Google ने अपने नए स्कूल टाइम फीचर के साथ एक महत्वपूर्ण अपडेट पेश किया है, जिसका उद्देश्य स्मार्टफोन, टैबलेट और चुनिंदा गैलेक्सी वॉच जैसे विभिन्न एंड्रॉइड डिवाइस का उपयोग करने वाले छात्रों के लिए डिजिटल वेलबीइंग को बढ़ाना है। यह अभूतपूर्व टूल Google की व्यापक पहल का हिस्सा है, जो परिवारों को अपने बच्चों के डिवाइस के उपयोग को प्रबंधित करने और आवश्यक अध्ययन अवधि के दौरान विकर्षणों को कम करने में सहायता करता है। स्कूल टाइम के साथ, माता-पिता व्यक्तिगत नियम स्थापित कर सकते हैं और स्क्रीन टाइम का प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि छात्र स्कूल के घंटों के दौरान केंद्रित और उत्पादक बने रहें। अनुकूलित पर्यवेक्षण और नियंत्रण विकल्प प्रदान करके, Google सीखने और एकाग्रता के लिए अधिक संतुलित और प्रभावी डिजिटल वातावरण बनाने का प्रयास करता है।
अगर आपके बच्चों को कई-कई घंटे फोन चलाने की गंदी लत लग चुकी है तो गूगल का स्कूल टाइम फीचर निश्चित तौर पर आपके लिए काम का साबित होगा। गूगल के इस फीचर में माता-पिता को बच्चों के फोन पर निगरानी रखने में मदद मिलती है। पेरेंट्स अपने हिसाब से तय कर सकते हैं कि बच्चा कितनी देर फोन चलाएगा। गूगल ने एंड्रॉइड यूजर्स के लिए स्कूल टाइम फीचर पेश किया है। इसमें पेरेंट्स को अपने बच्चों के फोन का पूरा कंट्रोल मिलता है। यह फीचर बच्चों के फोन चलाने की लत से छुटकारा दिला सकता है। तकनीक कई मायनों में बच्चों को फायदा पहुंचा रही है तो हद से ज्यादा फोन इस्तेमाल करना भी कई बीमारियो की जड़ है। मौजूदा वक्त में ऑनलाइन और ऑफलाइन जिंदगी के बीच तालमेल बिठाना एक चुनौती है। खासकर, बच्चों के लिहाज से देखें तो ये और भी मुश्किल है। आजकल बच्चे घंटों-घंटों फोन चलाते हैं।माता-पिता की इन्हीं दिक्कतों को गूगल ने समझा है। कंपनी ने हाल ही में एक नया फीचर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए पेश किया है। स्कूल टाइम फीचर में अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखने की सहुलियत मिलती है। यह फीचर क्या है और माता-पिता इसकी मदद कैसे ले सकते हैं। यहां इसी के बारे में सबकुछ बताने वाले हैं।
फोन की लत छुड़ाएगा गूगल का नया फीचर
अगर आपके बच्चों को कई-कई घंटे फोन चलाने की गंदी लत लग चुकी है तो गूगल का ये फीचर निश्चित तौर पर आपके लिए काम का साबित होगा। गूगल के इस फीचर में माता-पिता को अपने बच्चों के फोन पर निगरानी रखने में मदद मिलती है। पेरेंट्स चाहें तो यह भी तय कर सकते हैं कि कौन सा ऐप कितनी देर के लिए फोन में खुला रहेगा या बच्चा कितनी देर फोन चलाएगा।
गूगल के इस फीचर का मकसद क्या है?
दरअसल Google का मकसद इस फीचर के जरिए बच्चों को डिजिटल विकर्षण से दूर रखना और उनकी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना है। यह फीचर माता-पिता को अपने बच्चों के स्मार्टफोन के उपयोग को नियंत्रित करने और उन्हें उत्पादक बनाए रखने में सहायता करता है। आइए जानें कि यह फीचर कैसे काम करता है और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है।
कैसे काम करेगा नया फीचर
इस फीचर की मदद से पैरेंट्स अपने बच्चे के डिवाइस यानी फोन को स्कूल टाइम के दौरान लिमिटेड फंक्शनैलिटी के साथ एक डेडिकेटेड होम स्क्रीन पर सेट कर सकते हैं।यह क्लास में होने वाले डिस्ट्रैक्शन को कम करने में मदद करता है और पैरेंटल कंट्रोल ऐप के माध्यम से पैरेंट्स ये भी शेड्यूल कर सकते हैं कि स्कूल टाइम के दौरान कौन से ऐप ऐक्सेस किये जा सकते हैं। इस दौरान बच्चे सिर्फ मेन कॉन्टैक्ट्स को कॉल या एसएमएस कर सकते हैं। आप चाहें तो इस फीचर को आप स्कूल टाइम के बाद के लिए भी एक्टिवेट रख सकते हैं। आसान भाषा में इसे समझा जाए तो माता-पिता इस नए फीचर की मदद से अपने बच्चे के फोन को हैंडल कर सकते हैं। इसमें जिस भी ऐप को यूज करने की परिमिशन देंगे बच्चा वही ऐप यूज कर पाएगा। आप जिस भी कॉन्टैक्ट को मैसेज या कॉल करने की अनुमति देंगे बच्चा उसी को कॉल या मैसेज कर पाएगा। इससे आपका बच्चा पढ़ाई के समय फोन में नहीं लगेगा।
जरूरी
है बच्चों के लिए
फीचर
आज के समय में बढ़ती टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में Google सबसे आगे रहता है। Google का फोकस उन प्रोडक्ट्स पर रहता है जो इंसान की जरूरतों को समय पर पूरा करता हो। इसके लिए कंपनी ने इस साल के शुरू में Fitbit Ace LTE स्मार्टवॉच पर स्कूल टाइम फीचर शुरू किया था। जिसके बाद कंपनी ने अब इसे गूगल के चुनिंदा एंड्रॉयड फोन, टैबलेट और सैमसंग गैलेक्सी वॉच में भी इस फीचर को ला रहा है ताकि बच्चे पूरी तरह पढ़ाई पर फोकस कर सके। बच्चों का मन फोन से हट कर पढ़ाई में लग सके।
बड़े काम का गूगल स्कूल टाइम फीचर
गूगल के स्कूल टाइम फीचर (School Time Feature) में एक डेडिकेटेड होम स्क्रीन पर फोन चलाने की परमिशन मिलती है। यदि इस फीचर को ऑन कर दिया जाता है तो फोन में कुछ चुनिंदा ऐप्स या फाइल्स को ही एक्सेस किया जा सकता है। गूगल फैमिली लिंक ऐप के जरिये इस फीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपका बच्चा स्कूल में पढ़ाई के दौरान फोन चलाता है तो इस फीचर की मदद से ये बंद हो सकता है। इसमें बच्चों को सिर्फ कुछ ही कॉन्टैक्ट पर संपर्क करने की अनुमति होती है।
बच्चों के साथ बड़ों पर भी लगेगी रोक
Google का ये नया फीचर केवल बच्चों के लिए ही नहीं है। अगर आप चाहें तो इसे टीनएजर्स (बड़े लोगों) के लिए भी यूज कर सकते हैं। इसके लिए भी गूगल अलग-अलग उम्र और डेवलपमेंट्ल स्टेज के हिसाब से सेटिंग्स दे रहा है। यूट्यूब में भी कई फीचर आते हैं जिसमें पैरेंट्स अपने अकाउंट को बच्चों के अकाउंट से लिंक कर सकते हैं। इससे उनका बच्चा यूट्यूब पर क्या कर रहा है, क्या देख रहा है ये सारी एक्टिविटी को ट्रेक कर सकते हैं।
स्कूल टाइम फीचर कैसे इस्तेमाल करें?
* सबसे पहले Google Family Link ऐप को प्ले स्टोर से इंस्टॉल करें।
* आपसे पूछा जाएगा कि आपके बच्चे का गूगल अकाउंट है तो ‘Yes’ पर टैप करें। अगर नहीं तो ‘NO’ पर।
* अब दिशा-निर्देशों को रीड करने के बाद नेक्स्ट कर दें।
* यहां बच्चे का गूगल अकाउंट बना लेना है। अकाउंट बना लेने के मेल आइडी और पासवर्ड सेव कर लें।
* यहां बहुत से जानकारी लिखी होगी, जिसे एक बार पढ़ लें। इसमें बताया जाएगा कि ऐप में क्या-क्या लाभ मिलेंगे।
* इसके बाद कुछ और स्टेप फॉलो करने होंगे, जो स्क्रीन पर आपको समझ में आ जाएंगे।
ये प्रोसेस उनके लिए था, जिन्होंने अपने बच्चे के लिए गूगल अकाउंट नहीं बनाया है, लेकिन अगर आपके पास पहले से ही अकाउंट है तो नीचे दिए गए प्रोसेस को फॉलो करना होगा। गूगल फैमिली लिंक ऐप में बच्चे की प्रोफाइल पर चले जाएं। यहां दो ऑप्शन मिलेंगे सेटिंग या कंट्रोल फीचर। किसी एक पर क्लिक करें। यहां स्क्रीनटाइम अपने हिसाब से सेट कर दें। अब उन ऐप्स को सेलेक्ट करें जिन्हें आप बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहते हैं। इसे सेलेक्ट करने के बाद डन पर टैप करें। अब सेटिंग ऑन हो चुकी है, बस आपको बच्चे को फोन में पेरेंट कंट्रोल सेटिंग को ऑन करना होगा।
(डिस्क्लेमर- यह खबर कई मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई है. ऐसी किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले आप रिसर्च खुद करें. हम इन वेबसाइट का प्रमोशन नहीं कर रहे हैं.)



 
             
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
											 
                                 
                             
 
         
         
         
         
         
         
        