भिलाई। 29 दिसंबर, 2022, (सीजी संदेश) : मशहूर पंजाबी फोक सिंगर रंजीत बावा बावा एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने भिलाई आए। वे यहां हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी के डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह छोटू के भतीजे और मलकीत सिंह लल्लू के पुत्र सोम सिंह के रिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित थे। इस दौरान उन्होंने अपना परफारमेंस भी दिया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और उनके गानों पर झूम उठे। इस दौरान उन्होंने सीजी संदेश से विशेष रूप से चर्चा करते हुए, पंजाब के बारे में, वहां के संगीत के बारे में, और हाल ही में जिस तरह वहां गन कल्चर का दौर चल रहा है, उसपर भी सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि हमें लोगों तक ऐसा संगीत पहुंचाना है. जिससे समाज का भला हो, जो नशा और गन कल्चर से दूर हो। जिससे हमारे देश की संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़े। कलाकार समाज का आईना होता है, जो अपने संस्कृति को परंपरागत संगीत को आगे बढ़ाता है। गाने ऐसे होने चाहिए जो लोगों को अच्छा लगे, जिससे शांति मिलती हो। पंजाब के गण कल्चर के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्होंने बताया कि क्राइम हर जगह है, पूरी दुनिया में इस तरह की वारदातें होती रहती हैं लेकिन पंजाब की बातों को कुछ ज्यादा ही बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है। इससे चैनल वालों को ज्यादा व्युव्स मिलते हैं। पंजाब में बहुत सारी अच्छी चीजें हैं जो सामने नहीं आ रही है जिस तरह दूध आपको लेने जाना पड़ता है लेकिन शराब आपको घर पहुंचाकर मिल जाती है। यह सब एक दौर है। यह भी जल्दी बीत जाएगा। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बारे में उनका मानना है कि यह पंजाबी संगीत के लिए नुकसान देह तो है ही लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान देह उनके माता-पिता के लिए है जो शायद कभी भी पूरा नहीं हो पाएगा। रंजीत बावा 6 साल की उम्र से ही गाने गा रहे हैं। उनके गुरु स्व. मंगल सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचान कर उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। भव्य हेलो हेलो हेलो उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी मैं हूं,वह सब उन्हीं की बदौलत हूं। उनका पूरा नाम रंजीत सिंह बाजवा है उनका जन्म 14 मार्च 1989 में हुआ। जिन्हें पेशेवर रूप से रंजीत बावा के नाम से जाना जाता है, वह अपने एकल “जट दी अकाल” से प्रसिद्ध हुए, जिसने कई पंजाबी रिकॉर्ड तोड़े। उन्होंने 2015 के एल्बम, मिट्टी दा बावा में अपनी शुरुआत की, जिसे 2015 के ब्रिट एशिया टीवी म्यूजिक अवार्ड्स में “बेस्ट वर्ल्ड एल्बम” पुरस्कार से सम्मानित किया गया । उन्हें 2013 में उनके गीत जट्ट दी अकाल के लिए 2013 में “पीटीसी सर्वश्रेष्ठ लोक उन्मुख गीत पुरस्कार” भी मिला है।उन्होंने 1980 के दशक के पंजाबी कार्यकर्ता शहीद भाई जुगराज सिंह तूफान के बारे में एक अर्ध-जीवनी फिल्म तूफान सिंह में मुख्य भूमिका निभाने कर अपनी फिल्मी जीवन की शुरुआत की । गायक रंजीत सिंह बाबा जैसे ही स्टेज में परफारमेंस करने उतरे, लोगों के दिल में छा गए और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत सम्मान किया गया।