जशपुर। 24 जुलाई, 2025, (सीजी संदेश) : बस कंडक्टर के सूझबूझ से एक नाबालिक गूंगी बच्ची को फिर से अपने परिवार से मिलने का मौका मिला। मामला जशपुर जिले के थाना सन्ना का है जहां एक नाबालिक गूंगी बच्ची बस में चढ़कर सन्ना पहुंच गई थी, शमीम बस के परिचालक हाफिज खान ने जब बच्ची से कहां जाना है पूछा तो वह बता नहीं पाई इसके बाद परिचालक ने मानवता का परिचय देते हुए गूंगी बच्ची को कहीं अन्यत्र न, उतारकर, सकुशल थाना सन्ना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।पुलिस गूंगी बच्ची के परिजनों को ढूंढ कर अंततः जशपुर क्षेत्र के एक ग्राम से गुम गूंगी बच्ची के परिजनों को ढूंढ, सकुशल सुपुर्द किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बस कंडक्टर के इस सराहनीय कार्य को देखते हुए उचित इनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 22 जुलाई को करीबन 15-16 वर्ष की एक गूंगी बच्ची, शमीम बस में बैठकर बगीचा से सन्ना आ गई थी, बस के परिचालक हाफिज खान उम्र 48 वर्ष निवासी सन्ना के द्वारा गूंगी बच्ची को अकेली बैठी देखकर, उससे उसका नाम पता पूछने का प्रयास किया गया, परंतु बच्ची गूंगी होने के कारण कुछ नहीं बता पा रही थी, जिस पर शमीम बस के परिचालक हाफिज खान के द्वारा गूंगी बच्ची को थाना सन्ना पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस के द्वारा भी अपने स्तर पर भी पूछताछ का प्रयास किया गया, परंतु गूंगी बच्ची कुछ बता नहीं पा रही थी, जिस पर पुलिस के द्वारा बच्ची की फोटो की सोशल मीडिया के जरिए सर्कुलेट किया गया, साथ ही आस पास के थानों में किसी गूंगी बच्ची के गुम इंसान दर्ज प्रकरणों की भी जानकारी ली जा रही थी, इसी दौरान पुलिस को पता चला कि उक्त गूंगी बच्ची जशपुर क्षेत्रांतर्गत एक ग्राम की है, जिस पर पुलिस के द्वारा बच्ची के परिजनों को जशपुर क्षेत्र से ढूंढ, सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। मामले की कार्यवाही व गुम बच्ची के परिजनों को ढूंढने में थाना प्रभारी सिटी कोतवाली जशपुर निरीक्षक आशीष तिवारी, थाना प्रभारी सन्ना उप निरीक्षक बृजेश यादव, यातायात पुलिस जशपुर से सहायक उप निरीक्षक मनोज सिंह, व सन्ना थाना पुलिस स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए गुम गूंगी बच्ची को, उनके परिजनों से मिलवाया है, बस के कंडक्टर का कार्य बहुत ही सराहनीय है, जनता व पुलिस के मध्य अच्छे संवाद का ही नतीजा है कि गूंगी बच्ची को सकुशल परिजनों से मिलवाया जा सका, बस कंडक्टर को उचित इनाम से पुरस्कृत किया जाएगा।
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