रायपुर. छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे से निकलकर अब बहस तेरे और मेरे राम तक पहुंच गई है। प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शुमार और राज्य सरकार में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि हमारे राम और भाजपा के राम में अंतर है। भाजपा के राम मॉब लिंचिंग, चंदे और धंधे वाले हैं। कृषि मंत्री चौबे कांग्रेस की ओर से होने वाले कार्यक्रम ‘कौशल्या के रामÓको लेकर भाजपा के आरोपों के बाद जवाब दे रहे थे। भाजपा की ओर से इस कार्यक्रम को लेकर कहा गया था कि कांग्रेस रामलीला के बहाने वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही है।
रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारे राम शबरी के राम हैं, निषाद के राम हैं ,वनवासी के राम हैं, लेकिन भाजपा के राम मॉब लिंचिंग के राम हैं, चंदा बटोरने के राम हैं। देश की संस्कृति में रामलीला रची बसी है और इसलिए कांग्रेस रामलीला करवा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को नैतिक अधिकार नही है। क्या राम सिर्फ भाजपा के हैं? उन्होंने कहा कि गुरुवार को भी विधानसभा में कहा था कि भाजपा के राम का मतलब चंदा बटोरने के लिए राम की तस्वीर। धंधा करने के लिए राम की तस्वीर है। राम शिला पूजन के बहाने वोट बटोरने की कोशिश है।
चौबे ने कहा कि भाजपा ने हमेशा राम नाम का दुरुपयोग किया है। दरअसल, रायपुर में शुक्रवार से रामलीला महोत्सव शुरू हो रहा है। पहले दिन कौशल्या के राम का मंचन किया जाना है। इसमें मथुरा और छत्तीसगढ़ के कलाकार प्रस्तुति देंगे। रामलीला के मंचन को लेकर भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस राम भगवान को हाईजैक करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी भगवान राम को लेकर कहा था कि भाजपा से ज्यादा कांग्रेस हिंदूवादी है। भाजपा वालों से ज्यादा कांग्रेसियों के घर राम का मंदिर है। भाजपाई केवल राम के नाम से खाते हैं और हिंदूवादी की बात करते हैं, लेकिन वे हिंदूवादी नहीं हैं।
भाजपा के राम मॉब लिंचिंग, चंदे और धंधे वाले, हमारे राम में अंतर है: मंत्री रविंद्र चौबे
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