भिलाई। 16 जुलाई, 2025, (सीजी संदेश) : आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति ने एचएससीएल प्रबंधन पर उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश का पालन नहीं किये जाने का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष आर पी शर्मा ने इस संबंध में एचएससीएल, भिलाई के डीजीएम व जोनल हेड एन.कांति दास को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने बताया कि 8 जून 2000 को जनरल मैनेजर, एचएससीएल एवं आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति, जनअधिकार अभियान समिति के बीच एचएसीएल कर्मियों के बकाया वेतन के संबंध में समझौता हुआ था। इसके बाद 15 जून को उनके और तत्कालीन उप-महाप्रबंधक के साथ एचएससीएल कर्मियों के भुगतान को लेकर अधिकारिक चर्चा हुई थी।
श्री शर्मा ने कहा कि एचएससीएल कर्मियों की याचिका पर उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ ने 25 फरवरी 2025 को डब्ल्यूपीएल नं. 6319 में 2016 के अंतर्गत स्वागतयोग्य निर्णय दिया है। इस विषय पर उच्च न्यायालय के समक्ष कुल 26 शिकायतकर्ता थे। न्यायालय ने अपने इस फैसले में शिकायतों के निपटारे के लिए 30 दिन के भीतर कमेटी के गठन का निर्देश दिया था। श्री शर्मा ने कहा कि चूंकि न्यायालय ने कमेटी के गठन का निर्देश दिया है तो उनकी मांग है कि इस कमेटी में सभी 26 शिकायकर्ताओं को शामिल किया जाए। इसके साथ ही 8 जून 2000 को आचार्य नरेन्द्र देव स्मृति, जन अधिकार अभियान समिति और एचएससीएल प्रबंधन के बीच हुई अधिकृत वार्ता के अनुरूप लिए गए समस्त निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए, जिसका लाभ एचएससीएल कर्मियों को मिले। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे कर्मी जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के उपरांत भिलाई छोड़ चुके हैं अथवा दिवंगत हो चुके हैं, उनके परिजनों को भी कमेटी के गठन के संदर्भ में सूचना दी जा चुकी होगी। इसके साथ ही उनकी समस्त बकाया राशि का विवरण भी दिया जाए।
श्री शर्मा ने कहा कि सेवा निवृत्त/स्वैच्छिक सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान सभी कर्मचारियों को देना होगा। साथ ही साथ उन्होंने मांग की है कि सेवा निवृत्त कर्मचारियों एवं स्वैच्छिक सेवा निवृत कर्मचारियों के साथ आवास प्रतिभूति राशि एवं किराया सामान्य दर से लिया जाय, वहीं अंतिम भुगतान होने तक सभी कर्मचारियों का आवास भाड़ा सामान्य दर से लिया जाए। किसी भी कर्मचारियों के साथ भेदभाव न बरता जाय। उन्होंने बताया कि आवास आबंटन के संबंध में सन् 2016-2017 में भिलाई इकाई के तत्कालीन महाप्रबंधक आनंदमयी लाहिरी के साथ एक सहमति बनीं थी, जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रतिभूति राशि एवं आवास किराया करीब 16-17 वर्षों का माफ कर सामान्य किराया लिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि तथाकथित यूनियनों से समझौता कर तत्कालीन महाप्रबंधक लाहिरी ने सेवा निवृत्त कर्मचारी/स्वैच्छिक सेवा निवृत्त के प्रति दोहरा मापदंड आवास किराया प्रतिभूति राशि के संबंध में अपनाया जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषय में उचित होगा कि प्रबंधन अपने तथा कथित यूनियन के द्वारा ली गई प्रतिभूति राशि एवं जनअधिकार अभियान समिति द्वारा प्रतिभूति राशि के बीच जो अंतर है उसे प्रबंधन सन् 2016-17 में तथा कथित यूनियन द्वारा जो एग्रीमेंट हुआ है उसके अनुसार सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी/स्वैच्छिक सेवा निवृत्त कर्मचारीयों/अधिकारियों की प्रतिभूति राशि एक समान कर, अतिरिक्त राशि को पूर्व कर्मचारियों को लौटाई जाए एवं पूर्व में दिये गये आबंटन का 15-16 वर्षों का किराया माफ किया जाए। उन्होंने मांग की है कि उनके इस आवेदन पर अतिशीघ्र कार्रवाई कर सेवा निवृत्त-स्वैच्छिक सेवा निवृत्त कर्मचारियों/अधिकारियों का भुगतान यथाशीघ्र किया जाए।



