भिलाई 3 जुलाई 2025।ससी एसटी ओबीसी संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव, दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष व अजाक्स के कार्य.प्रांताध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कुछ राजनीतिक दलो व संगठनो के लोगो द्वारा डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष व समाजवाद शब्द हटाने की तर्कहीन व अनुचित मांग किये जाने पर कहा कि भारतीय संविधान मे सभी धर्मो का भेदभाव रहित निष्पक्ष सम्मान किये जाने के कारण धर्मनिरपेक्ष शब्द का और सभी समाजो के सामूहिक समन्वय स्थापित किये जाने के दृष्टिकोण से समाजवाद शब्द का उपयोग संविधान मे किया गया है। जिस संविधान के कारण भारत ने 75 वर्षो मे प्रगति और उन्नति की है और भारत जो पूरी दुनिया मे अनेकता मे एकता की मिसाल कायम करता है वह सिर्फ संविधान से ही संभव हो सका है। संविधान के कारण ही भारत मे निवासरत विभिन्न धर्मावलंबियो मे आपसी भाईचारा परस्पर प्रेम और विभिन्न समुदायो मे सामाजिक समानता व सामूहिक समन्वय स्थापित हो सका है। इस प्रकार की मांग करने वाले लोगो की संकुचित सोच स्थिर और सुदृढ भारत को अस्थिर और कमजोर बना सकती है इसलिए ऐसी असंवैधानिक व संकुचित मानसिकता वाले लोगो के विरूद्ध राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। श्री मेश्राम ने कहा कि दुनिया के अनेक देशो मे युद्ध व गृहयुद्ध छिड़े हुए है और अशांति का वातावरण बना हुआ है लेकिन भारत मे संविधान और संवैधानिक एकता होने के कारण धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद होने के कारण ही भिन्न भिन्न धर्म, समुदाय व समाज के सैनिक सिपाही दुश्मन देश के हौसले पस्त कर देते है। ऐसा अनूठा उदाहरण दुनिया के दूसरे देशो मे दिखाई नही देता और यह ताकत डा.बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान ने देश को दी है इसलिए दूषित मानसिकता वाले लोग भारत मे रहकर भारत को खंडित करने का कुत्सित प्रयास कदापि ना करे।
संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष व समाजवाद शब्द हटाने की मांग नाजायज – मेश्राम

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