ऑपरेशन सिंदूर समेत कई बार पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली भारतीय वायुसेना 8 सितंबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मनाएगी। इस दौरान न केवल वायु सेना अपने शौर्य और ताकत का प्रदर्शन करेगी बल्कि एयर फाइटर्स का सम्मान भी किया जाएगा। देश की रक्षा में हमेशा वायु सेना ने बेहद खास भूमिका निभाई है। दुनिया की टॉप 10 सबसे ताकतवर वायु सेनाओं की रैंकिंग में इंडियन एयरफोर्स चौथे स्थान पर है। इस खास दिन आप भी वायु सेना के वीर जवानों को संदेश भेजकर उनको नमन कर सकते हैं।
भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेनाओं में से एक है। वायु सेना हमारे देश की सुरक्षा में हमेशा मदद करती है और कई बार वायु सेना के चलते हमारे देश पर बड़ी-बड़ी आतंकी हमलों से बचाया गया है। हर वर्ष 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेवा दिवस यानी Indian Air Force Day के रूप में मनाया जाता है। इस साल 2025 में इंडियन एयर फोर्स अपनी 93वीं वर्षगाठ मना रही है। भारतीय वायु सेना दिवस भारत की वायु सेना को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि हर साल 8 अक्टूबर के दिन ही भारतीय वायु सेवा दिवस क्यों मनाया जाता है? इस लेख में हम आपको सभी बातों को विस्तार से बताने वाले हैं। हम आपको इसमें यह बताएंगे कि 8 दिसंबर को ही भारतीय वायुसेना दिवस क्यों मनाया जाता है? साथ ही हम आपको इसके इतिहास के बारे में भी बताएंगे और इसका महत्व का भी वर्णन करेंगे। हर साल वायु सेना दिवस पर एक थीम बनाया जाता है और उसे ध्यान में रखकर ही भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। अगर आप भी भारतीय वायु सेना से जुड़ी सारी जानकारी के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। अगर आप इस लेख को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको भारतीय वायु सेना की सारी जानकारी प्राप्त होगी। तो चलिए बिना समय गवाई इस लेख को शुरू करते हैं।
भारतीय वायुसेना दिवस के बारे में जानकारी
दिवस का नाम : भारतीय वायु सेना दिवस
कब मनाया जाता है? : हर वर्ष 8 अक्टूबर को
कैसे मनाते है? : विभिन्न लड़ाकू विमानों के करतब आयोजित करके
2025 में कहां मनाया जाएगा? : 2025 में गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एयरवेज
क्यों मनाया जाता है? : 8 अक्टूबर 1932 को ही वायु सेना का गठन हुआ था।
भारतीय वायु सेना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
भारत की सबसे पहला एयर फोर्स टोकरी सन 1932 में 8 अक्टूबर को यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स के साथ बनाई गई थी। आपको बता दें कि इसके 1 साल बाद 8 अक्टूबर के दिन ही भारतीय वायु सेना ने अपना पहला स्क्वार्डन किया था। इसी वजह से हर साल 8 अक्टूबर को ही भारतीय वायु सेवा दिवस मनाया जाता है। हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस के मौके पर अलग-अलग हवाई विमानों से करतब आयोजित कराया जाता है और यह कार्यक्रम बहुत हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत के अलग-अलग क्षेत्र कर सभी वायु सेना के लोग अपने लड़ाकू विमान के साथ एक साथ आते हैं और अलग-अलग प्रकार के करतब दिखाते हैं।
भारतीय वायु सेना दिवस कहां मनाया जाता है?
भारतीय वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर के दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। पिछले कई सालों से भारतीय वायु सेना दिवस गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एयरवेज पर मनाया जा रहा है। यहां स्टेटिक डिस्प्ले देखने को मिलेगा। इस समारोह में लड़ाकू विमान अपना शौर्य दिखाएंगे। इसकी शुरुआत एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह की सलामी से होगी। वायु सेना 93वां स्थापना दिवस के अवसर पर यह समारोह 8 अक्टूबर को हिंडन एयरफोर्स एयरवेज स्टेशन पर बड़ें धूमधाम से मनाया जा रहा है। थलसेना प्रमुख (COAS), नौसेना प्रमुख (CNS), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एवं वायुसेना के सभी उच्च अधिकारी उपस्थित होंगें। इस साल भारतीय वायु सेना दिवस उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एयरवेज में होने वाला है। भारतीय वायु सेना अपने रोमांचक एरोबिक प्रदर्शनों से वहां के स्थानीय लोगों को रोमांचित करने का अवसर प्रदान करेगी।
भारतीय वायु सेना की स्थापना कब हुई थी?
भारतीय वायु सेना की स्थापना साल 1932 में हुआ था। उसे वक्त हमारा देश अंग्रेजों की हुकूमत में था। उसे वक़्त भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। लेकिन जब हमारा देश आजाद हुआ तो रॉयल शब्द को हटा दिया गया, इसके बाद इसे भारतीय एयरफोर्स के नाम से जाना जाता है। भारतीय वायु सेना दिवस 8 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है।
भारतीय वायु सेना का इतिहास
भारतीय वायु सेना की शुरुआत 8 अक्टूबर 1932 में हुआ था। भारत देश के आजाद होने से पहले वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। वही 1 अप्रैल 1933 को वायु सेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपहिया को शामिल किया गया था। जब भारत आजाद हुआ तो वायु सेवा के नाम से रॉयल शब्द को हटाकर सिर्फ इंडियन एयर फोर्स कर दिया गया था। भारतीय वायु सेवा ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बहुत अहम भूमिका निभाई थी। आजादी से पहले वायु सेवा आर्मी के तहत काम करती थी। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेवा का पहला एयर मार्शल बनाया गया था जिन्होंने एयर फोर्स को आर्मी से आजाद करने में अहम भूमिका निभाई थी। एयर फोर्स को आर्मी से आजाद करने का पूरा श्रेय भारत के पहले वायु सेवा कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट भारतीय वायु सेवा के कमांडर के पद पर 15 अगस्त 1947 से लेकर 22 फरवरी 1950 तक रहे थे।
भारतीय वायु सेना दिवस 2025 की थीम
भारतीय वायु सेना दिवस 2025 का आधिकारिक विषय, ” भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर “, जिसका अर्थ है “भारतीय वायु सेना: सक्षम, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर”, भारतीय वायुसेना की अपनी क्षमताओं को बढ़ाने, अपनी शक्ति को मजबूत करने और संचालन और तकनीकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है। साल 2024 में भारतीय वायु सेना दिवस 2024 की थीम IAF: सीमाओं से परे वायुशक्ति है। इसकी घोषणा एयर मार्शल आरजीके कपूर ने किया था। साल 2022 में भारतीय वायु सेना दिवस का कार्यक्रम IAF: ट्रांसफॉर्मिंग फॉर द फ्यूचर थीम के साथ मनाया गया था। वही साल 2021 की थीम ‘टचिंग द स्काई विद ग्लोरी’ रखी गई थी।
भारतीय वायु सेना दिवस मनाने का उद्देश्य
हर वर्ष 8 अक्टूबर को हमलोग भारतीय वायु सेना दिवस इसकी स्थापना के वर्षगांठ का जश्न मनाने के के उद्देश्य से मनाते हैं। भारतीय वायु सेना एक सहस्त्र सी है जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए आसमान में युद्ध, सुरक्षा और चौकसी का काम करता है। ऐसे में उनके हौसले को बुलंद करने के लिए, भारतीय वायु सेना की सराहना करने और राष्ट्र सुरक्षा में उनकी आवश्यकता और महत्व को हमारे देश के हर व्यक्ति तक पहुंचाने के मकसद से इसे मनाया जाना जरूरी है। भारतीय वायु सेना भारत की रक्षा और के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी लोगों को सहायता पहुंचाने का काम करती है, इसमें एयर लिफ्ट करना और राहत सामग्री पहुंचाने जैसे सुविधाए भी मौजूद है।
भारतीय वायु सेना का ध्वज
भारतीय वायु सेना का ध्वज भारत के ध्वज से काफी अलग है। भारतीय वायु सेना का ध्वज का रंग नीला होता है इसके शुरुआत के एक चौथाई हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों जैसे कि केसरिया श्वेत और हरे रंग से बना हुआ एक गोलाकार आकार है। यह ध्वज साल 1991 में देश के द्वारा अपनाया गया था।
भारतीय वायु सेना के बारे में तथ्य
स्थापना: भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश शासन के अधीन एक सहायक बल के रूप में हुई थी। शुरू में इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना: भारतीय वायुसेना, कर्मियों और विमानों की संख्या के मामले में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। इसके पास 1700 से ज्यादा विमान हैं और इसमें लगभग 1,40,000 कर्मी कार्यरत हैं।
युद्धों में भूमिका: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के साथ चार युद्धों (1947, 1965, 1971, और 1999) और चीन के साथ एक युद्ध (1962) में भाग लिया है।
दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी: यह भारत के लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में स्थित है। यह हवाई पट्टी समुद्र तल से लगभग 16,614 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह हवाई पट्टी भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
आधुनिक फाइटर जेट और विमान: भारतीय वायुसेना के पास आधुनिकतम विमान और तकनीक है, जिसमें सुखोई-30 एमकेआई, मिराज-2000, और तेजस जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं।
आदर्श वाक्य: भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है “नभः स्पृशं दीप्तम”। यह वाक्य भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख ऑपरेशन: ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन सफेद सागर, ऑपरेशन पुमलाई, ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर है। इनमें ऑपरेशन सफेद सागर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान चलाया गया अभियान था।
भारतीय वायुसेना की महिला विंग: भारतीय वायुसेना की महिला विंग में कई साहसी और अनुभवी अधिकारी हैं। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, इसके अलावा विंग कमांडर निकिता पांडे जो कि एक लड़ाकू नियंत्रक हैं और ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल थीं।
मानवीयता सहायता में आगे: भारतीय वायुसेना मानवीय सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है, जिसने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण बचाव अभियान चलाए हैं
भारतीय वायु सेना के बारे में कुछ रोचक तथ्य
दुनिया भर में भारतीय वायु सेना चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है।
भारतीय वायु सेना में कुल मिलाकर 1.7 लाख जवान और 1400 से अधिक लड़ाकू विमान मौजूद है।
अमेरिका चीन और रूस के बाद भारत की वायु सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।
भारतीय वायु सेना के देशभर में 60 से ज्यादा एयरबेस है जो की सभी दिशाओं में मौजूद है। गाजियाबाद में मौजूद हिडन एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस है।
भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ भारत के राष्ट्रपति होते हैं।
अभी मौजूद वायु सेना का ध्वज को साल 1951 में अपनाया गया था।
भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य भागवत गीता के 11 में अध्ययन से लिया गया एक श्लोक है जो ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ (‘Touch the Sky with Glory’) है।
आपको बता दें कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन की मनाद रैंक प्राप्त है।
भारतीय वायु सेवा दिवस 2025 हमें हमारे वायु योद्धाओं के अदम्य साहस, तकनीकी कौशल और देशभक्ति की भावना की याद दिलाता है। यह दिन न केवल भारतीय वायु सेना की गौरवशाली विरासत का उत्सव है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके संकल्प और तैयारियों का प्रतीक भी है। हमें गर्व है कि हमारी वायु सेना देश की रक्षा में सदैव तत्पर और सक्षम है। इस अवसर पर हम उनके योगदान को सलाम करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।