भिलाई 4 मार्च 2025। भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान एचएससीएल कालोनी रूआबांधा के अध्यक्ष आर पी शर्मा ने भिलाई स्टील प्लांट मैनेजमेंट पर उच्च न्यायालय को गुमराह करने और गलत तरीके से उनके आवास का सर्वे करने का आरोप लगाया है। इस संदर्भ में आर पी शर्मा ने स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश और सेल-भिलाई स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को विस्तृत पत्र भेजकर मांग की है कि उनके प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय का पालन किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना किसी पूर्व सूचना के सर्वे दल को भेज कर सेल-बीएसपी मैनेजमेंट भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं होना कई संदेहों को जन्म देता है। इस बीच कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी -सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की होगी।अपने ज्ञापन में आर पी शर्मा ने कहा कि प्रतिष्ठान को आवंटित भूखंड को बीएसपी प्रबंधन आपत्ति कर रहा है जबकि पिछले 30 साल में बिजली-पानी कनेक्शन और लीज बीएसपी प्रबंधन ने ही प्रदान की है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने इस लीज का मान्य करते हुए 2600 स्क्वायर फीट जमीन प्रतिष्ठान के आधिपत्य में रखे जाने की पुष्टि की है। अपने ज्ञापन में आर पी शर्मा ने कहा कि इसके बावजूद बीएसपी मैनेजमेंट द्वारा कथित सर्वे कराया जा रहा है, जो पूरी तरह असंवैधानिक है। यदि बीएसपी मैनेजमेंट को विधिवत सर्वे करना है तो इसके लिए नियम अनुसार प्रतिष्ठान को नोटिस दिया जाना चाहिए और इसके उपरांत ही सर्वे किया जाना चाहिए लेकिन अचानक बीएसपी मैनेजमेंट ने अपना अमला भेज कर भय का माहौल बनाने का प्रयास किया है जो कि पूरी तरह अनुचित है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रतिष्ठान के भवन के बारे में पुलिस प्रशासन की रिपोर्ट में सब कुछ स्पष्ट है, जिसमें 5 या 10 फीट छोड़ने जैसी कोई बात ही नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि कि माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश व निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाए और प्रतिष्ठान को किसी तरह बाधित न किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस 2600 स्क्वायर फीट की बात हो रही है वह चाहे तो बीएसपी अपने आधिपत्य में ले ले हमें कोई आपत्ति नहीं है।उन्होंने अपने विस्तृत ज्ञापन में बताया कि एच.सी.एल. कॉलोनी रूआबांधा सेक्टर भिलाई में 4000 वर्ग फीट भूमि 23 नवंबर 1996 को 33 वर्षों के लिये सामाजिक सांस्कृतिक प्रयोजनों के लिये आवंटित है जिस संबंध में प्रकरण श्रीमान न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठान यहां आबंटन के आधार पर काबिज है लेकिन बीएसपी प्रबंधन द्वारा बेदखल किये जाने का दुर्भावनापूर्वक प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए 27 फरवरी गुरुवार को भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी कर्मचारी, कैमरा मैन एवं दो सुरक्षाकर्मी के साथ बिना किसी पूर्व सूचना के प्रतिष्ठान पहुंच कर गलत ढंग से सर्वे किया। यह सर्वे पूरी तरह विधि विपरीत है, जिसकी कोई वैधानिक मान्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों याचिकाओं में संस्थान की संपत्ति को बेदखल किये जाने तथा नक्शे के अनुसार 10 फीट को छोड़कर नापने की प्रक्रिया मनमाने ढंग से अपनाई गई है। जो सीधे-सीधे माननीय उच्च न्यायालय की आदेशों की अवहेलना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा लीज डीड के संबंध में निष्पादित प्रस्तावित मानचित्र (22/02/1997) को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया और ना हीं न्यायालय में इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है। जिससे साफ है कि, बीएसपी मैनेजमेंट प्रतिष्ठान के भवन को तोड़ना चाहता है, जिसमें पानी-बिजली का कनेक्शन खुद बीएसपी मैनेजमेंट ने दिया है। उन्होंने कहा कि, भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा नक्शा और स्थल मानचित्र आबंटन के समय वर्ष 1991-92 में निर्माण कार्य किया गया था और इसके करीब 8 वर्ष बाद प्रतिष्ठान के पक्ष में लीज डीड भिलाई इस्पात संयंत्र ने दी, जिसे 13 फरवरी 1998 को जिला कार्यालय दुर्ग के उप पंजीयक द्वारा निष्पादित कराया गया। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठान को आबंटित भूमि खण्ड 4000 वर्गफुट अतिरिक्त 2670 कुल रकबा 6670 वर्ग फुट उनके भौतिक आधिपत्य में है, जिसका प्रमाण पत्र उपलब्ध है।उन्होंने कहा कि, माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर की याचिका क्रं. डब्ल्यू. पी. सी. 355/12 आर.पी. शर्मा विरूद्ध सेल बी. एस. पी. निर्णय दिनांक-13/01/2025 एवं याचिका क्र. डब्ल्यू ए. 132/2025 आर.पी. शर्मा विरूद्ध सेल बी.एस.पी. में पारित निर्णय 25 फरवरी 2025 का प्रतिपालन करने के संबंध में विवरण दिया गया है। जिसमें संस्थान की ओर से वह आदेश का पालन करने पूरी तरह तैयार है लेकिन ऐसी आशंका है कि भिलाई इस्पात संयंत्र इस मामले को विवादित करना चाहता है जिससे संस्थान को कभी भी बिना किसी वैधानिक सूचना के बेदखल किये जाने की प्रबल आशंका भी है। उन्होंने मांग की है कि इन परिस्थितियों में संस्थान की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना न्याय हित में आवश्यक है। इस संबंध में वह न्यायालय से भी गुहार लगा रहे हैं। श्री शर्मा ने सेल-बीएसपी मैनेजमेंट से मांग की है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक-13 जनवरी 2025 एवं 20 फरवरी 2025 के आधार पर संस्थान की संपत्ति 4000 वर्गफुट भूमि लीज को नियमित किया जाए।
जेपी प्रतिष्ठान मामले में हाईकोर्ट के आदेश का हो पालन, बीएसपी मामले को विवादित न बनाएं

Chhattisgarh no.1 News Portal
Leave a comment