कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को इसकी वैक्सीन का इंतजार है। लोग कोरोना से बचाव को लेकर अलग-अलग तरह के उपाय ढूंढ रहे हैं। खासकर शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर लोग इन दिनों ज्यादा जागरूक दिख रहे हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में घरेलू उपायों और आयुर्वेद की ओर लोगों का झुकाव भी ज्यादा हुआ है। इस बीच आयुष मंत्रालय की ओर से भी कोरोना से बचाव के लिए, इम्यूनिटी बनाए रखने और बढ़ाने के लिए समय-समय पर तमाम तरह के उपाय बताए जा रहे हैं। गर्म पानी, च्यवणप्राश, अदरक, हल्दी, काढ़ा वगैरह को लोगों ने अपने खानपान का अहम हिस्सा बना लिया है। इनको लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठते हैं। आकाशवाणी के एक कार्यक्रम में उन्हीं सवालों का जवाब आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने क्या जवाब दिए हैं। हमारे लिए कितने फायदेमंद है आइए जानते हैं।
गर्म पानी पीने के क्या फायदे हैं?
आईसीएमआर की ओर से थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीने की सलाह दी गई है। आयुर्वेद में बताया गया है कि गर्म पानी पीने से जठराग्नि सही रहती है और बीमारियां नहीं होती। गर्म पानी पीने से वायरस के इंट्री पॉइंट यानी गले में वायरस अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाते हैं और शरीर को प्रभावित नहीं कर पाते हैं।
हल्दी कौन सी लेनी चाहिए?
ताजी पीसी हुई हल्दी या सूखी हल्दी दोनों ले सकते हैं। ताजी हल्दी हो तो मात्रा थोड़ी ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि उसके औषधीय तत्व डायल्यूडेड होते हैं। बहुत ज्यादा हल्दी का सेवन भी नुकसान कर सकता है।
हल्दी कितनी मात्रा में लेनी चाहिए?
200 एमएल के कप के लिए एक छोटा चम्मच यानी चार ग्राम हल्दी काफी है। अगर सामान्य रूप से चाय के लिए प्रयोग होने वाला 150 एमएल का कप है तो तीन ग्राम के करीब हल्दी लेनी चाहिए। बहुत ज्यादा हल्दी का सेवन करना भी नुकसान पहुंचा सकता है।
च्यवनप्राश के क्या फायदे हैं?
सामान्यत: मानना है कि च्यवनप्राश का सेवन सर्दियों में किया जाता है, लेकिन सर्दी हो या गर्मी, किसी भी मौसम में इसका सेवन किया जा सकता है। यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें आंवला होता है, जो किसी भी मौसम में खाया जा सकता है।
च्यवनप्राश का सेवन कब करें?
च्यवनप्राश को सुबह नाश्ते के साथ ले सकते हैं, लेकिन दूध में मिलाकर नहीं पीना चाहिए। इसे खाने के बाद भी लिया जा सकता है। पिछले चार महीने में इसकी बिक्री तीन गुना से भी ज्यादा हुई है। यह भी देखा गया है कि जिस राज्य में इसकी ज्यादा बिक्री हुई है, वहां मोर्टेलिटी यानी मृत्यु दर कम हुई है।
गिलोय का सेवन कैसे करें
12 साल से अधिक उम्र के लाग गिलोय की दो टैबलेट सुबह और दो टैबलेट शाम को ले सकते हैं। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एक-एक गोली देनी चाहिए। यह कई बीमारियों में फायदेमंद है। एक साल के बच्चे को उसका चूर्ण घी और शहद में मिला कर देना चाहिए।
ताजा गिलोय ज्यादा फायदेमंद
अगर ताजा गिलोय है तो उसके तने के छोटे-छोटे टुकड़े कर के, गिलोय के 16 गुना अधिक पानी डाल कर उसे उबालना चाहिए, जब पानी आधा हो जाए तो उसे छान कर काढ़ा के रूप में पी सकते हैं। टैबलेट की अपेक्षा यह ज्यादा फायदेमंद है।
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