दुर्ग। पुरानी भिलाई थाना अंतर्गत ग्राम पथर्रा निवासी 32 वर्षीय युवक गणेश भारती की हत्या के मामले में न्यायालय ने 12 दोषियों को आजीवन कारावास और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। बहू की शिकायत पर ससुर और उसके पति ने अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या की थी। बहू ने जिसकी शिकायत की थी, वह परिवार समेत भाग निकला, लेकिन उसका भांजा गणेश दोषियों के हाथ लग गया था। घटना 31 मार्च 2018 की रात ग्राम पथर्रा में हुई थी। दशरथ की बहू निशा ने जगन्नााथ भारती और उसके साथी के साथ पत्नी क्यों कह रहे हो कहकर विवाद किया। इस पर जगन्नााथ ने निशा को बताया कि हम लोग आपस में बात कर रहे हैं। उस पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है।
इस पर निशा घर लौट आई और घटनाक्रम के बारे में ससुर दशरथ, पति कोमल व अन्य दोषियों को बताया। इस पर डंडा, फरसा लेकर सभी जगन्नााथ के घर पहुंच गए। उन्हें देखकर जगन्नााथ और उसके परिवार के लोग स्कूल की बाउंड्रीवॉल कूदकर खेत की ओर भाग निकले। लेकिन जगन्नाथ का भांजा गणेश दीवार नहीं फांद पाया। इस पर सभी ने उसे घेर लिया और डंडा, फरसा से जानलेवा हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस मामले में पुरानी भिलाई पुलिस ने दशरथ भारती (65), उसके बेटों कोमल (29) व करण (28), नहुस (36), पंचूराम टंडन (36), संजय भारती (35), अमित टंडन (32), संजय के पिता बखारी भारती (60), मेघनाथ (42), अविनाश (23), मेघनाथ के बेटे मनीष टंडन (20), अमोल दास (21) और टुम्मन लाल टंडन के खिलाफ हत्या और बलवा का अपराध दर्ज किया।
इन्हें अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत में पेश किया। टुम्मनलाल की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। वहीं 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दो-दो हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा नहीं करने पर एक-एक वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक नागेश्वर यदु ने की।
दुर्ग : हत्या के मामले में 12 दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा
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