प्रतिवर्ष 27 जून को विश्व मधुमेह जागृति दिवस (world diabetes awareness day) मनाया जाता हैं। मधुमेह या डायबिटीज अब उम्र, देश व परिस्थिति की संपूर्ण सीमाओं को लांघ चुका है। मधुमेह रोगियों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो कि अब दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बन चुका है। इसीलिए डायबिटीज बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल ‘मधुमेह जागृति दिवस’ मनाया जाता है।
भारत अपनी युवा आबादी की बदौलत आने वाले समय में दुनिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए प्रयासरत है लेकिन इस युवा आबादी के एक बड़े भाग में लोगों की शिराओं में धीरे-धीरे मीठा जहर घुलने की आशंका विशेषज्ञों की नींद उड़ाए हुए है, क्योंकि आबादी का यही हिस्सा अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अधिक उत्पादक होगा। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ना तो चिंता की बात है ही, लेकिन चिंता का असली कारण है कि किस उम्र के लोगों को यह बीमारी अधिक हो रही है। पश्चिम में अधिकतर लोगों को उम्र के छठवें दशक में मधुमेह होता है, जबकि भारत में 30 से 45 वर्ष की आयु में ही इस बीमारी की दर सबसे अधिक है। डायबिटीज के रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘मधुमेह जागृति दिवस’ मनाया जाता है। मधुमेह अनुवांशिक कारणों के आलावा अनियमित जीवन शैली, तनाव, शारीरिक व्यायाम का ना होना इस बीमारी का मुख्य कारण है। मधुमेह रोगियों की संख्या का तेजी से बढ़ना चिंता का विषय बन चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक रूप से 1980 में 108 मिलियन डायबिटीज के मरीज थे। 2014 में इनकी संख्या 422 मिलियन हो गई। 1980 के मुकाबले 2014 में डायबिटीज पीड़ित महिलाओं की संख्या में 80 फीसद बढोतरी हुई है। (4.6 फीसद से 8.3 फीसद)। मधुमेह रोग का प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है लेकिन यदि मधुमेह रोग महिला में हो और खासतौर पर गर्भावस्था के दौरान हो तो इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। 27 जून को पूरे विश्व में मधुमेह जागृति दिवस (world diabetes awareness day) मनाया जाता है. जिससे लोग मधुमेह के बारे में जागरुक हो सकें और इससे होने वाली अन्य बीमारियों के बारे में जानकर सचेत रह सकें. मधुमेह कैसे होता है, क्या लक्षण और किस प्रकार से सतर्क रहना चाहिए तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
क्या होता है मधुमेह
जब शरीर में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति को हम मधुमेह कहते हैं. इंसुलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन के कारण शरीर में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित होती है. जब किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने की दिक्कत होती है, तब ऐसी स्थिति में शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं होती और व्यक्ति मधुमेह के शिकार हो जाते हैं. मधुमेह का असर न सिर्फ शरीर के अंगों पर होता है, बल्कि इसके कारण शरीर में कई सारी बीमारियां घर कर लेती हैं. जिससे किडनी की समस्या और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह के प्रकार
मधुमेह टाइप वन, टाइप टू प्रकार के मधुमेह होते हैं. टाइप वन मधुमेह प्रायः बचपन या युवावस्था में होता है. इसमें अग्नाशय ग्रंथि से बहुत कम मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न होती है, इसके रोगी को नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज के नियंत्रण के अलावा जीवित रहने के लिए इंसुलिन लेनी पड़ती है. वहीं टाइप 2 मधुमेह 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को होता है. पीड़ित मरीजों में लगभग 90 प्रतिशत टाइप 2 मधुमेह के रोगी होते हैं।
क्यों मनाया जाता है जागृति दिवस?
अनियमित खानपान व दिनचर्या के कारण इन दिनों लोगों में मधुमेह यानि डायबिटीज की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। मधुमेह तेजी से युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इसकी रोकथाम के लिए हर साल 27 जून को मधुमेह जागृति दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की छह प्रतिशत आबादी मधुमेह से पीड़ित है। ऐसे में लोगों को मधुमेह की बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए मधुमेह जागृति दिवस मनाया जाता है।
मधुमेह कितना खतरनाक
इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 7.4 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि दुनियाभर में यह आंकड़ा 53 करोड़ 70 लाख के करीब है। दुनिया में टाइप 1 डायबिटीज के सबसे अधिक मामले भारत में दर्ज किए जाते हैं। साल 2021 में डायबिटीज के कारण पूरी दुनिया में 67 लाख मौतें हुई हैं, जिनमें से 6 लाख मौतें भारत में हुई हैं।
मधुमेह का कारण
मधुमेह होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जैसे – उम्र बढ़ना, अनियमित दिनचर्या, मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल आहार, तनाव, धूम्रपान आदि।
मधुमेह के लक्षण
मधुमेह होने पर हमें कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
* पेट मे दर्द
* कमजोरी
* सिर दर्द
* चक्कर आना
* वजन में बदलाव
* सामान्य से अधिक प्यास लगना
* थकान
* चिड़चिड़ापन
ब्लड शुगर घटना या बढ़ना, बार-बार पेशाब आना, आंखों के नीचे काले धब्बे, अधिक भूख-प्यास और थकान, शरीर का एक हिस्सा सुन्न हो जाना, ठीक से सुनाई ना देना आदि।
मधुमेह का इलाज
मधुमेह की जांच की जा सकती है. बच्चों में यदि मधुमेह है तो इसका एकमात्र इलाज है इंसुलिन इंजेक्शन और 45 वर्ष से ऊपर जिन लोगों को यह समस्या है उनके लिए अन्य दवाएं हैं जो प्रयोग में दी जाती हैं. इसके साथ ही मरीज व आम व्यक्ति दोनों को खान पान व दिनचर्या को संयमित रखने की जरूरत है।
मधुमेह से कैसे बचें?
मधुमेह से बचने के लिए अपनी अनियमित दिनचर्या और खानपान में बदलाव लाएं। नियमित रूप से व्यायाम करें। धूम्रपान ना करें और पर्याप्त नींद लीजिए। तनाव से मुक्त रहें और ऐसी चीजें करें, जिससे आपको ख़ुशी मिले। इसके अलावा सबसे जरूरी है कि नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें।
भारत में बढ़ रहा मधुमेह का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भारत में यह बीमारी एक विकराल रूप लेती जा रही हैं. वर्ष 2025 तक भारत में दुनिया के सबसे अधिक लगभग 5 करोड़ 70 लाख मधुमेह के रोगी होंगे. हर साल इस बीमारी के कारण प्रतिवर्ष लाखों मधुमेह रोगियों की असमय मृत्यु हो जाती है. ऐसे में मधुमेह को लेकर लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक हो जाती है।
संयमित रखें दिनचर्या
मधुमेह से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है. इससे न सिर्फ मधुमेह से बचा जा सकता है बल्कि शरीर में घर करने वाली अन्य बीमारियों से भी निजात मिलती है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति का खानपान नियमित होना चाहिए।
ध्यान देने योग्य बातें
* व्यक्ति को शारीरिक श्रम करना चाहिए।
* कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए, भोजन में मीठे का प्रयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
* सब्जियों में ताजे फल, साबुत अनाज, वसा के स्त्रोत को भोजन में शामिल करना चाहिए।
* दिन में तीन समय खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाना चाहिए।
* धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए।
* व्यक्ति को तनाव से दूर रहना चाहिए और नींद भरपूर लेनी चाहिए।
इसके साथ ही मधुमेह के रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रोकली, बंद गोभी और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए. फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद इत्यादि को शामिल करना चाहिए. यह ध्यान रखने की जरूरत है कि व्यक्ति जिस फल का सेवन करें उसमें शर्करा की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए।
यहां जानिए मधुमेह (डायबिटीज) को कंट्रोल करने के 10 घरेलू उपाय
1 जामुन की गुठली- जामुन की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है।
2 खीरा- मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
3 गाजर-पालक का रस- इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
4 शलजम- मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं।
5 जामुन- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए।
6 नीबू- मधुमेहरोगियों को पानी की प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।
7 गेहूं के जवारे- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण विद्यमान हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड के नाम से पुकारा जाता है। जवारे का ताजा रस निकालकर आधा कप रोगी को तत्काल पिला दीजिए। रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में करें।
8 मैथी- मधुमेह के उपचार के लिए मैथीदाने के प्रयोग का भी बहुत चर्चा है। दवा कंपनियां मैथी के पावडर को बाजार तक ले आई हैं। इससे पुराना मधुमेह भी ठीक हो जाता है। मैथीदानों का चूर्ण बनाकर रख लीजिए। नित्य प्रातः खाली पेट दो टी-स्पून चूर्ण पानी के साथ निगल लीजिए। कुछ दिनों में आप इसकी अद्भुत क्षमता देखकर चकित रह जाएंगे।
9 करेला- प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। इससे आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। नए शोध के अनुसार उबले करेले का पानी, मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।
10 अन्यउपाय- नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम लेना चाहिए। आंवले का रस चार चम्मच, गुडमार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम लेना भी मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण है।
मधुमेह के बारे में तथ्य
* वर्ष 2014 : विश्व में 422 मिलियन लोग (11 में 1 व्यक्ति) मधुमेह से पीड़ित।
* वर्ष 2015 : भारत में मधुमेह के 69.1 मिलियन मामले (वयस्क जनसंख्या का 8.7 प्रतिशत मधुमेह पीड़ित)।
* विश्व स्तर पर मधुमेह मृत्यु का 9वां प्रमुख कारण है, जिससे प्रतिवर्ष 2.1 मिलियन मृत्यु होती हैं।
* मधुमेह से पीड़ित हर पांच महिलाओं में से दो प्रजनन अवस्था में हैं।
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