भिलाई 29 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेक्टर 7 राजयोग भवन द्वारा नवरात्रि के पावन अवसर पर ध्वनि एवं प्रकाश के अति सुंदर समायोजन द्वारा चैतन्य देवियों की झांकी भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।विशाल पर्वत श्रृंखला में बने गुफाओं, पहाड़ों एवं धरती के गर्भ से प्रकट होती जड़ मूर्ति रूप में चैतन्य देवियां का भक्तों को दर्शन देना अलौकिक दिव्य अनुभूति करता है।ये देवियां हो रही है प्रत्यक्ष. सर्व आसुरी वृत्तियो का नाश करने मां दुर्गा, निर्बल मन में बल भरने वाली सर्व शक्तियों की अधिष्टि करुणा दया ममता की मूर्त देवी वैष्णवी,पवित्र बुद्धि में ज्ञान का विकास शुद्ध सात्विक परख शक्ति कंकड़ छोड़ मोती चुगने वाले हंसवाहिनी ज्ञान की देवी मां सरस्वती, कठोर संस्कार को विकराल स्वरूप द्वारा समाप्त करने वाली खड्गिरी शस्त्र नरमुंड माला धारण किए मां काली, बुराइयों रूपी कीचड़ से न्यारा कमलआसान धारी श्री महालक्ष्मी मां,संतोष धन हर परिस्तिथि में मन में संतोष जीवन का सबसे बड़ा धन है संदेश दे रही मां संतोषी,माता उमादेवी जीवन में स्वयं को हर परिस्थिति में उमंग उत्साह से भरपूर रखने का संदेश देकर दर्शन दे रही है।अष्ट भुजाधारी मां दुर्गा से अष्ट शक्तियों की प्राप्ति कर जीवन बनाए तनावमुक्त* अष्ट शक्तियां (समाने की शक्ति, सहन करने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, समेटने की शक्ति,परखने की शक्ति, निर्णय लेने की शक्ति, सहयोग करने की शक्ति,विस्तार को संकीर्ण करने की शक्तियों की धारणा कर जीवन को तनावमुक्त बनाने का झांकी में संदेश दिया जा रहा है।एडिशनल एस पी सुखनंदन राठौर,चितरंजन महापात्रा डायरेक्टर इंचार्ज भिलाई इस्पात संयंत्र,सी एस पी सत्य प्रकाश ने प्रेरणादाई अभूतपूर्व झांकी एवं ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के सेवा कार्यों समर्पणता की सराहना की।चितरंजन महापात्रा डायरेक्टर इंचार्ज भिलाई इस्पात संयंत्र ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना तथा भारत की उन्नति में सभी को मिलकर योगदान देना होगा।चैतन्य देवियां बनी कन्याएं उच्च शिक्षा एवं जॉब करने के साथ प्रतिदिन करती है राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास..प्रतिदिन जड़मूर्ति रूप में चैतन्य देवियां बनी कन्याएं जो कि उच्च शिक्षा के साथ जॉब एवं प्रतिदिन राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास भी करती है,जिसके कारण प्रतिदिन दो घंटे से भी ज्यादा मन की स्थिरता के कारण जड़ मूर्ति के समान प्रतीत हो सर्व भक्तों को शांति एवं दिव्य अलौकिक अनुभूति कराती हैं।झांकी के अंत में सभी भक्तों को 2 मिनट कमेंट्री द्वारा राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराकर शांति की गहन अनुभूति भी कराई जा रही है।यह चैतन्य देवियों की झांकी 1 अक्टूबर तक संध्या 6:30 से रात्रि 10 बजे तक सर्व के दर्शनार्थ निशुल्क रहेगी।विशेष रूप से दिनांक 3 अक्टूबर शुक्रवार से प्रारंभ 7 दिवसीय आयोजित “अपनी शक्तियों से मुलाकात” शिविर होगा,जिसका समय प्रातः 7 से 8 अथवा 5:30 से 6:30 या संध्या 7:30 से 8:30 रहेगा। दिए गए किसी भी एक समय पर निशुल्क शिविर का लाभ लिया जा सकता है।
भारत की उन्नति में भिलाई का योगदान:चितरंजन महापात्रा,,,,,,धरती के गर्भ से गुफाओं से प्रत्यक्ष होती चैतन्य देवियों की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र

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