भिलाई 29 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के कार्यकर्ता लोककला सांस्कृतिक कर्मी कलादास डेहरिया ने आज पत्रकार वार्ता में बताया कि मेरे घर एन. आई.ए. के द्वारा छापा मारा गया। सन् 2008-09 में कलादास डेहरिया एवं उनके नाचा गम्मत टीम द्वारा नशा के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में जन जागरण का यात्रा किया था जिसके सम्मान के लिये मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कलादास डेहरिया के घर तक सम्मान पुरूरकार दिया। सुधा भारद्वाज ने कहा कि आज वही केन्द्र की सरकार द्वारा कलादास डेहरिया के ऊपर फर्जी केस में फसाने की साजिश का हम घोर निंदा करते है। शहीद शंकर गुहा नियोगी इन्हीं बातों को लेकर वे देशव्यापी आंदोलन बना चुके थे जिस बात से हमारे देश की व्यवस्था को, उद्योगपतियों को रास नहीं आया और सन् 1991 को 28 सितंबर के दिन सोये हुये हालात में उन्हें जान से मार दिया। वहीं शहीद नियोगी को छत्तीसगढ़ के प्रथम डी.जी.पी. विश्व रंजन ने पहला नक्सली बोला गया था। शायद उसी के तर्ज पर नियोगी के सिपाहियों को दमन करने का एक षडयंत्र पुरजोर तरीके से चलाई जा रही है जिसके एक हिस्से के रूप में सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी को भी देख सकते है जो मुखर होकर मजदूरों के लिये, किसानों के लिये, आदिवासियों के लिये, दलितों के लिये, रोड और कोर्ट दोनों जगहों पर लड़ती रही है और आज भी लड़ रही है। सुधा भारद्वाज को भीमा कोरेगांव वाले फर्जी केस लगाकर फसाया गया, उस केस में 5-6 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ। ऐसे ही देशभर में आंदोलन कारियों पर सैकडों केस चल रहे है। वर्तमान में जो छापा कलादास डेहरिया के घर पर किया गया यह भी उसी षडयंत्र का हिस्सा है जिसमें सता पूरी तरह से संलिप्त है और ये चाहते है कि जनता की आवाज को जुझारू तरीके से उठाने वाले लोगों को शांत कर दिया जाये ताकि देश की मेहनतकश वर्ग को पुनः दास प्रथा की ओर ले जाया जाए। जिसमें नेता और उद्योगपति जो बोलेगें वही काम जनता को करना पड़ेगा, मतलब जनता को एक जानवर समझकर प्रयोग करेगें और वह केवल और केवल वोट की मशीन बनकर रह जायेगी।
NIA के बाद: छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के कार्यकर्ता लोककला सांस्कृतिक कर्मी कलादास डेहरिया ने आज लिया पत्रकार वार्ता
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