भिलाई। 11 अक्टूबर, 2023, (सीजी संदेश) : एमपी हाल जुनवानी में गहोई वैश्य समाज के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत की कथा के समापन अवसर पर शंकराचार्य आश्रम बोरिया कला रायपुर के प्रमुख डॉ इन्दुभवानन्द महाराज ने गीता के सार भाग को प्रस्तुत करते हुए बताया कि गीता दो मित्रों का संवाद है जीवात्मा परमात्मा दोनों अनादिकाल से मित्र हैं जीवात्मा के प्रतिनिधि अर्जुन है और परमात्मा के प्रतिनिधि भगवान श्री कृष्ण।जीवात्मा से मिलने की इच्छा परमात्मा सदा करते हैं। भगवती श्रुति ने जीवात्मा परमात्मा की एकता के बहुत संबंधों की बात की है जैसे दैशिक संबंध, सामान्याधिकरण सम्बन्ध ,साजात्य संबंध, भ्रातृत्व संबंध किंतु जब मित्रता के संबंध की बात की तो जीवात्मा परमात्मा से मिलने के लिए सहज हो गया मित्रता का संबंध सभी संबंधों से श्रेष्ठ और बड़ा माना जाता है एक मित्र अपने दूसरे मित्र से कुछ भी नहीं छुपा सकता है, जबकि पति-पत्नी से, स्वामी सेवक से ,भाई-भाई से कुछ छुपा सकता है किंतु मित्र अपने मित्र से कुछ भी नहीं छुपा सकता है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि अर्जुन मेरा हृदय है और मैं अर्जुन का हृदय में हू। कथा के पूर्व उन्होंने हवन, कपिला तर्पण, तुलसी वर्षा गीता पाठ आदि कार्यक्रम संपन्न किया। आचार्य महेंद्र शास्त्री आचार्य अभिषेक कृष्ण आनंद वीरेंद्र दुबे इत्यादिक आचार्य ने वैदिक कार्य संपन्न कराया।