गुस्सा आना स्वाभाविक है, यह एक प्रकार का इमोशनल रिएक्शन है। हर इंसान को कभी न कभी किसी न किसी बात पर गुस्सा जरूर आता है। सभी के अपने अलग-अलग ट्रिगर पॉइंट्स होते हैं। हालांकि, गुस्सा आपका बहुत नुकसान करवा सकता है। गुस्से से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक यहां तक की भावनात्मक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है। कई बार गुस्सा फाइनेंशियल नुकसान का भी कारण बन जाता है। कई लोग ऐसे हैं, जो गुस्से में अपनी चीजें तोड़ देते हैं, वहीं कुछ लोग खुद को चोट पहुंचाते हैं। इसलिए इसे मैनेज करना बहुत जरूरी है। हालांकि, यह इतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है। यहां हम कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर गुस्से को कंट्रोल किया जा सकता है।
आजकल लोगों की जिंदगी काफी अस्त-व्यस्त हो गई है, जिसकी वजह से गुस्सा बढ़ रहा है. तमाम लोग फ्रस्ट्रेशन के कारण घर से लेकर ऑफिस तक छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं. अब तक आपने सुना होगा कि हद से ज्यादा गुस्सा करने से मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है, लेकिन एक नई रिसर्च में बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसमें पता चला है कि ज्यादा गुस्सा आपकी ब्लड वेसल्स के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. इसकी वजह से लोगों को हार्ट अटैक व स्ट्रोक जैसी जानलेवा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार किसी तनावपूर्ण अनुभव के बाद गुस्सा करने से आपकी रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स की आराम करने की क्षमता अस्थायी रूप से बिगड़ सकती है. ब्लड वेसल्स के जरिए भी शरीर में सही ब्लड फ्लो होता है. जब इन वेसल्स में परेशानी हो जाती है, तब ब्लड फ्लो बाधित होने लगता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक की कंडीशन पैदा हो सकती है. शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में शामिल लोगों की रक्त वाहिकाओं की परत वाली कोशिकाओं का मूल्यांकन गुस्से से पहले और इसके बाद किया. इसी डाटा के आधार पर शोधकर्ताओं ने अध्ययन का निष्कर्ष निकाला है. स्टडी में पाया कि एक गुस्सा करने वाली घटना को याद करने से रक्त वाहिका का फैलाव 40 मिनट तक बिगड़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. शोधकर्ताओं ने देखा कि गुस्से की स्थिति पैदा करने से रक्त वाहिका में शिथिलता आ गई, हालांकि वे अभी तक नहीं समझ पाए हैं कि इन परिवर्तनों का कारण क्या हो सकता है. अध्ययन से पता चला है कि मेंटल हेल्थ किसी व्यक्ति के हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम कारकों को प्रभावित कर सकती है। गुस्से से आपका स्वास्थ्य खराब होता है। आपके मस्तिष्क को हानि पहुँचती है। आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। यहाँ तक, इसके अधिक प्रचार से दिमाग की नसें फट सकती है, और इंसान की मौत भी हो सकती है।
गुस्सा आता क्यों है?
गुस्से में इंसान चीखता है, तोड़े-फोड़ करता है और कभी-कभी मार-पीट पर भी उतारू हो जाता है। कई लोगों को इतना गुस्सा आता है कि उनको शांत रखने के लिए उनकी फैमिली तरह-तरह के उपाय करती है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि आखिर गुस्सा आता ही क्यों है? आमतौर पर लोग इसे जैनेटिक कारण बताकर अवॉइड कर देते हैं, लेकिन ये समस्या गंभीर हो जाती है।इसका साइकॉलोजिकल इलाज करना बेहद जरूरी होता है। इससे पहले कि कोई भारी नुकसान हो। उससे पहले साइंटिफिक तरीके से समझना भी जरूरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये भावना व्यक्त करने का माध्यम है, जैसे हम जब ज्यादा परेशान हो जाते हैं, या हमारे मन में कोई डर बैठ जाता है या फिर हमें किसी चीज के खो जाने का डर होता है। जैसे हमारे अपने, हमारी इज्जत, संपत्ति या खुद की पहचान। और खास कर तब, जब हमारे पास ऐसे हालत से निपटने के लिए कोई हल नजर नहीं आता। तभी इंसान को गुस्सा आता है, अगर आप अपने गुस्से को काबू में नहीं रख पाते, तो इससे आपका ही नुकसान है।
गुस्सा आने की समस्याएं युवाओं में ज्यादा
अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी ने 18 से 24 साल से लोगों पर उनकी जिंदगी में हो रही तनावपूर्ण घटनाओं और समाज में बढ़ रहे यौन शोषण और अपराध के मामलों को जोड़कर समझने की कोशिश की। 10 साल तक हुए शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि ज्यादातर युवाओं में तनाव के कारण यौन व्यवहार और शोषण करने जैसा रवैया बढ़ जाता है। शोध से जुडे़ वैज्ञानिकों ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन दिमाग में ज्यादा आक्रामक व्यवहार को जन्म देने के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन अगर इसे स्पोर्ट्स, योग और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा जैसी चीजों से कंट्रोल किया जाए तो इसका असर ज्यादा पॉजिटिव होता है। रिसर्चरों ने पाया कि जो लोग किताब पढ़ने, स्पोर्ट्स खेलने जैसी दिमाग को व्यस्त करने वाली क्रियाओं में समय बिताते हैं, उनमें यौन भावनाएं और झगड़ालु व्यवहार उत्पन्न होने का खतरा दोगुना कम होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिमाग को शांत रखने वाला योग, उन युवाओं की मदद कर सकता है जो पारिवारिक झगड़ों को बीच रह हैं या झगड़ालु व्यवहार दिखाते हैं या फिर नकारात्मक और खतरनाक रवैया अपनाए हुए हैं।
एंगर इश्यू वाले लोगों में होता है इन समस्याओं का अधिक खतरा
अगर आप अपने गुस्से से डील नहीं कर पाते हैं, तो यह चिंता और अवसाद का कारण बन सकता है। यह आपके रिश्तों को बिगाड़ सकता है और बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है। लंबे समय तक गुस्सा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें शामिल हैं:
* हाई ब्लड प्रेशर
* हृदय संबंध समस्याएं
* सिरदर्द
* त्वचा संबंधी समस्याएं
* पाचन संबंधी समस्याएं
* अनियंत्रित गुस्सा अपराध, दुर्व्यवहार और अन्य हिंसक व्यवहार से भी जुड़ा हो सकता है।
एंगर मैनेज करने के लिए कुछ प्रभावी एक्सरसाइज
डीप ब्रीदिंग : अधिक गुस्से में आने पर आपकी सांसे तेज हो जाती हैं, और कई बार लोगों को सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है। अपने शरीर को शांत करने और अपने गुस्से को कम करने का एक आसान तरीका है, धीरे धीरे गहरी सांस लेना। धीरे-धीरे अपनी नाक से सांस लें और अपने मुंह से सांस छोड़ दें। आवश्यकतानुसार सांस को दोहराएं।
मसल्स को स्ट्रेच और रिलैक्स करें : मांसपेशियों में तनाव बॉडी स्ट्रेस का एक और संकेत हो सकता है, जिसे आप क्रोधित होने पर महसूस कर सकते हैं। ऐसे में शांत होने के लिए, आप एक मसल्स रिलैक्सेशन टेक्निक आजमा सकते हैं। इसमें बॉडी के मसल्स ग्रुप को धीरे-धीरे स्ट्रेस देना और फिर आराम देना शामिल है। आप अपनी मांसपेशियों को स्ट्रेच कर सकते हैं। अपने सिर से शुरू करें और अपने पैर की उंगलियों तक जाएं, या इसके विपरीत करें।
वॉक पर जाएं : यदि आप अधिक क्रोधित हैं, तो ऐसे में खुदको शांत करने के लिए वॉक करने पर विचार करें। जोर जोर से चलना दिमाग में तनाव को कम करने में बहुत प्रभावी साबित हो सकता है। तनाव और क्रोध को दूर रखने के लिए हर दिन कुछ देर व्यायाम करने का प्रयास करें। क्रोध पर नियंत्रण पाने के लिए आप तेज चलने के अलावा, साइकिल चला सकते हैं, और रनिंग भी एक अच्छा आईडिया है। या जब आपको लगे कि क्रोध बढ़ रहा है, तो किसी अन्य पसंदीदा शारीरिक गतिविधि में पार्टिसिपेट करें।
रोप स्किपिंग : गुस्सा आने पर रोप स्किपिंग को सबसे अच्छे एक्सरसाइज में से एक माना जाता है यह गुस्सा आने पर मन को शांत रखने में आपकी मदद करेगा। एरोबिक व्यायाम आपके दिल की धड़कन को तेज़ करता है, चिंता और ब्लड प्रेशर को कम कर देता है। अगर आपको रस्सी कूदना पसंद नहीं है, तो ट्रेडमिल पर दौड़ना, साइकिल चलाना या पार्क में जॉगिंग जैसी कोई दूसरी एरोबिक गतिविधि में पार्टिसिपेट करें।
गुस्से पर नियंत्रण पाने के कुछ सामन्य टिप्स
बोलने से पहले सोचें : थोड़ी देर के गुस्से में अक्सर हम कुछ ऐसा बोल देते हैं, जिसका हमे बाद में पछतावा होता है। कुछ भी कहने से पहले कुछ देर रुकें और सोचें की आप क्या बोल रहे हैं। साथ ही, स्थिति में शामिल अन्य लोगों को भी ऐसा करने का मौका दें। इससे आप कुछ उल्टा नहीं बोलती हैं, और इससे स्थिति बिगड़ने से बच सकती है।
समय लें, शांत हो जाएं और तब व्यक्त करें अपनी चिंता : गुस्से में व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में आपको हमेशा क्रोध को शांत होने का समय देना चाहिए, ताकि आप अपनी बात को सही तरीके से रख सकें। शांत होने के बाद सही ठंग से अपनी चिंताओं और ज़रूरतों को स्पष्ट रूप से बताएं। गुस्से के दौरान इन चीजों को फॉलो करना मुश्किल होगा, इसलिए आपको इन्हे रोजाना दिमाग में दोहराना है। ताकि जब गुस्सा आए तो आपको ये चीजें याद रह सके।
सामने वाले व्यक्ति से कुछ देर तक बात बंद कर दें : जब आप गुस्से में होती हैं, तो आपके शब्द आपके नियंत्रण में नहीं होते और आप कुछ भी उल्टा सीधा बोल सकते हैं। जिससे सामने वाले व्यक्ति का गुस्सा ट्रिगर होगा, इस प्रकार यह प्रक्रिया बढ़ती जाती है। ऐसे में अधिक नुकसान का खतरा होता है। ऐसे में जब आपको किसी पर गुस्सा आये तो आपको सबसे पहले उनसे बात बंद कर देनी चाहिए, या उनसे दुरी बना लेनी चाहिए। जब आप चुप हो जाएंगी तो आपको परिस्थिति को सही तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
ग्रैटीट्यूड प्रैक्टिस करें : जब सब कुछ गलत लगे तो कुछ समय के लिए सही चीज़ों पर ध्यान दें। यह महसूस करना कि आपके जीवन में कितनी अच्छी चीज़ें हैं, आपको क्रोध को बेअसर करने और स्थिति को बदलने में मदद कर सकते हैं।
गुस्से को काबू में करने के कुछ अन्य टिप्स
– बात करते वक्त, अगर वाद-विवाद की संभावना दिखे तो खुद को तर्क से दूर रखिए।
– गुस्से को शांत करने के लिए अच्छा गाना गायें या सुनें (जो आपको पसंद हो)
– अच्छी चीजें सोचें, जो चीजें आपको खुशी देती है।
– क्रोध को कम करने के लिए बातचीत बंद करें, और खाने में जो चीज़ पसंद है, उसे स्वयं के लिए बनाना शुरू करें, तो कुछ ही समय में आप क्रोध को भूल जाएंगे।
– योगा, हमारे शरीर और मन की संतुलन को ठीक रखने में हमारी मदद करता है। हर रोज योगा का और मैडिटेशन का प्रयास, क्रोध को नियंत्रण करने में बहुत हद तक मदद करता है।
अधिक क्रोध के चलते अवसाद, चिंता, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के साथ ही कई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए इसे कंट्रोल किया जाना बहुत जरूरी है। दुख, निराशा, तनाव और गुस्सा किसी को भी महसूस हो सकता है। पर यह इतना नहीं बढ़ना चाहिए कि वह आपका डेली रूटीन और भविष्य को नुकसान पहुंचाने लगे। मेडिटेशन करें, खुश के साथ अच्छा समय बिताएं, उन लोगों के साथ रहें, जिनसे आपको खुशी मिलती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. बीमारी या किसी भी तरह की परेशानी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. सीजी संदेश इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।