दोस्तों इस श्रृंखला में हम प्रतिदिन
आपको ऐसे कुछ औषधि गुणों से युक्त पतियों के बारे में नई जानकारी देते हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप आपने स्वास्थ्य और सौंदर्य में निखार ला सकते हैं। आइए आज ऐसे ही एक औषधीय गुणों से युक्त एलोवेरा के पत्ते बारे में जानते हैं। एलोवेरा भले ही एक छोटा-सा पौधा है, लेकिन इसके गुण जगजाहिर हैं। इसके अनगिनत फायदों के कारण ही इसे लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा के फायदे अनेक हैं, चाहे वो स्वास्थ्य के लिए हों, त्वचा के लिए हों या बालों के लिए। घृतकुमारी के लाभ की लिस्ट लंबी है और इनके बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी मिले, इसी वजह से इस लेख का विषय घृतकुमारी को चुना गया है। हालांकि तमाम गुणों के बावजूद एलोवेरा कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है। इसे सिर्फ घरेलू नुस्खे की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर कोई गंभीर रोग से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से इलाज जरूर करवाना चाहिए।
एलोवेरा लेने से पहले सावधानी जरूर बरतें
गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को एलोवेरा का सेवन न कराएं। उच्च रक्तचाप वाले मरीज या अन्य किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेवे। पहली बार सेवन करते समय पहले आप थोड़ी सी मात्रा में ले। इससे आपको किसी प्रकार की एलर्जी या अन्य कोई समस्या हो तो इसका सेवन ना करें।
एलोवेरा में जेल और एक पीले रंग का तरल पदार्थ होता है, जिसे लैटेक्स कहते हैं। इसका उपयोग करते वक्त ध्यान रखें कि लैटेक्स का उपयोग न किया जाए, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है। इसके सेवन से पेट में ऐंठन या दस्त की समस्या हो सकती है
एलोवेरा के औषधीय गुण
लोवेरा के औषधीय गुणों की अगर
बात की जाए तो इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐसे ही कई अन्य गुण मौजूद हैं। इसके साथ ही इसमें विटामिन ए और फोलिक एसिड जैसे जरूरी
पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। यह एक हेल्थ टॉनिक की तरह स्वास्थ्यके लिए लाभकारी हो सकता है। यह एकमात्र पौधा पाचन क्रिया में सुधार से लेकर, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने के साथ-साथ डायबिटीज जैसी बीमारी में भी लाभकारी परिणाम दिखा सकता है ।
एलोवेरा के कई प्रकार होते हैं।
एलो बरबडेंसिस – यह एलोवेरा का सबसे आम प्रकार है। इसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है, यह एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
टाइगर एलो – यह एलोवेरा की सबसे खूबसूरत प्रजातियों में से एक है, जिसे एक छोटे से गमले या कंटेनर में रखा जा सकता है। इसमें तलवार के आकार की पत्तियां होती हैं, जिसपर चितकबरे धब्बे होते हैं।
क्लाइम्बिंग एलो – यह एलोवेरा की दुर्लभ प्रजातियों में से एक है। इसकी पत्तियां आस-पास के पेड़-पौधों में फैल सकती हैं।
एलो डेस्कइंगसी – यह एलोवेरा की सबसे छोटी प्रजाति होती है। यह केवल 2-3 इंच तक बढ़ती है। गहरे हरे रंग की पत्तियों पर सफेद सफेद धब्बे होते हैं। वसंत से गर्मियों के दौरान इस पर पीले-नारंगी रंग के फूल खिलते हैं।
रेड एलो – धीमी गति से बढ़ने वाले रेड एलो को पानी की कम आवश्यकता होती है। सूरज की किरणें पड़ते ही यह खूबसूरत लाल तांबे के रंग सा दिखता है। यह एलोवेरा के सबसे आकर्षक किस्मों में से एक है।
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अब जानते हैं सेहत के लिए एलोवेरा के फायदे के बारे में।
1. वजन कम करने के लिए एलोवेरा
बाहर का खाना और सही ढंग से शारीरिक क्रिया न करने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर एलोवेरा जूस का सेवन किया जाए, तो कुछ हद तक इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल एलोवेरा में मौजूद एंटी-ओबेसिटी गुण की वजह से डाइट के कारण होने वाली मोटापे की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है। इसके अलावा, यह ऊर्जा खपत को बढ़ाता है और शरीर में फैट को कुछ हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, मोटापे और डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों से पीड़ित मरीजों में भी एलोवेरा जेल से वजन कम होने की संभावना हो सकती है। हालांकि, वजन कम करने के लिए सिर्फ एलोवेरा जेल ही नहीं बल्कि इसके साथ संतुलित आहार और व्यायाम भी जरूरी है।
2. कब्ज के लिए एलोवेरा
कई लोग कब्ज के लिए तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं, जिसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ऐसे में अगर प्राकृतिक चीजों का सेवन किया जाए, तो कब्ज की परेशानी से राहत मिल सकती है। यहां हम कब्ज में एलोवेरा खाने से क्या होता है, यह जानकारी दे रहे हैं। कब्ज की स्थिति में एलोवेरा का रस फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा में लैक्सेटिव गुण पेट साफ करने का गुण मौजूद होता है। कई बार विशेषज्ञ कब्ज के दौरान लैक्सेटिव खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं। यह मल को मुलायम कर पेट साफ करने में मदद कर सकता है। हालांकि, लैक्सेटिव गुण के कारण एलोवेरा का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है। इस बारे में डॉक्टरी सलाह आवश्यक है।
3. मधुमेह के लिए एलोवेरा के फायदे
घृतकुमारी के लाभ की अगर बात करें तो यह डायबिटीज के लिए भी गुणकारी हो सकता है। एलोवेरा का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीज का ब्लड शुगर लेवल कुछ हद तक संतुलित हो सकता है। दरअसल, एलोवेरा का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में प्रभावकारी हो सकता है। इसके अलावा, डायबिटिक चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि एलोवेरा की पत्तियां भी मधुमेह में असरदार साबित हो सकती हैं। हालांकि, यह शोध जानवरों पर है, ऐसे में मधुमेह की समस्या के लिए रोगी इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी ले सकते हैं।
4. पाचन क्रिया के लिए एलोवेरा
एलोवेरा के लाभ की बात करें तो यह पेट और पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एलोवेरा जूस का सेवन किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, एलोवेरा का उपयोग पेप्टिक अल्सर के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। यह एच. पाइलोरी (जो गैस्ट्रिक संक्रमण का कारण बनता है) के खिलाफ एंटी-बैक्टीरियल का काम कर सकता है, इसके साथ ही इसमें एंटी-अल्सर गुण भी मौजूद होते हैं।इसके अलावा, एलोवेरा आईबीएस पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या से ग्रस्त मरीजों में पेट दर्द व गैस की समस्या को कम कर सकता है। अगर किसी को पाचन संबंधी समस्या अधिक हो तो वो डॉक्टरी परामर्श को पहली प्राथमिकता दें।
5. कोलेस्ट्रॉल के लिए एलोवेरा के गुण
एलोवेरा का सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से न सिर्फ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो सकता है, बल्कि लिवर कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा में मौजूद हाइपोकोलेस्ट्रोमिक प्रभाव कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला गुण) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए घृतकुमारी
एलोवेरा के फायदे की अगर बात की जाए तो यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी तंत्रिका से जुड़ी, मिर्गी और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए प्रभावकारी हो सकता है। इसके अलावा, एक अध्ययन के मुताबिक, एलोवेरा स्मरण शक्ति को बेहतर करने में मददगार हो सकता है। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए एलोवेरा का सेवन कर सकता है।
7. हृदय रोग से बचाव के लिए एलोवेरा के गुण
एलोवेरा का सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। चूहों पर किए गए एक भारतीय अध्ययन से पता चला है कि एलोवेरा हृदय रोग के जोखिम खासकर डॉक्सोरूबिसिन दवा (कैंसर उपचार के लिए) के दुष्प्रभाव से होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है। वहीं, दूसरी तरफ एलोवेरा जेल में कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होने की बात सामने आयी है। इसके अलावा, एथेरोस्क्लेरोसिस धमनियों में प्लाक का जमने की बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है।
8. सूजन के लिए एलोवेरा के लाभ
एलोवेरा सूजन की परेशानी को कम करने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिस कारण यह सूजन पर प्रभावकारी हो सकता है। चूहों पर किए गए अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि ताजे एलोवेरा के सेवन से चूहों में सूजन की कमी पाई गई है।
9. गठिया के लिए घृतकुमारी के औषधीय गुण
अधिक वजन, संक्रमण, बढ़ती उम्र या अन्य कई कारणों से गठिया की बीमारी हो सकती है। ऐसे में समय रहते इस पर ध्यान देकर इसका उपचार करना जरूरी है। गठिया के उपाय की बात की जाए तो एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। यह ऑस्टियोअर्थराइटिस के इलाज में लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने के कारण इसका उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, अगर किसी को गठिया की समस्या अधिक है तो वो एलोवेरा के साथ-साथ डॉक्टरी चिकित्सा को भी प्राथमिकता दें।
10. मुंह के स्वास्थ्य के लिए एलोवेरा
एलोवेरा जूस बेनिफिट्स की बात करें तो यह मुंह के लिए भी लाभकारी हो सकता है। मुंह में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एलोवेरा का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, इसका एंटीमाइक्रोबायल गुण इसे मुंह के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बना सकता है। एलोवेरा का उपयोग माउथ वॉश के तौर पर भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर किसी को एलर्जी की समस्या है तो वो एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। इसके अलावा, एलोवेरा या एलोवेरा युक्त टूथपेस्ट मसूड़ों की बीमारी में भी लाभकारी हो सकता है।
11. घाव भरने के लिए एलोवेरा
घाव भरने का इलाज, एलोवेरा के सबसे बड़े लाभों में से एक हो सकता है। यह फाइब्रोब्लास्ट्स (कोशिकाएं जो कोलेजन का उत्पादन करती हैं) के प्रसार में सुधार कर घाव भरने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है। इसके अलावा, चूहों पर किए गए अध्ययनों में भी एलोवेरा का उपयोग घावों में सुधार करता हुआ पाया गया है। हालांकि, हमारी राय यही है कि अगर घाव पुराना, बहुत गहरा है और ठीक नहीं हो रहा है तो डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
12. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए एलोवेरा
बदलते मौसम के साथ कई बार लोग जल्दी बीमार हो जाते हैं। ऐसे में एलोवेरा का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार, एलोवेरा इम्यून बूस्टर की तरह भी काम कर व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
13. त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए एलोवेरा जेल के फायदे
एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग भी लाभकारी हो सकता है। त्वचा को मॉइस्चराइज करने में भी एलोवेरा जेल फायदेमंद हो सकता है। यह त्वचा को हायड्रेट करने में और त्वचा के लिए हुमेक्टैंट यानी मॉइस्चर को बरकरार रखने में मदद कर सकता है। एलोवेरा का उपयोग मॉइस्चराइजिंग कॉस्मेटिक पदार्थों में भी किया जाता है। खासकर के रूखी त्वचा के लिए एलोवेरा जेल काफी लाभकारी हो सकता है।
14. झुर्रियों के लिए एलोवेरा जेल के फायदे
झुर्रियों के लिए लोग तरह-तरह के कॉस्मेटिक और ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। ये कुछ वक्त तो असर दिखाते हैं, लेकिन आगे चलकर इनकी वजह से त्वचा पर बुरा प्रभाव भी हो सकता है। ऐसे में झुर्रियों के लिए एलोवेरा जेल एक अच्छा प्राकृतिक उपचार हो सकता है। शोध के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से सूरज की हानिकारक किरणों के कारण होने वाली झुर्रियों में सुधार देखा गया। यह कोलेजन त्वचा में पाया जाने वाला प्रोटीन उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा की इलास्टिसिटी में भी सुधार करने में मदद कर सकता है। जिससे झुर्रियों के कम होने की संभावना हो सकती है।
15. मुंहासों के लिए एलोवेरा जेल
मुंहासों के होने का कोई वक्त नहीं होता है। हालांकि, ये ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन कई बार अपने दाग छोड़ जाते हैं। मुंहासों के लिए लोग कई तरह के क्रीम का उपयोग करते हैं, पर कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में एलोवेरा के जेल का उपयोग लाभकारी हो सकता है, इसमें एंटी-एक्ने गुण होता है, जो मुंहासों को ठीक करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी और सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।
16. बालों के लिए एलोवेरा जेल
बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। दरअसल, बालों को स्वस्थ रखने और झड़ने से रोकने के लिए एलोवेरा को हर्बल औषधि की तरह उपयोग किया जाता रहा है। हालांकि, इस बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि यह पूरी तरह से बालों के झड़ने को रोक सकता है या नहीं। यह लोगों के अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है। अगर किसी को बाल झड़ने या बालों से संबंधित कोई गंभीर समस्या है, तो बेहतर है कि विशेषज्ञों की राय लें और उसके बाद ही एलोवेरा जेल का उपयोग करें।
एलोवेरा का जूस बनाने की विधि
एलोवेरा के फायदे तभी होंगे जब इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए। एलोवेरा के उपयोग की बात करें तो कई लोग एलोवेरा जूस का सेवन करते हैं। एलोवेरा की तरह ही एलोवेरा जूस के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसके फायदे तभी असर करेंगे, जब इसे सही तरीके से पिया जाए। इसलिए, हम एलोवेरा जूस बनाने की विधि और एलोवेरा जूस पीने के तरीके के बारे बता रहे हैं।
सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते को धो लें। बीच से काट लें काटने के बाद उसमें से जो पीले रंग का पदार्थ (लैटेक्स) दिखेगा, उसे हटा दें। फिर एक और बार एलोवेरा के पत्ते को धो लें। अब चम्मच की मदद से एलोवेरा के जेल को निकालें और कटोरी में रखें। जूस बनाने के लिए दो चम्मच एलोवेरा जेल में पानी डालकर तीन से चार मिनट के लिए ब्लेंडर में ब्लेंड करें। अब इस जूस को एक गिलास में निकाल लें। इसमें स्वाद के लिए नींबू या अदरक मिला सकते हैं।
यह सब घरेलू नुस्खे केवल तात्कालिक राहत के लिए है यदि आप इनके सेवन के बाद भी स्वस्थ महसूस नहीं करते हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेवे।