अगर आप लोगों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं। तो आपको कई शुरुआती आसनों के बाद कुछ जटिल आसन भी करने चाहिए लेकिन अगर आपने अभी तक योग शुरू नहीं किया है और आप फर्स्ट स्टेज योग पर हैं, तो आप पद्मासन से शुरुआत कर सकते हैं। पद्मासन को सबसे आसान आसनों में से एक माना जाता है। आइए, जानते हैं पद्मासन कैसे करें और इसके फायदे
क्या है पद्मासन
पद्मासन या कमल आसन बैठ कर की जाने वाली योग मुद्रा है जिसमे घुटने विपरीत दिशा में रहते हैं। इस मुद्रा को करने से मन शांत ध्यान गहरा होता हैं। कई शारीरिक विकारों से आराम भी मिलता है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से साधक कमल की तरह पूर्ण रूप से खिल उठता है, इसलिए इस मुद्रा का नाम पद्मासन है।
कैसे करें पद्मासन
पैरों को सामने की ओर फैलाकर योगा मैट अथवा जमीन पर बैठ जाएँ, रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
दाहिने घुटने को मोड़े और बाई जांघ पर रख दें, ध्यान रहे की एड़ी उदर के पास हो और पांव का तलवा ऊपर की ओर हो। अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएं। दोनों पैरों को मोड़ें, पाँव विपरीत जांघों पर, हाथों को मुद्रा स्थिति में घुटनो पर रखें। सिर सीधा रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। इसी स्थिति में बने रहकर गहरी साँस लेते रहें।
पहली बार इस तरह करें
यदि आपको दोनों पैरों को मोड़ कर पद्मासन में बैठने में परेशानी है तो आप अर्ध पद्मासन में बैठ सकते हैं, किसी भी पैर को विपरीत जांघ पर रखकर आप यह आसन कर सकते हैं। पद्मासन करने के लिए शरीर में लचीलापन होना जरूरी है, जब तक आपके शरीर में लचीलापन न आ जाए, तब तक अर्ध पद्मासन का ही अभ्यास करें।
पद्मासन के लाभ
मुद्राएँ शरीर में ऊर्जा के संचार को बढ़ाती हैं और यदि पद्मासन के साथ किया जाये तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। हर मुद्रा दूसरी मुद्रा से भिन्न है और उनसे होने वाले लाभ भी। पद्मासन में बैठ हुए चिन मुद्रा व चिन्मयी मुद्रा, आदि मुद्रा या ब्रह्म मुद्रा को अपनाकर आप अपने ध्यान में और गहराई ला सकते हैं। कुछ देर तक मुद्रा की स्थिति में रहते हुए, साँस लें और शरीर में ऊर्जा के संचार को महसूस करें। पाचन क्रिया में सहायता करता है। मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। मनको शांति प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सहायता करता है। मासिक चक्र की परेशानी को कम करता है।