दोस्तों इस श्रृंखला में हम प्रतिदिन
आपको ऐसे कुछ औषधि गुणों से युक्त पतियों के बारे में नई जानकारी देते हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप आपने स्वास्थ्य और सौंदर्य में निखार ला सकते हैं। आइए आज ऐसे ही एक औषधीय गुणों से युक्त पीपल के पत्ते बारे में जानते हैं। भारतीय संस्कृति में पीपल का पेड़ पूज्यनीय और धार्मिक महत्व रखता है। पीपल औषधीय वृक्ष होता है। इसके पत्ते, फल लकड़ी और अन्य भागों में कुछ न कुछ औषधीय गुण होते है। आदिकाल से ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है चाहे वो रोगों को ठीक करने में हो या पूजन के लिए हो, आज भी पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होगें की पीपल के पत्ते के फायदे से लेकर छाल और फल हर चीज कई बीमारियों को दूर करने के लिए यूज़ किया जाता है यह एक ऐसा पेड़ है जो की 24 घंटे हमें ऑक्सिजन देता है आइये जानते है पीपल के पत्ते के फायदे औषधीय गुण और उपयोग के बारें में। पीपल का वैज्ञानिक नाम फिकस रेलिगिओसा (ficus religiosa) है। पीपल से हम नपुंसकता (Impotence), त्वचा रोग, अस्थमा, गुर्दे की बीमारी, कब्ज आदि रोगों का ठीक कर सकते है। पीपल के पत्तों में ग्लूकोज, फेनोलिक, मेनोस आदि पोषक तत्व होते है जबकि इसकी छाल में विटामिन K, टैनन और फाइटोस्टेरोलिन (phaetosteroline) अच्छी मात्रा में होते है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट और खनिज पदार्थ भी होते है। पीपल वृक्ष में इनका संग्रह होने के कारण यह औषधीय पेड़ कहलाता है।
चलिए जानते हैं कि पीपल के पत्ते के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कैसे काम आ सकते हैं।
1. अस्थमा में
यह सांस की समस्या से जुड़ी परेशानी होती है, जिसमें फेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न हो जाता है। इससे गले में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी होती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल के पत्ते के अर्क में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो ब्रोंचोस्पाम (bronchospasm – अस्थमा की एक स्थिति) पर प्रभावी असर दिखा सकता है। पीपल के पत्ते और फल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा को ठीक करने में मददगार साबित हो सकते हैं। अस्थमा के इलाज के लिए पीपल के पत्ते का जूस और इसके फल का चूर्ण लेना चाहिए।
2. पेट दर्द में
आपने अपने पेट में दर्द का अनुभव कभी न कभी जरूर किया होगा, लेकिन अगर आपके आसपास पीपल का पेड़ है, तो अगली बार आप इस समस्या से नहीं जूझेंगे। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह देखा गया है कि पीपल के पत्ते में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic – दर्द निवारक गुण) गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के दर्द और सूजन की समस्या को ठीक कर सकते हैं। पीपल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में पेट दर्द की दवा बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
3. फटी हुई एड़ियों के लिए
आपने कभी न कभी अपने किसी करीबी या परिवार के सदस्यों में फटी हुई एड़ियों की समस्या जरूर देखी होगी। इस समस्या में पीपल का फायदा देखा जा सकता है। फटी एड़ियों के लिए आप पीपल की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, पीपल की छाल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जिस कारण इसे फूट क्रीम को तैयार करने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
4. डायरिया की समस्या में
डायरिया की स्थिति में इंसान बहुत थका हुआ महसूस करने लगता है, क्योंकि डायरिया में पतले दस्त होने लगते हैं। दिनभर में तीन या अधिक बार दस्त होना डायरिया के लक्षण माने जाते हैं। इस समस्या से उबरने के लिए आप पीपल की छाल का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि पीपल की छाल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अगर इसकी छाल से निकलने वाले अर्क का सेवन किया जाए, तो यह डायरिया की समस्या को प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है।
5. दांतों के लिए
पीपल के लाभ दांतों के लिए भी उपयोग में लाए जा सकते हैं। पीपल के पत्तों से बने हुए तेल में स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड्स, और एल्कलॉइड्स (Steroids, flavonoids, alkaloids) बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि बायोएक्टिव यौगिक न केवल दांतों को सफेद करने का गुण रखते हैं, बल्कि यह मुंह की दुर्गंध व मसूड़ों की एलर्जी को भी सुधारने का काम कर सकते हैं (9)।
6. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाए रखने के लिए भी पीपल के लाभ प्रयोग किए जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, अगर पीपल का पत्ता रात भर भिगोकर रखा जाए और अगले दिन अर्क का सेवन तीन बार किया जाए, तो हृदय से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पीपल ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सूजन को भी कम करता है साथ ही इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण (हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करने का गुण) भी पाया जाता है।
7. लीवर के लिए
कुछ दवाओं के सेवन से कभी-कभी लीवर को हानि पहुंच सकती है। ऐसे में लीवर के स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाए रखने के लिए पीपल पर भरोसा किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल में हेपोप्रोटेक्टिव क्रिया (लीवर को डैमेज होने से बचाने वाली एक क्रिया) पाई जाती है। एक अन्य वैज्ञानिक रिपोर्ट में भी बताया गया है कि अर्क का उपयोग करने से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है ।
8. रक्त को शुद्ध करने में
रक्त शुद्धीकरण करने के लिए पीपल के लाभ आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में पीपल की पत्तियों को रक्त की अशुद्धता को दूर करके, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए लिए इस्तेमाल किया जाता है। पीपल की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं और एक वैज्ञानिक शोध के आधार पर यह भी बताया गया कि पीपल की पत्तियों के अर्क को पीने से रक्त शुद्ध हो सकता है।
9. इनफर्टिलिटी और इम्पोटेंस
इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है, जब कोई महिला कई प्रयासों के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाती है। वहीं, पीपल में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (immunomodulatory) गुण होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर यह बताया गया है कि इम्यूनोथेरिपी (immunotherapy) के जरिए प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। पीपल से निकलने वाले लेटेक्स (वानस्पतिक दूध) में नेफ्रोपेक्टिव (nephroprotective) और उपचारात्मक (curative ) गुण पाए जाते हैं, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी इम्पोटेंस में पुरुष की यौन क्षमता प्रभावित होती है।
10. पीलिया
पीपल का औषधीय गुण पीलिया जैसी बीमारी को भी खत्म कर सकता है। विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए एक शोध के अनुसार, पीपल की पत्तियों में फ्लेवोनॉइड (Flavonoid), स्टेरोल्स (sterols) जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। अगर पीपल की दो से तीन पत्तियों को दिन में दो बार पानी और चीनी के साथ सेवन किया जाए, तो पीलिया की समस्या में लाभ हो सकता है।
11. कफ से छुटकारा दिलाने में
अगर आप कफ की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इस स्थिति से उबरने के लिए पीपल का पत्ता प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है। दरअसल, पीपल की पत्ती में थेरेपेटिक (therapeutic) गुण पाए जाते हैं, जिसका उपयोग करने से कफ में आराम मिल सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक रिसर्च में बताया गया है कि पीपल के पत्ते को जूस के रूप में इस्तेमाल करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
12. घाव भरने में सहायक
घाव भरने के लिए भी पीपल के पत्ते के औषधीय गुण देखे जा सकते हैं। जी हां, वैज्ञानिक शोध के आधार पर यह कहा गया है कि टैनिन पोस्सेस में (tannins possess – पीपल के पत्ते का एक विशेष गुण) कोलेजन की मात्रा बढ़ाने का गुण पाया जाता है, जो घाव भरने के लिए जरूरी क्रिया में से एक है। अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि पीपल की पत्ती के रस इसमें प्रभावी असर दिखा सकते हैं।
13. डायबिटीज में
अगर आप डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं, तो पीपल के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि पीपल में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड ग्लूकोज के स्तर को काफी हद तक कम कर सकते हैं और सीरम इंसुलिन की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं। इस कारण से डायबिटीज के जोखिमों को कम किया जा सकता है।
14. त्वचा को स्वस्थ रखने में
पीपल के पत्ते के औषधीय गुण आपको त्वचा संबंधी कई समस्याओं से राहत पहुंचा सकते हैं। पीपल के पत्ते में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जिसका प्रयोग करके त्वचा संबंधी कई समस्याओं से बचा सकता है। इसके अलावा पीपल के पत्ते में प्रोटीन भी पाया जाता है, जो हमारी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, क्योंकि प्रोटीन हमारे शरीर के द्वारा नहीं बनाया जाता है और इसकी पूर्ति हमें खाद्य पदार्थ के जरिए ही करनी पड़ती है।
पीपल के पत्ते के फायदे जानने के बाद जानते हैं कि पीपल के पत्ते में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं। पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम, मॉइस्चर कंटेंट 50.50g, कर्बोहाइड्रेट 19.20g, प्रोटीन 13.55g, फैट2.5g, फाइबर 26.1g, ऐश (Ash) कंटेंट 12.9g, कैल्शियम1.67mg, आयरन 0.18 mg, कॉपर 0.105mg, मैग्नीशियम 0.355 mg पीपल की पत्तियों को ज्यादातर सुबह इस्तेमाल में लिया जा सकता है। कच्चा चबाने के लिए पीपल की केवल 2-3 पत्तियां ही लें और जूस के रूप में इसे केवल एक छोटे गिलास की मात्रा में ही पिएं। एक हफ्ते में इसके सेवन को दोहराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।