दोस्तों दुनिया में हर कोई खुश रहना चाहता है, लेकिन बहुत से ऐसे कारण होते हैं जिसके वजह से हम खुश नहीं रह पाते। इसकी वजह है आपके अंदर छिपी कुछ गलत आदतें जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। ऐसी आदतें जो आपको सुकून से ना जीने देते हैं और ना ही दिल और दिमाग को शांति पहुँचाते हैं। आपकी उन आदतों से जो आपको खुश होने से रोकती हैं। उनको अपनी जिंदगी से डिलीट करने के कुछ आसान तरीके हम आपको बताते हैं ताकि आप हर पल खुश रह सके और अपनी रियल लाइफ को भरपूर जी सके व उसका मजा ले सकें। आईये जानते हैं इन आदतों को।
1) दुसरो से तुलना करना
दोस्तों हर इंसान एक सामान नहीं होता। हर किसी में कोई न कोई गुण या अवगुण जरूर होता हैं। लेकिन, जब आप अपनी तुलना किसी और के गुणों से करने लगते हैं, तो अक्सर आप अपने कमतर गुणों को दूसरों के बेहतर गुणों से मिलाने लगते हैं। जब आप अपनी तुलना ऐसे लोगों के साथ करना शुरू कर देते हैं, जो आप से अच्छी स्थिति में हैं। अक्सर आप अपनी सकारात्मक या नकारात्मक विशेषताओं की खुद से ही तुलना करते हैं। कभी-कभी सामाजिक तुलना आप के लिए मदतगार साबित होती है, लेकिन नकारात्मक तुलनाएँ आप के आत्म-सम्मान को तोड़ कर रख देतीं हैं। ऐसा करने से आपको बचना चाहिए, आप दुसरो की कहानिया जरूर सुने, लेकिन उससे प्रभावित न हों। इससे आपको कभी कामयाबी या ख़ुशी नहीं मिलेगी, ये तो बल्कि आपके लिए दुखों का पिटारा खोल देगा। खुश रहने के लिए अपनी तुलना दुसरो से करने की बजाये अच्छा होगा की आप दुसरो के गुणों से प्रेरणा लें। जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना मत करो, आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं, ईश्वर की हर रचना अपने आप में सब से उत्तम है, अदभुत है।
2) सही वक्त का इंतजार
अक्सर देखा गया है की लोग कहते हैं, ‘ हमारा भी एक दिन सही वक्त आएगा।’ उस सही वक्त के इंतजार में आप कई हजार मौके गवा बैठते हैं, जो आपकी जिंदगी में नए बदलाव ला सकते थे। दोस्तों सही वक्त के इंतजार में समय न गवाये। अगर आप हर चीज परफेक्ट होने का इंतजार करेंगे तो ये आपकी कमजोरी बन जाएगी। ये याद रखना चाहिए की वक्त कभी भी परफेक्ट नहीं होता। सब जानते हैं इंसान अपने कर्मो से अपने समय को परफेक्ट बनाता हैं और कामयाब बनता हैं। दोस्तों अपनी तरक्की की राह में ‘सही वक्त’ को भी न आने दे।
3) दूसरा से अधिक अपेक्षा रखना
जिंदगी अनुभवो, कामयाबी और अपेक्षाओं का नाम हैं। जिंगदी में कैरियर, रिश्तों और जिंदगी को लेकर हम सबके मन में बहुत सी अपेक्षाएं होती हैं। दोस्तों हर व्यक्ति से कोई न कोई अपेक्षा रखना और उसका पूरा न होना आपको कष्ट पहुँचाता हैं, जिससे आपकी सोच भी नकारात्मक बनती जाती हैं, और इससे तनाव बढ़ता हैं। दूसरों से अपेक्षा रखना अपनी क्षमताओं पर आघात करने जैसा है। आप जब किसी काम को स्वयं न कर दूसरों से अपेक्षा रखते हैं तब आपकी क्षमता प्रभावित होती है। धीरे धीरे आप अंदर ही अंदर तनाव और दबाव का शिकार होते चले जाते हैं। इससे आपकी सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पडता है। ऐसे में अनावश्यक तनाव और झुंझलाहट को कम करने का सबसे अच्छा रास्ता हैं, दुसरो से अपनी अपेक्षाओं में कमी करना। ऐसा करने से आप सकारात्मक सोच के मालिक भी हों जाते हैं और सकारात्मक इंसान कही न कही से ख़ुशी ढूंढ लेता हैं।
4) पैसे के लिए काम करना
इसमें कोई संदेह नहीं है कि, पैसा हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। पैसा हमारे लिए लगभग सबकुछ है। समाज में उच्च पद को बनाए रखने के लिए, यह बहुत ही आवश्यक है। यह केवल पैसा ही है जो, हमारे जीवन की सभी शुरुआती आवश्यकताओं, आराम और जरुरतों को पूरा कर सकता है। दोस्तों क्या आप सिर्फ तनख्वाह, पाने के लिए काम करते हैं? काम के प्रति कोई जूनून आपके अंदर नहीं हैं? यदि काम के प्रति आपको सोच ऐसी हैं, तो यह ठीक नहीं है। इससे आपकी तरक्की की राह बंद हों जाती हैं और आप आगे नहीं बढ़ पाते। ऐसे में हमारी सलाह हैं कि जो भी काम आप करते हो उसने आप पूरी ईमानदारी से सर्वश्रेष्ठ ढंग से करने की कोशिश करें। अपने काम को इबादत समझे हर काम को इस तरह करें जैसे आप इसे अपने लिए नहीं बल्कि अपने खुदा के लिए कर रहे हैं। हमेशा अपने काम में सुधार करते रहे फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
5) डर और चिंताओं को पकडे रहना
दोस्तों कई बार नकारात्मकता और डर के कारण जीवन में ख़ुशी के ना- जाने कितने पल यू ही जाया हों जाते हैं। जिन चिंताओं और डर के कारण आप आगे नहीं बढ़ पा रहे थे, वे वास्तव में उतने बड़े थे नहीं जितना आपने उसे बना दिया।
इसलिए परिस्थितियों के गुलाम बनने से बचें और जीवन के हर लम्हे को खुलकर जीएं। आपको बस अपनी सोच बदलने की जरुरत हैं कुछ नहीं। सकारात्मक सोचें, इसके बाद खुद देखेंगे की जीवन कितना सुखद हैं, और इसके हर क्षण का मजा लेंगे।
6) बातों को दिल पर लेना
किसी ने किसी की तारीफ कर दी, तो आप चिढ गए। दरअसल दोस्तों हम मनुष्य-जाति हर समय दुखी होने के लिए आतुर रहते हैं और अपने भीतरी घावों को भरने नहीं देते। दोस्तों हम स्वम से जैसी बातें करते है, हमारी प्रतिक्रियाएं वैसी ही हो जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग किसी अनजान की भी छोटी सी बात पर आपा खो बैठते है। दरअसल यह हमारे अपने अभावों की बेचैनी होती है। जब कोई अपनी सफलता और सुखी जिन्दगी की बात करता है तो हम सोचते है कि वह हमें चिढ़ा रहा है। सही या गलत, जब हर बात को हम अपने उपर लेते है तो दूसरों के जहर को अपने अंदर जगह दे रहे होते हैं। जो लोग आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते, वे इसे व्यक्तिगत तौर पर लें लेते हैं। दोस्तों अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते हैं तो आपको आलोचना और प्रशंसा दोनों को समान रूप से लेना चाहिए। लोग जो कहते हैं उसे ध्यान से जरूर सुने पर दिल पर ना लें।
7) नकारात्मक लोगों का साथ
दोस्तों हम जानते हैं कि सकारात्मक सोच जीवन के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि नकारात्मक सोच स्वयं ही हमारे जीवन को तबाह कर देती है। आमतौर पर सकारात्मक सोच हमें हमेशा खुश रखती है, और सफलता की ओर ले जाती है। जबकि नकारात्मक सोच हमें दुखी, उदास, तनावपूर्ण, और जीवन से छुटकारा पाने के विचार की ओर ले जाती है। इसलिए अच्छी और रचनात्मक सोच सफलता और उपलब्धियों के लिए बहुत जरूरी है। जिन लोगों के साथ आप समय बिताते हैं, वे जाने- अनजाने आपके जीवन पर बहुत बड़ा असर डालते हैं। नकारात्मक सोच के लोग जीवन में आनन्द, सौंदर्य, रोमांच और चाहत जैसे अनुभवो से अछूते रह जाते हैं। ऐसे लोग हमेसा परेशान रहते हैं। वे जीवन में कभी खुश नहीं रहते हैं। खुश रहने के लिए ऐसे लोगों से दूर रहे। हम जो चाहते हैं, उसे हासिल करने के लिए जो कुछ करते हैं उसपर पूरा विश्वास करिये। हम सभी एक टीचर हैं, हम जो कुछ कर रहे हैं और सीख रहे हैं अगर उस पर पूरा ध्यान लगाएं, सकारात्मक भावना अपनाएँ, रिस्क लेने से ना डरें तो चमत्कार आपके दरवाजे पे दस्तक जरूर देगा।
8) खुद की ख़ुशी पर ध्यान दें
दोस्तों हम अंदर से जितना खुश रहेंगे, उतना ही हम बहार की दुनिया को ख़ुशी दे पाएंगे। इससे आप खुद को भी खुश रख सकेंगे। इसलिए जरुरी हैं की आप पहले खुद की ख़ुशी पर ध्यान दें। अपनी जीवनचर्या में उन कार्यो को शामिल करें, जिनसे आपको ख़ुशी मिलती हों। आसपास के माहौल को खुशनमा रखें। सुबह उठकर भगवान को इस ख़ूबसूरत जिंदगी के लिए धन्यवाद जरूर दें, और पॉजिटिव रहे पॉजिटिव बनें।