हृदय रोग के मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है। हाल के दिनों में हार्ट अटैक के मामले भी बढ़े हैं। युवावर्ग भी इससे अछूता नहीं है। बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों का निधन हार्ट अटैक से हुआ है। इसके अलावा, सामान्य जनमानस भी इससे प्रभावित हुए हैं। खबरों में रोजाना अचानक हार्ट अटैक के मामले पढ़ने और दिखने को मिल रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हृदय रोग के कई कारण हो सकते हैं। इनमें दो प्रमुख कारण तनाव और बैड कोलेस्ट्रॉल है। तनाव से उच्च रक्तचाप बढ़ता है। वहीं, उच्च रक्तचाप से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। जबकि, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से धमनियों में रक्त संचरण सही से नहीं होता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है। इसके लिए रोजाना संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज करें। साथ ही तनाव न लें। इसके अलावा, हृदय रोग से बचाव के लिए अर्जुन की छाल का सेवन करें। अर्जुन की छाल के सेवन से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग में फायदा मिलता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।
अर्जुन की छाल का उपयोग आयुर्वेद में औषधि के तौर पर किया जाता है. वैसे तो अर्जुन का वृक्ष पूरा का पूरा ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है, यही वजह है कि इसका ऋग्वेद में भी उल्लेख मिलता है. अर्जुन की छाल शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में मददगार होती है, लेकिन दिल संबंधी बीमारियों में अर्जुन की छाल का उपयोग ‘रामबाण’ की तरह कार्य कर सकता है. हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फैलियर जैसी कई बीमारियों में अर्जुन की छाल के उपयोग और उसके फायदे को लेकर भी अब तक कई स्टडीज़ हो चुकी हैं. हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हमारा हार्ट होता है. अगर सही तरीके से अर्जुन की छाल का सेवन करे तो दिल संबंधी बीमारियों में काफी फायदा मिलता है. इसके सेवन से दिल को मजबूती मिलती है. अर्जुन के पेड़ की छाल को काढ़ा, चूर्ण, क्षीर पाक और अरिष्ट के तौर पर दिया जाता है।
अर्जुन की छाल
आयुर्वेद में पेड़-पौधों से प्राप्त होने वाली चीजों जैसे पत्ते, फूल,फल और इसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी की तरह कई पेड़ों की छाल का भी प्रयोग कुछ घरेलू नुस्खों, चूर्ण और हर्बल चाय बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन को औषधि माना जाता है। इसकी पत्ती और छाल का इस्तेमाल कई रोगों को दूर करने में किया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें हाइपोलिपिडेमिक पाया जाता है, जो बढ़ते कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करता है। साथ ही शुगर कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसके लिए सर्दियों में अर्जुन की छाल का सेवन करना फायदेमंद होता है। हालांकि, अन्य मौसम में अर्जुन की छाल के अधिक सेवन करने से पहले डॉक्टर की जरूर सलाह लें। अर्जुन के पेड़ की पत्तियों और छाल का भी प्रयोग इसी तरह किया जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़, इसके पत्तों और छाल का काफी महत्व है। कई औषधीय गुणों से भरा होता है अर्जुन का पेड़। बात करें इसकी छाल की तो कई रोगों से बचा सकता है। इसके छाल को सुखाकर पाउडर भी तैयार किया जाता है और कई गंभीर समस्याओं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक आदि से बचे रहने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मी के मौसम में करने से अधिक लाभ होता है। अर्जुन का पेड़ मुख्य रूप से भारत में यूपी, एमपी, बिहार आदि में मिलता है।
दिल की बीमारियों में है फायदेमंद
अगर आप हृदय संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे हैं तो इसके इलाज के लिए अर्जुन की छाल का सेवन फायदेमंद हो सकता है. अर्जुन की छाल सभी तरह की दिल संबंधी बीमारियों में फायदा करती है. अगर आपके दिल की धड़कने अनियमित हैं तो अर्जुन छाल का सेवन काफी लाभ पहुंचा सकता है. यह दिल की सूजन को दूर करने में भी मदद करती है. दिल को मजबूत करने के लिए भी अर्जुन की छाल का सेवन किया जाता है। अर्जुन की छाल का सेवन स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
अर्जुन की छाल के उपयोग से होने वाले फायदे
* यदि आपको हृदय रोग की समस्या से बचना है या फिर किसी भी तरह की कोई समस्या है, तो अर्जुन की छाल की चाय पीने से इन बीमारियों के लक्षण बढ़ेंगे नहीं। यह आपके शरीर के खून को पतला बनाने में मदद करती है। इससे ब्लड वेसल्स, आर्टरीज में ब्लॉकेज की समस्या नहीं होती है। यह चाय ब्लड प्रेशर को भी नॉर्मल रखती है। हार्ट फेलियर से बचाए रख सकती है।
* अर्जुन की छाल कफ और पित्त नाशक की तरह काम करती है। यदि आपको मानसून के सीजन में बार-बार सर्दी जुकाम की समस्या सताती है, तो गर्मा-गर्म अर्जुन की छाल की चाय या फिर काढ़ा भी पी सकते हैं।
* लिवर में कोई समस्या, लिवर के आसपास दर्द महसूस होता है, सूजन है, फैटी लिवर की समस्या है, तो अर्जुन की छाल का उपयोग करें। ये एक आयुर्वेदिक औषधी है, जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन किसी भी चीज का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी बचना चाहिए।
* यदि आपको डायबिटीज है, तो अर्जुन की छाल की चाय पिएं, लेकिन चीनी ना डालें। इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज को मैनेज करना आसान हो जाता है।
* अर्जुन की छाल में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसके सेवन से आपकी हड्डियां मजबूत बनी रहेंगी। बोन फ्रैक्चर से बचाव होता है। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी समस्याएं, दर्द होता है। इन दिनों आप इसका सेवन करें, आराम होगा।
अर्जुन की छाल के उपयोग के तरीके
* अर्जुन की छाल का पाउडर खाना खाने से पहले पानी में मिलाकर दिन में 1 या 2 बार लिया जा सकता है. इसे 50एमल की खुलाक में पिया जा सकता है।
* दूध में मिलाकर भी अर्जुन छाल के पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
* अर्जुन की छाल से बने कैप्सूल भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. इनका भी प्रयोग किया जा सकता है।
* 2 कप पानी में 1 चम्मच अर्जुन छाल का पाउडर डालकर उबालें. जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो उसे छानकर गर्मागर्म पिएं।
* खाने के बाद 2 बड़े चम्मच (लगभग 20 एमएल) अर्जूनारिष्ट आधा कप पानी में डालकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से भी हृद्य को बल मिलता है और रक्त में शुद्धता आती है।
” जंगली प्याज और अर्जुन की छाल को समान मात्रा लेकर तैयार चूर्ण को रोजाना 1 चम्मच दूध के साथ लेने से दिल संबंधी बीमारियों में राहत मिलती है और ये हार्ट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाती है. यह हार्ट ब्लॉकेज होने की सूरत में भी फायदा करती है. इसके साथ ही हार्ट पेशेंट्स के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।
* अर्जुन की छाल को रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह गैस पर अर्जुन की छाल और पानी को गैस पर गर्म करें। फिर, इसमें काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, अदरक, दालचीनी आदि चीजें डालकर काढ़ा तैयार करें। जब काढ़ा तैयार हो जाए, तो इसका सेवन करें। इस काढ़ा के सेवन से हृदय रोग में बहुत फायदा मिल सकता है।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।