कई बार हम बहुत ज्यादा ऑयली फूड खा लेते हैं और इसके बाद हमें पछतावा होने लगता है कि हमने ऐसा खाना क्यों खाया. जंक फूड, ज्यादा तली हुई चीजें खाने से परहेज करना चाहिए, अधिक मात्रा में ऑयली फूड खाने से पेट दर्द, सूजन और दस्त हो सकते हैं। जब आप ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थ जैसे- मिठाई, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर और पिज्जा आदि खाते हैं, तो इनमें भारी मात्रा में मौजूद फैट आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है. इससे आपका मोटापा, कोलेस्ट्रॉल का स्तर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी समस्याओं के बढ़ने का खतरा होता है. लेकिन अगर आपने ऐसी चीजें कभी-कभार खा लीं, तो कुछ नियमों को फॉलो करे. इससे आप ऑयली फूड के नुकसान पहुंचाने वाले प्रभावों से बचेंगे. इन नियमों को फॉलो करने से आपको पेट दर्द, सूजन और दूसरी कई समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलेगी।
आप कितने भी हेल्थ कॉन्शियस क्यों न हों, कभी-कभी फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, समोसा जैसी चीजें खा ही लेते हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ इतने स्वादिष्ट होते हैं, कि खाए बिना मन नहीं मानता। ये सभी ट्रांसफैट, नमक और सेचुरेटेड फैट से भरपूर हैं, लेकिन इनमें फाइबर, विटामिन और मिनरल की मात्रा बहुत कम है। जिससे वजन बढ़ने, कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ टाइप-2 डायबिटीज और हार्ट डिसीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि जंक या ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। हालांकि यदि आपने बहुत ज्यादा चिकना या ऑयली फूड खा लिया है , तो कुछ नियमों का पालन करके इसके हानिकारक प्रभावों को एक हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, ऑयली खाने की अतिवृद्धि खराब है, ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन आपके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से जोखिम में डाल सकता है, जिससे यह आपके महत्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली में भी बाधा डाल सकता है। यदि आपके पास बहुत अधिक तैलीय और वसायुक्त भोजन है, तो अपने स्वास्थ्य पर इसके बुरे प्रभावों को कम करने के लिए इसे संतुलित करना सुनिश्चित करें। यहाँ कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिन्हें आपको ऑयली खाने के बाद अपनाना चाहिए। इससे ऑयली खाने का इतना अधिक आपके शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं होगा।
अनहेल्दी खाने से शरीर को होने गंभीर नुकसान
पाचन से जुड़ी समस्याएं : खाने में तेल की मात्रा ये तय करती है कि आपकी बॉडी में कितना फैट जा रहा है. फैट जितना ज्यादा होगा, डाइजेस्टिव सिस्टम पर दबाव उतना ही बढ़ेगा. अधिक मात्रा में तेल के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इससे पेट में दर्द, पेट फूलने, डायरिया और उल्टी आने की प्रॉब्लम हो सकती है।
वजन बढ़ सकता है : ऑयली फूड में कैलोरी की ज्यादा मात्रा होती है. इससे वजन बढ़ सकता है. जितना चिकनाई युक्त भोजन आप करते हैं, उतना ही कैलोरी काउंट बढ़ता है. इससे फैट बढ़ता है और तोंद निकलने की समस्या हो सकती है।
हृदय रोगों का खतरा : तैलीय खाने का हार्ट पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इससे आपका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जो आपकी हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक है. रेगुलर तैलीय भोजन करना आपको हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा देता है।
मुहांसों की समस्या : खाने में ज्यादा तेल की मात्रा स्किन को भी नुकसान पहुंचाती है. जैसे जैसे आप अपनी डाइट में चिकनाई युक्त चीजों को शामिल करते हैं, मुहांसों की समस्या बढ़ने लगती है. अगर आपकी स्किन ऑयली तो ये आपके लिए और ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला होगा.
डायबिटीज : तैलीय खाने से टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. अधिक तेल का सेवन आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है. स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि अगर आप रेगुलर तैलीय खाना खाते हैं तो इससे टाइप टू डायबिटीज का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
ऑयली फूड खाने के बाद क्या करें
गुनगुना पानी पीएं : अगर आपने अनजाने में जरूरत से ज्यादा ऑयली फूड खा लिया है, तो चिंता न करें। गुनगुने पानी पीने से आपके पाचन तंत्र शांत और सक्रिय हो जाएगा। बता दें कि गर्म पानी पीने से पोषक तत्वों को डाइजेस्टेबल फॉर्म में तोड़ने में मदद मिलती है। यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो छोटी आंत पाचन के लिए भोजन से पानी सोख लेगी , जिससे निजर्लीकरण और कब्ज की समस्या हो जाएगी।
सब्जी और फल खाएं : कई बार ट्रांसफैट और सेचुरेटेड फैट के सेवन से कब्ज हो सकता है। ऐसे में फल और सब्जियों का सेवन आपके शरीर को विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए विटामिन, फाइबर और मिनरल की कमी पूरी करता है। बेहतर है कि सुबह-सुबह एनर्जी और फ्रेश फील कराने वाले नाश्ते के तौर पर एक कटोरी मेवे और बीज वाले फल खाएं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरी करने के लिए भोजन की शुरूआत एक कटोरी सलाद और ताजी सबिज्यों से करनी चाहिए।
डिटॉक्स ड्रिंक्स लें : कुछ भी ऑयली खाने के बाद डिटॉक्स ड्रिंक लेने से सिस्टम में जमा होने वाले विषाक्त पदार्थ तुरंत बाहर निकल जाते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि नींबू का रस पीने या नींबू डिटॉक्स डाइट फॉलो करने से शरीर की चर्बी कम हो जाती है और इंसुलिन प्रतिरोध में भी सुधार देखने को मिलता है।
प्रोबायोटिक्स का सेवन करें : प्रोबायोटिक्स का नियमित सेवन पाचन स्वास्थ्य को नियमित करने में बहुत मदद करता है। इतना ही नहीं इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने के लिए भी आप आहार में प्रोबायोटिक को शामिल कर सकते हैं। ऑयली फूड खाने के बाद एक कप दही खाने से बहुत आराम मिलेगा। अपने पेट को मजबूत करने का ये बेहतर तरीका है।
टहलने जाएं : तैलीय भोजन हमेशा भारीपन महसूस कराता है। इसलिए इसके सेवन के बाद कोशिश करें कि वॉक के लिए चले जाएं। कम से कम 30 मिनट की वॉक के बाद आप पाचन में काफी सुधार देखेंगे। वॉक करने से वजन कम करने में भी मदद मिलेगी।
अच्छी नींद लें : अच्छी नींद आपके मूड को बूस्ट कर सकती है। हैंगओवर से छुटकारा मिलता है साथ ही शरीर को भी आराम मिल जाता है। इसलिए जितना संभव हो ऑयली फूड खाने के बाद आराम करें और इमोशनल इटिंग से बचे रहें।
ऑयली फूड खाने के बाद क्या न करें
ठंडा खाना खाने से बचें : बहुत ज्यादा तला हुआ भोजन खाने के बाद ठंडी चीज से परहेज करना चाहिए। आइसक्रीम जैसे खाद्य पदार्थ खाने से लीवर, पेट और आंतों को नुकसान पहुंचता है। बता दें कि तैलीय भोजन को पचाना इतना आसान नहीं होता। इसके बाद ठंडे भोजन को पचाना और मुश्किल हो जाता है। कई बार खाना न पच पाने के कारण सूजन महसूस होने लगती है। इसलिए डॉक्टर्स भी कुछ भी तैलीय खाने के बाद ठंडी चीज का सेवन न करने का सुझाव देते हैं।
अगला भोजन प्लान करें : अपने भोजन की पहले से प्लानिंग करने से आप जंक और तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से बच जाएंगे। दिनभर आपको तरोताजा रखने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता जरूर करें। आहार में सब्जियां, साबुत अनाज शामिल करें। पर्याप्त पानी और जूस पीकर खुद को हाइड्रेट करने और हल्का डिनर लेने से अच्छा कुछ नहीं है।
खाने के तुरंत बाद सोने न जाएं : भारी भोजन के बाद तुरंत बिस्तर पर सोने जाना रिस्की हो सकता है। रात के खाने और सोने के बीच हमेशा 2-3 घ्ंटे का अंतर होना चाहिए। भोजन करने के तुरंत बाद सोने से खाना पचाने में दिक्कत आती है। इससे सूजन के साथ वसा के जमा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
तैलीय खाना खाने के बाद इन बुनियादों सुझावों का पालन जरूर करें। इससे आप हेल्दी और फिट रहेंगे। क्रेविंग को संतुष्ट करने के लिए हफ्ते में एक बार चीट मील ले सकते हैं लेकिन बाकी दिन पौष्टिक और संतुलित भोजन ही करें।