प्राकृतिक रूप से पैक आमों में कई औषधीय गुण होते हैं लेकिन कई बार बाजार में बिकने वाले पके हुए आम आपकी सेहत को भारी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। बाजार की नब्ज पकड़ने के लिए व्यापारी रासायनिक तौर तरीकों से आम को पका देते हैं और जिन रसायनों का इस्तेमाल इन्हें पकाने के लिए किया जाता है, वे बेहद घातक सिद्ध हो सकते हैं। आज इस लेख में हम इसी विषय का जिक्र करने जा रहें हैं। पिछ्ले कुछ वर्षों से आम व्यापारियों ने ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़ करते हुए आमों को जल्दी पकाने के अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। कृत्रिम रूप से आमों को पकाकर बाजार में धड़ल्ले से बेचा जाता है, पके और मोहक से दिखाई देने वाले आमों को खरीदते समय हम भूल जाते हैं कि यही आम हमें किस कदर नुकसान पहुंचा सकता है।
गर्मी शुरू होते हैं. बाजार में फलों के राजा आम की मांग सबसे अधिक बढ़ जाती है यानी की गर्मियों में आम का सीजन शुरू हो जाता है. इस दौरान मंडी व बाजारों में रंग-बिरंगे आम की आवक काफी अधिक होती है, जिसके चलते लोग इन्हें बहुत ही चाव के खरीदकर खाते हैं. लेकिन देखा जाए तो आम की गर्मियों के महीनों में आम की मांग काफी अधिक होने के चलते कुछ व्यापारी अधिक लाभ पाने के लिए मंडियों में केमिकल से पके हुए आम बेचना शुरू कर देते हैं, जिसके चलते व्यापारी को तो अधिक लाभ मिलता है, लेकिन केमिकल से पके आम को खाने वालों पर बहुत ही बुरा प्रभाव होता है. अगर आप भी बाजार से आम को खरीदते हैं, तो शायद आप कई तरह की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में केमिकल के आम खरीदने से बचें. अब आप सोच रहे होंगे कि बाजार में सभी आम तो एक जैसे ही लगते हैं, तो केमिकल से पके आम की पहचान कैसे करें. तो घबराएं नहीं आज हम आपने इस लेख में कैमिकल से पके आम की कुछ बेहतरीन टिप्स लेकर आए हैं, जिसके लिए आपको अधिक कुछ करने की भी जरूरत नहीं है।
आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का सेहत पर असर
बाजार में इन दिनों फलों का राजा कहलाने वाले आम की बिक्री बड़े जोरों पर है। बाजार में बिक रहा आम प्राकृतिक रूप से नहीं पका हुआ, बल्कि इसे विभिन्न रसायनिक पदार्थ के सहयोग से पकाया जा रहा है। आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। रसायनिक पदार्थ से पके हुए फलों से विभिन्न पेट संबंधित बीमारियाें का अंदेशा रहता है। रसायनिक पदार्थ का उपयोग कर पकाए गए फलों से लीवर, किडनी व कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका बनी रहती है। आम पकाने के लिए कैल्शियम कार्बन डाइऑक्साइड अन्य रासायनिक पदार्थ प्रयोग में ले रहे है।
पकाते है पुड़िया के माध्यम से
व्यापारी कच्चे आम के पैकेट लाकर इनमें विभिन्न रसायनों युक्त पुडिय़ा पकाने के लिए रख देते है। बाजार में मांग अनुसार फलों के पैकेट के अंदर रसायन युक्त पुडिय़ा रखकर उन्हें कुछ ही घण्टो में पका लिया जाता है। व्यापारियों द्वारा पकाए जाने वाले फलों में प्रयोग में आने वाला यह रसायन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबंधित किया हुआ है, लेकिन उसके बावजूद व्यापारी इसका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे है। केमिकल पदार्थों का प्रयोग करना लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करना है।
रसायनिक पदार्थ से पकाए हुए आम का सेहत पर असर
रसायनिक पदार्थों, विशेष रूप से कैल्शियम कार्बाइड, से पकाए गए आम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकते हैं। इन रसायनों के संपर्क में आने से आम में हानिकारक तत्व जैसे आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड चले जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।रसायनिक रूप से पके आमों के सेवन से होने वाले कुछ संभावित स्वास्थ्य खतरे:
पाचन संबंधी समस्याएं: उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और अपच
एलर्जी प्रतिक्रियाएं: त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन और सांस लेने में तकलीफ
सिरदर्द और चक्कर आना
कमजोरी और थकान
गंभीर मामलों में, कैंसर और तंत्रिका तंत्र को नुकसान
प्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी आमों को रसायनों से नहीं पकाया जाता है। प्राकृतिक रूप से पके आम सुरक्षित और स्वस्थ होते हैं:
लैब में ऐसे होती है पहचान : कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए आम की पहचान खाद्य विभाग की लैब के माध्यम से भी हो सकती हैं. लखनऊ की खाद्य सुरक्षा अधिकारी अंकिता यादव ने बताया कि बाजार में आम को खरीदने के बाद उसे पानी से धो लें और उस पानी का 10ml एक बिकर में लेकर उसमें 10 परसेंट सोडियम हाइड्रोक्साइड को डालें. यदि इस लिक्विड का कलर चेंज हो जाता है तो इसका मतलब है कि इस आम को कैल्शियम कार्बाइड से पकाया गया है. यदि लिक्विड का कलर बिल्कुल नहीं परिवर्तित होता है तो वह पूरी तरीके से सुरक्षित है।
रंग: प्राकृतिक रूप से पके आमों का रंग समान और चमकदार होता है। रासायनिक रूप से पके आमों में असमान रंग हो सकता है, या वे बहुत पीले या नारंगी हो सकते हैं।
गंध: प्राकृतिक रूप से पके आमों में मीठी और सुगंधित गंध होती है। रासायनिक रूप से पके आमों में गंध नहीं हो सकती या असामान्य गंध हो सकती है।
स्पर्श: प्राकृतिक रूप से पके आम हल्के से दबाने पर थोड़े नरम होते हैं। रासायनिक रूप से पके आम बहुत नरम या सड़े हुए हो सकते हैं।
पानी में डालते ही आम डूब जाए तो शौक से खाइये : प्राकृतिक रूप से पका हुआ आम को अगर पानी की बाल्टी में डाला जाए तो वह डूब जाता है जबकि केमिकल के द्वारा पका हुआ आम तैरने लगता है. यह आम की पुरानी पहचान है जिसको आज भी गांव में लोग अपनाते हैं.
मौसम: आम मौसम में ही खरीदें।
आम को खाने से पहले अपनाएं यह तरीके
बाजार में बिकने वाला कोई भी फल सुरक्षित नहीं है. आम को बाजार से खरीद कर सीधे नहीं खाएं बल्कि पहले किसी बाल्टी या टब में आधे घंटे तक भिगो दें. आम की तासीर गर्म होती है इसलिए ऐसा करने से आम ठंडा हो जाएगा. वही आम के छिलके में मिला हुआ केमिकल भी पानी में उतर जाएगा. इस तरह आम को सुरक्षित तरीके से खाया जा सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।