भिलाई। 02 अक्टूबर, 2023, (सीजी संदेश) : श्रमिक यूनियन एचएमएस से संबद्ध भिलाई श्रमिक सभा के अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन पर कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उत्पादन में लगातार इजाफा होने के बावजूद कर्मचारियों को प्रताडऩा मिलना दुर्भाग्य जनक है। प्रबंधन भय और भ्रम की स्थिति पैदा करके कर्मचारियों को उनके हक से वंचित करने में लगी हुई है। बेहतर काम का प्रोत्साहन नहीं मिलने से कर्मचारियों का अवसाद में जाकर आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होना चिंतनीय है।
वरिष्ठ श्रमिक नेता एवं भिलाई श्रमिक सभा के अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र में 1956 से उत्पादन प्रक्रिया शुरू हुई। शुरुआती दौर में यहां लगभग 60 हजार नियमित कर्मचारी थे। तब एक काम तीन से चार लोग मिलकर करते थे। लेकिन इन 67 सालों में परिस्थितियां बदलती गई और अब 14 हजार के लगभग नियमित कर्मचारी रह गए हैं। इसके साथ ही तीन से चार काम की जिम्मेदारी एक आदमी को दी जा रही है। बावजूद इसके उत्पादन में लगातार इजाफ होने से संयंत्र और सेल प्रबंधन को आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। फिर भी कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जाना अनुचित है।
उन्होंने कहा कि संयंत्र कर्मचारियों को ट्रांसफ र करने, इंक्रीमेंट रोकने और सीआर खराब कर देने की धमकी दी जा रही है। प्रबंधन का रवैया कर्मचारियों के प्रति शोषण को दर्शाता है। कर्मचारियों को क्षमता से अधिक काम करने का कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिल रहा है। प्रबंधन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने और मनोबल बढ़ाने के बजाय उनकी सुविधाओं में लगातार कटौती कर रहा है। इससे कर्मचारी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान होकर आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। प्रबंधन का काम बिना किसी अड़चन के सुचारू रूप से चल रहा है। इससे उसे आर्थिक लाभ मिल रहा है। फिर भी कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक रुख समझ से परे है।
श्री मिश्रा ने बताया कि संयंत्र कर्मचारियों के पदोन्नति नीति में बहुत विसंगति है। पूरे देश में डिप्लोमा होल्डर को किसी भी इकाई अथवा विभाग में जूनियर इंजीनियर या ओवरसियर का पद दिया जाता है। लेकिन सेल प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण यहां डिप्लोमा होल्डर टेक्नीशियन के पद तक सीमित हैं। प्रबंधन को अपनी हठधर्मिता छोड़ डिप्लोमा होल्डर को जूनियर इंजीनियर का पद नाम देना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में जो वेतन समझौता होना था वह समय से नही हुआ। 2021 अक्टूबर में एक एमओयू हुआ। जिसका लाभ अभी तक कर्मचारियों को नही मिला। और पूर्ण वेतन समझौता अभी तक लागू नही हुआ। वहीं एचआरए , नाईट एलाउंस और 39 महीने का एरियर्स भुगतान नहीं हो पाया है।
भिलाई श्रमिक सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेम सिंह चंदेल ने बताया कि सेल देश के नवरत्न कंपनियों में से एक है। सभी सार्वजनिक उपक्रमों में अच्छा वेतन समझौता हुआ है, और कर्मचारियों को बोनस भी अधिक से अधिक मिलता है। लेकिन सेल में बोनस के नाम पर कुछ रूपए का भुगतान किया जाता है जो के मेहनत से अर्जित लाभ का एक चौथाई हिस्सा भी नहीं रहता। उन्होंने प्रबंधन से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द पूर्ण वेतन समझौता कर कर्मचारियों को पिछले समस्त देयकों का भुगतान करने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।
एचएमएस के नेता डीके सिंह ने बताया कि स्टील मेटल एण्ड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( स्मेफ ी ) के राष्ट्रीय महासचिव संजय बधावकर और कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने दिल्ली में सेल चेयरमैन से मुलाकात कर पूर्ण वेतन समझौता लागू करने एनजेसीएस की बैठक जल्द से जल्द बुलाने का आग्रह किया था। जिस पर सेल चेयरमैन ने शीघ्र बैठक बुलाने की बात कही थी। लेकिन आज तक बैठक नहीं हो सकी है। प्रबंधन को मजदूर और कारखाना हित की बात सोचकर तत्काल निर्णय लेते हुए पूर्ण वेतन समझौता लागू करना चाहिए। क्योंकि ऐसा नही होने से कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।