भिलाई 25 जून 2024। दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया की बैठक सर्वोदय बुद्ध विहार कोसानगर भिलाई मे एस.के.भंडारे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के मुख्य आतिथ्य बी.एच.गायकवाड़ राष्ट्रीय सचिव की अध्यक्षता मे तथा बौद्ध समाज के सदस्यो की उपस्थिति मे संपन्न हुई। बैठक के शुभारंभ मे अतिथियो द्वारा तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा और डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन किया गया।निर्धारित विषयो पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री भंडारे ने कहा कि संविधान निर्माता डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर की न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता की सोच ने भारत के संवैधानिक ढांचे को मजबूत राष्ट्र ग्रंथ बनाया जिससे आज समाज और देश विकसित व समृद्ध हुआ है। बुद्ध के संदेशो के साथ हमे समाज की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पंहुचना होगा। अध्यक्षता कर रहे श्री गायकवाड़ ने कहा कि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के चौबीस शिविर जिसमे अंध ऋद्धा निर्मूलन शिविर, कार्यकर्ता शिविर, उपासिका शिविर, श्रामणेर शिविर सहित अन्य शिविरो के माध्यम से बौद्ध समाज का मानसिक विकास करते हुए एकजुटता का प्रयास करना संस्था का प्रथम लक्ष्य व मध्यम मार्ग से जीवन जीने की कला सीखाना प्रथम उदेश्य होता है। बैठक के अंतिम सत्र मे सांगठनिक फेरबदल और विस्तार करते हुए राष्ट्रीय पदाधिकारियो द्वारा अनिल मेश्राम को दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष, नरेन्द्र खोब्रागड़े को प्रदेश महासचिव, विनोद बंसोड प्रदेश उपाध्यक्ष संस्कार, सुनील गणवीर प्रदेश उपाध्यक्ष संरक्षण व संभाग प्रमुख रायपुर संभाग, विरेन्द्र बोरकर प्रदेश उपाध्यक्ष पर्यटन, संतोष भीमटे प्रदेश सचिव संस्कार, प्रकाश मेश्राम प्रदेश सचिव पर्यटन आदि। प्रदेश कार्यकारिणी के शेष रिक्त पदो की पूर्ति और जिला तहसील व शहर शाखाओ के गठन हेतु नवनियुक्त प्रदेश कार्यकारिणी को अधिकृत किया गया। बैठक मे नवनियुक्त पदाधिकारियो के अलावा श्रीमती शारदा मेश्राम, अनिता उके, दानशीला रामटेके, कोमल चन्द्रिकापुरे, इंदु उके, गीता रंगारी, संगीता बंसोड, दीपक बंसोड, दिलीप रागासे, जे.बी.पाटिल, तारक सतदेव, बुद्धशरण बोरकर, जालेन्द्र उके, राजू मेश्राम, प्रवीण डोंगरे, अनिल रंगारी, ज्ञानचंद टेंभुरकर, बुधराम मेश्राम, यशवंत रामटेके, आनंद रामटेके, खरेंद्र मेश्राम, पद्मभूषण मेश्राम, बी.आर.कठाने सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
डा. आम्बेडकर की न्याय स्वतंत्रता समता बंधुता की सोच ने संविधान को मजबूत राष्ट्र ग्रंथ बनाया – एस.के. भंडारे
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