आजकल डायबिटीजी से अधिकतर लोग ग्रस्त हो रहे हैं. डायबिटीज में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आप कुछ घरेलू चीजों का सेवन कर सकते हैं. अंजीर के पत्तों का इस्तेमाल करने से ब्लड शुगर लेवल काफी हद तक कंट्रोल हो सकता है. यह बात रिसर्च में भी साबित हो चुकी है।
ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए दवा या इंसुलिन लेने के साथ कुछ होम रेमेडीज को भी लेना डायबिटीज को हमेशा कंट्रोल में रखेगा. कई बार कुछ देसी हर्ब्स और पत्तियां ब्लड में इंसुलिन को रेग्युलेट करने में दवा से भी बेहत काम करती हैं. इंसुलिन आपके अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो ब्लड में ग्लूकोज को कंट्रोल करता है. टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले कुछ लोगों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन को ब्लड में मैनेज करना बेहद कठिन हो जाता है. ऐसे में ये देसी हर्ब्स या पत्तियां वैकल्पिक दवा का काम करती हैं वह भी बिना किसी नुकसान के. आज आपको एक ऐसी ही पत्ती के बारे में बताएंगे जो एंटी डायबिटीज होती है।
क्या है इंसुलिन?
भोजन के बाद हमारे आहार से आंत आवश्यक पोषक तत्वों को निकाल लेती है. कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोज बनता है जिससे बॉडी में एनर्जी बनती है और इसी से हम कुछ भी काम कर पाते हैं. इस ग्लूकोज को इंसुलिन काम के लायक बनाता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो ग्लूकोज यानी शुगर का अवशोषण कर उसे एनर्जी में बदल देता है लेकिन जब इंसुलिन कम बने या बने ही नहीं तो शुगर का अवशोषण नहीं होता. इस स्थिति में शुगर खून में जमा होने लगता है जो हार्ट, किडनी से लेकर आंखों तक की नसों में पहुंच जाता है. इंसुलिन पैंक्रियाज में बनता है लेकिन लाइफस्टाइल संबंधी दिक्कतों के कारण यह कम बनने लगता है. लेकिन इंसुलिन के उत्पादन को घर के आसपास की चीजों से ही बढ़ाया जा सकता है. अंजीर के पत्ते भी इन्हीं में से एक है. एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया है कि अंजीर के पत्ते ब्लड शुगर को कम करने का कुदरती तरीका हो सकता है. इससे डायबिटीज को कुदरती तौर पर कंट्रोल किया जा सकता है।
टाइप 1 डायबिटीज क्या है?
टाइप 1 डायबिटीज का मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है. जब इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है तो व्यक्ति के ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भर हैं और उन्हें संतुलित रहने के लिए अपने ब्लड शुगर के स्तर पर कड़ी नजर रखने की जरूरत होती है. इन दोनों ही स्थितियों में अंजीर के पत्ते किसी दवा से कम नहीं और ये शुगर क्रेविंग को भी घटाते हैं।
अंजीर के चार पत्तों का जानिए कमाल
अंजीर के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कॉपर और फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें एंटी डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं। इन आवश्यक पोषक तत्वों के चलते अंजीर के पत्ते सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अंजीर के पत्ते डायबिटीज के इलाज में बहुत कारगर हैं और ब्लड शुगर के स्तर को नियमित करने में मदद करते हैं. अंजीर के चार पत्तों को पानी में उबाल लें और इसे चाय के रूप में पियें या कच्चा ही चबा लें. अंजीर के पत्तों के अर्क ब्लड में कम इंसुलिन को तेजी से बढ़ा देते हैं. हर दिन इन पत्तियों का अर्क लेना शुगर को नार्मल रेंज पर ले आएगा।
अंजीर के पत्ते ब्लड शुगर को कम करने का कुदरती तरीका हो सकता है
अंजीर के पत्तों डायबिटीज को खत्म करने का गुण पाया जाता है. रोजाना अगर अंजीर के पत्तों को चबाया भी जाए तो भी ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा नहीं रहेगा. डायबिटीज के मरीजों को रोजाना सुबह खाली पेट अंजीर के पत्तों को या तो चबाकर या चाय बनाकर पीनी चाहिए. अंजीर के पत्ते ब्लड शुगर को कम करने में बहुत मददगार है. यहां तक जिन लोगों को रोजाना इंसुलिन लेना पड़ता है अगर वह भी अंजीर के पत्ते का सेवन करें तो खाने के बाद उनका भी ब्लड शुगर कम हो जाएगा. उन्हें इंसुलिन लेने की जरूरत कम पड़ेगी।
किस तरह अंजीर के पत्ते का करें सेवन
नाश्ते से पहले अंजीर के पत्ते का अर्क लेना चाहिए. ऐसा करने से धीरे-धीरे डायबिटीज दवा या इंसुलिन का डोज कम होता जाएगा. अंजीर का फल भी पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, एक पोषक तत्व जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। अंजीर के पत्ते का सुबह-सुबह इस्तेमाल करना चाहिए. इसे या तो आप ब्रेकफास्ट के साथ ले सकते हैं या सुबह में सबसे पहले इसका ही सेवन करें. इसके लिए अंजीर के चार पत्तों को तोड़े और उसे साफ पानी में उबाले. इसके बाद इसे चाय की तरह पी लें. हालांकि कुछ लोगों को इसका स्वाद तीखा लग सकता है. इसलिए अगर आप चाहें तो अंजीर के पत्ते को सूखा लें और उसका पाउडर बना लें. फिर सुबह में दो चम्मच अंजीर के पाउडर के साथ चाय बनाएं और उस पी लें. इससे इंसुलिन लेने की जरूरत बहुत कम हो जाएगी. हालांकि डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन की कितनी कमी है, यह डॉक्टर ही बता सकता है इसलिए पहले यह जांच कर लें आपको कितने इंसुलिन की जरूरत है. बहुत से लोगों को कम इंसुलिन की जरूरत होती है. ऐसे में एक-दो अंजीर के पत्ते ही काफी है. अंजीर के पत्तों का स्वाद कड़वा हो सकता है, इसलिए कुछ पोषण विशेषज्ञ अंजीर के पत्तों को सुखा कर पाउडर के रूप में भी खाने की सलाह देते हैं. इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज रोगियों के आहार में अंजीर के पत्तों को शामिल करने से भोजन के बाद उच्च ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।