भिलाई। कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी जावेद खान ने छग राज्य विधुत नियामक आयोग द्वारा बिजली बिल के स्लैब की दर मे कोई परिवर्तन नही किये जाने के आदेश जारी किये जाने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए बताया की अमूमन सरकारे जब चुनाव हो तो आवश्यक वस्तुओं की दर बढाने का खतरा मोल नही लेती और चुनाव निपटने के पश्चात दरो मे वृद्धि कर देती है ऐसा हमेशा से देखने मे आया है लेकिन छग के संदर्भ मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सह्रदयता के कारण आज स्थिति ये है की छग मे निगम चुनाव और पंचायत चुनाव भी हो चुके है और दुर दुर तक कोई चुनाव निकट नही है उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार ने अगामी वर्षो के लिए विधुत दरे नही बढाई यह प्रदेश के मुख्यमंत्री की मानवीय संवेदना का अहसास कराती है कोरोना संक्रमण काल मे प्रदेश के पचास लाख से भी ज्यादा घरेलू उपभोगताओं को पहले से ही 400 यूनिट तक बिजली का बिल हाफ की सुविधा प्रदेश सरकार दे रही है इसके अलावा चैरिटेबल अस्पताल को भी व्यवसायिक श्रेणी से आवासीय मे परिवर्तन किया गया है उधयोगो को भी ऊर्जा प्रभार मे छुट दी गयी है वंही दुसरी ओर केन्द्र सरकार बिजली का निजीकरण करने हेतू इलेक्टरिस्टी एमेंडमेन्ट ऐक्ट 2020 लाने का मसौदा तैय्यार कर संसद के मानसून सत्र मे पेश करने की तैयारी कर रही है जिसके विरोध स्वरूप एक जून को पुरे देश के विधुत कर्मी एक दिवसीय हडताल पर रहेंगे इसके पूर्व भी केन्द्र सरकार ने वन नेशन वन टैरिफ का शोशा छेड कर राज्यो को अपने उपभोगताओ और खास कर किसानो को सस्ती बिजली देने से रोकने का भरसक प्रयास किया था। प्रदेश की जनता को केन्द्र की योजना का मुंह तोड जवाब देना चाहिए जब हमारे राज्य मे प्रचुर मात्रा में बिजली बनाने हेतू संसाधन है और हमारे प्रदेश की सरकार हमे सस्ते मे बिजली दे रही है तो केन्द्र सरकार को क्यो तकलीफ हो रही है वैसे भी जिस क्षेत्र मे संसाधन उपलब्ध है पहला हक उस क्षेत्र के निवासियो का ही होता है इसलिए छग की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सह्रदयता की प्रशंसा करती है की उनहोने विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद भी जनता को राहत देने का काम किया है।
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