नवरात्रि में लोग अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार व्रत रखते हैं। वे नौ दिनों का व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। व्रत में कोई फल लेता है, तो कुछ भक्त केवल पानी पीकर ही नौ दिन तक रहते हैं। मेडिकली व्रत को सही माना जाता है, इससे बॉडी का मेटाबॉलिजम ठीक रहता है। हालांकि नौ दिनों तक लगातार चलने वाले व्रत का आपकी सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है, इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो व्रत रखने के बाद भी आपकी सेहत बिल्कुल सही रहेगी।
नवरात्रि में नौ दिन के व्रत में सामान्यतः फलाहार लिया जाता है। व्रत के दौरान लोग केवल एक वक्त खाते हैं, जिसमें फलाहार और सात्विक भोजन किया जाता है। फलाहार के चलते सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक संतुलित आहार लेते हैं। इस कारण नवरात्रि के दिनों में उपवास रखने वालों के शरीर को पोषण नहीं मिल पाता है। इस दौरान कैलोरी, वसा और शर्करा की मात्रा जरूर बढ़ जाती है। वहीं नवरात्रि के नौ दिनों के बाद जब उन्हें उपवास तोड़ना होता है तो वह भूख से ज्यादा खा लेते हैं। इससे उनकी सेहत पर तो असर पड़ता है साथ ही वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती है। नवरात्रि में व्रत रखने के साथ सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। जानिए नवरात्रि के उपवास में किन खाद्य पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। उपवास के दौरान क्या खाएं क्या नहीं।
बैलेंस डायट लें
नवरात्रि में व्रत के अलग-अलग तरीके हैं। कुछ लोग नमक नहीं खाते, कुछ लोग सेंधा नमक खाते हैं, कुछ लोग रात में एक बार ही खाते हैं, तो कुछ लोग केवल पानी पर ही नौ दिनों तक रह जाते हैं, इसलिए सबका व्रत रखने का अलग-अलग तरीका होता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो उपवास तो नहीं करते लेकिन वे नॉनवेज वगैरह नहीं खाते हैं इसलिए यह नौ दिन सभी ऐसे लोगों के लिए बहुत जरूरी हैं। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि लंबे समय तक चलने वाले व्रत में सिर्फ फलों और सब्जियों को खाने से बॉडी को पूरा न्यूट्रीशन नहीं मिल पाता है, इसलिए हर किसी को अलर्ट रहने की जरूरत है और अपने बॉडी की जरूरत के अनुसार ही डायट भी लेनी चाहिए, नहीं तो कमजोरी आ सकती है।
पर्याप्त तरल पदार्थ
व्रत के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ, अन्य तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी का जूस या शिकंजी और नारियल पानी पी सकते हैं। फलों के रस का सेवन करें लेकिन बिना छाने यानी फलों के रस में रेशे के साथ ही खाएं। फलों का रस के साथ साथ फाइबर भी मिलेगा जो कि भोजन को पचाने के लिए बहुत जरूरी है। तरल पदार्थ से शरीर को जरूरी विटामिन और खनिज मिलते हैं। फाइबर युक्त भोजन व्रत के दरमियान ग्रहण करने से कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए जूस की जगह फल का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें कि जूस घर का बनी ही पीएं।
खानपान की सलाह
अधिक वसा युक्त दूध लेने के बजाय डबल टोंड मिल्क लें। इसमें वसा कम होती है और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इसी तरह कम वसा युक्त दही, लस्सी और छाछ ले सकते हैं। तेल की बहुत कम मात्रा में भुनी हुई मूंगफली, कुट्टू के आटे की रोटियां ले सकते हैं। कम घी में बने हुए फलाहारी आलू, साबूदाना खिचड़ी या टिक्की ले सकते हैं। तेल से बनी टिक्कियां खाने से बचें। आलू के बजाए लौकी की सब्जी और हलवे का सेवन कर सकते हैं। सबसे जरूरी है व्रत के दौरान घर का बना शुद्ध भोजन ही खाएं।
फल सब्जियों का सेवन
व्रत में फल और सब्जियों के सलाद का सेवन कर सकते हैं। एक या अधिक तरह के मौसमी फल, जैसे कि सेब, अनार, पपीता और केला पर्याप्त मात्रा में ले सकते हैं। गैर मौसमी फल, जैसे तरबूज, खरबूजा और संतरे का सेवन करने से बचें। सब्जियों में खीरा, टमाटर, चुकंदर, हरा धनिया और शकरकंद आदि पर सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर खा सकते हैं।
थोड़ा- थोड़ा खाएं
व्रत के दौरान कुछ लोग पूरा दिन फलाहार करते हैं, तो वहीं कई लोग उपवास में दिनभर कुछ नहीं खाते। लेकिन जब खाते हैं, तो भूख से अधिक खा लेते हैं। जैसे कि एक प्लेट भरकर फलाहारी खाना, दूध और अन्य खाद्य सामग्री स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और वजन पर भी असर डालता है। एक साथ बहुत सारा खाने से बेहतर है कि दिनभर में तीन चार बार थोड़ा थोड़ा करके खाएं।
शरीर को आराम दें
नवरात्रि उपवास के दौरान खानपान में बदलाव होता है। इस कारण दिमाग और शरीर पर असर पड़ता है। इस स्थिति में लोग आलस और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। इसलिए उपवास के दौरान शरीर को थकावट से बचाएं और समय समय पर कुछ देर का आराम दें। रात में जल्दी सोएं व भरपूर नींद लें।
मेंटली फिट रहें
नवरात्र में व्रत रखने से पहले भक्तों को खुद को मेंटली तैयार कर लेना चाहिए। अगर नवरात्रि के दौरान आप सही डायट को फॉलो करेंगे, तो यह व्रत-आराधना आपकी सेहत के लिए वरदान भी साबित हो सकता है। इसमें दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक उपवास के नाम पर ज्यादा फैटी चीजों का सेवन नहीं करें और दूसरा पूरी तरह से खाना-पीना कम नहीं करें, इससे सेहत बिगड़ सकती है।
व्रत में वजन करें कम
नवरात्र के नौ दिनों में व्रत रखकर अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं, क्योंकि नवरात्रि के दौरान नॉनवेज खाने वाले लोग भी वेजिटेरिअन हो जाते हैं। फास्ट में हाई कैलरी वाली चीजें ना लें, इससे वजन कंट्रोल में आएगा। हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से डायजेशन अच्छा रहता है और जरूरी विटमिन भी मिलते हैं। वहीं, फल लेने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
व्रत के दौरान इन चीजों का करें सेवन
* व्रत के दौरान साधक दूध से बनी चीजें ले सकते हैं। जैसे- दूध, छाछ, मीठी लस्सी, दही, मखाना खीर। इससे वे शांत, तनावमुक्त और ऊर्जावान महसूस करेंगे। साथ ही उन्हें भूख नहीं लगेगी।
* भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे अपना व्रत कुट्टू की पूरी, पकौड़ी और आलू की सब्जी से खोलें, जो लोग भूख बर्दाश्त नहीं कर पाते, वे व्रत तोड़ने के बाद इसे खा सकते हैं।
* जो लोग व्रत रख रहे हैं वो शाम को साबूदाना की खीर या साबूदाना की खिचड़ी बनाकर अपना व्रत खोल सकते हैं।
* भक्त दिन में कभी भी फल खाकर ऊर्जावान रह सकते हैं, जो लोग केवल फल खाकर व्रत रख रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप ताजे फलों का जूस लेकर पूरे दिन हाइड्रेटेड रहें।
* आलू की सब्जी के साथ आप सिंघाड़े की पूरी खा सकते हैं।
इन चीजों का न करें सेवन
* लोगों को सलाह दी जाती है कि वे प्रोसेस्ड नमक से बचें और खाना बनाते समय सिर्फ सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
* नवरात्र के दिनों में प्याज, लहसुन, अंडे और मांस न खाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ये तामसिक भोजन में आते हैं, ऐसे में व्रत के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
* लोगों को नवरात्र के दौरान शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।
* नवरात्र के दिनों में लोगों को चावल नहीं खाना चाहिए।
* भक्तों को गेहूं के आटे से बनी कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए।
नवरात्रि में रखें ध्यान
* उपवास शुरू करने से एक-दो दिन पहले हल्की डायट लें।
* रात को खाने में फल खाएं या पतली खिचड़ी या दलिया लें।
* डायबीटीज, ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी वाले लोग डॉक्टर से पूछकर ही व्रत रखें।
* अगर बीमार हैं और व्रत रखा है, तो हर दो घंटे के गैप पर कुछ लिक्विड लें।
* केले और आलू के चिप्स कम खाएं।
* टोन्ड मिल्क से पतली खीर बनाकर खाएं, फैट कम होगा।
* सेंधा नमक और चीनी की मात्र कम रखें, खासकर दिल के मरीजों के लिए।
* ज्यादा तले-भुने भोजन से परहेज करें।
* कुट्टू के आटे की पूड़ी की बजाय रोटी लें।
* फल और ड्राई फ्रूट्स डायट में जरूर शामिल करें।
* लंबे समय तक भूखे ने रहें, इससे गैस की समस्या हो सकती है।
* डायबीटीज के रोगी खास ख्याल रखें क्योंकि उन्हें ज्यादा देर तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए।
* व्रत में चार-पांच चीजें एकसाथ खाने की बजाय दो-तीन घंटे के गैप में खाएं।
ऐसे लोग 9 दिन व्रत न रखें
” प्रेगनेंट महिलाएं
* अगर डायबीटीज और हाइपरटेंशन के मरीज हैं।
* अगर हाल-फिलहाल में कोई सर्जरी हुई है।
* अगर खून की कमी है।
* दिल, किडनी, फेफड़े या लीवर के पेशंट हैं।
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