बथुआ गेंहू के खेतों में गेंहू के साथ उगता है। जब गेंहू बोया जाता है तब अकसर गेंहू के साथ खरपतवार उग जाते हैं। इन खरपतवार में बथुआ भी होता है। लेकिन हम बथुआ को खरपतवार नहीं मानते हैं। क्योंकि बथुआ को हम स्वादिष्ट साग के रूप में खाते हैं। हम इसे साग बना कर उपयोग करते हैं, इसका रायता बना कर खाते हैं या फिर इस के पराठे बना कर खाते हैं। हम इसे अक्सर इसके स्वास्थ्य लाभ जाने बिना ही खा लेते हैं। बथुए के साग में मसाला डाले बिना और नमक की बजाये सेंधा नमक डाल कर बनाया जाए तो यह स्वास्थ्य की दृष्टि से निरोग रहने में हमारी और भी मदद करता है।
फायदे…..
1. बालों में प्राकृतिक रंग बनाए रखने मे बथुआ आंवला से कम लाभदायक नहीं है। सच पूछिए तो इसमें विटामिन और खनिज तत्व की मात्रा आंवला से ज़्यादा होती है। इसमें आयरन, फास्फोरस और विटामिन ए और डी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।
2. बथुआ और गिलोय के रस को एक सीमित मात्रा में लेकर दोनों को मिलाएं, फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज़ दिन मे 2 बार सेवन करें। इस के सेवन से पीलिया की समस्या से दूर रहेंगे।
good morning : बथुआ भाजी
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