने के लिए सीधे लेट कर धीरे से श्वास छोड़ते हुए पैरों को मोड़ लें और पेट के पास ले जाएं। अब पेट पर दबाव बनाएं। इस दौरान सामान्य श्वास लेते रहे और फिर धीरे से आसन से पुन: वाली स्थिति में आ जाएं।
मकरासन : यह आसन बढ़ती उम्र के लोगों के साथ ही सभी के लिए उपयोगी है। मकरासन करने के लिए पेट के बल लेट कर शरीर को ढीला छोड़ दें। इस दौरान सामान्य तरह से सांस को अंदर और बाहर छोड़ें। ध्यान रखें कि इस आसन में सोना नहीं है, बल्कि सांसों पर ध्यान केंद्रित करना है। यह आसन एकाग्रता बढ़ाने के साथ ही डायबिटीज और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए असरदार है।
सुप्त भद्रासन : यह आसन करते समय तितली के पंख फड़फड़ाने के तरह ही लगता है। सीधे लेट जाएं व पैरों को सीधा कर लें, अब के तलवों को मिलाकर अपने शरीर के जितने नजदीक ला सकें ले आएं घुटने दोनों तरफ फैले हों। या तो इसी तरह रूके रहें या पैरों के घुटने ऊपर नीचे करें। यह बहुत ही उत्तम आसन है, किडनी एवं ब्लैडर को बहुत फायदा पहुंचाता है। इसके अभ्यास से मलत्याग संबंधी सभी बीमारियां ठीक होती हैं हिप्स का जोड़ भी लचीला होता है।
इन आसान को करने का सही तरीका जानने के लिए आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं। वीडियो के जरिए आप आसान को आसानी से कर पाएंगे।
योगा आप अपनी क्षमता के हिसाब से कर सकते हैं और यह सबके लिए सहज होता है। यह आपको जवान दिखने व महसूस करने में मददगार होता है। जब आप अंदर से जवान और उर्जावान महसूस करें तब उम्र के अंक की किसको पड़ी है। बस नियमित रूप से आप जो व जितना अभ्यास कर सकते हैं, उसे चेहरे पर एक मीठी मुस्कान और दिल में एक खुशी के साथ करें…..