दोस्तों इस श्रृंखला में हम प्रतिदिन आपको ऐसे कुछ औषधि गुणों से युक्त पतियों के बारे में नई जानकारी देते हैं जिन्हें आप जानते और पहचानते हैं। जो आपके आसपास मौजूद रहते हैं पर आप यह नहीं जानते यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायक है। इन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर आपने स्वास्थ्य और सौंदर्य में निखार ला सकते हैं। आइए आज ऐसे ही एक औषधीय गुणों से युक्त पपीते के पत्ते बारे में जानते हैं।पपीता खाने के ढेरों फायदे आप सभी बहुत अच्छी तरह से जानते होंगें लेकिन आपने कभी पपीता के पत्तों का जूस पीया है। अगर पीया है तो आप इसके फायदों को जानतें होंगें और नहीं पीया तो पीना शुरू कर दीजिए। क्योंकि पपीता के पत्तों का जूस पीने से कई तरह की बड़ी-बड़ी बीमारियों को मात दी जा सकती है। पारंपरिक चिकत्सा के रूप में पपीता के पत्ते के जूस का उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। पपीता के पत्ते के जूस के फायदे स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही त्वचा सौंदर्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। आमतौर पर हम नीम, तुलसी, सिंहपर्णी, एलोवेरा और पुदीने की पत्तियों के रस का उपयोग करते हैं। उसी तरह से पपीता के पत्तों का जूस भी हमारे लिए उपयोगी होता है। पपीते के पत्ते के जूस के फायदे बुखार को ठीक करने, पाचन को ठीक रखने, डेंगू के लक्षणों को कम करने, सूजन का इलाज करने, त्वचा की सुंदरता को बढ़ाने और बालों को स्वस्थ्य रखने में होते हैं। वैसे तो डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा इसका जूस पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन यदि आप लम्बी उम्र तक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इसे अपनी डेली डाइट में शामिल कर लीजिये। आइए जानते हैं कि पपीता के पत्ते के जूस से प्राप्त उपयोगी औषधीय गुणों के बारे में।
पपीता के पत्ते के पोषक तत्व
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने वाले पपीता के पत्ते के जूस में पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है। इसमें विटामिन ए, बी और सी होता है। इसके अलावा खनिज पदार्थ के रूप में कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन आदि भी होते हैं। पपीते की पत्तियों में सैपोनिन (saponins), टैनिन (tannins), अल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड जैसे फाइटोकैमिकल्स (alkaloids, and flavonoids) की अच्छी मात्रा होती है। ये सभी घटक शरीर में रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
पाचन के लिए
यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो इसका घरेलू और प्राकृतिक उपाय कर सकते हैं। घरेलू उपाय के रूप में पपीते की पत्तियों का रस लाभकारी होता है। इसके लिए आप पपीते की कोमल पत्तियों का भी सेवन कर सकते हैं। पपीते के पत्ते का जूस के औषधीय गुण एसिड रिफ्लक्स, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याओं का प्रभावी इलाज कर सकता है। पपीता के पत्तों के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और सक्रिय यौगिकों की अच्छी मात्रा होती है। पपीता के पत्तों में पपैन (papain), काय्मोपपैन (chymopapain) और फाइबर भी होते हैं जो पाचन को सक्रिय करने और भूख बढ़ाने में मदद करते हैं। इस तरह से आप पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने और पाचन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए पपीता के पत्तों के रस का उपयोग कर सकते हैं।
लाभ लिवर के लिए
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हृदय रोग और मोटापे जैसी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। लेकिन यदि आप अपने शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं तो पपीते के पत्ते के जूस का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा पपीते के पत्तों का रस रक्त को साफ करने में भी मदद करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर से कोलेस्ट्रॉल को हटाने और उन्हें जमा होने से रोकते हैं। इसके अलावा यह आपके लिवर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से भी बचाता है। इस तरह से आप अपने लिवर को स्वस्थ्य रखने और कोलेस्ट्रॉल से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए पपीते के पत्तों का रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाने में
पारंपरिक दवाओं के रूप में पपीता और इसके अन्य हिस्सों का उपयोग प्रचीन समय से ही लोकप्रिय है। पपीता के पत्तियों के रस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलता है। नियमित रूप से पपीता के पत्तों के रस का सेवन करने से टी-लिम्फोसाइटों (T-lymphocytes) की सक्रियता को बढ़ाते हैं। जिससे मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है और तनाव जैसे दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। पपीते के पत्तों के रस में फाइटोकेमिकल संरचना में कई शक्तिशाली और सक्रिय घटक होते हैं जो एंटी-ट्यूमर गतिविधि दिखाते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पपीता के पत्ते के जूस का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डेंगू की रामबाण दवा
पपीता की पत्तियों के रस का सेवन डेंगू के लक्षणों को कम करता है। डेंगू और मलेरिया से लड़ने में पपीते की पत्तियों का जूस काफी लाभकारी माना जाता है। यह बुखार की वजह से घटती प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने और शरीर में कमजोरी को बढ़ने से रोकता है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ डेंगू बुखार के इलाज के लिए पपीते के पत्तों के रस को एक प्रभावी और रामबाण उपाय बताते हैं। डेंगू की यह जानलेवा बीमारी एडीज मच्छरों के कारण होती है। वे रोग को हमारे रक्त में संचारित करते हैं और उच्च बुखार, त्वचा पर चकत्ते और प्लेटलेट काउंट में कमी का कारण बनते हैं। पपीते की पत्ती से अर्क डेंगू के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
फायदे बुखार में
डेंगू बुखार बायरस के कारण फैलता है जो कि मच्छर के काटने से होता है। यदि आपको डेंगू के लक्षण महसूस हो रहे हों तो जल्दी से जल्दी इसका इलाज किया जाना चाहिए। क्योंकि डेंगू बुखार समय बीतने के साथ ही अधिक गंभीर हो जाता है। लेकिन आप इसके घरेलू उपचार के रूप में पपीता के पत्ते के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट डेंगू के जीवाणुओं को नष्ट करने और इनके विकास को कम करने में मदद करते हैं। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द आदि होते हैं। पपीता के पत्ते के जूस का सेवन कर आप इन सभी लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान आपको अपने डॉक्टर की दवाओं का भी नियमित सेवन करना चाहिए।
त्वचा के लिए फायदेमंद
यदि आप अपनी त्वचा को सुंदर और स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो पपीते के पत्तों के रस का इस्तेमाल करें। चूंकि पपीते के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है जिनमें सैपोनिन, फ्लेवोनोइड, टैनिन और एल्कलॉइड आदि शामिल हैं। इनकी उपस्थिति के कारण पपीते के रस का उपयोग आपकी त्वचा को पोषण देने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, ए और अन्य एंटीऑक्सीडेंट आपके रक्त में मुक्त कणों को हटाते हैं। इस तरह से आपकी त्वचा में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इस तरह से त्वचा की झुर्रियों, दाग धब्बों और झाईयों का इलाज करने के साथ ही त्वचा को गोरा रंग दिलाने में सहायक होता है। आप पपीते के पत्ते के रस को पके हुए पपीते के साथ मिला कर भी उपयोग कर सकते हैं।।यह आपकी त्वचा के बंद रोम छिद्रों को खोलने में सहायक होता है। इस तरह से आप अपनी त्वचा को सुंदर बनाने के लिए पपीते के पत्तों के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मधुमेह का इलाज करे
डायबिटीज के रोगी के लिए पपीते के पत्ते के रस बहुत ही लाभकारी होता है। पपीते के पत्तों और बीज के रस में पॉलीफेनोल, सैपोनिन आदि की अच्छी मौजूदगी होती है। जिसके कारण पपीते के पत्ते का रस एक शक्तिशाली एंटीइंफ्लामेटरी का काम करता है। ये यौगिक आपके केंद्रीय तंत्रिक तंत्र पर सीधा प्रभाव डालते हैं। पपीते के पत्तियों के रस का सेवन करने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गठिया, मधुमेह टाइप 2, अस्थमा, पीरियोडोंटाइटिस, यूटीआई, गैस्ट्रिक अल्सर, निमोनिया आदि का प्रभावी इलाज किया जा सकता है। इस तरह से आप मधुमेह और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए पपीते के पत्तों के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डैंड्रफ की समस्या में
जिस तरह से आपकी त्वचा के लिए पपीता के पत्तों का रस फायदेमंद होता है। उसी तरह से बालों के लिए भी पपीते के पत्ते के रस का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप बालों में डैंड्रफ की समस्या से परेशान हैं तो इसका सबसे अच्छा उपाय पपीता के पत्तों का जूस हो सकता है। इस जूस को सिर में लगाने से गंदगी को दूर करने में मदद मिलती हैं। बालों में डैंड्रफ संक्रमण और गंदगी के कारण ही आता है। नियमित रूप से सिर में पपीते के रस का उपयोग करने से सिर की खुजली और इससे संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। यह औषधीय जूस सिर की त्वचा को मॉइस्चराइज रखने, संक्रमण को दूर करने आदि में भी प्रभावी होता है।
पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाएं
पपीते की ताजी और कोमल 5 से 10 पत्ते लें जूस निकालने से पहले आप इन पत्तियों को अच्छी तरह से धो लें और फिर इन्हें छोटे टुकड़े करके ब्लेंडर में डालें। अच्छी तरह से पेस्ट बनाने के बाद आप इन पत्तियों को छन्नी या कपड़े की सहायता से छान लें और रस को किसी दूसरे बर्तन में निकाल लें। इस तरह से आप पपीते के पत्ते का जूस तैयार कर सकते हैं।
पपीते के पत्ते का जूस पीने के नुकसान
सामान्य रूप से पपीते के पत्ते के जूस का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ लोगों के लिए पपीते के पत्ते के रस का उपयोग हानिकारक हो सकता है। जो महिलाएं गर्भवती हैं या गर्भाधारण करना चाहती हैं उन्हें पपीते के पत्ते का रस सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि यह गर्भापात का कारण बन सकता है।।कुछ लोगों को पपीते के पत्ते का जूस पीने से एलर्जी हो सकती है। इसलिए अधिक मात्रा में पपीते के पत्ते के रस का सेवन करने से बचना चाहिए। यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो पपीते के जूस का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। कुछ लोगों की त्वचा पपीते की पत्तियों के रस के प्रति संवेदनशील होती हैं। परिणाम स्वरूप उपयोग करने पर यह त्वचा में चकते, जलन आदि पैदा कर सकता है।
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