हमारी ख़ुशी और प्रसन्नता हमारी सोच पर निर्भर करती है। अगर आप अपनी सोच सकारात्मक रखते है तो आपका व्यक्तित्व शांत और प्रभावी दिखेगा, वहीँ अगर आप आपके दिमाग में नकारात्मक सोच चल रही है तो आप दुखी और अनमने से लगने लगेंगे। आपकी सोच जितनी नकारात्मक होगी, उतने ज्यादा आप अकेले होते जायेंगे. इसलिए अगर आपको खुश और अपने ऑफिस व दोस्तों के बीच लोकप्रिय बनना है तो आपको अपनी सोच बदलनी होगी। चलिए जानते है कि कैसे आप अपने अन्दर ये बदलाव ला सकते है।
अपनी सोच देखें
आप किसी से कैसा व्यवहार कर रहे है ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस व्यक्ति के विषय में क्या सोचते हैं. हमारी सोच ही हमारे कामों को नियंत्रित करती है। इसलिए सबसे जरूरी है अपनी सोच को नोटिस करते रहे, ये आत्म जागरूकता की ओर आपका पहला कदम होगा। जितना आप इस बारे में जागरूक रहेंगे कि आप सोच क्या रहे है, आप अपनी नकारात्मक सोच को रोकने में उतने ही सक्षम हो पाएंगे।
अपनी सोच से अपने कार्यों को आगे बढ़ाएं
जब आपसे कहा जाता है कि अपनी सोच पर ध्यान देने से मतलब ये नहीं है कि आप उस भावना को रोकने की कोशिश करें. मान लीजिए आपको किसी व्यक्ति पर क्रोध आ रहा है. आपकी सोच आपको कहेगी कि इसे भला बुरा कहो, और आपको ये नहीं करना है। आप अपने कर्म को अपनी भावनाओ से अलग रखने की कोशिश करें। कर्म वो ही बेहतर होता है जैसा आप अपने साथ चाहते हो।
खुद को समय दें
आपके पास आपकी सबसे बहुमूल्य चीज है “समय” | अपने लिए वक़्त निकालने का मतलब ये नहीं कि आप अपनी हॉबी में इसे लगायें. सुबह सुबह अपने घर के किसी कोने में सिर्फ अपने लिए ओर अपने साथ कुछ वक़्त बिताया करें। अपने दिन की प्लानिंग करें या इस समय को आप मैडिटेशन या व्यायाम करने में भी लगा सकते है।