भिलाई। 22 जून, 2023, (सीजी संदेश) : नगर पालिका निगम भिलाई के राजस्व प्रभारी एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश महामंत्री सीजू एन्थोनी ने आज अपर कलेक्टर अरविन्द कुमार एक्का से मुलाक़ात कर भिलाई इस्पात संयंत्र के लीज आवासो के पंजीयन के सन्दर्भ मे राज्य शासन के संज्ञान मे लीज आवासो के पंजीयन राशि के निर्धारण मे राज्य शासन की भूमिका एवं भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की जिम्मेदारी सबंधित ज्ञापन सौपा इस ज्ञापन मे पांच बिंदुवार तथ्यों को जिलाधीश के संज्ञान मे लाकर बीएसपी प्रबंधन को लीज रजिस्ट्रेशन के सन्दर्भ मे निर्देश देने का निवेदन किया गया है, ये तथ्य है
(1) लगभग 20-22वर्षो पूर्व भिलाई इस्पात संयंत्र ज़ब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था ऐसे आड़े वक्त मे भिलाई के रहवासियो द्वारा भिलाई के आवासो को लीज के विभिन्न पांच चरणों मे आवासो को दीर्घ कालीन पट्टे पर ख़रीदा गया था. सेल द्वारा विभिन्न प्रकार के आवासो के लिए विभिन्न दरो का निर्धारण किया गया था जिसमे आवास के अलावा जो अतिरिक्त भूमि आवास के चारो /तीनो /दोनों /सामने की ओर थी उस भूमि का भी भुगतान प्रति वर्ग फिट की दर से लीज आवास धारी क्रेता द्वारा किया गया था।
(2) प्रत्येक आवास को लीज पर लेने के लिए निर्धारित प्रारूप (आवेदन फॉर्म )मे आवेदन जिसे आवेदक सशुल्क भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर प्रशासन विभाग (वर्तमान मे नगर सेवा विभाग ) से प्राप्त कर अपने पसंद या निवासरत आवास को पाने के लि निर्धारित अग्रिम धन के धनादेश के साथ आवेदन प्रस्तुत कर आवेदन जमा किया गया था।
(3) प्रत्येक आवास के सन्दर्भ मे प्राप्त आवेदन का सर्वेक्षण प्रबंधन द्वारा किया गया तथा शेष राशि का मांग पत्र प्रत्येक आवेदन कर्ता के पते पर इस आशय के साथ प्रेषित किया गया कि पत्र मे उल्लेखित सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर आवेदन कर्ता आवेदित मकान /फ्लैट का अधिग्रहण प्राप्त कर स्वयं को दीर्घकालीन पट्टा पर प्राप्त मकान का स्वामी बन सकते है।
(4) प्रत्येक आवेदन कर्ता द्वारा 100% बीएसपी प्रबंधन द्वारा निर्देशित दिशा निर्देश का पालन किया गया, और किसी भी आवेदन कर्ता का कोई भी शुल्क बीएसपी को देना बकाया नहीं रह।
(5) प्रत्येक लीजधारक ने बीएसपी प्रबंधन को स्वयं का हस्ताक्षरित अग्रीमेंट भी दिया जिसे प्रबंधन द्वारा कभी भी पंजीकृत नहीं किया गया।
बीएसपी प्रबंधन लीजधारको से लगभग 100 करोड रुपए (20-22वर्ष पूर्व) प्राप्त कर लिए थे, जिसका उपयोग संयंत्र के निर्माण एवं विकास के लिए किया गया, इतनी बडी राशि का सम्पति स्थातरण के सापेक्ष मे लेन-देन होने के पश्चात् राज्य शासन के राजस्व विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगीऔर 20-22वर्ष पूर्व राज्य शासन को करोडो की चपत लगी जिसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र का प्रतिष्ठान स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड है जो कि भारत सरकार का एक उपक्रम है पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया। जिला कलेक्टर के संज्ञान मे भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा लीजधारको को जो पंजीयन करवाने हेतू नोटिस /पत्र प्रेषित किया जा रहा है.लाया गया, जिसमे आवासो का पंजीयन करवाने का निर्देश है, अतः स्वाभाविक तौर पर पंजीयन वर्तमान बाजार दर पर होना है परन्तु 20-22वर्ष पूर्व यदि मकानों की रजिस्ट्रेशन किया जाता तो ऐसी परिस्थिति मे जो पंजीयन शुल्क काफ़ी लगता वह काफ़ी कम होता, सीजू एन्थोनी ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि वर्तमान मे जो पंजीयन शुल्क लीजधारको पर लागू होगा उसमे केवल वही राशि लीजधारको से ली जाए जो कि उन्हें 20-22वर्ष पूर्व लगना था बाकी के अंतर की राशि का भार बीएसपी प्रबंधन पर डाले क्योंकि संपत्ति की सम्पूर्ण राशि प्राप्त कर लेने के बाद भी कभी भी इतने वर्षो मे बीएसपी प्रबंधन के प्रतिनिधि कभी भी जिला पंजीयन कार्यालय मे उपस्थित. होकर लीज रजिस्ट्रेशन के लिए पहल नहीं किया या कभी कोई आवेदन दिया, इस पूरे प्रकरण का स्पष्टीकरण जिला प्रशासन बीएसपी प्रबंधन से मांगे तथा आम लीज धारियों को वित्तीय राहत पहुचाए. जिससे बीएसपी प्रबंधन की गलती की सजा आम लोगो को भुगतना ना पड़े. ज्ञापन देने वाले अन्य लोगो मे जिला कांग्रेस के प्रवक्ता जावेद खान, जिला अधिवक्ता संघ के सचिव रविशंकर सिँह उपस्थित थे।